नमस्कार, मेरा राज है.. मैं अजमेर से हूँ। मैंने अन्तर्वासना की कई चुदाई की कहानियां पढ़ी हैं और आज पहली बार मैं अपनी सेक्स स्टोरी लिखने जा रहा हूँ।
मैं 24 साल का हूँ, मेरा लंड 7 इंच लम्बा और काफी मोटा है.. जो किसी भी चुत को फाड़ सकता है। आपको भरोसा न हो तो मुझे मेल लिखिएगा मैं आपको अपना लंड लाइव दिखा सकता हूँ।
मेरे पड़ोस में एक सेक्सी लड़की रहती है, उसका फिगर 34-30-36 का है। उसके मम्मे एकदम गोल-मटोल और तने हुए हैं, उसका नाम सोमी है।
सोमी इतनी हॉट माल है कि उसको पहली नजर में देखकर ही किसी का भी मन उसे चोदने का हो जाए। इसी तरह मेरा मन भी सोमी को देखकर उसे चोदने का करता था, पर मैं उसे कहने से डरता था।
मैं रोज उसके बारे में सोच कर मुठ मार लिया करता था। मैंने उसे चोदने के कई प्लान बनाए, पर झांट कुछ नहीं हुआ। देखते ही देखते होली आ गई, होली की शाम को कॉलोनी वाले होली जलाने जाते हैं, वहाँ मैं भी पहुँच गया।
कुछ देर बाद मेरी नजर सोमी पर पड़ी, इस वक्त मुझे वो बहुत सेक्सी लग रही थी। मैं उसे देखते ही रह गया, तभी सोमी ने भी मुझे देखा और वो मुझे देखकर मुस्कुराई।
मुझे लगा ग्रीन सिग्नल मिल गया है, मैं बहुत खुश हुआ।
उस रात को मैं सोमी को चोदने के सपने देखता रहा, जिससे रात को मेरी चड्डी गीली हो गई।
दूसरे दिन 11 बजे मेरे घर पड़ोस की लड़कियां और कुछ लड़के आए, जिसमें सोमी भी थी। सोमी का पूरा बदन रंग से भीगा हुआ था, उसके उरोज उसके कपड़ों से चिपके हुए थे, क्या कयामत लग रही थी वो!
वो सब मुझे लेने आए थे, मैं खुश हो गया और उनके साथ चला गया। सभी ने मुझे बड़े प्यार से कलर लगाया और सोमी ने भी लगाया, मुझे बड़ा मजा आ रहा था।
मैंने भी मौका देखते हुए सोमी को पीछे से पकड़ लिया और उसके चेहरे पर कलर लगाते हुए उसके उरोजों को भी दबा दिया। सोमी के मुँह से ‘आह..’ निकली, तो मैं डर गया और उसे छोड़ दिया।
मैंने सोमी की तरफ देखा, वो मुझे देखते हुए मुस्कुरा रही थी, मुझे लगा कि सोमी भी चुदना चाहती है।
कुछ देर बाद मैं सोमी के पास गया और उससे ‘सॉरी..’ बोला और कहा- तुम्हें बुरा तो नहीं लगा?
वो ‘ना’ कहते हुए मुस्कुराने लगी।
उसे मुस्कुराते देखकर मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैंने देर ना करते हुए उससे बोल दिया कि मैं तुझे चोदने के सपने देखता हूँ।
उसने शरमाते हुए गर्दन नीचे कर ली और बोली- मैं भी तुमसे चुदना चाहती हूँ।
मेरी तो मानो लॉटरी लग गई थी। जिसे में सपने में चोदता था, वो अब हकीकत में होने वाला था।
मैंने कहा- कल 10 बजे तैयार रहना.. हम दोनों कहीं चल रहे हैं।
वो मान गई।
दूसरे दिन सुबह वो आ गई। मैं उसे अपने दोस्त के फ्लैट पर ले गया, जहाँ कोई नहीं रहता था।
कमरे में अन्दर जाते ही मैंने दरवाजा बन्द कर दिया। मैंने देर ना करते हुए सोमी को पकड़ लिया और उसके होंठों को चूसने लगा।
हय.. क्या रसीले होंठ थे उसके।
मैं सोमी के होंठों का सोमरस पी रहा था, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। उसके मुँह से ‘आहें..’ निकल रही थीं ‘आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… और चूसो.. पी जाओ इनका रस आह..’
उसकी बातें सुनकर मैं जोश में आ गया और मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए।
उसके मम्मे क्या लग रहे थे। मैं उसके गोरे मम्मों पर टूट पड़ा। एक मम्मे को मुँह में लेकर चूसने लगा व दूसरे मम्मे को हाथ से जोर से दबाए जा रहा था।
सोमी आहें भरती बोली- थोड़ा धीरे दबाओ.. मैं तुम्हारी ही हूँ.. ओह.. पूरे मजे ले लेना, पर जरा धीरे-धीरे..
यह कहते हुई सोमी बिस्तर पर लेट गई और उसके लेटते ही मैं उसकी चुत पर पहुँच गया। उसकी चुत बिल्कुल साफ और चिकनी थी, शायद सुबह ही साफ़ करके आई थी। उसकी चुत से खुशबू भी आ रही थी, बहुत ही कयामत चुत लग रही थी।
मैं उसकी चुत को चाटने लगा और जीभ से उसे चोदने लगा।
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सोमी तड़पने लगी- आ.. आह.. और जोर से चाटो.. आज तक मेरी चुत किसी ने नहीं चाटी आ…आह.. और जोर से..
वो तड़प रही थी, कुछ ही समय में वो झड़ चुकी थी। मैं उसका सारा रस पी गया।
चुत चुसाने के कुछ पल बाद वो उठी और उसने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए। उसने मेरा 7 इंच का लंड पकड़ा और मुँह में ले लिया। वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कोई लॉलीपॉप चूस रही हो।
मुझे लंड चुसवाने में मजा आ रहा था। मैं उसके मुँह को चोद रहा था, वो भी मेरे लंड को गले तक ले रही थी। वो मेरे लंड को इतना जोर से चूस रही थी कि मेरा माल निकल गया, सोमी ने सारा माल गटक लिया।
मैं उसके ऊपर ही गिर गया।
कुछ देर बाद उसने मेरा लंड चूस कर फिर से खड़ा कर दिया। फिर सोमी पांव फैला कर लेट गई और बोली- अब मत तड़पाओ मेरी जान.. अब चोद दो मुझे!
मैंने भी देर ना करते हुए उसकी चुत पर अपना लंड रखा और रगड़ने लगा।
‘आ.. आह.. चोदो मुझे मत तड़पाओ..’ कहती हुई सोमी चुत उछाल रही थी।
मैंने देर ना करते हुए अपना लंड चुत पे टिकाया और जोर से धक्का मार दिया। मेरा आधा लंड उसकी चुत में घुस गया था।
सोमी दर्द से चिल्लाने लगी क्योंकि उसकी चुत कसी हुई थी।
मैं उसके होंठों को किस करने लगा। कुछ देर बाद वो शांत हुई और अपनी कमर हिलाने लगी। मैंने एक जोर से झटका दिया, जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुस गया। वो तड़पने लगी, मगर मैंने अपना काम चालू रखा।
थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी। वो कमर उचका-उचका कर चुद रही थी। ‘आ.. आ अ अ आह… और चोद मुझे फाड़ दे मेरी चुत को आज.. मिटा दे चुत की प्यास आ….आह..’
मैं भी अपने होश खो बैठा और जोर से झटके मारने लगा। वो भी मजे ले-ले कर चुद रही थी। पूरा कमरा उसकी कामुक आहों से गूंज रहा था। ऐसा लग रहा था। जैसे मैं जन्नत में हूँ।
सोमी फिर से झड़ चुकी थी। फिर मैंने लंड बाहर निकाला और उसके मुँह में पेल दिया, वो बड़ी मस्ती से मेरा लंड चूसने लगी।
फिर मैंने उसको घोड़ी बनाकर चोदा।
‘आ आ.. आह.. मम्मी.. आ..आ.. आह और चोद.. भोसड़ा बना दे मेरी चुत का आ.. आज से मैं तेरी हूँ राजा.. जी भर के चोद चो…द चोद आह..’
मैं पागल सा हो गया और जोर से झटके मारने लगा। इस बार झड़ने की बारी मेरी थी। मैं जोर से झटके मारने लगा, मैंने सोमी से कहा- मैं झड़ने वाला हूँ, कहाँ निकालूँ?
सोमी- मैं तुम्हारा माल पीना चाहती हूँ, मेरे मुँह में निकाल दो।
कुछ देर चोदने के बाद मैंने अपना लंड निकाला और सारा माल उसके मुँह में निकाल दिया। वो ‘आहह..’ भरती हुई मेरा सारा माल रबड़ी की तरह गटक गई।
मैं उसके ऊपर निढाल हो गया।
उस दिन मैंने उसको अलग-अलग तरीके से बार-बार चोदा। फिर हमने कपड़े पहने, तो सोमी से चला नहीं जा रहा था। फिर किसी तरह हम दोनों घर आ गए।
उस दिन के बाद जब मन करता हम चुदाई करते हैं।
अभी कुछ ही दिन पहले सोमी के पापा का ट्रान्सफर हो गया.. तो वो लोग कहीं और चले गए। तब से मैं चुत के लिए तरस रहा हूँ।
दोस्तो, आपको मेरी पहली चुदाई की कहानी कैसी लगी मुझे मेल कीजिएगा।
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