क्लासमेट लड़की को पटाकर जोरदार चुदाई

क्लासमेट लड़की को पटाकर जोरदार चुदाई

इंडियन कॉलेज गर्ल Xxx कहानी मेरी क्लास की लड़की की पहली चुदाई की है. हम पार्टी करने होटल में गए और वहां मैंने उसे पहली बाद चोदा.

दोस्तो, यह मेरी पहली सेक्स कहानी है जो एक सच्ची सेक्स कहानी है.

आपको मेरी कहानी अच्छी लगी या नहीं, जरूर बताएं, मुझे खुशी होगी.

पहले मैं अपना परिचय दे दूँ. मेरा नाम चीकू है और मेरी लम्बाई 5.8 फुट की है. मेरा लंड साढ़े छह इंच लंबा और ढाई इंच मोटा है.
मैं दिखने में आकर्षक हूँ और जल्दी ही दूसरों से घुल-मिल जाता हूँ.

अपने परिचय के साथ ही मैं आपको इस कहानी की नायिका रूपा के बारे में भी बता देता हूँ.
रूपा एक अच्छे घर की लड़की है. उसका बदन एकदम दूध सा गोरा है और 34-30-36 का फिगर है.
आप समझ सकते हैं कि वो भरे-पूरे सेक्सी बदन की मालकिन है.

यह घटना अभी छह महीने ही पुरानी उस वक्त की है, जब मैं सेकंड इयर में था.
रूपा मेरी क्लास में ही पढ़ती है. उस पर मेरी नज़र न जाने कब से थी.

लेक्चर के दौरान हमारी बातचीत नहीं हो पाती थी और वो लेक्चर के बाहर मुझसे मिलती नहीं थी.
इस तरह से हमारी बातचीत कम ही होती थी.

मैं उससे बात करने के मौके की तलाश में रहता था, पर ऐसा कोई मौका मुझे नहीं मिल पा रहा था.

फिर एक दिन मैडम ने हमें ग्रुप प्रोजेक्ट दिया.
सौभाग्य की बात यह थी कि रूपा भी मेरे ही ग्रुप में थी.

दूसरे लोगों के साथ होने के कारण मैं उससे बात नहीं कर पा रहा था.
पर हमारे बीच में थोड़ी दोस्ती हो गई थी.

अब हम साथ में ही लंच करने लगे थे.
इस तरह से हमारी बातचीत ज्यादा होने लगी थी.
पर अभी तक मैं उससे अपने मतलब की बात नहीं कर पाया था.

फिर अचानक से वो दिन आया, जब हमारी प्यार वाली बात होने वाली थी.

हुआ यूं कि हमारी एक कॉमन फ्रेंड का बर्थडे आया.

हम सब छुट्टी लेकर उसका बर्थडे सेलिब्रेट करने गए.
मैंने रास्ते में एक वाइन की बोतल ले ली.

हम सबने उसका केक एक होटल के कमरे में काटा जिसे हमने 6 घंटों के लिए बुक किया था.

हमने केक काटा और नाचने गाने लगे.
तभी मैंने वाइन की बोतल निकाली और आधी बोतल खुद ही पी गया.

थोड़ी ही देर में मुझे नशा होने लगा.
मुझे पता ही नहीं चला कि मैंने कब रूपा का हाथ पकड़ लिया और कमरे से बाहर ले गया.

फिर मैंने उसे प्रपोज़ कर दिया.
हालांकि मुझे लगा कि ये कुछ जल्दी हो गया.

पर मेरी सोच के विपरीत उसने मना करने के बजाए हां कर दी.

उसके मुँह से हां सुनकर मेरा तो नशा ही फट गया.
मैंने अचरज से कहा- क्या तुम सच कह रही हो?
उसने कहा- हां चीकू, मैं भी तुम्हे पसंद करने लगी हूँ.

उसके मुँह से ये सुनते ही मैं खुश हो गया और उसे प्यार की नजर से देखने लगा.
वो भी मेरी तरफ वासना से देखने लगी थी.

मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और उससे ‘आई लव यू बेबी …’ बोला.
उसने भी ‘लव यू टू बेबी …’ बोला.

मैंने उससे कहा- क्या तुम मुझसे वो करने को रेडी हो?
वो भी समझ गई और बोली- हां मैं रेडी हूँ चीकू, तुम नहीं जानते कि मैं तुम्हें कबसे चाहती थी, मगर तुम आगे ही नहीं बढ़े.
मैं समझ गया कि रूपा चुदने के लिए रेडी है.

उस वक्त सेक्स करने का मौक़ा नहीं समझ आ रहा था तो मैंने उसे अन्दर चलने के लिए कहा.

हम दोनों वापस पार्टी रूम में चले गए.

मैं सच में बहुत खुश हो गया था क्योंकि मुझे उसकी चुदाई करने की उम्मीद दिख गई थी.
मैंने उससे सब कह तो दिया ही था.
वो भी रेडी थी.
मुझे लगने लगा था कि आज ये मूड में है और थोड़ी बहुत कोशिश में ही चुद भी जाएगी.

मैंने पढ़ा था कि लड़की का जब मूड होता है, तब वो लड़के को किसी बात के लिए मना नहीं करती है; उसे लड़के के छूना चूमना आदि सब अच्छा लगने लगता है.
ये सब सोच कर मैं उसे चोदने की योजना बनाने लगा.

मैंने सभी से वाटर पार्क घूमने चलने को बोला.
सब राजी हो गए.

आखिरी समय में मैंने गिरने का नाटक किया और रूपा खुद मेरे साथ रुकने का बोली.
वह सब निकल गए.

उनके जाते ही मैंने खड़े होकर रूपा को हग किया.
वो बोली- तो तुम ठीक हो?
मैंने कहा- ये तो तुम्हारे साथ रुकने के लिए बोला था.

वो मुस्कुरा दी.
मैं उसके साथ चुम्माचाटी करने लगा.

फिर उसने मुझे धक्का दिया और बोली- चीकू, मैंने यह सब कभी नहीं किया है.
मैंने कहा- मैं सिखा दूंगा, तुम बस जैसा जैसा मैं कर रहा हूं, वैसे वैसे करती जाओ.

वह बोली- कोई आ गया तो?
मैं बोला- कुछ नहीं होगा, वो सब शाम तक आएंगे.

फिर मैंने उसके चूचे टॉप के ऊपर से दबाए और मसलने लगा.
मुझे महसूस हुआ कि उसने ब्रा नहीं पहनी थी.

मुझे ऐसा महसूस हुआ मानो उसके दोनों कबूतर एकदम से टाईट होने लगे और बाहर आने के लिए तड़पने लगे हैं.
फिर मैंने उसका काला टॉप उसके गोरे बदन से अलग कर दिया.
उसके कबूतर मेरे सामने आजाद थे और ख़ुशी से फड़फड़ा रहे थे.

वो लजाती हुई अपने हाथों से अपने दूध ढकने की कोशिश कर रही थी.
मैंने उसके हाथ हटाए और उसके गोरे गोरे मम्मों को बारी-बारी से बहुत देर तक चूसा.

दस मिनट की चूची चुसाई के बाद मैंने उसकी जींस में हाथ डाल दिया.
उसकी बुर गीली थी.
मैंने झट से उसकी जींस और पैंटी एक साथ में खींच दी और उसके बदन से अलग कर दी.

उसकी छोटी सी बुर पर अपने मुँह को लगाकर चाटने लगा. उसकी बुर का दाना बहुत ही गर्म हो चुका था.
मेरी जीभ जैसे ही उसके दाने से लगती, उसके मुँह से आवाज निकलने लगती ‘आह आह ओह माय गॉड …’

एकदम से उसका बदन अकड़ने लगा और वो मेरे मुँह में झड़ गई.
मैंने अपनी जीभ से चाट कर सारा पानी साफ कर दिया और फिर से उसकी बुर चाटने लगा.

थोड़ी ही देर में वो फिर से गर्म हो गई.
मेरा लंड भी अब तक दर्द से फटने लगा था.

अब उसकी बारी थी तो मैंने उससे अपने लंड को चूसने को बोला.
पर उसने छी छी बोला और चूसने से मना कर दिया.

मैंने कहा- जब मैं तुम्हारी बुर चाट रहा था, तब तो तुम बड़े मजे ले रही थी और अब मुझे मजे देने से मना कर रही हो.
और मैंने रूठने का नाटक किया.

तो वो बोली- रूठो मत जान, मैं चूसती हूँ.
वो झुक गई और मेरा लंड मुँह में लेने लगी.

जैसे ही उसने मेरे लंड को मुँह में डाला, तो मैंने उसकी गर्दन पकड़ी और झट से अपने लंड को उसके गले तक उतार दिया.

वह चिल्ला रही थी, पर मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया था तो मैंने उसकी एक न सुनी.
मैंने लंड को उसके गले में ही दबा कर रखा.
उसके मुँह से ‘गु ग्लू ग्लुह …’ की आवाज आने लगी.
मैंने उसके बाल पकड़ कर उसका मुँह खींचा.

मैंने देखा कि इतने से ही उसकी आंखें लाल हो गई थीं और आंखों से आंसू भी निकलने लगे थे.
उसकी हालत खराब हो गई थी.

एक मिनट के बाद मैंने फिर से अपना लौड़ा उसके मुँह में डाल कर अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

तकरीबन 5 मिनट के बाद मैं आने लगा.
मैंने रूपा से कहा- माल पियोगी?
उसने आँख के इशारे से हां कहा.

मैं समझ गया कि माल कहां छोड़ना है.
मेरी एक जोरदार आवाज निकली ‘आआ आह्हह …’ और मैंने अपने लंड का सारा माल रूपा के मुँह में डाल दिया.
वह सब माल झट से पी गई.

मैंने कहा- तुम तो सब कुछ जल्दी सीख गई.
वो हंसने लगी.

कुछ देर तक हम दोनों प्यार करते रहे.

अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
मैंने रूपा को फिर से हिलाकर लौड़ा खड़ा करने को कहा.
उसने वैसा ही किया. उसके स्पर्श से मेरा लंड कुछ ही देर में फिर से तन गया.

मैं उठा और उसे चुम्मा देते हुए धक्का देकर सामने बेड पर लेटा दिया.

तब मैं उसकी बुर में उंगली डालने लगा.
उसकी कसी हुई बुर में उंगली जाने का नाम ही नहीं ले रही थी.
उसे दर्द हो रहा था.

मैंने सोचा कि क्यों ना इसकी ओपनिंग लंड से ही की जाए … इसे दर्द तो होना ही है.

जैसे ही मैंने रूपा की छोटे से छेद में लौड़ा सैट किया, रूपा बोली- जान दर्द तो नहीं होगा?
मैंने कहा- क्या तुम मेरे लिए थोड़ा सा भी दर्द सहन नहीं करोगी?
उसने मुस्कुरा कर सर हां में हिला दिया.

वो मानसिक रूप से तैयार हो गई थी.

बस फिर क्या था … मैंने अपना पूरी ताकत लगाई और लंड का सुपारा बुर में पेवस्त कर दिया.

मैंने उसका मुँह दबाया हुआ था, वो बहुत छटपटा रही थी.

मैं सुपारा पेल कर थोड़ा धीरे हो गया.
धीमे धीमे ही मैंने आधा लंड उसकी बुर में पेल डाला.

कुंवारी बुर में यदि में पूरा लंड पेल देता तो उसकी हालत खराब हो जाती, साथ में मेरा लंड भी छिल जाता.
यही कारण था कि मैं स्लो हो गया था.

रूपा दर्द से कराह रही थी और दबी आवाज में चिल्ला रही थी- उन्ह आआह … रुक जाओ!
मैं रुका, मगर मैंने लौड़ा बाहर नहीं निकाला.

वो आंखें बंद करके दर्द पर ध्यान दे रही थी.
मैंने उसका एक दूध तेज मसल दिया ताकि उसका बुर के दर्द से ध्यान हट सके.

वो अपने दूध मसले जाने के दर्द से अपना हाथ मेरे हाथ पर लगाने लगी.
इससे वो अपनी बुर का दर्द भूल गई थी.

इतने में मैंने एक और शॉट लगा दिया.
मेरा पूरा लंड अन्दर घुस गया.

इस बार वह अपनी कमर दोहरी करती हुई एकदम से झटका देने लगी.
इससे मेरा मुँह उसके मुँह से हट गया.
मैंने उसे जकड़ लिया और किस करने लगा.

उसमें न जाने किधर से ताकत आ गई और उसने मुझे अपने जिस्म से हटा दिया.
अब वो मेरे ऊपर चढ़ गई थी. लंड अब भी बुर में ही घुसा हुआ था.

वो चिल्ला रही थी ‘आआ आह्ह उह्ह्ह …’
मैं कुछ देर तक शांत पड़ा रहा और कुछ देर बाद उसका दर्द भी कम हो गया था.
वो अब मेरे लंड के मजे लेने लगी थी.

उसने मुझे गाली नहीं दी क्योंकि उसे पता था कि मैं जल्दी रूठ जाता हूँ.
उसकी बुर की फांकें अब खुलने लगी थीं.

मैंने रूपा की कमर पकड़ कर अपने लंड को उठाते हुए बुर में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
वो भी बुर ऊपर नीचे करने की कोशिश कर रही थी.

कभी मैं झटके देता और वह ‘आआह …’ करती. कभी वह मेरे बदन पर काट रही थी, तो कभी मैं उसकी चूची के निप्पल को चूसने लगता ओर धीरे से काट भी लेता.

वो फिर से ‘आह ओह माई गॉड फक मी हार्ड बेबी …’ कहने लगती.

मैंने अब अपने शॉट बढ़ा दिए और दोनों चुदाई का मजा लेने लगे.
वो मुझे किस कर रही थी.

मैं उसकी चूचियां दबाने लगा और चूसने लगा.
वो चिल्ला कर मजा ले रही थी- आह चोद दो मुझे … आह.
एकदम से वो अकड़ने लगी थी और उसकी सीत्कार बढ़ने लगी थी.

इतने में उसने फव्वारा छोड़ दिया और ‘छप चप चप्प …’ की आवाज आने लगी.
मेरा पूरा लौड़ा उसके पानी से भीग चुका था. मगर मेरा अभी नहीं हुआ था.

तब मैंने उससे घोड़ी बनने को बोला और वह घोड़ी बन गई.
मैंने पीछे से उसकी बुर में अपना लंड लगाया और धक्का देने लगा.

वो झटके खाती हुई आगे को बढ़ रही थी.
मैं उसकी कमर पकड़ कर तेज तेज शॉट लगाने लगा.

ऐसे ही कुछ मिनट की मस्त चुदाई के बाद मैं भी आने को हो गया.
मैंने उससे कहा और उसकी बुर में ही सारा पानी छोड़ दिया.

वो बोली- यह क्या कर दिया … प्रेगनेंट करोगे क्या? इसे जल्दी से साफ करो … चाटो.
मैं खुश हो गया और फिर से उसकी बुर चाटने लगा.
उसके दाने को चाटकर मैंने सारा माल साफ कर दिया और दाना दबा कर चाटने लगा.
मुझे उसे दूसरे राउंड के लिए तैयार करना था.

मैंने उसकी कामुक सिसकारियां काफी देर तक निकलवाईं.
‘बेबी फक मी … अब देर न कर … जल्दी से फिर से पेल कर चोद दो … आह आह चोदो जुबान से भी चोद डालो …’
वह काफी गर्म हो गई थी.

मैंने फिर से उसे लंड चूसने को बोला और वह चूसने भी लगी.

मैं भी दूसरे दौर के लिए तैयार हो चुका था.
मैंने अपना लंड उसके मुँह से छीना और उसकी कुंवारी गांड के छेद पर लगा दिया.

वो बोली- वो गलत जगह है.
मैंने कुछ नहीं सुना और झटका दे दिया.

‘आह मर गई … कहां घुसा दिया साले चोदू …’

उसने मुझे गाली दी, पर मैंने दिल पर नहीं ली और अपना काम जारी रखा.

मैंने हाथ नीचे करके उसकी गांड को ऊपर की ओर करने की कोशिश की.
उसने दर्द से तड़फते हुए मेरा साथ दिया. कुछ देर में गांड रवां हो गई और वो मजा लेने लगी.

मैं उसके ऊपर बैठ गया और पीछे को होकर लंड गांड पर लगा कर शॉट लगाने लगा.

‘आआहह कितना दर्द दोगे जालिम … मर गई … मार ही डालोगे मुझे क्या … छोड़ भी दो अब.’

मैंने रूपा की गांड से लंड को निकाला और पौंछ कर फिर से उसकी गांड पर रख दिया.
जरा सा धक्का दिया तो खुली हुई गांड में लंड सरक गया.

इस बार वो मदमस्त होने का अहसास कर रही थी, पर दर्द से कराह भी रही थी.

अब बारी थी फास्ट फक की … तो मैंने उसकी गांड में फुल स्पीड से शॉट देना चालू कर दिए.
वो खूब चिल्लाई, सिसकारियां भी भरीं- रुक जाओ बेकदर … मैं तेरी होने वाली बीवी हूँ … साले आज ही सब चोद लोगे क्या?
पर मैं नहीं रुका, लगातार उसकी गांड तोड़ता चला गया.

मैंने उसकी चुदाई के बीच में ही उसे पलटाया और उसकी एक टांग को कंधे से लगाकर बुर चोदने लगा.
उसकी बुर से शट शट फट फट की आवाज आने लगी थी.

मैंने और भी झटके बढ़ाए और तकरीबन 5 मिनट बाद मैं उसके ऊपर लेट कर झड़ गया.
अब 6 बज चुके थे बाकी सब भी आने ही वाले थे.

मुझे रूपा कुछ ठीक नहीं लग रही थी. वो बाथरूम तक चल नहीं पाई और गिरने लगी.
मैंने उसे पकड़ा और बाथरूम में ले गया.

मैंने उसकी गांड, बुर की सफाई की ओर शॉवर लेकर बाहर ले आया.
हम दोनों रेडी हुए और उनका इंतजार करने लगे.
करीब 30 मिनट में रूपा को अच्छा महसूस होने लगा.

तभी बाकी दोस्त भी आ गए और हम सब अपने अपने घर को निकल गए.

दोस्तो, कमेंट करके जरूर बताएं कि कहां गलती हुई है. यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.
धन्यवाद.
[email protected] INSTAGRAM- @bicchu.production

Check Also

पहला सेक्स सहेली के भाई के साथ

पहला सेक्स सहेली के भाई के साथ

हॉट वर्जिन चूत की चुदाई का मजा मेरी सहेली का बड़ा भाई मुझे चोद कर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *