भाभी को चुदाई के लिए तड़पाया

भाभी को चुदाई के लिए तड़पाया

मेरे दोस्तो, मेरा नाम इशान है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरा कद 5’10” है और लंड का साइज 6 इंच है. मेरी उम्र 22 साल है और मेरा रंग गोरा है. मेरी बॉडी बहुत अच्छी है. मैंने आज तक बहुत औरतों के साथ सेक्स किया है और सब को संतुष्ट किया है. मेरी भाभियों और आंटियों में रूचि है. मैं किसी को भी चोद कर संतुष्ट कर सकता हूँ.

आज मैं आप सबको जो कहानी बताने जा रहा हूँ, वो मेरी सच्ची कहानी है और इसमें मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मेरी पड़ोस की भाभी ने मुझे सेक्स के लिये मनाया और मैंने पहली बार सेक्स किया.

यह बात कुछ साल पहले की है, जब मैं 12वीं क्लास में था. तब हमारे पड़ोस के भैया की नई नई शादी हुई थी और उनकी बीवी यानि मेरी भाभी एक परी की तरह थीं. उनका कद 5’5″ है. उनकी सेक्सी फिगर देख कर तो मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जाए. उनके मोटे तने हुए चूचे और मोटी गांड देख कर मैं मुठ मार कर काम चलाता था. मुझे लगता था कि उनकी भी मेरे ऊपर कामुक नज़र थी. वो मुझसे बहुत खुल कर बात करती थीं और मुझे किसी न किसी बहाने छूती भी रहती थीं.

मैं दिखने में बहुत आकर्षक हूँ और मैं जिम भी जाता हूँ. इसी कारण सभी लड़कियों की तरह वो भी मुझसे दोस्ती करने के लिए आतुर थीं. मैं भी किसी न किसी बहाने उन्हें इधर उधर छू लेता था और वो भी बिना बुरा माने मुझे नॅाटी स्माइल दे देती थीं.

ऐसे ही एक साल बीत गया और अब उनकी एक बेटी हो गई थी. मैं उनकी बेटी के साथ खेलने के लिए जब उनकी गोद से उसे लेता था, तो धीरे से उनके चूचे दबा देता था. वो भी मुझे रिझाने का कोई मौका नहीं छोड़ती थीं.

जब हम दोनों अकेले होते थे तो वो मेरे सामने ही अपने चूचे निकाल कर अपनी बेटी को दूध पिला देती थीं. मैं उनके चूचे को देखकर अपने आपको रोक नहीं पाता था और दूध पीती हुई बच्ची के गाल पर किस करने के बहाने अपने मुँह को उनके चूचे के पास ले जाता था.
मुझे ऐसा करने में बहुत मजा आता था और वो भी मेरी इस बात का बिल्कुल बुरा नहीं मानती थीं. वो जानबूझ कर पहले बच्ची के होंठों पर किस करती थी और फिर उससे मेरे होंठों पर किस करवाती थी. हम ऐसे इशारों से एक दूसरे के मन में लगी आग को समझ चुके थे. बस अब तो हमें चुदाई करने का सही मौका चाहिए था.

फिर एक दिन मुझे उनकी चुदाई करने का मौका मिल ही गया.
हुआ यूं कि एक दिन भैया के किसी रिश्तेदार की मौत हो गई इसलिए उनके परिवार को कुछ दिन के लिए बाहर जाना पड़ा क्योंकि भाभी की बेटी छोटी थी, इसलिए उनके घर वाले उन्हें अपने साथ नहीं ले कर गए. उनकी मम्मी मेरी मम्मी को कह गई थीं कि मैं रात को उनके घर पर सो जाया करूं. मुझे पता था कि भाभी मेरे साथ चुदाई का खेल जरूर खेलेंगी, पर मैं अपनी तरफ से पहल न करते हुए उन्हें तड़पाना चाहता था. मैंने ठान लिया था कि मैं अपनी तरफ से कुछ पहल नहीं करूंगा. मैं चाहता था कि भाभी खुद ही मुझसे चुदने की अपनी इच्छा प्रकट करें.

फिर रात का वक़्त आया, जब मैं उनके घर सोने गया. मैं जैसे ही उनके घर गया तो भाभी को देखता ही रह गया. उन्होंने बहुत ही सेक्सी साड़ी पहनी थी. उनका ब्लाउज बहुत ही छोटा था, वो बैकलेस भी था. भाभी की पारदर्शी साड़ी में उनकी नाभि साफ साफ दिख रही थी.

हमने एक साथ खाना खाया और एक साथ बैठ कर टीवी देखने लगे. हम एक हॉलीवुड मूवी देख रहे थे और थोड़ी देर बाद उसमें एक बहुत ही सेक्सी किसिंग सीन आया. मैंने भाभी की ओर देखा तो वो आँखें फाड़ कर उस सीन को देख रही थीं. मैंने भी चैनल चेंज नहीं किया और थोड़ी देर में भाभी गरम होने लगीं. भाभी ने अपनी बेटी को मेरे आने से पहले ही सुला दिया था, तो अब हम दोनों ही थे. वहां वो किसिंग सीन में अब लड़का लड़की को चोदने भी लगा था. अब तो मेरा भी लंड खड़ा हो गया था, जो मेरी निक्कर में से साफ दिख रहा था. मैंने देखा कि भाभी भी अब मेरे लंड की ओर तिरछी नजर से देख रही थीं.

कुछ देर बाद फ़िल्म ख़त्म हो गई और भाभी ने अंगड़ाई लेते हुए कहा कि चलो कमरे में चलते हैं.
उनकी इस अदा से कहने से यूं लगा जैसे वो कह रही हों कि चलो अब चुदाई का मजा लेने के लिए कमरे में चलते हैं.

साथ ही उनकी इस हरकत से उनका पल्लू गिर गया था जो कि भाभी ने जानबूझ कर गिराया हो, साफ़ लग रहा था.. क्योंकि भाभी ने अपने पल्लू को ठीक करने का कोई काम नहीं किया था बल्कि अपने दूध मेरी तरफ तानते हुए अपने गहरे गले से लगभग आधे दिख रहे मम्मों की छटा को बिखेरा था.

मैंने भी उनकी इस अदा का भरपूर लुत्फ़ लिया और उनकी चूचियों को देखते हुए अपने लंड पर हाथ फेरा. फिर सरगोशी से कहा- चलो जी, चलते हैं.
भाभी मुस्कुरा दीं शायद उन्हें लगने लगा था कि शिकार फंस गया है. जबकि मेरी खोपड़ी ने तय कर लिया था कि आज भाभी को पूरी तरह से खोल कर चोदना है.

भाभी कमरे में जाने के लिए खड़ी हुईं और मैंने महसूस किया कि मेरा लंड अब कुछ ज्यादा ही अकड़ गया था. मैं फिर भी लंड को बिना सैट किए खड़ा हो गया. उधर भाभी का ध्यान मेरे लंड से हट ही नहीं रहा था.
मैंने भाभी से कहा कि मैं दूसरे कमरे में जाकर सो जाता हूँ.
तो उन्होंने कहा कि नहीं मुझे अकेले सोने में डर लगता है, तो आप मेरे साथ ही सो जाइए.

दोस्तो, अब मैं समझ गया था कि भाभी मुझसे चुदवाना चाहती थीं, पर मैं अपनी तरफ से पहल ना करके उन्हें तड़पाना चाहता था. जब मैंने देखा कि अभी भी भाभी का ध्यान मेरे लंड पर था.. तो मैंने भी अपने लंड को अपने हाथ से सहला दिया.
भाभी ने नजर नहीं हटाई.

फिर हम कमरे में चले गए और मैंने देखा कि भाभी ने अपनी बेटी को बेड के साथ लगे हुए एक अलग बेड पर लिटा रखा था.

मैं बेड पर बैठ गया और भाभी नहाने चली गईं. इस वक्त मुझे डर भी लग रहा था कि अगर मैंने पहल न की तो कहीं मैं भाभी को चोदने का मौका ही न गंवा बैठूँ.

पर जब भाभी बाहर आई तो मैं उन्हें देखता ही रह गया. उन्होंने लाल रंग की बेबी डॉल वाली मैक्सी पहनी हुई थी, जो घुटनों तक ही आती थी. भाभी की ये नाइटी इतनी सिल्की थी कि उसमें साफ़ महसूस हो रहा था कि उन्होंने अन्दर कुछ भी नहीं पहना है. वो सच में ही कहर ढा रही थीं.

वो मेरे पास आकर कुछ ऐसे बैठ गईं कि उनकी एक जांघ बिल्कुल नंगी सी हो गई. अब वो मुझसे मेरे स्कूल के बारे में पूछने लगीं. ऐसे ही स्कूल के बारे में बातें करते करते उन्होंने मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने कहा कि हां मेरी गर्लफ्रेंड है.
फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि तुमने उसके साथ कुछ किया है?
तो मैं अनजान बनने की एक्टिंग करते हुए बोला- क्या मतलब?

इस बात पर भाभी ने अपनी जांघ खुजाने का बहाना करते हुए अपनी बेबी डॉल को और ऊपर तक चढ़ा लिया. मेरी निगाहें उनकी चिकनी जाँघों का मुआयना करने लगीं.
भाभी- मतलब ये कि क्या तुमने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स किया है?
मैंने कहा- बस उसको चुम्मी ली है भाभी.
भाभी- क्यों और आगे क्यों कुछ नहीं किया? क्या वो मना करती है?
मैंने कहा- हां भाभी, वो राजी नहीं होती है.
भाभी बोलीं- किस चीज के लिए राजी नहीं होती?
मैंने कहा- सेक्स के लिए.
भाभी ने अपनी नाइटी को चूत तक उठाया और एकदम से ढक लिया, फिर बोलीं- सेक्स के लिए या चूत देने के लिए?

मैंने नजरें झुका लीं.

ये देख कर भाभी के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने मुझे बहुत जोर स्मूच किया.
जब मैंने उनसे खुद को छुड़ा कर पूछा कि आप ये क्या कर रही हैं?
अब भाभी ने मुझे गुस्से में कहा- ओये भोसड़ी के.. मैं तुझे इतनी देर से अपनी चुदाई का खुला आमंत्रण दे रही हूँ और तू मुझे तड़पा रहा है. अब तुझे क्या हो गया? पहले तो मेरे बूब्स छूने का कोई मौका नहीं छोड़ता था, अब जब चुदाई का मौका है तो मुझे चोद ना..!

भाभी के मुँह से ये बात सुन कर पहले तो मैं बहुत हैरान हुआ और फिर मुझे मेरी गलती का एहसास हुआ. मैंने भाभी को सॉरी बोला और उन्हें बहुत जोर से स्मूच करने लगा. वो भी मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल कर बहुत जोश में किस कर रही थीं. हमारा वो स्मूच 15 मिनट से भी लंबा चला. फिर मैंने जोश में उनकी मैक्सी फाड़ दी और उन्होंने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए. मैंने उनके सारे शरीर पर किस किया और उनके बूब्स भी बहुत चूसे.

इसके बाद मैंने उनको चित लिटाया और अपना मूसल उनकी चूत में एक झटके में ही अन्दर तक पेल दिया. भाभी की उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल गई. उन्होंने कुछ ही झटकों के बाद मुझे पूरा मजा देना शुरू कर दिया. भाभी अपनी गांड उठा उठा कर खूब मस्ती से चुद रही थीं.

मैंने बीस मिनट तक धकापेल चोदा और उनकी चुत में ही झड़ गया.

पूरी रात मैंने उन्हें 4 बार चोदा, अगले 2 दिन जब तक उनके पति और बाकी घर वाले नहीं आए, मैंने उन्हें जी भर के चोदा.

अब भी जब भी हमें मौका मिलता है, तो हम चुदाई कर लेते हैं और चूमा चाटी वगैरह तो हम हर दिन ही चुपके चुपके कर लेते हैं.

तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली सेक्स कहानी… आशा करता हूँ कि आपको पसंद आई होगी. मुझे मेल जरूर करें.
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