मेरे प्रिय मित्रो, कैसे हैं आप लोग. मैं रॉबी फिर से एक नई कहानी लेकर हाज़िर हूँ.
मेरी ये सेक्स कहानी आपके लंड में तूफान और चुत में रस की बाढ़ ला देगी.
आपने मेरी पिछली कहानी
पड़ोसन भाभी और उनकी सहेली की कामुकता
पढ़ी थी. आपके मेल मिले और आपका प्यार भी शुक्रिया दोस्तो.
जैसा कि आप जानते हैं कि मैं चुत का शौकीन हूँ. प्यासी चुत को बातों से और आंखों से पहचान लेता हूँ.
मैं एक निजी कंम्पनी में काम करता हूँ. मेरी सहकर्मी सीमा, जो एक शादीशुदा औरत है. उसका रंग सांवला है, नैन नक्श का जवाब नहीं है. उसका गदराया बदन लंड खड़ा कर देता है. चूचे 38 के, कमर 32 और गांड 36 की है. वो 32 साल की है, पर लगती 25 की है. उसका पति रवि जमीनों का दलाल है. वो भी शौकीन है चुत का … पर उसे कच्ची कलियों का शौक है. ये सब बाद में सीमा ने बताया था. मुझे 30 के पार वाले सेक्सी माल पसंद हैं.
वैसे मैं अपनी शादीशुदा लाईफ से खुश हूं … पर मेरी सेक्स लाईफ बोरिंग है. मेरी पत्नी 15 से 20 मिनट में ठंडी हो जाती है और मैं प्यासा रह जाता हूँ.
सीमा और मैं हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे. एक दिन वो कुछ उदास लगी. मैंने सीमा से पूछा- सीमा डियर कुछ उदास लग रही हो?
सीमा- नहीं यार, बस ऐसे ही तबियत ठीक नहीं लग रही है.
मैं- तो घर चली जाओ? मैं देख लूँगा.
सीमा- नहीं यार, मैं ठीक हूँ.
मैंने देखा उसकी आंखों में पानी था, वो रो रही थी.
मैं- यार, हम दोस्त हैं ना … तो फिर बताओ क्या बात है?
सीमा- कुछ नहीं यार … बस ऐसे ही.
वो इतना कह कर रोने लगी.
मैं- सीमा, प्लीज़ रोओ मत.
सीमा- यार, रवि को किसी ने धोखा दिया और पैसे लेकर भाग गया. जिनके पैसे गए वो रवि पर केस करने का बोल रहा है. वो कहता है कि केस भुगतो या दो दिन में पैसे दो.
मैं- कितने पैसे देने हैं?
सीमा- कुछ 5 लाख हैं मेरे पास कुछ पैसे तो बचत खाते में हैं … लगभग 3 लाख होंगे, बाकी 2 लाख की कोशिश कर रहे हैं पर वो हो नहीं पाये हैं. कल उसे पैसे देना जरूरी है.
मैं- ठीक है, मैं कुछ करता हूँ, मेरे पास हैं तुम ले लो. जब हो जाएं, तब लौटा देना.
इतना सुनते ही वो थैंक्स कहती हुए मुझसे लिपट गयी. उसके उभार मेरे सीने में गड़ने लगे. मैं भी उसकी पीठ सहलाने लगा. मेरी भूख जागने लगी.
मैंने धीरे से उसकी गांड दबाकर कहा- अब खुश?
वो हंसते हुए थैंक्स कहकर सीधे बैठ गई.
मैंने ऑफिस के बाद उसे एक चैक से पेमेंट दे दिया, वो थैंक्स कहकर चली गयी.
मैं अब भी उसके मम्मों का स्पर्श सीने पर महसूस कर रहा था. उसकी मुलायम मखमली गांड, उसके जिस्म की मादक खुशबू मेरी सांसों को तेज़ कर रही थी. उस रात मैंने पत्नी के मना करने के बाद भी उसे दो बार चोदा और जोश में उसे काट काट कर जख्मी भी कर दिया. सुबह वो उठने लायक नहीं थी.
यूं ही दिन गुज़रते गए.
एक दिन सारे स्टॉफ को हेड ऑफिस बुलाया गया. हेड ऑफिस दूसरे शहर में था, वहीं मीटिंग थी. मैं मेरी कार से जाने वाला था. मैं सीमा से पूछा, तो सीमा साथ चलने को तैयार हो गयी. मैं मन ही मन में खुश हो रहा था. एक मदमस्त जवानी का रस चूसने को मिलने वाला था.
हम शाम 7 बजे होटल पहुंचे. रूम में फ्रेश होकर सीमा के रूम में गया. वो नहा रही थी. मैं उसका वेट करने लगा. उसको पता नहीं था कि मैं बाहर बैठा हुआ हूँ, वो सिर्फ ब्रा पेंटी में बाहर आ गई.
मैं उसे देखता ही रह गया. नेट की ब्रा पेंटी में उसका सब कुछ दिख रहा था.
वो मुझे देखकर चौंक गयी और मुझे घूरते देखकर वापस जाने लगी.
फिर पता नहीं उसको क्या हुआ वो न जाने क्या सोचकर पलटी और एक कातिलाना मुस्कान दी और मेरे पास पड़े अपने कपड़े उठाने लगी.
वो- जब सब कुछ देख लिया, तो क्या शर्माना … वैसे तुम भी तो सब देखना चाहते थे ना … अब जी भर के देख लो.
उसकी बातें सुनकर मैंने हंसते हुए उसे अपने ऊपर खींच लिया. वो मेरी जांघों पर बैठ गयी. मैंने बिना देरी किए उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और उसे चूसने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
तभी दरवाजे पर नॉक की आवाज़ पर हम अलग हुए. हम दरवाजा लॉक करना भूल गए थे. सामने एक 35 साल की वेल फिगर औरत खड़ी थी. सीमा ने तुरंत बेड पर पड़ी चादर खींच ली.
सीमा ने खुद को ढक कर उससे कहा- आप कौन हैं और इस तरह रूम में नहीं आना चाहिये.
उसने सॉरी कहा और जाने लगी. उसकी गांड सीमा से भी बड़ी थी. गांड की थिरकन मेरा लंड खड़ा कर गई.
सीमा का मूड ऑफ देखकर मैं भी लंड दबा कर चुप रहा. मेरे खड़े लंड पर चोट हो गई थी. मीटिंग कल सुबह थी.
मैंने सीमा का मूड बनाने की सोची.
मैं- सीमा, क्यों ना खाना हम मेरे रूम में मंगा लेते हैं.
सीमा- ओके डियर, मैं चेंज कर लेती हूँ.
मैंने बार से दो वोडका आर्डर की और खाना ऑर्डर करके सीमा का वेट करने लगा.
थोड़ी देर में वेटर वोडका और स्नेक्स देकर गया. मैं वोडका का पैग बना कर पीने लगा.
थोड़ी ही देर में वो भी आ गई. मैं उसे देखता रह गया. वो काली पारदर्शी नाईटी में बड़ी मारू लग रही थी. इस नाइटी में से उसका हर अंग साफ़ दिख रहा था.
इधर मुझ पर वोडका असर दिखा रही थी.
सीमा- अकेले ही शुरू हो गए मेरा इन्तजार भी नहीं किया.
वो मेरे सामने बैठ कर हंसने लगी.
मैं- मुझे क्या मालूम था कि तुम भी पीती हो.
सीमा- हां, कभी कभी रवि के साथ पी लेती थी.
मैं- क्या बात है. आज तो पीने का मज़ा आ जाएगा.
मैंने उसके लिए भी पैग बनाया और हम दोनों चियर्स बोल कर पैग पीने लगे.
उसने पैग नीचे रख कर एक मादक अंगड़ाई ली, जिससे मुझे उसकी चुदास साफ़ दिखने लगी.
मैंने उसकी नाईटी का रिबिन खोल दिया. वो अन्दर से नंगी थी. मुझसे रहा नहीं गया, मैं भी गिलास एक तरफ रख कर उस पर टूट पड़ा, उसके मम्मों को चूसने लगा. साथ ही एक हाथ उसकी चुत पर हाथ रख दिया.
वो अपनी गर्म चूत पर मेरे हाथ का स्पर्श पाते ही एकदम से सिसक पड़ी- आह!
मैं एक दूध चूस रहा था और दूसरा दबा रहा था. धीरे धीरे मैं उसके चूचे के दाने को मसलने लगा, तो वो मचलने लगी- आह. … उह … चूस ले … और जोर से निचोड़ ले … इनका दूध पी ले.
मैंने अचानक उसे छोड़ दिया.
वो कुछ समझ पाती, इससे पहले मैंने उसे सीधा बैठा कर उसके हाथ सोफे से बांध दिए.
सीमा- ये क्यो जानू … क्या जान लेने का इरादा है?
मैं- ऐसा ही समझो मेरी जान.
अब मैं वोडका की बॉटल उठाकर उसके जिस्म पर डालने लगा और उसके जिस्म को जीभ से चाटते हुए पीने लगा.
सीमा- अच्छा तो जनाब शराब और शवाब साथ में पिएंगे.
वो मदहोश होने लगी.
मैंने नीचे आते हुए उसकी चूत पर जुबान फेर दी. चुत पर मेरे होंठ लगते ही वो मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… उंह … उमह!
मैं चुत के दाने को चूसते हुए वोडका उसकी चूत में भरने लगा. वो गांड उठाकर वोडका अन्दर लेने लगी. मैंने उसकी चूत मुँह में भऱ ली. अब वो धीरे धीरे मेरे मुँह में वोडका छोड़ने लगी. वोडका का टेस्ट नमकीन हो गया था. इसका नशा भी डबल हो गया था. मैं इसी तरह वोडका पीता रहा, वो चुत से पिलाती रही. मैं उसकी चूत के मुँह में शराब की बोतल लगा फिर से भरने लगा.
वो बोली- प्लीज पहले मुझे खोलो. मुझे सू सू लगी है.
मैंने अनसुना करते हुए भरकर मुँह चूत पर लगाकर कहा- पिला दे उसको भी.
वो समझ गई और धीरे धीरे मेरे मुँह में मूतने लगी. वो पेशाब करती रही. मैं पीता गया, उसे भी मूत पिलाने में मज़ा आ रहा था- आह … वाओ … उम्मह …
वो मेरा सर चुत पर दबा कर आहें भरने लगी. तभी वो झड़ने लगी. मैं उसका पूरा पानी पी गया … वो झटके देते हुए झड़ कर शांत हो गई.
मैंने उसके हाथ खोले, तो वो मुझ पर टूट पड़ी. मेरा लंड पकड़ कर दबाने लगी.
सीमा- अब बारी मेरी है.
वो मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुँह में लेने लगी- मैं बिना लंड लिये पहली बार इतना झड़ी.
वो लंड चूसते हुए मजा लेने लगी.
मैं- रुको, मुझे बाथरूम जाना है सीमा.
यह सुनकर वो मेरा लंड और जो़र से चूसने लगी. मैं भी रुक न सका और उसके मुँह में मूतने लगा. वो मज़े से पूरा मूत पी गयी. मूत पी कर भी उसने लंड चूसना तब तक नहीं छोड़ा, जब तक मैं झड़ नहीं गया.
हम दोनों एक एक बार स्खलित होकर निढाल होकर वहीं लेट गए.
थोड़ी देर में खाना आया, वो बाथरूम में चली गई मैं तौलिया बाँध कर वेटर से खाना अन्दर लिया और उसको विदा कर दिया. फिर उसको बाहर आने के लिए आवाज दी तो वो नंगी ही गांड मटकाते हुए बाहर आ गई. हम दोनों ने नंगे ही डिनर किया. मैंने उसकी चूत में मक्खन लगा कर रोटी में लगाया. उसने भी मेरे लंड में मक्खन लगा कर अपनी रोटी मेरे लंड पर रगड़ कर रोटी में मक्खन लगा लिया.
खाना खाने के बाद मैंने एक सिगरेट जला ली, जिसे उसने भी खींची. हम दोनों ने थोड़ी देर एक ब्लू फिल्म देखी.
सीमा- रॉबी, आज जितना मज़ा तुमने दिया, उतना कभी नहीं आया … थैंक्स रॉबी.
वो मेरे लंड को फिर चूसने लगी. हम दोनों ने दस मिनट तक 69 सेक्स किया.
सीमा बोली- रॉबी प्लीज़ यार अब मत तड़पा, जल्दी से अन्दर लंड डाल दे.
मैंने देर ना करते हुए उसकी चूत में लंड डाल दिया. उसकी चुत झड़ कर टाईट हो चुकी थी. पूरा लंड एक बार में अन्दर जाते ही सीमा की आह निकल गई- आह … सी … क्या जान लेने का मन है … राजा जरा धीरे पेलो … तुम्हारा मूसल बहुत बड़ा है.
मैं उसकी आहों को अनसुना करते हुए एक और तेज झटके में आधा लंड निकाल कर फिर से ठोक दिया. लंड चुत की जड़ तक चला गया.
सीमा- रॉबी, दिखा अब तेरे लंड में कितना दम है. चोद साले जितनी ताकत से चोद सकता है. मेरी चूत में बहुत आग लगी है बुझा दे.
वो मदमस्त होकर बोल रही थी.
धीरे धीरे मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और उसे धकापेल चोदने लगा.
सीमा- आह … औह … इशह … वॉओ … कम फक फास्ट … चोद मुझे और तेज … आह … यस … यस … आह..
मेरे हर झटके का वो गांड उठा कर जवाब देती. वो 15 मिनट में एक बार झड़ चुकी थी.
अब मैंने उसे घोड़ी बनाकर चुदाई करने का कहा. वो घोड़ी बन गई. मैंने एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर पेल दिया, जो उसकी बच्चेदानी पे जाके लगा, उसकी चीख निकल गई- रॉबी, धीरे प्लीज़ आह … आह … यस … मजा आ गया … चोद दे.
उसकी गांड मेरे सामने थी, चोदते हुए मैं उसकी गांड मसल रहा था. पूरा रूम उसकी आहों और सेक्स के संगीत से गूँज रहा था.
तभी वो फिर से चीखें मारकर झड़ने लगी. अब मैं भी चरम पर आ गया था- सीमा रस कहां लोगी … मुँह में या चुत में?
सीमा- अन्दर ही निकालो आह!
दस बारह धक्कों के बाद मैंने सारा रस उसकी चुत में छोड़ दिया. हम दोनों ऐसे ही सो गए.
दोस्तो, आपको मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी मेल कीजिएगा.
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