नमस्कार दोस्तो, आपका अपना प्रकाश सिंह फिर एक नई कहानी के साथ आया हूँ।
मेरी पिछली कहानी
स्कूल की चाहत की कॉलेज में आकर चुदाई
आपने पढ़ी होगी.
जैसा कि आप सब जानते हैं कि मैं रायपुर का रहने वाला हूं।
तो हुआ यह कि मैं अपनी कालेज की पढ़ाई ख़त्म करने के बाद कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी के लिए दिल्ली आ गया।
यह कहानी मेरे और मेरे जूनियर की है जो कॉलेज के समय मुझे भैया बुलाती थी। उसका नाम दीप्ति( बदला हुआ नाम) था मैं उसे प्यार से छोटी बुलाता था।
तो हमारी कहानी की शुरुआत ऐसे होती है।
मैं यहाँ (दिल्ली) कोचिंग करने लगा तब मुझे मेरे कॉलेज जूनियर का कॉल आया क्योंकि वो अभी ग्रैजुएशन के अंतिम वर्ष में थी. तो उसने मुझसे कहा कि मैं भी कॉम्पिटिशन एग्जाम देना चाहती हूँ और मैं भी कोचिंग करना चाहती हूँ तो आप मुझे सलाह दें कि मैं कैसे अपनी तैयारी स्टार्ट करूँ।
बेसिकली वो मुझसे कोचिंग करने से पहले बेसिक क्या क्या करने चाहिए उसकी सलाह मांग रही थी। तो मैंने उसे इस बारे में बताया।
अब उसके पेपर ख़त्म हो गए थे उसने मुझे कॉल किया और कहा कि मैंने रिजर्वेशन करवा ली है और में 15 दिन बाद दिल्ली पहुँच जाऊँगी. आप मुझे लेने आएंगे न?
मैंने हाँ कहा।
15 दिन बाद वो दिल्ली आ गयी, उसने मुझे कॉल किया. मैं पहले ही स्टेशन पहुँच गया था तो उसे लेकर मैं अपने रूम आ गया और कहा- तू फ्रेश हो जा, फिर शाम को तेरी कोचिंग के लिए बात करने चलेंगे और साथ ही तेरे लिए रूम भी खोज लेंगे।
उसके बाद वो फ्रेश हुई और फिर हम दोनों ने खाना खाया और फिर कुछ देर बाद उसकी कोचिंग के लिए गए जहाँ रजिस्ट्रेशन स्टार्ट हो चुका था. मैंने उसका एडमिशन करवाया और फिर हम उसके लिए रूम ढूढने लगे.
फिर काफी देर बाद शाम काफी हो जाने के कारण हम मेरे रूम वापस आ गए.
रूम ढूंढ कर हम दोनों थक गए थे तो हम जैसे रूम पहुँचे दोनों फ्रेश होकर खाना खाने लगे.
फिर उसने कहा- भैया रूम आराम से ढूंढेंगे. आज बहुत थक गई हूं. वैसे भी मेरी क्लास अगले हफ्ते स्टार्ट होगी।
मैंने भी हाँ कह दिया।
अब मुख्य कहानी प्रारम्भ होती है जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं कि थी। लेकिन उससे पहले मैं उसके फिगर के बारे में बता दूँ कि उसका जिस्म 32डी-28-32 है।
चूँकि हम दोनों थके हुए थे तो नींद भी आ रही थी लेकिन हुआ यह कि मेरे रूम में एक ही बेड था तो मैंने उसे कहा- तू ऊपर सो जा … मैं नीचे जमीन पर सो जाऊंगा.
उसने मना किया और कहा- मैं जमीन पर सो जाती हूँ.
फिर उसने कहा- दोनों ऊपर ही सो जाते हैं. मैंने बहुत मना किया लेकिन अंततः यही निर्णय हुआ कि दोनों ऊपर सो जायंगे।
अब दोनों सोने बेड में गए लेकिन बेड का साइज सिर्फ 3 फीट चौड़ा था तो छोटा होने के कारण हम दोनोंएक दूसरे से चिपके हुए थे. हालांकि दोनों एक दूसरे के विपरीत मुँह करके लेटे थे लेकिन कुछ देर बाद दोनों ने करवट ली, अब हम दोनों एक दूसरे के सामने थे। कुछ समय बाद नींद में ही अपना पैर मेरे और हाथ ऊपर रख के सो गई जिसके कारण मेरे नींद खुल गयी.
नींद खुलने के बाद मैंने देखा कि उसने मुझे पूरा जकड़ लिया है। और मुझे यह भी अहसास हुआ कि उसकी इस हरकत से नीचे मेरा लंड सलामी दी रहा है.
मैंने फिर अपने हाथ से उसके पैर और हाथ को हटाया।
लेकिन अब मुझे नींद नहीं आ रही थी और मेरे मन में गलत ख्याल चलने लगे थे। अब मैंने सोच लिया कि कुछ भी हो जाए अब इसे चोदना है।
तो मैंने धीरे धीरे अपनी हरकत शुरू कर दी सबसे पहले मैंने अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया और उससे सट कर सोने लगा. शायद मुझे ऐसा लगा कि वो भी जग गयी है क्यूंकि जैसे ही मेरा लण्ड उसके चूतड़ से सट गए थे उसने थोड़े आगे खिसकने का प्रयास किया था।
अब मैं कहाँ मानने वाला था … मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहा फिर कुछ समय पश्चात मैंने पुनः उसके पेट के ऊपर अपनी हाथ रख दिया. लेकिन इस बार उसके टी शर्ट के अंदर से।
उसने कोई रेस्पांस नहीं किया. तो मेरी हिम्मत बढ़ गयी, मैं अब उसके पेट पर हाथ फेरने लगा और साथ ही अपने लंड को उसके चूतड़ पे रगड़ने लगा।
उसने कोई विरोध नहीं किया मेरी और हिम्मत बढ़ गयी अब मैं अपने हाथ को और ऊपर लेकर उसके बड़े बड़े बूब्स में रगड़ने लगा। मुझे इस बात की गारंटी हो गयी थी कि वो जग गयी है और उसे भी मजा आ रहा है।
मैं अब उसके बूब्स दबाने लगा और एक बार जोर से दबा दिया जिससे उसकी हल्की सिसकी निकल गयी। मैं उसके कान में बोला- मुझे पता है कि तू जग रही है. अगर खुल के करेंगे तो तुझे भी मजा आएगा, वरना केवल मुझे ही मजा आएगा।
तो उसने मेरी ओर करवट बदल ली.
उसने जैसे ही करवट बदली मैंने अपने होंठ उसके होंठ से सटा दिए और उसे चूसने लगा। चूसते चूसते मैं उसके बूब्स भी दबा रहा था वो भी मेरा साथ दे रही थी।
फिर वो अलग होकर मेरे कपड़े उतारने लगी, मैंने भी उसके कपड़े उतार दिए.
अब हम दोनों लगभग नंगे थे क्यूंकि मैं अंडरवियर और वो ब्रा और पेंटी में थी।
अब मैं फिर से उसके हाथ, गाल, गला, कान के पास किस करने लगा. धीरे धीरे मैंने नीचे आकर उसके नाभि के पास किस किया. वो थोड़ी सिहर उठी, उसने अपने हाथ से मेरे सर को पकड़ लिया मैं समझ गया कि वो मुझे वहीं चूमने बोल रही है, मैं उसे चूमता रहा.
फिर अब मैंने अपना हाथ ऊपर ले जाकर पीछे से उसके ब्रा की हुक खोल दी और उसके बूब्स आजाद हो गए थे जो कह रहे थे- खा जाओ हमें!
मैं उसके बूब्स चूसने लगा और एक हाथ से दूसरे बूब्स को दबाने लगा। वो आह आह आह आह की सिसकियां लेने लगी.
अब चूसते चूसते अपने एक हाथ को नीचे ले जाकर उसकी पेंटी उतार दी. अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी और मैं उसके बूब्स चूस रहा था। मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत के मुख में रख दी और उसे धीमे धीमे सहलाने लगा और वो लगातार सिसकारियां ले रही थी।
मैंने अब अपनी एक उंगली धीरे धीरे उसकी चूत के अंदर डाल दी. उसे दर्द हुआ और वो दर्द से सिहर उठी. मैं थोड़ी देर रुक गया. फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और चूसने लगा, साथ ही अब अपनी उंगली को उसकी कसी चूत के अंदर बाहर करने लगा।
अब उसकी सिसकारियाँ दर्द वाली न होकर आनन्द वाली निकलने लगी।
कुछ देर बाद मैंने अपनी दो उंगली उसकी चूत के अन्दर डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. अब वो पूरी तरह से कामवासना के चंगुल में आ गयी थी, उसकी कामुकता चरम पर थी. इसके साथ ही मैं उसे किस किये जा रहा था.
कुछ देर बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो मजे से चीख पड़ी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
अब मैं उठा और मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया. अब मैं पूरा नंगा हो गया था. जैसे ही मेरा हथियार बाहर निकला, वो देख के बोली- इतना बड़ा?
उसने डर से कहा- प्लीज़ हम फिर कभी करेंगे.
मैंने उसे आश्वासन दिया कि दर्द नहीं होगा. अगर दर्द होगा तो हम फिर कभी करेंगे।
वो ना नुकुर करने लगी अंत में मान ही गयी।
अब मैं उठा और अपने लण्ड को एक हाथ से पकड़ कर उसके मुँह के पास चला गया और उसे चूसने को कहा. वो मना करने लगी लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था … मैंने अपना लण्ड उसके मुंह से टच कर दिया और कहा- मुंह खोल!
उसने मुँह खोल दिया और मेरा लंड चूसने लगी। उसने मेरे लण्ड इतने अच्छे से चूसा कि मुझे यकीन हो गया कि ये लड़की पहले से चुदी, खुली, खाई खेली हुई है।
अब वो अपनी हरकत पर आने लगी और मुझे नीचे लेटा कर मेरे लण्ड से खेलने लगी. उसके साथ साथ वो मुझे इधर उधर किस भी करने लगी, मेरे अण्डों को भी वो चूसने लगी. फिर मेरे लंड को मुख से चूस चूस कर पानी निकाल दिया और उसे पी गयी।
कुछ समय बाद मैं उठा और फिर हम दोनों 69 के पोजीशन में आ गए और खूब चूसा एक दूसरे के कामांग को।
ऐसे चूसने के बाद मैं नीचे अपनी उंगली पुनः डालने लगा. इस बार मैंने अपनी 3 उंगली अंदर डाल दी और उसे अपने हाथ से चोदने लगा. वो कामुकता से भरी सिसकारियाँ लेने लगी, बोलने लगी- अब सहन नहीं हो रहां है … प्लीज अपना लण्ड डालो! प्लीज़!
लेकिन मैं अभी कहाँ डालने वाला था. मैं अपना लण्ड उसकी चूत के पास ले तो गया लेकिन उससे उसकी चूत को रगड़ने लगा. अब उसकी वासना पूरे जोश में आ चुकी थी, उसके मुंह से गाली भी निकलने लगी थी- बहनचोद कब चोदेगा अपनी बहन को?
अब मैंने चूत को रगड़ते रगड़ते अपना लण्ड अंदर डाल दिया. पहली बार में केवल आधा लण्ड चूत के अंदर घुसा. उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगी- आह मार डाला … निकाल बहनचोद! निकाल!
मैं थोड़ी देर रुक गया और उसके नंगे जिस्म के साथ खेलने लगा, उसके बूब्स दबाये, हाथ फेरा.
फिर मैंने अगला धक्का लगाया उसकी चूत में और उसने मेरा पूरा लण्ड अपने अंदर समा लिया.
अब मैं उसे चोदने लगा. कुछ देर बाद दोनों का पानी धीरे धीरे रिसने लगा और पूरा रूम गूंज रहा था फच फच फच की आवाज से! मैं लगातार जोर जोर से चोदने लगा.
वो सिसकारियों के साथ साथ गाली भी दे रही थी- चोद चोद … फाड़ दे मेरी चूत … अब यहीं हूँ, मैं आज से मैं तेरी पत्नी … चोद दे मुझे … फाड़ दे अपनी पत्नी की चूत … आह आह. और जोर से चोद और जोर से!
वो ऐसे बोल बोल कर मुझे उत्साहित कर रही थी- चोद चोद … आज प्यासी मत छोड़ना मेरी चूत को … बहुत दिन हो गए थे इसे हथियार के दीदार किये हुए.
कुछ समय ऐसे चोदने के बाद वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लण्ड को हाथ से पकड़ के अपनी चूत पर सेट किया और ऊपर नीचे होने लगी.
अब उसने मेरे हाथ लेकर अपने बूब्स पर रख दिये. मैं उन्हें दबाने लगा. वो सिसकारियाँ लेने लगी.
अब उसकी बारी घोड़ी बना कर चूत चोदन करने की थी, उसे मैंने घोड़ी बना कर चोदा और अंततः पुनः नीचे लाकर चोदा. अब मेरा निकले वाला था. तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी।
मैंने कहा- कहाँ निकलना है?
उसने कहा- अपनी बीवी से कोई पूछता है कि कहाँ निकाले? अब अपने बच्चे की माँ नहीं बनाएगा क्या?
वो ऐसे बोली तो मैं उसके बोलते बोलते झड़ गया … मेरा सारा माल उसकी प्यासी चूत के अंदर ही निकल गया.
कुछ देर के बाद उसने फिर मेरे लण्ड को चूसकर खड़ा किया. इस बार मैंने उसके बूब्स के बीच में लंड रख कर भी चोदा.
और अंत में उसके बूब्स पर माल निकल कर निढाल हो गया.
इस तरह मैंने उसे रात भर में 4 बार चोदा और हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.
सुबह मैं उठा तो देखा कि वो भी उठ गई है.
मैंने उसे गुड मॉर्निंग कहा.
उसने कहा- मुझे गुड नाईट चाहिये.
और मेरे लण्ड को चूसने लगी और चूस चूस कर पानी निकाला और उसे गटक गयी.
फिर हम दोनों फ्रेश हुए और खाना खाया क्योंकि उठने में ही 1 बज गया था तो नाश्ते का तो टाइम ही नहीं था।
और फिर हम उसके लिए रूम ढूढने गए … अंततः उसे रूम मिल गया.
शाम को हम वापस मेरे रूम आये.
फिर उसने कहा- पतिदेव आज कैसे चोदोगे अपनी पत्नी को?
मैंने कहा- रात तो होने दो, तुम्हारे पति तुम्हरी आज गांड मारेंगे.
उसने मना किया और कहा- कभी और गांड मार लेना … अभी नहीं … अभी तो मुझे अपनी चूत में लंड का मजा लेकर अपनी पूरी संतुष्टि करवानी है.
ऐसे करते करते वो मेरे पास 7 दिन रुकी और सात दिन मैंने उसे अलग अलग पोज़ में चोदा।
अब वो अपने रूम में रहती है लेकिन हम हर वीकेंड में मिलते है और चुदाई करते हैं।
अब वो कहती है कि उसे अब ब्रूटल सेक्स मतलब निर्दयी जंगली चुदाई करना है.
मैंने उसके अगले बार के लिए हां कह दिया.
और उसने एक और भी मांग की- मैं एक बच्चा तुम्हारा चाहती हूँ शादी के बाद.
मैंने उस पर भी हामी भर दी।
दोस्तो, मेरी कहानी पर कमेंट कीजिये कि कैसे लगी मेरी कहानी … अब मेरे लण्ड को लड़कियों की आदत पड़ गयी है.
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