चुद चुदाई देसी ग्रुप स्टोरी में पढ़ें कि मैं गांडू लड़का खुद को लड़की मानता हूँ. मेरी बहन और मेरी मम्मी की चूत को अपनी गांड के साथ मैंने अपने यारों से कैसे चुदवाया.
मैं गांडू लड़का हूँ पर खुद को लड़की मानता हूँ. मेरी बीवी अंशु है. उसका यार उपिन्दर है. मैं उन दोनों को अपना पति मानती हूँ.
इस चुद चुदाई देसी ग्रुप स्टोरी के पिछले भाग
गांड मरवाने की तलब- 1
में आपने पढ़ा कि मेरी गांड में खुजली हो रही थी, लंड लेने की इच्छा हो रही थी तो लेडी डॉक्टर ने मुझे उसके दूध वाले के पास भेज दिया. उस दूध वाले और उसके तीन दोस्तों ने मुझे और मेरी गांड खूब बजायी.
>चारों के लंड खड़े हो चुके थे और प्रोग्राम शुरू हो गया।
अगले ही मिनट में एक लन्ड पिस्टन की तरह मेरे चूतड़ों के बीच में चल रहा था दूसरा मेरे मुंह में अंदर बाहर हो रहा था।
मेरी दोनों जगह से चुदाई हो रही थी धकाधक … फचाफच!
और ये सारी रात चला। चारों ने दो दो बार अपना माल मेरे अंदर झाड़ा।
चारो लौंडों को मैंने चूसा भी और उनसे मरवाई भी। सुबह तक मेरा सारा शरीर दर्द कर रहा था।
मैं चुपचाप घर आयी और सो गयी.[email protected]