देसी GF सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरी गर्लफ्रेंड के जन्मदिन पर मैंने उसे होटल के रूम में सरप्राइज पार्टी दी. इसके बदले में उसने मुझे अपनी चूत गिफ्ट की.
अन्तर्वासना की देसी हिन्दी सेक्स कहानी के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.
मेरा नाम हार्दिक है. मैं अभी 22 साल का हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 7 इंच है और रंग एकदम गोरा है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ.
अन्तर्वासना के पटल पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, यदि कोई ग़लती दिखे तो प्लीज़ नजरअंदाज करते हुए देसी GF सेक्स स्टोरी का मजा लीजिएगा.
मेरी गर्लफ्रेंड भी दिल्ली की ही है. उसका नाम सारिका है. सारिका की उम्र भी 22 साल की ही है.
उसकी हाइट 5 फुट 4 इंच की है. उसका रंग भी बहुत गोरा है. फिगर साइज़ काफी भरी हुई है यही कोई 36-34-38 की है.
ये सेक्स कहानी उसकी पहली चुदाई की है और एकदम सच है. उसने मुझे सरप्राइज गिफ्ट दिया गर्लफ्रेंड को बर्थडे पर.
ये बात पिछले साल 15 नवम्बर की है. मेरी गर्लफ्रेंड के साथ मेरा रिलेशन वैसे तो दो साल से है लेकिन हमारा चुदाई का कार्यक्रम अब जाकर बना था.
उसकी बर्थडे वाली रात को 12.01 पर मैंने उसको मैसेज किया और उसे जन्मदिन की बधाई देकर सो गया.
अगली सुबह उठ कर मैंने उसे फिर से विश किया और उससे मिलने को कहा.
वो राजी हो गई और पूछने लगी- कहां मिलोगे?
मैंने उसे एक होटल का एड्रेस दे दिया.
होटल वाले को मैंने पहले ही कह दिया था कि एक रूम में गुब्बारों के साथ सजावट करके रखना और चॉको केक रखने को भी कह दिया था.
होटल स्टाफ ने मेरे कहे अनुसार ये काम बखूबी अंजाम दिया. हल्की इलेक्ट्रॉनिक लाइट से रूम डेकोरेट कर दिया.
मैं पहले से वहां पहुंच चुका था.
जब मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे वहां आकर कॉल किया तो मैंने उसको एक मिनट रुकने को कहा.
होटल के रूम के दरवाजे से लेकर उस टेबल तक, जिस पर केक रखा था और टेबल की फूलों से डेकोरेशन की हुई थी.
मैं वहां गया और कैंडिल्स जला दीं.
फिर मैं नीचे गया और उसको रूम के बाहर तक लाकर रोक दिया.
उसने मेरी तरफ देखा, तो मैंने उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी.
पट्टी बांधने के बाद मैंने उसके हाथ को पकड़ा और कहा- अब चलो हनी.
वो बोली- ये सब क्या है हनी!
मैंने कहा- चलो तो यार … तेरे लिए कुछ सरप्राइज है.
वो सरप्राइज शब्द सुनकर बड़ी खुश थी.
लेकिन तब भी उसने कहा- मैं तुम्हें मना किया था न!
मैं हंस दिया- हां हां मुझे सब पता है.
मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे मना किया था कि बर्थडे पर कोई खर्चा नहीं करना.
लेकिन मुझे उसे खुश देखना अच्छा लगता है.
तो मैंने उसकी बात को नजरअंदाज करके ये सब इंतजाम किया था.
मैं उसको प्यार से अन्दर ले गया. अन्दर कमरे की लाइट्स ऑफ थीं, बस कुछ छोटी छोटी एलईडी लाइट्स जल रही थीं और मोमबत्तियों की रोशनी से कमरा रोशन था.
उसकी आंख से पट्टी उतरी तो वो ये सब कुछ देख कर हैरान हो गयी.
वो दो मिनट तक तो शॉक्ड ही रही और सोचती रही.
फिर उसने मुझे गले लगा कर ‘आई लव यू जान ..’ कहा.
मैंने भी उसे अपनी बांहों में भर कर चूमा और उसे ‘आई लव यू टू जान ..’ कहा.
इसके बाद हम दोनों ने मिल कर केक काटा.
उसने केक का पीस उठाया और मेरे मुँह की तरफ बढ़ा दिया.
मैंने केक का टुकड़ा अपने होंठों के बीच फंसा कर आधा बाहर ही निकला रहने दिया और उसे अपनी बांहों में लेकर बाहर निकले केक के टुकड़े को उसके होंठों की तरफ बढ़ा दिया.
उसने उस केक के टुकड़े को खा लिया और हमारे होंठ जुड़ गए. हम दोनों ने एक लम्बा स्मूच किया और अपने प्यार को और भी मजबूत किया.
इसके दो मिनट बाद वो मेरी आंखों में आंखें डाले मुझे प्यार से देखती रही और हम दोनों ने मूक भाषा में एक दूसरे को देखते हुए अपने प्यार का इजहार किया.
मैंने कमरे में पिज़्ज़ा कोक और कुछ स्नेक्स भी ला रखे थे. हम दोनों ने बातें और मस्ती करते हुए इन सबका आनन्द लिया.
फिर हम दोनों बेड पर बैठ कर बातें करने लगे.
वो मेरी बांहों में थी. मैंने उसको गाल पर किस किया तो वो शर्मा गयी.
धीरे धीरे मैंने उसके होंठों पर किस करना शुरू किया. उसको कुछ मजा सा आने लगा.
वो मेरे सीने से लिपट गयी.
उसकी पीठ पर मेरे हाथ धीरे धीरे चलने लगे थे. उसकी गर्दन पर मैंने किस करना शुरू किया, तो वो कुछ और गर्म सी होने लगी.
अब मैं उसके गालों पर तो कभी होंठों पर बड़ी तेजी से किस करने लगा.
वो भी मस्ती में मेरे साथ मजा लेने लगी.
आज उसकी इस मस्ती को देख कर मुझे भी सुखद अहसास होने लगा था.
आज तक हम दोनों ने एक बंद कमरे में अकेले कभी भी इस तरह से बेड पर बात कर चूमाचाटी नहीं की थी.
आज मौका भी था और दस्तूर भी था क्योंकि उसका बर्थडे था.
वो अपनी ख़ुशी को कुछ और खुले मन से जाहिर करने के मूड में लग रही थी.
मैंने उसे अपनी बांहों में समेट कर उसे बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया था; मेरे हाथों ने उसके बदन पर रेंग कर उसे मस्ती देना चालू कर दिया था.
उसी वक्त मैंने उसके बाल खोल दिए. वो हंस दी और मुझे छाती पर चूमने लगी.
उसकी नीले फूलों वाली कुर्ती बड़ी मस्त लग रही थी मगर इस वक्त वो मेरे लिए एक अड़चन थी.
मैंने उसे उतारनी शुरू की, तो उसने कुछ भी नहीं कहा. बल्कि उसने खुद ही मुझे सहयोग देते हुए अपनी कुर्ती उतर जाने दी.
इससे मैं समझ गया कि आज मेरी छम्मक छल्लो अपनी जवानी लुटाने का मूड बना कर आई है.
मैंने भी देर न करते हुए उसकी जवानी को भोगने का मन बना लिया.
सारिका की कुर्ती उतरी, तो सामने मेरी दिलरुबा का मस्त जिस्म मुझे ललचाने लगा था.
वो सच में बड़ी सेक्स लग रही थी. उसके 36 इंच के मम्मे एक काले रंग की जाली वाली महंगे ब्रांड की ब्रा में कसे हुए थे.
मुझसे ये मतवाली चूचियों को देख कर रुका ही न गया … मैंने किसी भूखे जानवर की तरह उसकी चूचियों पर टूट पड़ा.
मैंने अगले ही पल उसको बिस्तर पर चित लिटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया.
वो भी मुझे अपने ऊपर लेकर मदहोश हुई पड़ी थी.
मैंने उसको बेतहाशा किस करने लगा. उसके रसीले होंठों पर मम्मों के ऊपर, कंधों पर मैंने उसको चूम चूम कर खुद को जिस्म की मदिरा के नशे से चूर कर लिया था.
मैं उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगा था.
वो खुद मदहोश सी होने लगी थी और मेरे जिस्म को अपने बाहुपाश में कसे हुए थी.
दस मिनट बाद हम दोनों की आंखों में वासना के लाल डोरे तैर रहे थे हम दोनों एक दूसरे में खो जाना चाह रहे थे.
उसने वासना भरी नजरों से मेरी शर्ट के बटनों को खोला.
मैंने भी उसकी ब्रा खोल दी.
उसके चूचे एकदम से उछलते हुए आज़ाद हो गए थे.
आह सच में मेरी महबूबा के दूध एकदम मक्खन से सफ़ेद और मुलायम थे.
मैं उसके एक मम्मे को अपने होंठों से चुभलाने लगा.
उसने मादक सिसकारी भरी तो मैं उसके इस दूध को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा.
वो और भी ज्यादा मदहोश सी होने लगी. उसने मेरे सर को अपने उस दूध पर दबा लिया और सीत्कार भरते हुए मुझे अपना दूध पिलाने लगी.
मैंने कुछ देर उसकी चूची को चूसा.
तो उसने मेरे कान में फुसफुसाया- जान, दूसरी वाली भी इंतजार में है.
मैंने उसकी आंखों में झांका और झट से उसके दूसरे चूचे को अपने मुँह में भर लिया.
आह की सिसकारी के साथ मेरी जानम मुझे अपना दूसरा दूध चुसाने लगी.
कुछ देर बाद उसने मुझसे मेरी बनियान खोलने को कहा. मैंने झट से अपनी बनियान उतार कर दूर फैंक दी.
फिर मैंने उसको उल्टा लेटा दिया और उसके पीछे से उसको चाटने लगा उसकी पीठ पर उसे किस करने लगा.
वो काफ़ी गर्म हो चुकी थी.
कुछ देर बाद मैंने उसको सीधा किया और उसकी लैगी को खींचा.
उसकी लैगी उसकी कदली जांघों पर एकदम से चिपकी हुई थी.
मैंने ध्यान दिया कि लैगी उसकी चुत के पास से कुछ भीग गई थी.
मैंने देख कर उसे आंख मारी.
तो वो शर्मा गई.
मैंने उसकी लैगी को खींच कर उतार दिया.
नीचे उसने काले रंग की जाली वाली ही पैंटी पहन रखी थी जिससे उसकी चुत का रस रिस कर उसकी लैगी को भिगो गया था.
मैं उसकी चुस्त पैंटी देख कर उसका कायल सा हो गया था.
उफ्फ़ … उसकी गोरी जांघों के बीच फंसी इस छोटी सी पैंटी में उसकी चुत एकदम फूली हुई सी थी और रो रही थी.
मैंने उसकी पैंटी की इलास्टिक में अपनी उंगलियां फंसा दीं और उसे भी खींचा.
तो मेरी जान ने खुद अपनी टांगें हवा में उठा दीं.
मैंने बड़े आराम से पैंटी को उतार दिया.
आह … मेरे सामने उसकी गोरी गुलाबी चुत को रोता देख कर मैं पागल सा हो गया.
एकदम लिसलिसा रही थी उसकी चिकनी चुत … प्रीकम की बूंदें मोती सी झिलमिला रही थीं.
उसकी पूरी बॉडी वॅक्स की हुई थी, जो उसे और भी मादक बना रही थी.
मैंने फिर से उसके होंठों को किस किया और कुछ मिनट तक हम दोनों एक दूसरे की जीभ को चूस कर अपनी वासना को और अधिक भड़काते रहे.
फिर मैं उसे किस करते हुए धीरे धीरे नीचे तक आया.
उसकी चुत पर जैसे ही मैंने अपनी जीभ रखी, वो एकदम से उछल पड़ी.
उसकी टांगों ने एक दूसरे से जुड़ कर मेरी जीभ के लिए अवरोध पैदा किया.
मगर मैं कहां मानने वाला था … मैंने सारिका की टांगों को जबरन अलग अलग कर दिया और धीरे धीरे से उसकी चुत पर जीभ घुमाने लगा.
वो अपने हाथों की मुट्ठियों से बिस्तर की चादर को खींचते हुए ‘अया आअहह उफ्फ़ ..’ की कामुक आवाजें निकालने लगी.
कुछ देर तक तो मैं उसकी चुत पर ऊपर से ही जीभ फेरता रहा.
इससे हुआ ये कि उसने अपनी टांगों को खुला छोड़ दिया था और अब वो अपनी गांड उठाते हुए मुझे चुत चटवाने का मजा लेने लगी थी.
उसी समय मैंने अपनी जीभ को नुकीला किया और उसकी चुत की फांकों के बीच ठेल दी.
वो एकदम से मचल गई और उसकी छूट पूरी तरह से टाइट हो गयी.
उसने मेरा सर पकड़ लिया और अपनी गांड ऊपर उठाते हुए मेरे मुँह पर चुत अड़ाने लगी.
मैं अभी कुछ समझ पाता कि वो एकदम से झड़ गयी.
उसकी चुत का सारा रस मेरे मुँह में आ गया. मैं मस्ती में उसकी चूत को चूसता चला गया.
एक मिनट बाद उसकी चुत एकदम साफ़ हो चुकी थी और मैं एक मस्त मदांध प्रेमी की तरह उसे देखने लगा.
उसे हाथ से ऊपर आने के लिए और होंठों को चूसने का इशारा किया.
मैं ऊपर आकर उसको किस करने लगा.
कुछ मिनट बाद ही वो फिर से गर्म हो गई थी.
अब उससे रहा नहीं जा रहा था.
उसने कहा- जान मुझे नीचे कुछ हो रहा है.
मुझे लगा कि पहली बार झड़ने की वजह से वो समझ नहीं पा रही थी कि उसकी चुत को लंड की जरूरत है.
मगर वो तो सब जानती थी और इसका अहसास मुझे बाद में हो भी गया था.
मैंने अपनी पैंट और अंडरवियर को खोला और अपना लंड निकाल कर उसे दिखाया.
वो सिर्फ लंड देखती रही.
मैंने लंड उसकी चूत पर रखा और फांकों में रगड़ कर उसे मस्त किया.
फिर मैंने कुंवारी चुत की सील तोड़ने से पहले इंतजाम किया.
पहले उसके सर पर हाथ फेरा, तो उसने मुझे प्यार से देखा.
फिर मैंने उसे लिप किस किया.
उसने मेरे होंठों को जकड़ लिया.
मैं खुद यही चाहता था.
उसको होंठों और जीभ के रस में भुला कर धीरे से मैंने अपना लंड उसकी चुत में डालने लगा.
उसको हल्का सा दर्द हुआ.
मैंने उसे और जोर से अपने होंठों से कसा और और लंड को अन्दर घुसेड़ने लगा.
उसने मुझे हाथ के इशारे से एक मिनट रुकने को कहा.
लेकिन मैं कहां रुकने वाला था.
मैंने जरा सा लंड बाहर निकाला और फिर से पेला मगर चुत बहुत ही ज्यादा कसी हुई थी.
उसने हाथ के इशारे से अपने बैग को देखने का कहा.
मैंने उसके बैग को उठाया तो उसमें से उसने वैसलीन निकाल कर दी.
मैं समझ गया कि लौंडिया पूरी तरह से ओपनिंग की तैयारी करके आई थी.
मुझे लगा था कि मैं होशियार हूँ … मगर सारिका खुद मुझे चोदने आई थी.
मैंने वैसलीन अपने लंड पर लगाई और कुछ उसकी चुत में लगा दी.
अब मैंने उसकी बुर के अन्दर लंड डाला, तो वो ‘सस्स्शह … आआअहह’ करने लगी.
मैंने उसे क़िस किया और एक जोर के झटके से उसके अन्दर लंड डाल लिया.
उसकी आंखों में पानी आ गया और उसकी चुत में से खून भी निकलने लगा था.
मैंने रुक कर काफ़ी देर तक उसे किस किया; उसकी चूचियों को मसला.
जब उसका दर्द खत्म हुआ, तो मैंने फिर से झटने लगाने शुरू कर दिए.
अब उसको मजा आने लगा था. उसकी टाईट चुत काफ़ी मस्त मजा दे रही थी.
मैं उसको धीरे धीरे झटके देता गया. वो ‘अयाया अया अया आअहह … उउफ्फ़ … करते हुए लंड लेने लगी.
फिर मैं काफ़ी तेज तेज झटके मारने लगा.
अब वो भी चुदाई का मजा लेते हुए गर्म आवाजें निकाल रही थी.
कुछ देर बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में किया और उसके पीछे से लंड चुत में डाल कर उसकी चुत चोदनी शुरू कर दी.
इस पोजीशन में मेरा लंड उसकी चुत के अन्दर बच्चेदानी तक जा रहा था.
पूरे कमरे में हम दोनों की चुदाई की मदमस्त कर देने वाली आवाजों ने कब्जा कर रखा था.
‘उउफ्फ़ … आह जान मजा आ रहा है और तेज करो …’
‘हूँ आह इ … ले मेरी जान और अन्दर तक ले आ आह … उफ्फ़ …’
कुछ देर बाद फिर से पोजीशन बदल गई.
अब मैं नीचे लेट गया था. वो मेरे ऊपर लंड पर बैठी थी.
वो लंड के ऊपर गांड उछालने लगी और तेजी से ऊपर नीचे होने लगी.
इस समय उसमें दर्द कहीं नहीं दिख रहा था. वो अपने बड़े बड़े मम्मों और गांड को ऊपर नीचे करते हुए मस्ती से चुद रही थी.
काफ़ी देर तक कमर हिलाने के बाद अब वो झड़ने वाली थी.
उसने इशारा किया तो मैंने उसे अपने नीचे ले लिया और वो झड़ गई.
मैंने कुछ देर उसे और चोदा फिर लंड निकाल कर उसके मुँह में लंड दे दिया.
वो लंड चूसने लगी.
मैं एकदम से झड़ने वाला था, तो मैंने उससे पूछा- रस निकलने वाला है.
उसने लंड निकाल कर कहा- मेरे ऊपर ही निकाल दो.
तो मैंने उसके मम्मों के ऊपर वीर्य गिरा दिया. हम दोनों ऐसे ही बाथरूम में चले गए और खुद को साफ़ करके ऐसे ही नंगे रूम में आकर सो गए.
ये उसने मुझे बर्थ-डे का रिटर्न गिफ्ट दिया था.
दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी ये देसी GF सेक्स स्टोरी पसंद आई होगी.
मुझे मेल करना न भूलें.
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