कालगर्ल्स की चूत का मजा मुफ्त में

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फ्री चुदाई कहानी में पढ़ें कि मैं एक नयी अपार्टमेंट बिल्डिंग में सिक्योरिटी गार्ड था. उसमें एक मैडम लड़कियों से जिस्मफरोशी का धंधा कराती थी. मुझे पता चला तो …

हाय दोस्तो, मैं आपका दोस्त असलम एक और सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ. यह फ्री चुदाई कहानी मेरी सच्ची चुदाई की घटना पर आधारित है.

मेरी पिछली कहानी थी: फैक्ट्री वर्कर और उसकी बहन भांजी की गुलाबी चूत

मुझे सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिली थी. जिधर की सुरक्षा करने का मुझे ये काम मिला था, वो अभी एक नयी 12 फ्लोर की बिल्डिंग बनी थी. अभी तक उसमें कोई भी रहने नहीं आया था.

बिल्डर ने बगल की बिल्डिंग के चेयरमैन को ये बिल्डिंग बेच दी और चेयरमैन ने बिल्डिंग के सभी 12 फ्लोर के फ्लैट्स की चाभियां मेरे सिक्योरिटी केबिन में रखवा दीं ताकि कोई ग्राहक आए तो उसे फ्लैट दिखा पाएं.

ऐसे ही मेरी ड्यूटी को अब तक 2 महीने हो चुके थे लेकिन कोई रहने नहीं आया था.
मैं वहीं रहने लगा था और अपने मालिक के लिए नौकरी करने लगा.

फिर एक दिन कोई अनीषा मैडम ने 12 वीं फ्लोर के चार फ्लैट का सौदा किया, मतलब अब पूरा का पूरा 12 वां फ्लोर अनीषा मैडम ने खरीद लिया था.

इस सौदे के बाद मेरा एक और काम बढ़ गया था और वो काम बिल्डिंग की टंकी में पानी के लिए पम्प ऑन ऑफ करना और समय से पानी भरना था.

ये काम भी सिक्योरिटी गार्ड के जिम्मे कर दिया गया था, जबकि ये काम बिल्डिंग की मेंटीनेन्स वाले का होता है.
मगर अभी उधर ही एक अकेला बन्दा था जो ‘पीर, बावर्ची, भिश्ती, खर.’ आदि का रोल अदा कर रहा था.
मतलब बिल्डिंग के हर काम के लिए मुझे ही जिम्मेदारी दे दी गई थी.

कुछ दिन बाद अनीषा मैडम के यहां फर्नीचर बनने का काम शुरू हुआ, जो लगभग एक महीने तक चला.

जब घर रेडी हो गया तो अनीषा मैडम ने घर में अपना रहना शुरू कर दिया.

उनके घर में सुबह 9 बजे से 7-8 लड़कियां और औरतें आने लगी थीं. वो सब शाम 7 बजे चली जाती थीं. पूरे दिन में बहुत से लड़के और मर्द आते जाते थे.
चूंकि मैं सिक्योरिटी गार्ड था तो मुझे हरेक आने जाने वाले की एंट्री करना होती थी कि कौन बिल्डिंग में आता जाता है.
हां अब इतना फर्क हो गया था कि मेरी ड्यूटी सिर्फ सिक्योरिटी गार्ड की ही रह गई थी.

एक दिन एक आदमी आया. उसने मुझसे पूछा- यार अनीषा मैडम के यहां जाना है, कौन सा फ्लोर है?

मैंने उसे बताया … तो वो कुछ देर मेरे पास रुक कर सिगरेट पीने लगा.

मैंने उससे कुछ सवाल किए- आपको अनीषा मैडम के यहां क्यों जाना है?
वो बोला- मुझे कुछ काम है.

कुछ देर उससे बात हुई तो मेरे मन का सवाल उसके सामने निकल गया.

मैंने उससे पूछा- इतने लोग आते जाते हैं. ये अनीषा मैडम ऐसा क्या काम करती हैं?
वो आदमी बोला- यार तुम इस बिल्डिंग के सिक्योरिटी गार्ड हो, तुम्हें पता नहीं है कि क्या काम होता है?

मैं बोला- अरे यार मुझे नहीं पता है, अगर पता होता तो मैं तुमसे क्यों पूछता.
वो आदमी बोला- उसके घर धंधा चलता है.

मैंने पूछा- कैसा धंधा?
वो बोला- रंडीबाजी का धंधा.

मुझे लगा कि ये आदमी मजाक कर रहा है.

मैंने हैरानी से पूछा- क्यों झूठ बोलते हो यार … नहीं बताना चाहते हो तो मत बताओ.
इस पर वो आदमी बोला- अरे यार मैं क्यों झूठ बोलूंगा. इतनी लड़कियां और औरतों के साथ लौंडे लपाड़े और पके पकाए मर्द क्या गांड मराने आते हैं.

इतना कह कर वो आदमी बिल्डिंग की तरफ चला गया.

अब मैंने सोच लिया कि अगर ये सही बात हुई, तो मैं भी अनीषा मैडम और इनकी रंडियों को पेलूंगा.

शाम को 7 बजे सब लड़कियां एक एक करके चली गईं और मैं लगभग 9 बजे बिल्डिंग का गेट लॉक करके अनीषा मैडम की फ्लोर पर आ गया.

मैंने बेल बजाई तो कुछ देर बाद अनीषा मैडम ने दरवाजा खोला.

उस समय अनीषा मैडम ने ब्लू साड़ी पहनी हुई थी. उसके गहरे गले के ब्लाउज में से उसकी मदमस्त चूचियां आधे से ज्यादा दिख रही थीं.

मैं उसकी चूचियों को घूरने लगा.

मुझे देख कर मैडम बोली- अरे तुम तो सिक्योरिटी गार्ड हो, क्या हुआ कैसे आए?
मैं उसकी चूचियां देखते हुए बोला- तुम यहां धंधा चलाती हो, मैं इस बात की शिकायत करूंगा.

मेरी बात सुनकर अनीषा मैडम एकदम से घबरा गई और बोली- क्या बक रहे हो? इधर ऐसा कुछ नहीं होता है. तुमसे किसने कहा?
मैं उसकी उठी हुई चूचियों को बदस्तूर ताड़ते हुए बोला- मुझे सब पता चल गया है मैडम … मुझसे झूठ नहीं चलेगा.

मेरी नजरों को शायद अनीषा मैडम ने समझ लिया था और वो मेरी धमकी से भी घबराई हुई थी.

लेकिन साली पूरी रांड थी इसलिए मुझे पटाते हुए बोली- देखो, तुम ये बात किसी से मत बोलना और न ही चेयरमैन से कुछ कहना. वर्ना मुझे ये जगह खाली करना पड़ेगी. फिलहाल मुझे यह जगह ठीक लग रही है क्योंकि यहां कोई रहता भी नहीं है और बिल्डिंग भी नई है. तुम परेशान मत हो मैं तुम्हें हर तरह से खुश रखूंगी.

उसकी बात सुनकर मैं बोला- ठीक है, लेकिन मुझे तुम कैसे खुश रखोगी और क्या मिलेगा?
तब अनीषा मैडम बोली- मैं तुम्हें पैसे भी दे दिया करूंगी.

मैं बोला- पैसे तो ठीक है, लेकिन मुझे माल भी पेलना है. मैं यहां अकेला रहता हूँ. मेरी 24 घंटे की ड्यूटी है. मैं ड्यूटी के चक्कर में गांव नहीं जा पाता हूँ. मुझे बहुत तलब लगती है.
ये कह कर मैं लंड को सहलाने लगा.

अनीषा मैडम समझ गई कि मुझे फ्री चुदाई चाहिए. वो बोली- ठीक है. कल मुझे फोन पर बता देना, कौन सी आइटम पसन्द है. मैं उसे रोक लूंगी और तुम मेरे फोन के बाद इधर आ जाना.

मैं अनीषा मैडम की बात से सहमत हो गया.

वैसे तो मैं आज ही अनीषा मैडम के ऊपर चढ़ना चाहता था. मगर उसके यहां आने वाली लौंडियां भी मुझे ज्यादा मस्त लगती थीं.
तो मैंने सोचा कि कल पहले एकाध को चोद कर लंड की भूख शांत कर लेता हूँ, फिर इस अनीषा की तो मां की चुत … साली को चाहे जब पटक कर चोद दूंगा.

मैं अपने केबिन में चला आया और दूसरे दिन का इंतजार करते हुए सो गया.

अब दूसरे दिन लड़कियां आईं और मैं उनको देखने लगा. वैसे सभी कंटाप माल थीं. पर मुझे एक हिलते हुए दूध वाली फंटिया भा गयी.

मैंने अनीषा मैडम को फोन पर बता दिया कि लाल टी-शर्ट जींस वाली लौंडिया मुझे आज अपने नीचे चाहिए.
मैडम ने कहा- ठीक है.

मैंने रात होने का इंतजार किया और शाम को अपने तय समय पर उस लड़की को छोड़ कर सभी एक एक करके चली गईं.

उन सभी के जाने के बाद 9 बजते ही अनीषा मैडम का फोन आ गया.
मैं उनके रूम पर आ गया.

मुझे देखते हुए अनीषा मैडम बोली- आ गया … चल आ जा.

मैडम ने उस लड़की को आवाज दी और उससे बोली- रेहाना तू आज इसे खुश कर दे. ये हमारा रात भर का मेहमान है.

वो रेहाना से कहने के बाद मुझसे अन्दर रूम में जाने के लिए बोली.

मैं उस रूम में गया.

मेरे कमरे में आने के बाद रेहाना आ गई. वो लगभग बीस साल की लड़की होगी.
वो मेरे बाजू में बैठ गई.

मैं उसके पास को सरक आया और उसे किस करने लगा.
वो भी मुझे किस दे रही थी.

फिर हम दोनों ने कपड़े उतार दिए और मैं उसकी टांगें खोल कर उसकी नमकीन चूत को चाटने लगा.
मेरा लम्बा लंड एकदम से हिनहिनाने लगा था.

रेहाना ने मेरे हब्शी लंड को देखा, तो वो खुश हो गई.
मैंने उसे इशारा किया तो उसने अपने हाथ में मेरा लंड थाम लिया.

कुछ देर तक उसने मेरे लंड को चूसा और बोली- चल मेरे ऊपर चढ़ जा.

उसकी रंडी जैसे भाषा सुनकर मैं गर्मा गया और फ्री चुदाई करने उसके ऊपर चढ़ गया.
मेरा लंड उसकी फुद्दी से रगड़ खाने लगा.

उसने अपने हाथ से लौड़े को चुत पर सैट किया और गांड उठा दी. इधर मैंने भी लंड को धक्का मारा तो मेरा मोटा लंड उस रांड की चुत में घुस गया.

वो एक हल्की सी आह करते हुए बोली- धीरे पेल, तेरा बहुत बड़ा है.
मैंने कहा- क्यों अभी तक इतना बड़ा लंड चुत में नहीं लिया है क्या?

वो बोली- तेरे बराबर का सिर्फ एक ही आया था और वो भी काफी दिन पहले चढ़ा था.
मैंने कहा- अब जब भी तेरा मन हो तो मेरा लंड तेरी चुत के लिए हाजिर रहेगा.

वो खुश हो गई.

तभी मैंने उसकी चुत की गहराई में पूरा लंड पेल दिया और धकाधक चुदाई करने लगा.

वो अपनी दोनों टांगें हवा में उठाए चुत चुदाई का मजा ले रही थी. मैं उसके दूध चूसता हुआ उसकी चुत को भोसड़ा बनाने के जैसे झटके मार रहा था.
वो बस सिसिया कर चुदाई का मजा ले रही थी.

मैंने उससे पूछा- आज कितने लंड खाए?
वो बोली- आज तू तीसरा है. साले कॉलेज के लौंडे थे भैन के लौड़े … फुच्छ फुच्छ करके निकल गए … मेरी चुत की झांट भी टेड़ी नहीं कर पाए. इसीलिए तो तेरे अंग से मजा आ रहा है.

मैं उसकी बात सुनकर उसे ताबड़तोड़ चोदना शुरू कर दिया.
काफी देर बाद रेहाना झड़ गयी और मैं भी निकल गया.

हालांकि मुझे रेहाना के ढीले मम्मों साथ इतना ज्यादा मजा नहीं आ रहा था, साली कपड़ों में तो बड़ी मस्त माल लग ही थी. लेकिन उसके दूध ढीले पोले थे.

फ्री चुदाई का प्रोग्राम जल्दी खत्म हो गया था. वो मेरे नीचे से हट कर बाथरूम में चली गई और मैं पलंग कि चादर लपेट कर बाहर आ गया.

अनीषा मैडम मेरे नंगी छाती को देख कर वासना से बोली- क्यों हो गया … बस इतना ही मजा लेना था. तुमने नहीं किया या उसने दी नहीं.
मैं बोला- नहीं ऐसा कुछ नहीं है. मुझे उसके ढीले मम्मे पसंद नहीं आए.
अनीषा मैडम बोली- चल फिर कल दूसरी देख लेना.

मैंने अनीषा मैडम के दूध देखे और मुस्कुरा दिया.
वो कुछ नहीं बोली.

तो मैं भी अपने कपड़े पहन कर नीचे आ गया.

दूसरे दिन मैंने अनीषा मैडम को फोन किया और बोला- आज तुम कोई मेरे उम्र की माल रोक लेना या बुला लेना.

इस पर अनीषा मैडम बोली- ठीक है, मैं समझ गयी. तू रात में आ जाना.

लगभग रात 8 बजे अनीषा नीचे केबिन में आयी और मुझसे बोली- मैं बाहर जा रही हूँ. ऊपर रूम में यास्मीन है, चला जा. मैं उससे बोल कर आयी हूँ कि तू आएगा.

मैं 9 बजे बिल्डिंग के कंपाउंड का गेट बंद करके अनीषा मैडम के फ्लैट में आ गया.
मैंने देखा तो यास्मीन लगभग 35 साल की एक भरी पूरी रांड थी. उसका फिगर 36-34-38 का रहा होगा.

मैं रूम में गया और बोला- अनीषा मैडम ने मुझे आने को बोला था.
यास्मीन बोली- हां पता है. चल अन्दर कमरे में जा, मैं आती हूँ.

मैं रूम में गया और यास्मीन के आने का वेट करने लगा. वो एक मिनट बाद आ गई.

मैंने उसे बाजू में बैठा लिया और किस करने लगा.
यास्मीन भी किस करने लगी.

दस मिनट तक किसिंग की, फिर मैंने यास्मीन से पूछा- तू कब से इस धंधे में है?
यास्मीन मेरा लंड हिलाते हुए बोली- दो साल से.

मैं बोला- क्यों करती है?
वो बोली- मैं विधवा हूँ मेरे दो बच्चे हैं. घर चलाने के लिए ये काम करती हूँ.
मैं बोला- दूसरी शादी कर लेती.
वो बोली- कौन करेगा, मेरे दो बच्चे हैं और मैं गरीब घर से हूँ. घर वालों ने एक बार शादी तो मुश्किल से कर पाई थी.

मैं बोला- अगर मैं तेरे साथ शादी करूं, तो करेगी?
यास्मीन मुझे देखते हुए बोली- तुम तो शादीशुदा होगे.

मैं बोला- देख मेरी बीवी गांव में है और मुझे मजे भी नहीं देती, घरवालों ने करा दी थी. मैं यहां रहता हूँ, तुझे एक लंड मिल जाएगा और तेरा सहारा भी.
वो बोली- मेरे दो बच्चे हैं.

मैं बोला- तो उन्हें भी तो बाप मिल जाएगा.
वो बोली- अनीषा मैडम?

मैं बोला- तू उस हरामजादी की चिंता मत कर. तू बस मुझसे शादी कर ले, उसके बाद मैं सब देख लूंगा.
वो बोली- चल पहले तेरा दम देखती हूँ.

मैंने कहा- मेरे अन्दर दम तो तेरी चुत के चीथड़े उड़ाने का है.
वो हंस दी.

इसके बाद वो मेरा लंड अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी. मैं उसके मम्मों को मसल रहा था. मैं उसके बड़े बड़े सख्त से मम्मों पर हाथ से मार भी रहा था.

मैं बोला- सच में तेरे मम्मे बड़े मस्त हैं यास्मीन! कल वाली रेहाना के मम्मे तो साले सड़े आम से थे.
वो हंस पड़ी.

मैं उसकी दोनों चूचियों को बरी बारी से चूसने लगा.

मैंने उससे पूछा- तेरे बच्चों की उम्र क्या है?
वो बोली- दोनों बेटियां ही हैं. कुछ ही समय में वो भी जवान हो जाएंगी.

मैंने पूछा- तो क्या उन दोनों को भी धंधे में लाएगी.
यास्मीन बोली- सील तुड़वाने के काफी पैसे मिलते हैं. उनको इस धंधे में लाऊंगी. एकाध साल में पैसा बन जाएगा तो फिर आगे का सोचूँगी.
मैं बोला- ठीक है.

मैंने लंड निकाला और उससे पूछा- मेरा लंड कैसा है?
यास्मीन बोली- बहुत मस्त और बड़ा है … मुझे तेरा बड़ा लंड पसंद आ गया है.

वो मेरे लंड को चूसने लगी. मैं यास्मीन की चूत में उंगली डाल रहा था.

फिर 15 मिनट बाद हम 69 में आ गए. यास्मीन मेरा लौड़ा चूस रही थी और मैं उसकी चुत चाट रहा था.

कुछ देर बाद हम दोनों एक बार झड़ गए.

इसके बाद मैंने एक सिगरेट जलाई, तो यास्मीन ने मेरे हाथ से सिगरेट ले ली और दो कश मार कर मुझे दे दी.

मैंने उससे कहा- अब चुदाई का नम्बर आ गया.
वो चुत घिसते हुए बोली- हां, अब चढ़ जा.

मैंने यास्मीन से बोला- चल पहले थोड़ा सा हिला और चूस दे.
उसने दो मिनट में लंड खड़ा कर दिया.

मैंने यास्मीन को सीधा लेटा दिया और उसकी दोनों टांगें चौड़ी करके उसकी चूत में लंड पेल दिया.

यास्मीन- आ आह … मर गई … तेरा जिस्म बहुत बड़ा है आह … धीरे पेल.

वो चीख रही थी और मैं जोर जोर से यास्मीन की चुत पेल रहा था.

लगभग 20 मिनट बाद मेरे लंड का पानी यास्मीन की चुत में निकल गया और उसके ऊपर ही गिर गया.

चुदाई के बाद हम दोनों लेट कर बातें करने लगे.

यास्मीन मेरी चुदाई से काफी खुश थी.

उस रात मैंने 5 बार यास्मीन की फ्री चुदाई का मजा लिया और उधर ही सो गया.

दूसरे दिन जब अनीषा मैडम वापस आई, तो मैंने उससे यास्मीन के साथ शादी की बात की.

अनीषा मैडम नहीं मान रही थी.

मैं बोला- देखो अगर मैंने यास्मीन से शादी की, तो फायदा तुमको ही होगा.
अनीषा बोली- वो कैसे?

मैं बोला- उसकी 2 बेटियां हैं और वो दोनों आपके ही काम आएंगी.
तब अनीषा बोली- बात तो सही है … साला तू बड़ा हरामखोर है.

वो मान गयी और मैंने यास्मीन से शादी कर ली. अब मैं यास्मीन की चुत रोज पेलता हूँ और यास्मीन की दोनों जवान बेटियों पर भी मेरी नजर थी.
रंडियां बन जाने के बाद एकाध दिन मौक़ा पाते ही उन दोनों की चुत भी मैं चोद लूंगा.

फ्रेंड्स, आपको मेरी फ्री चुदाई कहानी कैसी लगी. मुझे मेल से बताएं.
मेरी ईमेल आईडी है [email protected]

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