विधवा देहाती मां की चूत चुदाई- 3

विधवा देहाती मां की चूत चुदाई- 3


फ्री मॉम सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी चुदासी माँ को मैंने सेक्सी ब्लू फिल्म दिखा कर उसे गांड चुदाई और ओरल सेक्स करने को राजी किया.
हैलो फ्रेंड्स, मैं पंकज यादव आपको अपनी देहाती विधवा मां की चुत चुदाई की कहानी में फिर से ले चलता हूँ.
फ्री मॉम सेक्स कहानी के पिछले भाग
मेरी गंवार माँ को चुदाई का चस्का लग गया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपनी मां को ब्लू-फिल्म दिखा कर गर्म कर रहा था.
अब आगे फ्री मॉम सेक्स कहानी:
मैंने अपनी गर्म हो चुकी मां का हाथ अपने लंड पर रख दिया. मां मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही सहला रही थीं.
मेरा लंड खड़ा होने लगा तो मैंने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया और मां के हाथों में दे दिया.
मां नंगी फिल्म देखती हुई मेरा लंड हिलाने लगीं.
मुझे भी मजा आने लगा.
मां ने मेरा पानी निकाल दिया था.
फिर जब ब्लू फिल्म खत्म हुई तो मैंने अपना लंड साफ किया.
मां ने भी अपने कपड़े सही किए और हम दोनों वहां से निकल गए.
मां मुझसे रास्ते में बोलने लगीं- बेटा, गांड में हथियार लेने पर दर्द तो नहीं होगा ना!
तो मैंने बोला- मां आप डरो मत … मैं आपको प्यार से करूंगा, दर्द नहीं दूंगा.
फिर हमने खाना खाया, थोड़ा बहुत घूमे-फिरे और शाम को वापस घर आ गए.

घर आकर मां ने अपना सबसे पहले ब्लाउज खोला और बोलीं- हे भगवान! अब जाकर मेरे दूध आजाद हुए, कितने समय से आजाद होने का रास्ता देख रहे थे.
मैंने पीछे से जाकर मां को पकड़ लिया और उनके कंधों पर चुम्मा देने लगा.
मां ने बोला- अरे बेटा तू तो वापस से तैयार हो गया, मैं तो बहुत थक गई हूं. अभी नहीं कर पाऊंगी. नहा धोकर थोड़ा आराम कर लें, फिर करेंगे.
मैंने भी मां से ज्यादा जोर जबर नहीं की.
मां नहाने बाथरूम में चली गईं, मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया. वहां हम दोनों साथ में नहाए.
फिर थोड़ी देर के लिए हम दोनों लेट गए.
हमारी आंख लग गई.
करीब रात 8 बजे मेरी नींद खुली तो देखा मां मेरे पास नहीं थीं.
मैंने मां को आवाज लगाई तो मां ने रसोई से आवाज दी- खाना बना रही हूँ बेटा.
मैं रसोई में गया तो देखा कि मां वहां नंगी खड़ी होकर खाना बना रही थीं. मैंने मां को पीछे से जाकर पकड़ लिया.
मां मुझसे बोलने लगीं- खाना तो बना लेने दे, उसके बाद जो करना है, कर लेना बेटा.
मैं- आज पूरी रात मजा करेंगे मां, जल्दी से खाना बना लो, मैं जरा दुकान से कुछ सामान लेकर आता हूँ.
फिर मैंने अपने कपड़े पहने और बाहर चला गया.
दस मिनट बाद मैं वापस लौट आया.
मां ने खाना बना लिया था.
मैंने अपनी जेब से एक कंडोम का पैकेट और साथ ही सेक्स की गोली टेबल पर रख दी.
ये सब मैं अभी दुकान से लाया था.
हम दोनों ने खाना खाया, उसके बाद मां ने बर्तन साफ़ किए और मेरे पास आकर बैठ गईं.
मैं- मां ये सेक्स की गोली है, इसे दूध के साथ पीने पर हमें रात भर मजा आएगा, आप दूध ले आओ.
मां जाकर दूध ले आईं. फिर मैंने एक गोली मां को खिलायी और एक गोली खुद खा ली.
उसके बाद मैं मां से चुम्मा-चाटी करने लगा.
मां भी मेरा साथ दे रही थीं.
मैं मां के दूध को अपने दोनों हाथों में ले मसलने लगा और उन्हें पीने लगा.
मां बस अपनी आंखें बंद कर मजा ले रही थीं.
मैंने मां की टांगों को फैलाया और उनकी चूत पर चुम्मा देने लगा.
मैं अपनी जीभ से मां की चूत चाटने लगा.
मां- अआह हहहह उम्म …
मैंने अपनी जीभ मां की चूत में डाल दी और चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा.
मां भी टांगें फैला कर मेरा साथ देने लगीं.
कुछ ही देर में मां ने अपना पानी छोड़ दिया जिसे मैंने पी लिया.
मां की चूत का पानी बहुत खारा था मगर स्वादिष्ट था.
अब मैं अपना लंड मां के मुँह में देने लगा.
पहले तो मां मेरा लंड मुँह में लेने से मना करने लगीं पर मेरे थोड़ा ज़ोर देने पर वो मान गईं.
मैं मां के बालों को पकड़ उनके मुँह को चोदने लगा.
मेरा लंड मां के गले तक जा रहा था.
मां मेरा लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगीं पर मैं नहीं माना और उनके मुँह को चोदता रहा.
कुछ देर बाद मैंने अपना माल मां के मुँह में ही गिरा दिया पर मां ने मेरा माल थूक दिया.
मैंने अपने लंड को मां के हाथों में दे दिया जिसे मां ने हिला कर वापस खड़ा कर दिया.
तब मैंने कंडोम का पैकेट खोल अपने लंड पर कंडोम को चढ़ा लिया और लेट गया.
मैंने मां को अपने लंड पर बैठने को बोला … मेरी मां ने वैसा ही किया.
मेरा लंड मां की चूत में जाते ही मां को मानो तृप्ति मिल गयी थी.
मैंने मां को गांड ऊपर नीचे करने को बोला और मां ने वैसा ही किया.
अब मैं मां को नहीं बल्कि मां मुझे चोदने लगी थीं.
इस पोजीशन में हमने 10 मिनट तक चुदाई की.
उसके बाद मैंने मां को कुतिया बना दिया और पीछे से उनकी चूत में लंड पेला कर उनको चोदा.
उसके बाद दीवार के सहारे मां को खड़ा करके उनका एक पैर मैंने अपने हाथ में ले लिया और उनको चोदने लगा.
ऐसे ही अलग अलग पोजीशन में मैंने मां को करीब एक घंटे तक चोदा.
हम दोनों पसीने से भीग चुके थे.
मां की चूत रस छोड़ चुकी थी पर मेरा लंड फिर भी उनको चोदे जा रहा था.
मां- बेटा अब मैं थक गई हूं … तेरा हथियार कब अपना माल निकालेगा?
जैसे ही मां ने एक बार और पानी छोड़ा, मैंने अपना बाहर निकाला और कंडोम निकाल लंड को मां के मुँह पर रख हिलाने लगा.
पांच मिनट हिलाने के बाद मेरे लंड अपनी पिचकारी की धार मेरे मां के मुँह पर मारी और शांत हो गया.
मैं भी बहुत थक चुका था तो मां के बगल में लेट गया.
थोड़ी देर बाद हम दोनों की ही आंख लग गई परन्तु अभी चुदाई का खेल बाकी था.
करीब 1 बजे मेरी आंख खुली और मैं मां के मम्मों से खेलने लगा जिससे मां की नींद भी खुल गयी.
इस बार मुझे मां की गांड मारनी थी तो मैंने मां को उल्टा लेटाया और उनकी गांड पर अपनी जीभ से चाटने लगा.
मैंने धीरे से अपनी जीभ को गांड के अन्दर डालनी चाही मगर गांड इतनी टाइट थी कि जीभ अन्दर नहीं जा पा रही थी.
तब मैंने तेल की बोतल ली और मां की गांड में तेल लगाने लगा.
फिर मैंने अपनी उंगली पर तेल लगा कर उसे गांड के अन्दर डालना चाहा तो मां चीख पड़ीं.
धीरे धीरे मां को मेरी एक उंगली से मजा आने लगा.
ऐसे ही मैंने पहले दो, फिर अपनी तीन उंगलियों को गांड के अन्दर डाल कर चलाया और मां की गांड का छेद थोड़ा खोल दिया.
इसके बाद मैंने अपना लंड मां के मुँह में दे दिया और मां ने उसे चूस कर खड़ा कर दिया.
मैंने लंड पर कंडोम चढ़ाया और खूब सारा तेल लगा लिया.
मां की गांड को मैंने तेल से भर दी और अपने लंड को मां की गांड पर मसलने लगा. मां को इसमें मजा आ रहा था.
फिर मैंने अपने लंड का सुपारा गांड में डालने की कोशिश की पर लंड अन्दर नहीं जा रहा था.
मां को दर्द भी हो रहा था. मां की चीख जोर से नहीं आए, इसलिए मैंने मां की चड्डी उनके मुँह में डाल दी.
मैंने फिर से लंड गांड में डालने की कोशिश की.
एक हाथ से मां के चूतड़ को खोला और दूसरे हाथ से लंड को अन्दर डालने लगा.
मेरा सुपारा जैसे ही गांड के अन्दर गया, मां को बहुत दर्द हुआ और वो तड़पने लगीं.
पर मैंने उनके मुँह में चड्डी डाल रखी थी … तो उनकी चीख जोर से नहीं निकल पा रही थी.
मां मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं … पर मैं मां को पकड़े रहा और धीरे धीरे लंड को अन्दर डालता रहा.
जैसे ही मेरा पूरा लंड गांड में चला गया, मैं वैसे ही थोड़ी देर रुका रहा.
मां की हालत बहुत खराब हो गयी थी उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे और गांड की सील टूटने की वजह से गांड से खून भी निकल रहा था.
जब मां का दर्द थोड़ा कम हुआ, तो मैंने धीरे धीरे धक्के मारना चालू कर दिए.
पहले तो मुझे धक्के मारने में थोड़ी परेशानी हुई पर जब मेरा लंड गांड से अच्छे से सैट हो गया … तो मां को भी मजा आने लगा.
मुझे भी मजा आने लगा था.
कुछ देर तक मैंने मां को घोड़ी बनाकर उनकी गांड मारी.
ऐसे ही हमारी चुदाई काफी देर तक चलती रही.
फिर मैं मां की गांड में ही झड़ गया.
हमें गांड चुदाई में बहुत मजा आया था.
मैं अपने लंड को ऐसे ही मां की गांड में डाल कर सो गया.
सुबह हमारी नींद खुली तो मैंने जब अपने लंड गांड से बाहर निकाला तो देखा बिस्तर पर खून दिख रहा था.
मां की गांड पर भी खून लगा था. मां की गांड एकदम सूज चुकी थी. मां से चलना भी नहीं हो पा रहा था.
मैंने मां को गोदी में उठाया और बाथरूम में ले गया.
वहां हम दोनों नहाए.
फिर मैंने मां की गांड पर क्रीम लगायी और उन्हें दर्द की गोली दी.
मैं कारखाने के लिए निकल गया.
अब तो हर रात मैं मां को चोदने लगा और मां भी मेरा साथ देती थीं.
कुछ दिनों बाद मेरी बड़ी बहन सुमन का कॉल आया कि वो मां से मिलने के लिए आ रही हैं और 6-7 दिन यहीं रुकेंगी.
ये सुन कर हम मां बेटे बहुत परेशान हो गए थे क्योंकि अब हमे कुछ दिनों तक चुदाई करने को नहीं मिलेगी.
मां ने मुझे समझाया- बेटा तू परेशान ना हो, मैं रात को तेरे पास छत पर आ जाऊंगी.
ये सुन मुझे थोड़ी राहत मिली.
फिर सुमन जब आयी तो वो और मां नीचे कमरे में सोते और मैं ऊपर छत पर.
सुमन के सोने के बाद मां ऊपर मेरे पास आ जातीं और हम दोनों चुदाई करते.
पर इस चुदाई में वो मजा नहीं आता था क्योंकि ना हम खुल कर चुदाई कर पाते थे … और ना ही मजा ले पाते थे.
दो दिन तो ऐसे ही चला, फिर मां ने मुझसे कहा- बेटा, मेरा महीना अब आने वाला है, तो हम कुछ दिन चुदाई नहीं कर पाएंगे.
ये सुन मैं बहुत दुखी हुआ क्योंकि पहले ही तो चुदाई सही से नहीं हो रही थी और अब तो जो समस्या सामने आ गई थी, उससे वो भी नहीं हो पाएगी.
मां मुझे उदास देख बोलीं- बेटा तू चिंता मत का … मैं रात में आ कर तेरा हथियार अपने हाथों से शांत कर दिया करूंगी.
पर मुझे हाथों का नहीं चूत और गांड का मजा चाहिए था.
अगले दिन मां मुझे थोड़ी परेशान सी लगीं.
मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने बात को टाल दिया.
अब 3-4 दिन हो गए परन्तु मां की परेशानी बढ़ती जा रही थी.
रात में जब मैरे पास आईं, तो मैंने पूछा- क्या हुआ है मां? आप मुझे कुछ दिनों से परेशान लग रही हो.
तब मां ने बोला- परेशानी वाली बात है बेटा, इस बार मेरा महीना ही नहीं आया, कहीं मेरे पेट में बच्चा तो नहीं ठहर गया?
ये सुन मैं बोला- ये तो अच्छी बात है मां, ये हमारे प्यार की निशानी है, आप परेशान क्यों है?
तो मां बोली- अगर बात हमारी होती … तो मैं बहुत खुश होती, पर अगर ये बात तेरी बहन के ससुराल वालों को बता चली … तो उसका क्या होगा, मुझे ये ही चिंता खाये जा रही है!
ये सुन मैं भी परेशान हो गया, फिर मैंने मां से बोला- अब आप ही बताओ, क्या किया जाए!
तो मां बोलीं- हमें कल ही हॉस्पिटल जाकर डॉक्टर से बात करनी होगी, अगर बच्चा ठहरा है … तो इसका कुछ करना होगा. क्योंकि मैं अपनी खुशी के लिए अपनी बेटी की खुशियां नहीं छीन सकती हूं.
मैंने भी मां की हां में हां मिला दी, मैं भी अगले दिन कारखाने से जल्दी आ गया और मां को हॉस्पिटल ले गया.
डॉक्टर ने जाँच की और अगले दिन रिपोर्ट का बोला.
हम वापस आ गए, तो घर पर सुमन दीदी हमसे पूछने लगीं- क्या हुआ है मां को, हॉस्पिटल में देख कर क्या बोले डॉक्टर?
तो मां ने बोला- कुछ नहीं बेटा, डॉक्टर ने बस कमज़ोरी बताई है और बोला है कि 2-3 दिन में मैं ठीक हो जाऊंगी.
अगले दिन मैं कारखाने से आते समय मां की रिपोर्ट ले आया, जिसमें लिखा था कि मां पेट से हैं.
ये सुन कर मां बोलने लगीं- हमें जल्दी ही इसका कुछ करना होगा.
मैं- हां मां, मैंने डॉक्टर से बात कर ली है … उन्होंने ये गोलियां दी हैं. इससे सब ठीक हो जाएगा. सुमन दीदी के जाने के बाद आपके बच्चे नहीं होने का ऑपरेशन भी करवा लेंगे.
अब सब कुछ अच्छा हो गया.
मां के ऑपरेशन के बाद हम बिना किसी डर के चुदाई करते रहे.
मुझे तरक्की भी मिल गयी.
उसके बाद हमने एक बड़ा घर भी ले लिया. मेरी मां ने मेरी शादी करा दी, पर शादी के बाद भी हम मां बेटे की चुदाई चालू रही.
अब मुझे अपनी बीवी से एक बच्चा भी हो गया है, हम सब बहुत खुश हैं.
दोस्तो, ये थी मेरी फ्री मॉम सेक्स कहानी. आप सबको कैसी लगी …. जरूर बताएं.
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