ग्रुप सेक्स प्ले स्टोरी में पढ़ें कि मैंने अपने भाई की कमसिन गर्लफ्रेंड को भी अपने सेक्स के खेल में शामिल करने के इरादे से उसे अपने घर बुलाया तो क्या हुआ?
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दोस्तो! मैं अंजलि फ़िर से एक बार अपनी कहानी का अगला हिस्सा लेकर उपस्थित हूं।
कहानी के पिछले भाग
भाई की मदद से सेक्स भरा बदला लिया
में मैंने बताया था कि किस तरह मैंने तपिश और निधि से बदला लिया और उनको अगले दिन लंच पर बुलाया और यश ने भी नेहा को बुलाने का प्रोमिस किया।
अब आगे ग्रुप सेक्स प्ले स्टोरी:
अगले दिन सुबह मैंने मम्मी को कहा कि आज तपिश और निधि लंच पर आयेंगे।
यश ने भी मम्मी से कहा- मेरी भी फ्रेंड नेहा आयेगी।
मम्मी ने कहा- मैं इतना खाना नहीं बना सकती।
तो मेरी बहन श्वेता ने कहा- मम्मी हम सब हेल्प करेंगे।
मम्मी ने कहा- अच्छा ठीक है। मैं बनाती हूं। श्वेता किचन में मेरी हेल्प करना।
11 बजे से मम्मी और श्वेता किचन में खाना बनाने में लग गई।
मम्मी ने बटर चिकन, छोले, चावल और नान बनाई और साथ में सलाद और अचार भी रखा।
ठीक दो बजे बेल बजी और मैंने दरवाजा खोला।
तपिश और निधि थे।
वो अंदर आये।
मैंने मम्मी को आवाज दी तो वो और श्वेता किचन से बाहर आयी।
मम्मी पसीने से भरी थी। वो गाउन में थी और हमेशा की तरह उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना था।
उनका गाउन उनके चूचों से चिपक गया था और उनके बड़े बड़े निप्पल गाउन को फाड़कर बाहर आने को तैयार थे।
मैंने देखा तपिश उनके निप्पल को ही देख रहा था।
तब मैंने जल्दी से मम्मी को तपिश का परिचय कराया और कहा- मम्मी आप जाकर तैयार हो जाओ और तब तक हम डायनिंग टेबल पर लगाते हैं।
मम्मी ‘ठीक है’ कहकर अपने रूम में चली गई।
तब श्वेता ने कहा- मैं भी तैयार होकर आती हूं।
तभी बेल बजी।
यश ने दरवाजा खोला, नेहा आई थी।
वो अंदर आई।
नेहा छोटी सी लगती है। वो करीब पांच फुट एक इंच की होगी।
फिगर 32-26-32 होगी।
मैंने उसका परिचय निधि और तपिश से कराया।
तब यश और नेहा ड्रॉइंग रूम में जाकर बैठ गये।
नेहा ने फ्राक पहनी थी।
मैंने आज एक घुटने तक टाइट मिडी पहनी थी। अंदर ब्रा नहीं थी पर पैन्टी पहनी थी।
यश ने अपनी बरमुड़ा और टी शर्ट पहनी थी।
तपिश ने भी ऐसा ही पहना था।
पर निधि आज अलग पहना था। निधि ने श्रेडड जीन्स पहनी थी और जीन्स इतनी फटा हुई थी कि उसकी पूरी थाई दिख रही थी।
ऊपर नूडल टी शर्ट थी जो उसने नीचे से बांधी थी और ब्रा तो पहनी ही नहीं थी।
मैं, निधि और तपिश किचन में आ गये।
तपिश ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरी चूची दबाने लगा और बोला- यार तेरी मां की चूचियां तो तेरे से बड़ी लगती हैं।
मैंने कहा- क्यों तेरी मां की चूचियां बड़ी नहीं हैं?
उसने कहा- नहीं यार, मेरी मां की चूचियां तो बहुत छोटी हैं। पर निधि की मां की तो 40 साईज की हैं पर वो हाथ ही नहीं लगाने देती है।
वो मेरी चूचियां बहुत जोर से दबा रहा था.
मैंने कहा- इनको छोड़ क्योंकि आज तेरा खड़ा हो गया तो बेकार में तड़पता रहेगा।
उसने मुझे छोड़ दिया।
मैं निधि के पास आई और उसकी चूत लगाया और पूछा- तेरी मुनिया के क्या हाल हैं?
तो वो बोली- उई मां … अभी भी सूजी हुई है।
मैं हसने लगी।
फिर हम लोगों ने डायनिंग टेबल पर खाना लगा दिया।
हमारी डायनिंग टेबल 8 सीटर थी तो हम सब एक साथ बैठकर खा सकते थे।
हम लोग मम्मी और श्वेता का इंतजार करने लगे।
थोड़ी देर में मम्मी और श्वेता अपने अपने रूम से बाहर आ गये।
मम्मी पैन्ट और लूज टी शर्ट पहन कर आयीं और हर बार की तरह ब्रा नहीं पहनी थी।
श्वेता ने शॉर्ट्स और स्लीवलैस टॉप पहना था।
हम सब लोग डायनिंग टेबल के चारों तरफ बैठकर खाना खाने लगे।
तपिश ने खाते हुये कहा- बटर चिकन बड़ा टेस्टी है।
मैंने कहा- मम्मी ने बनाया है।
तपिश ने कहा- आंटी आप जितनी सुंदर, उतना ही बढ़िया खाना भी बनाती हैं।
मम्मी ने थैंक्स कहा और कहा अंजलि के हाथ का चाइनीज खाओगे तो तुम मेरा खाना भूल जाओगे।
तपिश ने कहा- अंजलि के हुनर के तो हम वैसे ही कायल हैं।
तब तपिश ने पूछा- आंटी आप क्या करती हैं?
श्वेता ने बीच में बोला- मम्मी अमेरिका की कंपनी में कन्सल्टेंट हैं।
तपिश ने श्वेता से पूछा- और आप क्या करती हैं?
श्वेता ने कहा- मैं पेन स्टेट यूनिवर्सिटी में लिटरेचर की पढ़ाई कर रही हूं।
तपिश ने नेहा से पूछा- और आप क्या करती हैं?
नेहा ने कहा- मैं यश के साथ उसी की क्लास में हूं। साइंस स्ट्रीम कर रही हूं।
फिर हम सबने खाना खाया और डायनिंग टेबल साफ़ करी।
तब मम्मी ने सब को आइस क्रीम दी।
तपिश ने कहा- आइसक्रीम तो अंजलि को हमारे यहां बहुत पसंद आई थी।
मैं उसका मतलब समझ गई थी।
मम्मी ने पूछा- ऐसी कौन सी आइसक्रीम थी?
निधि ने जवाब दिया- आंटी तपिश ने कुछ स्पेशल आइसक्रीम बनाई थी।
मम्मी ने तपिश से कहा- कभी हमें भी खिलाओ।
तपिश ने कहा- हां आंटी, कभी मौका मिला तो ज़रूर खिलाता हूं।
मैंने तपिश को गुस्से से घूरा।
आइसक्रीम खाने के बाद मम्मी बोली- मैं थक गई हूं। मैं सोने जा रही हूं।
श्वेता ने भी कहा- मैं भी सोने जा रही हूं.
और दोनों अपने अपने रूम में चले गये।
हम पांचों ड्रॉइंग रूम में आकर बैठ गये।
तपिश ने अपने मोबाइल पर इंग्लिश गाने लगा दिये।
निधि और तपिश डांस करने लगे।
तपिश निधि के जिस्म छूने लगा; कभी वो निधि की चूचियां छूता और कभी चूतड़।
मैं एक्साइट हो रही थी।
मैंने नेहा को देखा तो वो भी बड़े गौर से देख रही थी।
तभी निधि ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे भी खींच लिया।
मैं भी खड़ी होकर डांस करने लगी।
तपिश मेरे बहुत करीब आकर डांस करने लगा और बार बार मेरी चूचियों और चूतड़ को छूने लगा।
मैंने यश को भी खड़ा कर दिया और वो भी डांस करने लगा।
यश निधि के चिपक गया और ये देखकर नेहा भी खड़ी होकर डांस करने लगी और यश और निधि के बीच में आ गई।
निधि भी नेहा से चिपक कर डांस करने लगी।
यश और निधि दोनों ही नेहा को जगह छू रहे थे।
कभी यश नेहा की चूची और चूतड़ छूता तो कभी निधि।
ये देखकर तपिश भी नेहा के पास गया और नेहा को छूने लगा।
पर नेहा चिढ़ गयी और सोफ़े पर बैठ गयी।
यश ने उसे बुलाने की काफी कोशिश करी पर वो नहीं आई।
तब तपिश ने म्यूजिक बंद कर दिया और नेहा को ताना मारा.
उसने यश से कहा- यश तुम तो कह रहे थे नेहा बहुत मैच्योर है पर इसकी सोच तो अभी पिछड़ी हुई है। इसको लॉलीपॉप दे दे। ये बड़ों के खेल नहीं खेल सकती।
यह सुनकर नेहा और चिढ़ गयी और बोली- मैं 19 साल की हूं और शादी कर सकती हूं।
तपिश ने उसे और छेड़ा- तुम शादी तो कर सकती हो पर सुहागरात में तो तेरा पति सूखा ही रहेगा।
यह सुनकर हम सब बहुत तेज हंसने लगे।
ये देखकर नेहा चिल्लाई- मैं कई बार सुहागरात मना चुकी हूं और तुम जो खेल कहोगे मैं सब खेल लूँगी और जीत भी लूंगी।
तब तपिश ने कहा- तो ठीक है अगले शनिवार का लंच हमारे यहां और लंच के बाद गेम्स और देखते हैं कौन जीतता है।
मैं और यश समझ गये थे कौन सा गेम।
तपिश ने सबसे पूछा- कौन कौन तैयार है?
तब सबसे पहले नेहा ने कहा- मैं तैयार हूं।
हम सबने भी हामी भर दी।
इसके बाद निधि और तपिश अपने घर चले गये।
फिर नेहा बोली- अगले शनिवार को तपिश को दिखाती हूं मैं क्या हूं। बड़ा इतराता है ना!
यश और मैं एक दूसरे को देखकर मुस्करा दिए।
अभी यश ने नेहा के होंठों पर किस किया और कहा- शांत हो जा मेरी शेरनी!
थोड़ी देर में नेहा भी अपने घर चली गई।
मैंने यश को कहा- कि मछली जाल में फंस गई!
और हम दोनों हंसने लगे।
अब शनिवार को क्या हुआ, ये मैं आपको बताती हूं।
शनिवार को मैंने मम्मी को अपने और यश के लिये खाना बनाने से मना कर दिया।
मेरे पीरियड भी खत्म हो गये थे।
मैंने एक ब्लैक टीशर्ट और मिनी स्कर्ट पहनी थी। आज मैंने एक छोटी सी ब्रा और लैस वाली पैन्टी पहनी थी।
यश ने हमेशा की तरह शॉर्ट्स और टी शर्ट पहनी थी।
करीब एक बजे बेल बजी।
मैंने दरवाजा खोला तो नेहा थी और आज वो लाल रंग की शॉर्ट मिडी पहनकर आई थी बिल्कुल टाइट … उसकी फिगर का एक एक कर्व दिख रहा था।
मैंने कहा- यार आज तो बहुत सेक्सी लग रही हो?
उसने कहा- आज तपिश को दिखाना है कि मैं कितनी बड़ी हूं। पिछली बार फ्राक में उसने मुझे छोटी समझा था।
तभी यश भी आ गया और नेहा को देखकर उसका मुंह भी खुला का खुला रह गया।
हम तीनों निधि के घर गए और यश ने बेल बजाई।
आज तपिश ने दरवाजा खोला और नेहा को देखकर वो भी हैरान हो गया।
उसने हम सब को हाय कहा और नेहा से बोला- क्या बम लग रही हो पर फिर भी तुम बच्ची ही रहोगी।
इससे नेहा ने चिढ़ कर बोला- आज जब तुमको हरा दूँगी. तब देखना बच्ची कैसे तुम्हारी मां बनती है।
ऐसा सुनकर मैं और यश हंसने लगे।
पर यश चिढ़ गया।
आज तपिश ने कपड़े पहने थे। एक बनियान और शॉर्ट्स बस!
हम अंदर गये।
तपिश और यश ड्रॉइंग रूम में चले गये और मैं और नेहा किचन में निधि के पास चले गये।
निधि ने एक झीना गाउन पहना था जिसमें उसकी लाल ब्रा और लैस वाली छोटी सी लाल पैन्टी साफ़ दिख रही थी।
मैंने कहा- क्या बात है निधि … आज तो बहुत सेक्सी कपड़े पहने हैं।
तो निधि ने कहा- यार आज गर्मी बहुत है। मेरा तो मन कुछ भी पहनने का नहीं था पर वो तो तुम लोग आने वाले थे इसलिये कुछ हल्का फुल्का पहन लिया।
निधि ने नेहा की तरफ देखा और कहा- क्या बात है नेहा, आज किसको घायल करोगी?
नेहा ने कहा- आज तो बस एक ही निशाना है … वो है तुम्हारा पति ताकि वो मुझे दोबारा बच्ची ना कह सके।
फिर हम तीनों ने मिलकर खाना डायनिंग टेबल पर लगा दिया।
उसके बाद हम सब लोग डायनिंग टेबल पर बैठकर खाना खाने लगे।
निधि और तपिश एक साथ बैठे थे और हम तीनों उनके सामने एक साथ।
नेहा मेरे और यश के बीच में बैठी थी।
तपिश लंच करते करते निधि को बार बार छेड़ रहा था।
कभी वो निधि को होंठों पर किस करता और कभी काट लेता … कभी वो निधि की चूची दबा देता और कभी निधि की जांघ पर हाथ फेरता।
हर हरकत के बाद वो नेहा को देखता ताकि वो उसे चिढ़ा सके।
नेहा भी चिढ़ रही थी और इसलिये उसने यश को किस कर लिया और उसका एक हाथ अपने दूध पर रख दिया।
यश ने उसका दूध दबा दिया।
नेहा ने यश को देखा और इशारा करके दबाने के लिये मना कर दिया।
इस तरह नोंक झोंक करते हुये हमने लंच फिनिश किया।
फिर हम सबने डायनिंग टेबल साफ़ करी और ड्रॉइंग रूम में आकर बैठ गये।
नेहा ने कहा- अब बताओ क्या बड़ों वाली गेम खेलनी है?
तपिश ने कहा- हम लोग कार्ड खेलेंगे।
नेहा ने कहा- कार्ड में तो मुझे कोई नहीं हरा सकता।
तपिश ने कहा- पहले गेम तो समझ लो।
मैंने कहा- अच्छा बताओ?
तपिश ने कहा- हम सब को एक एक कार्ड देंगे और सब एक साथ ओपन करेंगे। जिसका सबसे बड़ा कार्ड होगा वो जीत जाएगा और जिसका सबसे छोटा कार्ड होगा वो हार जाएगा।
मैंने कहा- ठीक है।
तब उसने कहा- इसमें एक ट्विस्ट है कि जीतने वाला हारने वाले कुछ भी करने को कहेगा तो हारने वाले को करना पड़ेगा. और अगर वो मना करता है तो सब मिलकर उस पर पेनल्टी लगाएंगे और उसे वो पेनल्टी झेलनी पड़ेगी। अगर सब को मंजूर है तो ठीक … नहीं तो बच्चे लोग जा सकते हैं।
सबसे पहले नेहा बोली- मुझे मंजूर है.
और बोली- क्या बच्चा बच्चा लगा रखा है?
तपिश बोला- अभी गेम में पता चल जायेगा कि कौन बच्चा है।
हम सब ने भी हामी भर दी।
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