भोजपुरी भाभी की चुदाई का मजा लिया मैंने … घर के बगल में रहने वाली भाभी को ब्लू फिल्म दिखाकर पटाया और उसे सेक्स के लिए राजी किया.
दोस्तो, मैं प्रवीण प्रजापति बिहार के एक छोटे से गांव से हूं. आप सभी को मेरा नमस्कार.
मैं इस साइट पर 2015 से कहानी पढ़ रहा हूं और हर रोज मुठ मारता हूं.
ये मेरी कल्पनाएं हैं भोजपुरी भाभी की चुदाई का मजा लेने की … जो मैं आपके साथ शेयर करना चाहता हूं.
मैं 19 साल का जवान लौंडा हूं, मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है. मैं अपने गांव का सबसे सेक्सी लड़का हूं और मेरा लंड 7 इंच लम्बा व 2.5 इंच मोटा है.
मेरे पड़ोस में लगभग सब औरतें मेरी भाभी ही लगती हैं.
लेकिन उनमें से एक भाभी मुझे बहुत सेक्सी और सेक्स की भूखी लगने लगी थीं क्योंकि उनके पति लॉकडाउन हो जाने के कारण घर पर नहीं आ पाए थे.
हमारे घर के बगल ही सोनी भाभी का घर है. भाभी के दो बच्चे हैं.
सोनी भाभी पश्चिमी बिहार से हैं जो भोजपुर का क्षेत्र है.
हम दोनों में काफी बनती है.
मैं सुबह शाम भाभी के घर जाता हूं और बहुत सेक्सी सेक्सी बातें करता हूं क्योंकि मैं भाभी को चोदना चाहता था.
मैं भाभी को सेक्सी और फनी वीडियो दिखाने के लिए अपना मोबाइल दे देता था.
हम दोनों बहुत हंसी मजाक करते और साथ में वीडियो को देखते.
जब भी भाभी बाथरूम जातीं तो उनकी सूसू करने का आवाज सुनकर मेरा लंड टाइट हो जाया करता था.
फिर जब वो बाहर आतीं, तो शायद उनको पता चल जाता कि मेरा लंड टाइट हो गया है और भाभी मुस्कुरा कर अपने रूम में चली जाती थीं.
एक दिन मैंने ठान लिया कि आज किसी भी हालत में मैं भाभी को चोद ही डालूंगा.
उस दिन मैंने अपने मोबाइल में चुदाई का सेक्स वीडियो डाउनलोड कर लिया था ताकि बाद में नेट स्लो होने पर मेरा प्लान खराब ना हो जाए.
शाम तीन बजे जब मैं भाभी के घर गया तो भाभी बेड पर लेटी टीवी पर हिन्दी फिल्म देख रही थीं और उनके बच्चे खेलने के लिए पड़ोस गए हुए थे.
ये मौका मेरे लिए अच्छा था.
मैं उनके रूम में कुर्सी पर जाकर बैठ गया और टीवी देखने लगा.
बीच बीच में जोक पर हम दोनों हंसने लगते.
कुछ देर के बाद मैंने भाभी से कहा- भाभी ये वीडियो देखिए, बहुत मज़ा आएगा.
भाभी बिना कुछ कहे वीडियो देखने लगीं.
वीडियो खत्म होने से पहले मैंने भाभी के दोनों मम्मों को अपने हाथों से पकड़ लिया.
भाभी काफी बहुत गर्म हो चुकी थीं.
चूंकि भाभी चुदासी भी थीं तो उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा.
मैंने भी भाभी के दूध मसलने शुरू कर दिए. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैंने पहली बार किसी लड़की की चूचियों को छुआ था.
वीडियो खत्म होने पर भाभी मुझे मोबाइल देकर बाथरूम चली गईं.
आज भाभी की सूसू करने का आवाज कुछ तेज आ रही थी.
कुछ देर के बाद भाभी रूम में आकर बेड पर बैठ गईं और बोलीं- अभी तुम्हारी पढ़ने की उम्र है. ये सब क्यों देखते हो?
मैंने कहा- भाभी … वो मुझे अच्छा लगता है.
भाभी- हम्म … कब से देख रहे हो ये सब?
मैं- बहुत समय से.
भाभी- ये नहीं देखते … ये गंदी वीडियो होती हैं.
मैं- वो सब छोड़ो भाभी … आपको कैसी लगी?
भाभी कुछ नहीं बोलीं, तो मैं समझ गया कि भाभी को अच्छा लगा होगा.
मैंने कह दिया- भाभी जी आपको तो बहुत मज़ा आया न?
इतना कहते ही भाभी मुझे देखने लगीं और बोलीं- चुप कर बदमाश!
मैं हंस दिया.
भाभी- अच्छा ये बता … तू खाली देखता ही है या … कुछ करता भी है?
मैंने कहा- करता हूं न … हाथ से हस्तमैथुन.
भाभी- कभी किसी के साथ किया है?
मैं- नहीं भाभी जी … लेकिन कोशिश कर रहा हूं.
भाभी- अच्छा किसके साथ?
मैंने उनकी बात का उत्तर ने देते हुए उन्हें दूसरी तरफ मोड़ते हुए कहा- आप तो भैया जी के साथ करती ही हो.
भाभी- नहीं यार … वो तो हमेशा बाहर ही रहते हैं. मैं तो खुद बहुत प्यासी हूं.
इतना सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने पूछ लिया- क्या आप मेरे साथ करोगी?
भाभी- किसी को पता चल गया तो बहुत बदनामी होगी.
मैंने कहा- मैं किसी को नहीं बताऊंगा … आप भी किसी को मत बताना.
भाभी- ओके तो आज रात करते हैं.
मैंने कहा- ओक जानू.
इतना कहते ही मैं भाभी के मम्मों को फिर से दबा कर मसलने लगा और थोड़ी देर के बाद मैं अपने घर आ गया.
अब मैं रात होने का इंतजार करने लगा.
कैसे भी करके रात के 10 बज गए.
मैंने सोचा आज रात भर भाभी की चुदाई करना ही है तो क्यों न पहले मैं मुठ मार ली जाए … ताकि भाभी के साथ बहुत देर तक चुदाई कर सकूँ.
दस बजे तक सब लोग सो गए थे.
अपने रूम से निकलकर मैं छत से भाभी की छत पर चला गया.
फिर उनके रूम पर जाकर दस्तक दी, तो भाभी ने दरवाज़ा खोल दिया.
मैं तो भाभी की सेक्सी फिगर को देखता ही रह गया.
क्या लग रही थीं … ऐसा लग रहा था कि आज पूरी रात मुझसे जम कर चुदने के मूड में हैं.
उनके बच्चे दूसरे रूम में सो रहे थे.
कमरे के अन्दर आते ही मैंने भाभी के गुलाबी होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और जम कर किस करने लगा.
भाभी- जरा आराम से बेबी … आज रात मैं तुम्हारी बीवी हूं.
मैं- हां जानेमन, आज मैं आपको जन्नत की सैर करा दूंगा.
भाभी इतना सुनते ही मुझे कसके लिपट गईं और बेड पर लिटा दिया, झट से मेरा नाइट पैंट नीचे खिसका दिया.
भाभी अब मेरे लंड को घूरते हुए बोलीं- यार ये क्या है … मुझे चुदाई नहीं करना … तुम वापस जाओ.
मुझे बहुत गुस्सा आया और थोड़ा कड़क आवाज में बोला- क्या यार ऐसा क्या हो गया?
भाभी- तुम्हारा लंड बहुत मोटा और बड़ा है. अगर मैंने इसे अपनी चूत में लिया, तो मैं तो मर ही जाऊंगी.
मैं- भाभी यार, आप चिंता मत करो, आपको बहुत मजा आएगा और कुछ भी नहीं होगा.
भाभी- ठीक है, लेकिन पूरा मत डालना प्लीज.
मैंने भाभी से कहा- हां ठीक है. मैंने बहुत से सेक्स वीडियो देखे हैं, मैं आपको बड़े प्यार से चोदूंगा. आप चिंता मत करो.
भाभी खुश हो गईं और मेरे लंड से खेलने लगीं.
मैंने भाभी से कहा- आप इसे चूसो.
भाभी मेरा मोटा लंड अपने मुँह में लेकर अन्दर बाहर करने लगीं.
वो बड़े मज़े से लंड चूस रही थीं. शायद भाभी को भी बहुत मज़ा आ रहा था.
मुझे तो खैर जन्नत का सुख मिल रहा था.
लगभग दस मिनट लंड चुसवाने के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने उन्हें चेताया मगर भाभी लगी रहीं और मैं उनके मुँह में ही झड़ गया.
उनका पूरा मुँह मेरे वीर्य से भर गया था.
भाभी भी काफी गर्म हो चुकी थीं.
मैंने भाभी तो बेड पर लिटा कर उनकी नाइटी को पूरा खोल दिया.
उनके बड़े मम्मों को देखकर मैं मस्त हो गया.
इस समय भाभी मेरे सामने सिर्फ़ काली पैंटी और ब्रा मैं अधनंगी बेड पर लेटी थीं.
मैंने भाभी को भूखे शेर की तरह देखा और उनके गुलाबी होंठों को चूसने लगा.
होंठों के साथ साथ मैं कभी उनके कान को खाने लगता, तो कभी कान से लेकर गर्दन तक चाटता.
भाभी ‘आह आह आह …’ की कामुक आवाजें निकाल रही थीं.
मैं भी बहुत गर्म हो चुका था.
आज मैं पहली बार किसी की में चूत में लंड पेलने वाला था.
अब मैंने भाभी की ब्रा को खोल दिया और मेरे सामने भाभी के दूध उछल कर आ गए.
मैं जोर जोर से उन्हें मसलने लगा और दोनों मम्मों का बारी बारी से दूध पीने लगा.
चूत देखने को मेरा मन ललचा रहा था.
जैसे ही मैंने पैंटी को नीचे किया, भाभी ने अपनी दोनों टांगों को बंद कर लिया.
मैंने धीरे से भाभी की टांगों को अलग किया तो सामने जन्नत खुली पड़ी थी.
क्या मस्त नजारा लग रहा था … भाभी की गुलाबी सी चूत रो सी रही थी.
चुत का पानी मोतियों के जैसे चमक रहा था.
आज मैंने पहली बार असल में किसी की चूत देखी थी; अब मैं उसे महसूस करना चाहता था.
मैंने अपना एक हाथ प्यार से भाभी की गुलाबी चूत पर रख कर उसे सहला दिया.
भाभी एकदम से सिहर उठीं.
मैं अगले ही पल अपनी जीभ से चुत को चूसने लगा.
मेरी धड़कनें बहुत जोरों से धड़कने लगी थीं.
मुझे जन्नत का आनन्द आ रहा था.
फिर मैंने देर न करते हुए अपने जीभ को नुकीला करके भाभी की चूत पर रख दिया.
भाभी तो एकदम से मानो तड़फ उठीं.
कुछ ही देर में भाभी को चुत चटवाने में मजा आने लगा और अब उनकी गांड हवा में उठने लगी थी.
वो अपनी चुत को मेरे मुँह पर दबाए जा रही थीं और उनकी आहों कराहों से कमरे का माहौल एकदम कामुक हो गया था.
मैं लगभग दस मिनट तक चूत के साथ खेला और अपनी जीभ को चुत के अन्दर तक पेल पेल कर मैंने भाभी की चुत से रस निकाल कर चाट लिया.
उनके झड़ जाने के बाद भी मैं चुत चाटता रहा जिससे भाभी फिर से गर्मा उठीं और चुदने के लिए मचलने लगीं.
अब भाभी मुझसे मेरा मोटा लंड चूत में डालने को कहने लगीं.
मैंने भी देर न करते हुए अपना मोटा लंड भाभी की चूत की फांकों में सैट किया और रगड़ने लगा.
भाभी भी लंड अन्दर लेने के लिए अपनी गांड उठा रही थीं.
उन्हें इस बात का अहसास ही नहीं था कि ये लंड उनकी चुत के लिए एक मूसल जैसा साबित होने वाला है.
उन्होंने मुझे गाली दी- पेल दे भोसड़ी वाले … क्या दम नहीं है?
मैंने उसी पल अपना लंड चुत में उतारने के लिए दाब दे दी.
लेकिन मेरा लंड चुत में अन्दर नहीं गया, वो फिसल कर गांड की तरफ चला गया.
मैंने अपना थूक भाभी की प्यारी चूत पर गिराया और लंड के सुपारे से थूक मलकर फांकों को चिकना कर दिया.
अपना लंड चूत में डालने की फिर से कोशिश की लेकिन अभी भी लंड अन्दर नहीं जा पा रहा था.
भाभी- तेरे भैया का बहुत छोटा लंड है … इसलिए तेरा ये मोटा लंड मेरी चूत में नहीं घुस पा रहा है.
मैं- तो अब क्या करूं?
भाभी- तेरे उस साइड में तेल रखा है, उसे लगा कर पेल दो देवर जी.
मैं समझ गया कि आज भाभी को तेल लगा कर ही चोदना पड़ेगा.
मैंने सरसों का तेल लंड पर लगाया और चुत पर ढेर सारा गिरा दिया.
इससे भाभी की चूत एकदम तेल से लबालब हो गई थी.
फिर मैंने अपना लंड भाभी की चूत में पेल दिया.
लंड अन्दर जाते ही भाभी चिल्ला पड़ीं और दर्द से कराहती हुई बोलीं- आं मर गई मम्मी रे … आंह इसे बाहर निकालो … लंड है या आफत … मैं इसे नहीं सह पाऊंगी!
मैंने भी लंड पेल कर रुक जाना ही ठीक समझा.
कुछ देर बाद तेल की चिकनाई से लंड ने अपनी जगह बनानी शुरू कर दी और चुत में समाता चला गया.
भाभी की चुत ने भी लंड को झेल लिया था और चुत पसर गई थी.
कुछ देर बाद चुदाई चालू हो गई और भाभी को भी मजा आने लगा.
मैं भाभी को उसी पोजिशन में लगभग 20 मिनट तक जमकर चोदता रहा.
भाभी भी अपनी बड़ी सी सेक्सी गांड उठा उठा कर चुदवाती रहीं.
जब मैं झड़ने वाला था, तो मैंने भाभी से पूछा- भाभी जी क्या मैं आपके ही अन्दर अपना रस छोड़ दूँ?
भाभी ने कहा- हां साले भोसड़ी वाले … पूछता क्या है … छोड़ दे.
जैसे ही मैंने अपना माल भाभी की चूत में गिराया, मैं थक कर भाभी के ऊपर के ही लेट गया.
उसी वक्त भाभी भी झड़ गईं और हम दोनों लम्बी लम्बी सांसें लेने लगे.
दस मिनट तक हम दोनों वैसे ही लेटे रहे.
फिर भाभी ने मुझे अपने ऊपर से हटने का कहा और मैं उनके बाजू में लेट गया.
कुछ देर बाद भाभी मेरे लंड को फिर से चूसने लगीं.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैं बेड पर ही लेटा रहा मगर भाभी की चुत फिर से लंड लंड करने लगी थी, तो वो मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे लंड को अपनी चूत में सैट करने लगीं.
लंड चुत में सैट होते ही मैंने अपनी गांड उठा दी और पूरा लंड चूत में पेल दिया.
मैंने एकदम से शॉट मारा था तो भाभी को फिर से दर्द हुआ और वो चिल्ला पड़ीं.
भाभी कराहती हुई बोलीं- धीरे चोद भोसड़ी के.
मैंने हंस कर स्पीड स्लो कर दी.
फिर भाभी ने अपनी कमर चलानी शुरू कर दी और पूरा लंड खाने लगीं.
भाभी कह रही थीं- तुम कुछ मत करो अब मेरी बारी है, तुम बस मज़े करो मेरी जान.
मैं बेड पर लेटा ही रहा और भाभी मेरे लौड़े के ऊपर बैठकर अपनी सेक्सी गांड को ऊपर नीचे कर रही थीं.
बीच बीच में मैं भी अपना लंड चूत में कस कर धकेल देता, इससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
कुछ देर के बाद भाभी जोर जोर से ऊपर नीचे करने लगीं और झड़ गईं.
भाभी की चुत चुदाई में मज़ा तो मुझे भी आ रहा था लेकिन मैं अभी नहीं झड़ने वाला था.
जबकि भाभी बुरी तरह से थक गई थीं.
मैं उन्हें नीचे आने के लिए कहने लगा.
भाभी मना कर रही थी लेकिन मुझे तो उनकी चूत चोदने का जोश चढ़ा हुआ था.
कुछ देर तक मैंने भाभी के दूध चूसे, तो भाभी फिर से गर्म हो गईं.
मैंने भाभी को जमीन पर बेड के सहारे डॉगी बनने को कहा.
पर वो नहीं बन पा रही थी क्योंकि वो काफी थक गई थीं.
मैंने भाभी को बेड पर पेट के बल लिटा दिया और उनके दोनों पैर को जमीन पर रख दिए.
अब भाभी की गांड बिस्तर के किनारे पर रखी हुई थी. मैंने पीछे से आकर अपने लंड को चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
कुछ देर तक भाभी की गांड को सहलाता रहा.
फिर जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने लंड को ठोकर मार दी.
मेरा लंड भाभी की चूत को फाड़ता हुआ पूरा अन्दर तक घुस गया.
भाभी को दर्द तो हुआ लेकिन वो कुछ नहीं बोलीं.
अब मैं पूरे जोश में आ गया था और अपने लंड को धड़ल्ले से अन्दर बाहर कर रहा था.
भाभी की आह आह आह की आवाजें मुझे पागल कर रही थीं.
मैं और जोर जोर जोर से उनकी चुत का भोसड़ा बनाते हुए चोद रहा था.
मैंने भाभी की चूत चुदाई काफी देर तक की और अपना पूरा पानी चूत में ही छोड़ कर भाभी के ऊपर ही लेट गया.
मैं यूं ही सो गया.
करीब 3 बजे के बाद जब मैं जागा, तो भाभी मेरे ऊपर लेट कर अपनी बॉडी को ऊपर नीचे कर रही थीं.
मैं काफी थक गया था तो मैंने कुछ नहीं किया.
भाभी खुद ही अपनी चूत चुदाई करती रहीं.
जब भाभी ने कहा- जानू एक बार फिर से जोर जोर से चुदाई करो न!
मैं भी अपना लंड टाइट करते हुए हिलाने लगा.
मेरा लंड तो पहले से ही चूत में था तो मैं भाभी को दोनों हाथों से पकड़कर ऊपर नीचे करने लगा.
अभी मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
भाभी का पूरा बदन मेरे जिस्म से टक्कर खा रहा था.
फिर मैं जोर जोर से लंड को पेलने लगा.
कुछ मिनट के बाद मैं और भाभी एक साथ झड़ गए.
इस तरह से पूरी रात मैंने भाभी को अलग अलग पोजीशन में हचक कर चोदा.
सुबह चार बजे हम दोनों थक कर सो गए.
सुबह जब मैं उठा तो भाभी की चूत सूज कर काफी लाल हो गई थी. इधर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.
भाभी अभी भी सोई हुई थीं.
मैंने फिर से अपना लंड भाभी की चूत में लगाकर धकेल दिया.
भाभी एक बार फिर से कराह उठीं.
वो मुझे मना करने लगीं मगर मुझे मज़ा आ रहा था तो मैं नहीं माना.
मैंने 15 मिनट धकापेल चुदाई की और अपना रस भाभी की चूत में ही छोड़ दिया.
सुबह का उज़ाला होने ही वाला था तो मैंने भाभी से कहा कि भाभी अब मैं अपने रूम पर जाता हूं.
भाभी ने हंस कर कहा- ओके मेरी जान … लेकिन अपनी भाभी की चुदाई करने आते रहना.
मैंने भी उन्हें चूम कर कह दिया- ओके भाभी जी.
फिर मैंने भाभी को किस किया और अपने रूम के लिए निकल गया.
उस दिन के बाद से जब भी मुझे मौका मिलता, मैं भाभी की गुलाबी चूत की चुदाई कर लेता.
मुझे सोई हुई भाभी चुदाई करने में बहुत मज़ा आया था.
अब कभी भी भाभी को अकेली सोई हुई देखता, तो उनको चोद देता.
अब मैं भाभी को भैया जी कमी महसूस नहीं होने देता था.
मेरे पड़ोस में चार भाभियां हैं. ये कहानी मैंने अपनी सोनी भाभी की चूत चुदाई की कहानी लिखी थी.
इसके बाद मैंने भाभी की सेक्सी गांड की चुदाई भी की थी.
ये मेरी सोनी भाभी के साथ एक काल्पनिक सेक्स कहानी थी.
मुझे रीयल चुदाई पर कैसा महसूस होगा, पता नहीं है.
उम्मीद है आपको भोजपुरी भाभी की चुदाई का मजा आया होगा और आप अपने विचार मुझे ईमेल जरूर करेंगे.
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