राइटर अंकल पोर्न स्टोरी अन्तर्वासना के एक लेखक के साथ सेक्स की है. मैंने उनकी कहानी लिख कर भेजी थी. हम सेक्स चैट करने लगे थे. हमने आपस में असली सेक्स कैसे किया?
दोस्तो, मैं आप सबकी कोमल मिश्रा अपनी एक और सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ.
जिन पाठकों ने मेरी पिछली कहानियां पढ़ी होंगी, उन्हें पता होगा कि मेरी कुछ कहानियां मेरी जिंदगी की हैं लेकिन ज्यादातर कहानियां मेरे दोस्तों द्वारा भेजी गई होती हैं.
आप लोग कहानियां पढ़कर मुझे बहुत मेल करते हैं, मेरी कहानियों में क्या कमी है और क्या अच्छाई है, वो सब बताते हैं.
इस तरह बहुत लोगों ने मुझे मेल किया और मुझसे कहा कि आप अपनी जिंदगी की कोई ऐसी चुदाई कहानी बताइए, जो अभी अभी हुई हो.
तो दोस्तो, मेरे ब्वॉयफ्रेंड और मेरे पति के साथ की कहानियां तो आप लोगों ने पहले ही पढ़ ली हैं.
अगर मैं फिर से उनके साथ वाली चुदाई की कहानी बताती तो आपको उतना मजा नहीं मिलता.
इसलिए मैं इंतजार में थी कि मेरे साथ अगर कोई नया मर्द आया या मेरे साथ कोई नई घटना होती है, तो उस चुदाई की कहानी को मैं आपको बताऊंगी.
ऐसा हुआ कि मेरी जिंदगी में एक नया मर्द आया और हम दोनों ने चुदाई का भरपूर आनन्द लिया.
उन्होंने भी मुझे अच्छे से रगड़ कर चोदा और मैंने भी उन्हें भरपूर मजा दिया.
वो घटना इसी साल जून 2021 में मेरे साथ हुई थी.
तो मजा लें इस अंकल पोर्न स्टोरी का!
जो नए पाठक मेरी कहानी पहली बार पढ़ रहे हैं, उन्हें मैं अपने बारे में बता देती हूँ.
मैं एक 26 वर्ष की हाउसवाइफ हूँ. मेरा फिगर 34-30-36 का है. रंग गोरा और लंबाई 5 फुट 4 इंच है.
मेरा बदन भरा हुआ और गदराया हुआ है व मेरा वजन 58 किलो है.
वैसे तो लोगों की निगाहें पहचानने में मैं माहिर हूँ. ज्यादातर लोगों की निगाहें मेरी उठी हुई गांड और तने हुए मम्मों पर ही टिकी रहती हैं.
चाहे मैं मार्केट जाऊं या किसी ट्रेन में सफर करूं या फिर किसी पार्टी में जाऊं, मर्दों की नजरें मेरे तने हुए दूध और मेरी बाहर निकली मटकती गांड पर जरूर जाती है.
दोस्तो, अन्तर्वासना पर कहानियां भेजना मेरा शौक है.
मेरी कहानियां पढ़कर जो लोग मुझे मेल करते हैं, मुझे उनके साथ चैट करने में बड़ा मजा आता है.
इस तरह से मेरे कई ऑनलाइन दोस्त बन चुके हैं जिनके साथ मैं रात में चैट करके मजे लेती हूँ और मजे देती हूं.
लेकिन अब तक कभी किसी ऐसे दोस्त के साथ मेरा मिलना नहीं हुआ था.
ऐसे ही मेरे एक दोस्त बने सुरेंद्र सिंह जी, जिनकी कहानी
उन्नीस की चूत छप्पन का लंड
मैंने अन्तर्वासना पर भेजी थी.
वो कहानी जिन लोगों ने पढ़ी होगी, उनको सुरेंद्र सिंह के बारे में पता होगा.
सुरेंद्र सिंह मेरे अंकल की उम्र के हैं, उनकी उम्र 56 साल की है और वो काफी हट्टे-कट्टे बदन वाले मर्द हैं.
शुरू में उन्होंने मेरी कहानी पढ़कर मुझे मेल किया था, फिर हमारी चैटिंग शुरू हो गई.
उन्होंने अपने बारे में हर बात मुझे बताई.
उन्होंने मुझे अपनी कहानी भी भेजी थी, जिसे मैंने अन्तर्वासना पर पोस्ट की थी.
पहले हम दोनों ईमेल से चैट करते थे, फिर व्हाट्सएप पर चैट होने लगी.
चैट के साथ साथ थोड़ी बहुत चुदाई की बात हो जाती, जिससे दोनों को मजा आता.
जब रात में कभी मेरे पति नहीं होते, तो रात भर चुदाई की बात करते हुए हम दोनों एक दूसरे को गर्म करते.
इस प्रकार लगभग एक साल से ज्यादा समय से हम दोस्त थे.
फिर हम दोनों ने कभी कभी वीडियो कॉल करनी शुरू कर दी, उसमें भी पहले नॉर्मल बातें होती थीं.
फिर कुछ समय बाद मैं अपना चेहरा छिपाकर अपने बदन के अंग उनको दिखाने लगी.
वो भी अपना मूसल जैसा लंड मुझे दिखाते और वीडियो कॉल में ही मुठ मारकर दिखाते.
ऐसे ही हम दोनों की बात चलती रही.
फिर जून 2021 में उन्होंने मुझसे मिलने के लिए कहा.
इसके लिए मैं भी तैयार हो गई.
बस इंतजार था कि मेरे पति कब अपने किसी काम से कुछ दिन के लिए बाहर जाएं क्योंकि मैं सुरेन्द्र सिंह से होटल में मिलना नहीं चाहती थी.
इसलिए मैं घर खाली होने का इंतजार करने लगी ताकि उनको यहां अपने घर बुला सकूं.
फ़िर हम दोनों को जुलाई 2021 में मौका मिला.
उस वक्त मेरे पति पूरे 7 दिनों के लिए ट्रेंनिग पर जाने वाले थे.
बस यही मौका था जिसका हम दोनों इंतजार कर रहे थे.
मैंने सुरेंद्र जी को ये बात बता दी और उन्होंने भी मुझसे मिलने के लिए तैयारी कर ली.
एक हफ्ते पहले ही मैंने उनको बता दिया था कि आपको कब आना है.
दो जुलाई को मेरे पति बेंगलुरू के लिए जाने वाले थे.
उससे ठीक एक दिन पहले मैं पार्लर गई, जहां मैंने अपने बदन पर अनचाहे बालों को हटाने के लिए वैक्स करवाया.
उसके बाद मेरा पूरा बदन दमक रहा था.
मैं ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैं जानती थी कि सुरेंद्र जी मुझसे मिलने किस लिए आ रहे हैं.
हम दोनों मिले और चुदाई न हो, ये कैसे हो सकता था.
वीडियो कॉल में मेरे नंगे जिस्म को देख उनका तो पहले से ही बुरा हाल था और मैं भी उनके जैसे हट्टे-कट्टे मर्द से चुदाई के लिए बेकरार थी.
वैसे भी मैं अपने पति और ब्वॉयफ्रेंड के अलावा कई साल से किसी और मर्द से नहीं चुदी थी.
मैं भी सुरेंद्र जी को बिल्कुल खुश कर देना चाहती थी.
वैसे नए मर्द के साथ चुदाई का मजा ही अलग होता है.
जब वो आपको पहली बार नंगी करता है … तो शर्म से ऐसा लगता है कि आप पहली बार किसी के सामने नंगी हो रही हों.
जिस्म में एक अलग ही उमंग होती है.
अपना जिस्म साफ सुथरा करने के बाद मैंने मार्केट से एक सिल्क की जालीदार नाइटी ली, जिसमें से अन्दर का मेरा गोरा बदन झलकता रहे.
मैं उन्हें हर तरह से खुश करना चाहती थीं क्योंकि वो सात सौ किलोमीटर दूर से मुझसे मिलने या कहिए मुझे चोदने आ रहे थे.
मेरे पति 7 दिन के लिए जा रहे थे लेकिन सुरेंद्र जी मेरे साथ 5 दिन ही रुकने वाले थे और इतना हम दोनों के लिए काफी था.
फिर वो दिन आ गया, जिस दिन मेरे पति जाने वाले थे.
दो जुलाई को दोपहर में वो बेंगलुरु के लिए निकल गए.
उनके जाते ही मैंने सुरेंद्र जी को फोन किया और उन्होंने बताया कि उनकी फ्लाइट शाम 6 बजे तक पहुंच जाएगी.
मैंने दोपहर में अपने बेडरूम को अच्छे से साफ किया, बिस्तर पर नई मखमली चादर बिछाई.
होटल से अच्छा सा डिनर ऑर्डर करके कह दिया कि जब मैं फोन करूं, तभी भेजना.
शाम 5 बजे मैं तैयार होकर खुद कार चलाती हुई सुरेंद्र जी को लेने के लिए एयरपोर्ट के लिए निकल गई.
उनकी फ्लाइट बिल्कुल सही समय पर आ गई और मैं बाहर उनका इंतजार कर रही थी.
जैसे ही वो बाहर आए, मैंने उन्हें पहचान लिया क्योंकि चैटिंग और वीडियो कॉल में हमने एक दूसरे को देखा हुआ था.
उन्होंने भी मुझे देखा और उत्साहपूर्ण तरीके से दूर से ही अपना हाथ हिलाया.
मैंने भी अपना हाथ हिलाकर उन्हें इशारा किया.
वो मेरे पास आए.
उन्होंने पहले मुझसे हाथ मिलाया और फिर मुझसे गले लगे.
वो मुझसे इतने लंबे थे कि मैं उनके सीने तक ही आ रही थी.
उनकी चौड़ा सीना गजब का था और फौलादी भुजाएं थीं.
वो अपने शरीर का बहुत ख्याल रखते हैं, जैसा उन्होंने अपने बारे में बताया था, वो वैसे ही थे.
फिर हम दोनों कार से घर की तरफ निकल गए और 7 बजे घर पहुंच गए.
घर पहुंच कर सुरेंद्र जी फ्रेश होने के लिए बाथरूम चले गए और मैं उनके लिए कॉफी बनाने लगी.
हम दोनों ने साथ बैठकर कॉफी पी और उसी बीच मैंने होटल में ऑर्डर किया हुआ खाना भेजने का फोन कर दिया.
तब तक हम लोग बैठे हुए एक दूसरे को गौर से देखते हुए बातें करते रहे.
उस वक्त मैंने नॉर्मल सा गाउन पहना था, जिसके सामने के दो बटन खुले हुए थे और उस जगह से मेरे दूध की लाइन दिख रही थी.
सुरेंद्र जी उस लाइन को देखते हुए बात कर रहे थे और मैं उनकी नजरों को भांप रही थी.
कुछ समय में ही खाना आ गया और हम दोनों ने ही साथ में खाना खाया.
तब तक रात के साढ़े दस बज चुके थे.
मैंने घर के सारे दरवाजे खिड़की बंद की और उनके साथ सोफे पर बैठ गई.
तब उन्होंने अपने बैग से कुछ सामान निकाला.
उन्होंने दो गिफ्ट पैकेट निकाले और मुझे दिए.
एक छोटा पैकेट था और दूसरा बड़ा.
सबसे पहले मैंने बड़े पैकेट को खोला, जिसमें एक बेहद खूबसूरत और महंगी साड़ी थी.
वो मुझे बहुत पसंद आई.
जब मैं दूसरे पैकेट को खोलने लगी तो उन्होंने मुझे रोक दिया और कहा- इसे तुम अन्दर जाकर खोलो और इसमें जो कुछ भी है, उसे बस पहन कर बाहर आओ.
मैं अन्दर चली गयी हैं और जब मैंने पैकेट खोला, तो उसमें एक लाल रंग की ब्रा और पैंटी थी.
पैंटी भी मॉर्डन डिजाइन की थी और बिल्कुल छोटी सी थी.
मैं तो हमेशा नॉर्मल पैंटी पहनती हूँ.
इस तरह की पैंटी मैंने कभी नहीं पहनी थी फिर भी मैंने उस ब्रा पैंटी को पहनी.
पैंटी का सामने का हिस्सा इतना छोटा सा था कि मेरी चूत पूरी तरह से ढक भी नहीं पा रही थी और बगल से चूत का हिस्सा बाहर दिख रहा था.
पीछे की तरफ़ पैंटी में केवल एक डोरी थी जो मेरे चूतड़ों की खाई में घुस गई थी.
ऊपर से नया गाउन, जो मैं लेकर आई थी, वो पहन लिया.
मैंने अपने आप को शीशे में देखा.
जालीदार गाउन से अन्दर की ब्रा और पैंटी साफ साफ दिख रही थी.
अब मैं सुरेंद्र जी के पास गई और उनके सामने खड़ी हो गई.
मुझे देख कर वो सोफे से खड़े हो गए और मेरे पास आ गए.
पास आकर वो मेरे सामने खड़े हो गए और मुझे ऊपर से नीचे तक देखने लगे.
उन्होंने एक हाथ मेरे गालों पर लगाया और दूसरा हाथ मेरी कमर पर डालते हुए मुझे अपनी ओर खींच कर अपने से चिपका लिया.
हम दोनों एक दूसरे की आखों में देखते जा रहे थे.
सुरेंद्र जी नीचे की ओर झुकते लगे और मेरे होंठों को अपने होंठों पर दबा लिए.
मैं भी अपना एक हाथ उनके बालों पर चलाने लगी.
हम दोनों ही मस्त होकर एक दूसरे के होंठों को चूमते जा रहे थे.
मैं अपनी जीभ बाहर निकाल रही थी और सुरेंद्र जी मेरी जीभ को अपने मुँह में भरकर चूसते जा रहे थे.
काफी देर तक हम दोनों होंठों को चूमते रहे, फिर वो मुझसे अलग हो गए.
उन्होंने मेरे गाउन को निकालना शुरू किया और जल्द ही गाउन मेरे पैरों पर गिरा पड़ा था.
अब मैं उनके सामने ब्रा पैंटी में थी.
अब उन्होंने मुझे एक झटके में अपनी गोद में उठा लिया.
मैं उनके फौलादी बाजुओं में थी और वो मुझे लेकर बेडरूम की तरफ चल दिए.
बेडरूम में उन्होंने मुझे खड़ा किया और तुरंत ही ब्रा की स्ट्रिप खोल दी.
जल्द ही मेरी ब्रा मेरे बदन से अलग हो गई.
मेरे दूध ब्रा से आजाद होकर उनके सामने तनकर आ गए.
उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों मम्मों को सहलाया और फिर नीचे झुककर एक निप्पल को अपने मुँह में भर लिया.
उस वक्त मेरे बदन में बिजली सी दौड़ गई जब उन्होंने अपनी जीभ को मेरे निप्पल पर चलाना शुरू किया.
आह हहह आआह … करती हुई मैं उनके सर को अपने दूध पर दबाने लगी.
वो मस्ती में चूर मेरे निप्पल चूस रहे थे और मैं खड़ी खड़ी मचल रही थी.
मैं अपने एक पैर को उठाकर दूसरे पैर पर रगड़ रही थी और उनके सर को अपने सीने पर दबा रही थी.
काफी देर तक वो मेरे दोनों मम्मों को दबाते रहे और अपने मुँह से निप्पलों को निचोड़ते रहे.
मेरे दोनों गोरे गोरे दूध टमाटर की तरह लाल हो गए और मुझे अब चूचों में जलन महसूस होने लगी.
मेरी चूत से इतना पानी निकल रहा था और हालत ऐसी हो गई थी कि पैंटी सामने से पूरी तरह से गीली हो गई और मेरी जांघों से पानी बहता हुआ नीचे फर्श पर जाने लगा.
सुरेंद्र जी ने मेरे एक दूध को सहलाते हुए अपने दूसरे हाथ से पैंटी की डोरी खींच दी.
पैंटी मेरी चूत से निकलकर नीचे झूल गई क्योंकि पैंटी की पीछे की डोरी मेरे गांड की दरार में घुसी हुई थी.
सुरेंद्र जी ने पीछे हाथ ले जाकर पैंटी की डोरी को अलग किया और मेरी पैंटी को निकाल कर अलग कर दिया.
अब मैं पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी.
दोस्तो, अंकल पोर्न स्टोरी का पूरा मजा लेने के लिए आप अन्तर्वासना से जुड़े रहें.
बाकी की चुदाई कहानी आप लोग अगले भाग में पढ़ें कि किस तरह से सुरेंद्र जी ने मेरी चुदाई की और वो जितने दिन मेरे साथ रहे.
मैंने उन्हें कैसे खुश किया.
मुझे मेल करें.
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अंकल पोर्न स्टोरी का अगला भाग: अन्तर्वासना से मिले दोस्त के साथ भरपूर चुदाई- 2