पड़ोसन भाभी ने चूत देकर मेरी फंतासी पूरी की

पड़ोसन भाभी ने चूत देकर मेरी फंतासी पूरी की

मेरी फर्स्ट चूत की पहली चुदाई मुझे मिली पड़ोस की एक जवान गर्म भाभी से! मैं किराए के घर में रहकर पढ़ाई कर रहा था. भाभी से मेरी दोस्ती कैसे हुई? वो कैसे चुदी?

दोस्तो, मैं एक 21 साल का लड़का हूँ. मेरा नाम आदित्य है. मैं एकदम गोरा-चिट्टा तो नहीं हूँ, मगर सांवला भी नहीं हूँ.

मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच की है और मेरा लंड लम्बा मोटा है.

ये मेरी फर्स्ट चूत की पहली चुदाई आज से दो महीने पहले की है.
तब मैं एक फ्लैट में अकेला रहता था.

वो फ्लैट कुछ बड़ा नहीं था मगर एक स्टूडेंट के लिए काफ़ी था.
मैं फ्लैट में किराए से रह कर पढ़ाई कर रहा था.

उस दौरान जाने अंजाने में मैंने पड़ोस में रह रही भाभी के साथ अपनी फंतासी पूरी किस तरह से की थी, यह उसकी सेक्स कहानी है.

उस वक्त गर्मी का मौसम था.

मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थी. उसका नाम आशू था.
वो एकदम गोरी चिट्टी थी, और उसकी गांड बहुत फैली हुई थी.

भाभी का फिगर 36-30-40 का था और उसको देख कर कोई भी मर्द अपने आपको रोक नहीं सकता था.
उसके पति दिल्ली के किसी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते थे.

तो हुआ यूँ कि मेरे मॉम और डैड जब मुझे छोड़ कर वापस घर जा रहे थे तो उन्होंने आस-पास के पड़ोसियों से मेरी जान-पहचान करवा दी थी और उन्हें कह दिया था कि कभी कभी मुझे देखते रहिएगा.

मगर मुझे पता था कि इस दिल्ली शहर में सब अपने आप में ही बिज़ी होते हैं.
फिर मुझे भी किसी से मिलने का मन नहीं करता था.

मगर मेरे मॉम और डैड ने मुझे फोन करके मुझसे सभी से मुलाक़ात करते रहने का कहा.
मुझे उनकी बात मान कर एक रविवार को सबसे मिलने जाना ही पड़ा.

जब मैं अपने पड़ोस में रहने वाले लोगों से मिल रहा था तब मैंने पहली बार आशू भाभी को देखा था.
लाल रंग के सूट में भाभी क्या मारू माल लग रही थी.

मैंने पहले तो भाभी को देखा और अपनी कामुकता को काबू में करते हुए अपनी पड़ोस की आशू भाभी को नजरअंदाज किया.
मैं नहीं चाहता था कि मुझसे कुछ ग़लत हो जाए.

तब भी मैं भाभी की मादक जवानी को याद करके और उनके बारे में सोच कर हर रात मुठ मारता था.

एक दिन की बात है जब मैं कॉलेज से लौट रहा था.
उस तेज बारिश में न जाने कैसे मेरा फोन खराब हो गया और स्विच ऑफ हो गया.

इस कारण से उस दिन मेरी बात मेरे मॉम डैड से नहीं हो पाई.
अगले दिन सुबह आठ बजे के करीब मेरे फ्लैट का दरवाजा किसी ने खटखटाया.

मैंने गेट खोला तो सामने पड़ोस वाले भैया थे.
वो अपने हाथ में फोन लेकर आए थे.

मुझे देख कर उन्होंने कहा कि आदित्य तुम्हारे घर से फोन आया है. तुम्हारे मॉम और डैड का फोन है.
मैंने उनसे फोन लिया और बात करने लगा.

मैंने अपने घर पर बताया कि कैसे मेरा फोन खराब हो गया.
फिर मेरी बात होने के बाद मैंने फोन काट दिया.

तब भैया ने पूछा- फोन को क्या हुआ?
मैंने उन्हें सारी कहानी बतायी.

भैया ने मुझसे काफी देर तक बात की.
मुझे भी उनसे बात करके अच्छा लग रहा था.
हम दोनों ने करीब आधा घंटा तक बात की.

मुझे नाश्ता करने नीचे जाना था तो मैंने उनसे कहा कि भैया मुझे नाश्ता करने जाना है, आप भी साथ चलिए.
इस पर उन्होंने कहा- चलो आज नाश्ता हमारे घर कर लेना.
पहले मैंने मना किया मगर फिर मैं मान गया.

मैं उनके घर गया था तो वहां आशू भाभी अभी नहा कर निकली थी, उसके बाल पूरे गीले थे.
मैंने भाभी से नमस्ते की और भैया ने उनसे नाश्ता लगाने का कहा.

भाभी बोली- हां नाश्ता तैयार है, मैं आपको फोन करने ही वाली थी.
हम सबने बैठ कर नाश्ता किया, फिर मैं चला गया.

ऐसे धीरे धीरे हम सब आपस में खूब घुल मिल गए.
मगर मैं अभी भी आशू भाभी से ज्यादा बात नहीं करता था.

भाभी भी इस बात को नोटिस कर चुकी थी.

एक बार भैया को दो दिन के छुट्टी में आउट ऑफ टाउन जाना था.
तो उन्होंने मुझसे कहा कि आदित्य, तुम्हारी भाभी को अगर किसी चीज़ की मदद चाहिए होगी तो तुम मदद कर देना.
मैंने हामी भर दी.

भैया दो दिन के लिए चले गए.
मेरे मन न जाने क्यों लड्डू फूट रहे थे कि शायद अब मेरे और भाभी के बीच कुछ हो सकता है.

मैंने भाभी को फोन लगाया और कह दिया कि भाभी अगर आपको किसी चीज़ की भी ज़रूरत हो तो बता दीजिएगा. भैया का फोन आया था और उन्होंने मुझसे आपको फ़ोन करने के लिए कहा था.
भाभी ने ओके कहा और मैंने फोन रख दिया.

मैं उस दिन कॉलेज भी नहीं गया; मैंने सोचा कि क्या पता कब क्या हो जाए.
उस दिन करीब 3 बजे के आस पास भाभी का फोन आया कि आज उन्हें नॉन वेज खाने का मन कर रहा है.

मैंने कहा- ठीक है भाभी, आप बताओ, मैं नॉनवेज ले आता हूँ.
उन्होंने कहा- नहीं, मैं ऑर्डर कर दूँगी. मैं घर में अकेली हूँ और मुझे अकेले खाने में मज़ा नहीं आएगा, तो तुम भी शाम को यहीं आ जाना.

मेरे मन में यह बात सुन कर ऐसा लगा मानो जैसे भाभी सामने खुद से चोदने का इशारा दे रही हो.
मैंने कह दिया- हां, मैं शाम को आ जाऊंगा.

शाम हुई तो मैंने एक बड़ा सा चॉकलेट का पैक लिया और उनके घर चला गया.
मैंने गेट की डोरबेल बजाई तो भाभी ने दरवाजा खोला.

उस दिन भाभी ने रेड कलर का सूट पहना हुआ था जिसमें से उनके चूचे पूरे ऐसे टाइट दिख रहे थे मानो उनकी सूट का ऊपर वाला हिस्सा अभी फट जाएगा और उनके दोनों पपीते अभी के अभी बाहर आ जाएंगे.
हम दोनों अन्दर आ गए.

भाभी कोल्डड्रिंक लेकर आई और हम दोनों बैठ कर बात करने लगे.

तब भाभी ने बताया कि उन्होंने चिकन ऑर्डर कर दिया है बस आता ही होगा.
मैंने कहा- हां आ जाएगा. तब तक भूख भी तेज लगने लगेगी.

फिर चिकन वाला आधा घंटा में आ गया.
उस समय शाम के 8 बज रहे थे.
तब तक भाभी को बहुत जोर की भूख लग आई थी.

भाभी ने चिकन आते ही कहा- चलो पहले खाना खा लेते हैं.
मैंने हां कहा.

हम दोनों ने खाना खाया और उसके बाद में जाने लगा.
तो भाभी ने बोला कि अभी तो 8:30 ही बज रहे हैं, अभी से कमरे में जाकर क्या करोगे?

मैंने भी सोचा कि हां बात तो सही है.
मैं नहीं गया … और भाभी ने टीवी पर एक मूवी लगा दी.

वो किचन में चली गई. जब वापस आई तो साथ में दो बियर ले आई.

मैंने हैरानी से भाभी की तरफ देखा तो उसने कहा- ऐसे क्यों देख रहे हो. क्या कभी बियर नहीं पी है?
और मैंने सही में कभी नहीं पी थी मगर भाभी के सामने मेरी हेटी ना हो जाए, इसलिए मैंने भाभी के हाथ से बियर कैन लेकर कहा- नहीं नहीं, वो मैंने आपके साथ पीने के बारे में यह सोचा ही नहीं था.

तो भाभी ने एक कातिलाना स्माइल दी और बोली- तो क्या क्या सोचा था मेरे बारे में?
वो ये कहती हुई मेरे बाजू में सोफा पर आकर बैठ गयी.

सामने फिल्म चल रही थी मगर मुझे तो भाभी को चोदना था तो मैंने नाटक किया कि जैसे मुझे बियर पीने के बाद नशा चढ़ गया है.

मैंने नाटक शुरू किया ही था कि इतने में भाभी मेरे करीब सरक आई और मुझसे चिपक गई.

वो मेरी हालत को लेकर पूछने लगी, मैं चक्कर आने की एक्टिंग कर रहा था.

तभी उसे न जाने क्या समझ में आया, उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे उठा कर बाथरूम में ले आई और मुझे शॉवर के नीचे खड़ा कर दिया.

मेरी तो यह फंतासी थी ही कि मैं किसी भाभी के साथ बाथरूम में नहाऊं और चुदाई का मजा लूँ.

मुझे 5 मिनट शॉवर में नहलाने के बाद उसने मुझे बाथटब बैठा दिया और मुझसे बोली- अपने कपड़े उतारो.
मगर मैं तो नाटक कर रहा था कि मुझे तो होश नहीं है.

पर यह बात अब तक भाभी समझ चुकी थी कि मैं नाटक कर रहा हूँ तो उसने खुद ही मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए.

पहले भाभी ने मेरी शर्ट निकाल दी और बाथटब में पानी चालू कर दिया.
अब वो मेरी पैंट निकालने लगी मगर पैंट उतारने में जरा दिक्कत आती है.

उधर मेरा 4 इंच मोटा लंड खड़ा हो रहा था और वो भी पैंट में अटक सा रहा था.

भाभी ने मेरी पैंट कसके पकड़ी और साथ में मेरी अंडरवियर भी पकड़ ली और एक झटके में नीचे खींच दी.

अब मैं बाथटब में बिल्कुल नंगा था.

मैंने देखा कि भाभी बहुत घूर कर मेरे खड़े लौड़े को देख रही थी.
मेरा बड़ा लौड़ा भाभी को 21 तोपों की सलामी दे रहा था.

वो मेरे चक्कर में खुद भी भीग चुकी थी और मैं भी होश में आने का नाटक करने लगा था.
मैंने देखा कि भाभी धीरे धीरे मेरे पैर से होते हुए अपने हाथ को मेरे लंड पर लाई और उसको पकड़ लिया.

वो मुझे देखने लगी और अब मैं भी भाभी को देख रहा था.
मैंने धीरे से भाभी को अपनी तरफ खींचा.

मेरे होंठ भाभी के होंठों पर लग गए और मैं उसे किस करने लगा.
भाभी भी मेरे साथ चुम्बन का मजा लेने लगी.

कुछ मिनट तक चुम्मी करने के बाद वो भी मेरे साथ बाथटब में आ गई.
फिर मैंने भी धीरे धीरे से उसके सारे कपड़े निकाल दिए.
भाभी की चूत पूरी साफ और गोरी थी.

मैंने अब तक कभी भी किसी की चूत सामने से नहीं देखी थी.
जैसे ही मैंने नंगी चूत को देखा तो मेरी मर्दानगी जाग गई.

मैंने भाभी का एक पैर बाथटब के किनारे पर रखा और खुद बैठ कर भाभी की चूत में अपना मुँह लगा दिया.
वो एकदम से सिहर उठी.

मैंने अपनी जीभ को भाभी की चूत में डाल दिया और चूत चाटने लगा.
वो गुलाबी चूत मुझे कुछ खट्टी नमकीन सी लग रही थी मगर मुझे उस समय होश ही नहीं था और मैं चूत चाटे जा रहा था.

भाभी ने भी अपना हाथ मेरे सर पर रख दिया और दबाने लगी.
उसकी मादक आवाज निकलने लगी- आह और कसके आंह जोर से … आह आदि चूस ले.

मैं भी मस्ती से भाभी की चूत चाटे जा रहा था.
पहली बार मुझे किसी की चूत मिली थी तो आज मैं चूत में घुस जाने की सोचने लगा था.

फिर मैंने भाभी का पैर टब के किनारे से उठा कर अपने कंधे पर रखा और अब मैं और जोर से चूत का रस पीने लगा, चूत के दाने को मसलने लगा.
भाभी के मुँह से बसस ‘आह … आह … आह …’ की आवाज़ आ रही थी.

करीब 15 मिनट तक चूत चाटने के बाद वो झड़ गई और मेरे मुँह पर ही उसने अपना सारा पानी छोड़ दिया.
मैंने उसको पकड़ कर घुमा दिया और अब मेरे सामने भाभी की गांड आ गई.

मैंने दोनों चूतड़ों को फैलाया और गांड के छेद को चाटने लगा.
इस बार तो वो कंप गई और सिहरन के मारे मरी जा रही थी.

मैंने पॉर्न फिल्म में अक्सर देखा था कि बड़ी गांड के छेद को बहुत चाटते हैं. मुझे भी वो करते देखना बहुत अच्छा लगता था.
आज मैं भी भाभी की गांड के छेद को चूस रहा था.

भाभी पूरे मौज में चिल्ला रही थी- आह आदी … और कसके चाटो आह मजा आ गया.
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे उसके पति ने कभी उसकी गांड नहीं चाटी थी और वो कमी आज मैं पूरी कर रहा था.

करीब दस मिनट तक गांड का छेद चाटने के बाद भाभी ने मुझे उठाया और किस करना आरम्भ कर दिया.

अब मैंने उसे बाथटब से बाहर निकलने का इशारा किया और हाथ पकड़ कर बिस्तर पर ले गया.
उधर आकर भाभी ने टेबल से उठाकर अपनी जीभ पर सेक्स की एक गोली रखी और मेरे मुँह से अपना मुँह सटा कर मुझे ऐसे किस करने लगी मानो वो मुझे खा ही जाएगी.

चूमने के साथ ही भाभी ने वो गोली मेरे मुँह में डाल दी और मैंने खा ली.

वो मेरी पीठ को अपने नाखूनों से खरोंच रही थी और मुझे लगातार दबोच कर चूसे जा रही थी.

फिर भाभी नीचे को झुकी और मेरे लंड के गोटों को मसलने लगी.
अगले ही पल मेरी एक गोटी को भाभी ने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

वो हाथ से मेरे लंड को सड़का लगाते हुए मेरे लंड के सुपारे को बाहर निकाल कर चूसने लगी.

मुझे अप्रितम मजा आ रहा था मैं अपनी आँखें बंद करके लंड चुसाई का आनन्द ले रहा था.

भाभी बहुत देर तक लंड चूसती रही.

जल्दी ही मैं एक बार उसके मुँह में झड़ भी गया मगर वो सब रस पी गई और लंड को चूसती रही.

कुछ देर में लंड फिर से टनटन करने लगा.

अब वो खड़ी हुई और मुझे किस करने लगी, मेरे सीने के दोनों दानों को बारी बारी से चूसने लगी.

उधर भाभी को नंगी लेटा कर मुझे फिर से उसकी चूत चाटने का मन करने लगा.

मेरी एक फंतासी ये भी थी कि मैं लेटा रहूँ और कोई लड़की अपनी चूत मेरे मुँह पर रख कर चूत चटाए.
मैं बिस्तर पर लेट गया मगर भाभी ने चूत की जगह अपनी गांड मेरे मुँह पर रख दी.
वो बोली- चाटो इसको!

मुझे तो मजा आ गया.
आज पहली बार मेरे मुँह में किसी की गांड का छेद लगा था.
मैं चाटने लगा.

फिर भाभी पलट गई और अब उसने अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख दिया.
मेरा पूरा चेहरा भाभी की चूत में छिप गया था.

मैं चूत चाटने लगा.
वो मस्ती से चिल्ला रही थी.

तभी मैंने उसकी चूत के दाने को दांतों से पकड़ कर खींचा और हल्का सा काट लिया.
वो एकदम से चीख कर मेरे ऊपर से हटी और एक थप्पड़ मार कर बोली- साले, यह अब छेद तेरा है … नाजुक माल है और इसे प्यार से ही चाट.

मैं फिर से लग गया.
फिर थोड़ी देर बाद वो झड़ गई.

अब मैंने खुद को चुदाई की पोजीशन में आकर अपना लंड उसकी चूत के छेद के सामने रखा और घिसने लगा.

चूंकि मैं एक कुंवारा लौंडा था तो लंड पेलने में मुझे थोड़ा दर्द हुआ मगर थोड़ी देर बाद ठीक हो गया.
मैंने भाभी को चोदना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर बाद मैं गोली खाने का बावजूद भी झड़ गया था क्योंकि यह मेरा पहली बार था.
कुछ मिनट बाद भाभी ने फिर से लंड चूसना शुरू कर दिया.

जल्द ही भाभी ने लंड चूस कर खड़ा कर दिया.

इस बार वो मेरे ऊपर आ गई और कूदने लगी.

थोड़े देर बाद मैं भी जोश में आ गया और उसको कसके चोदना चालू कर दिया.
अब वो चिल्लाए जा रही थी- आह … आह

कुछ देर बाद मैं भाभी को कुर्सी पर ले गया, जो मेरी फंतासी का एक हिस्सा थी.
मैंने उधर भाभी को चोदना शुरू कर दिया.

वो चिल्लाए जा रही थी- आंह और कसके … और कसके!
फिर हम दोनों 69 में आ गए.

आज पहली बार चूत मिली थी, तो मैंने फिर से चाटना शुरू कर दिया.

अब मुझे अपना अगला सपना याद आया.
मैंने भाभी को उठाया और किचन में ले गया.
किचन की स्लेब पर भाभी को बैठाया और फिर से चोदना चालू कर दिया.

करीब दस मिनट के बाद वो डॉगी स्टाइल में आ गई मगर डॉगी स्टाइल में आने से मुझे भाभी की मखमली गांड दिखने लगी.
मैंने गांड चाटना शुरू कर दिया.

मैंने तेल लिया और भाभी की गांड पर तेल लगा कर उंगली को अन्दर करने लगा.
थोड़ा सा तेल मैंने अपने लंड पर लगाया और लंड गांड के छेद पर सैट कर दिया.

अब मैंने गांड में लंड घुसेड़ना शुरू किया.
थोड़ी देर के बाद पूरा लंड अन्दर चला गया.

भाभी गांड मराने में एक्सपर्ट थी. वो उन्ह आंह कर पूरा लंड खा गई.

मैंने उसकी गांड को दस मिनट तक पेला.
इसके बाद मैंने उसको सोफा पर ले गया और चोदना शुरू कर दिया.

इस तरह से काफी देर लगातार चोदने के बाद मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया.
इतनी देर तक चोदने के बाद भी मैं भूखा था जबकि मेरा लंड दर्द करने लगा था.

इस तरह से मैंने फर्स्ट चूत की पहली चुदाई की.

उसके बाद हम दोनों नहाने के लिए बाथरूम में आ गए.

इधर हम दोनों बाथटब में एक साथ नंगे लेट गए.
कुछ देर बाद कमरे में आ गए और सो गए.

फिर करीब आधी रात को करीब 2 बजे के आस पास मेरी नींद टूटी, मैंने देखा कि भाभी सो रही थी और उसकी चूत और चूची एकदम लाल थी.

मैंने एक हाथ चूचे पर रखा और एक हाथ से चूत को मसलने और सहलाने लगा.

तब मैंने देखा कि चूत में से पानी निकलने लगा तो मैंने चूत चाटना शुरू कर दिया.

फिर मैं भाभी की चुदाई करने लगा.
भाभी सोते हुए ही चुदने का मजा लेने लगी.
मैं चूत के अन्दर ही झड़ कर सो गया.

सुबह 12 बजे मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि भाभी मेरे लंड को अपने मुँह में लिए हुई चाट रही है.

मैंने भाभी को उठाया और एक लंबा सा किस करके बोला- भाभी, अब शरीर में जान नहीं बची है. पहले कुछ खिलाओ.
वो बोली- हां मेरी जान. अभी नाश्ता लाती हूँ.

नाश्ते के दौरान ही भाभी ने कहा- आज तक मैंने ऐसा सेक्स कभी नहीं किया था.
नाश्ता खत्म होने तक हम दोनों मूड में आ गए थे.

इस बार वो मेरे ऊपर चढ़ने लगी और अपनी चूत को मेरे मुँह के पास ले आई.
भाभी ने अपने एक हाथ से मेरा सिर अपनी चूत में सटा दिया.

करीब 5 मिनट चूत चुसवाने के बाद वो बोली- मेरे पति ने इससे अच्छी तरह से चूत और गांड नहीं चाटी है, जिस तरह से तुमने चाटी है.
एक बार फिर से धुंआधार सेक्स हुआ.

इस तरह से भाभी मेरे साथ चुदाई का मजा लेने लगी थी.

दोस्तो, आपको मेरी फर्स्ट चूत की पहली चुदाई अच्छी लगी हो मेल जरूर कीजिएगा.
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