ट्रेन में देसी चूत चुदाई अनजान लड़के के लंड से

ट्रेन में देसी चूत चुदाई अनजान लड़के के लंड से

दोस्तो आप सब कैसे हो.. मैं अनामिका एक बार फिर अपनी सच्ची चुदाई की कहानी आप सबके लिए लेकर आई हूँ। मैं पिछली कहानी में आप सबने मेरे बारे में सब जान तो लिया ही था, पर फिर भी एक बार बता देती हूँ। मैं हरियाणा के रोहतक से एक 22 साल की 32-28-34 की सेक्सी फिगर वाली लड़की हूँ। यह सेक्स स्टोरी मेरी और ट्रेन में मिले एक लड़के की है।

बात तब की है जब मैं 20 साल की थी और अपनी ग्रेजुएशन के दूसरे साल में थी। यह जुलाई की बात है.. जब हम सब फ्रेंड्स ने मिल कर गोवा घूमने का प्लान बनाया था।

हम सब रेडी हो गए था लेकिन क्या हुआ कि जिस दिन जाना था, उसके एक दिन पहले ही मुझे कोई जरूरी काम आ गया।
मैंने सबको बोला- तुम चले जाओ.. मैं 1-2 दिन बाद काम होते ही तुम सबसे गोवा में मिलूँगी।

सब चले गए.. उन सबके जाने के बाद 2 दिन में मेरा काम हो गया और 2 दिन बाद मैंने गोवा के लिए ट्रेन पकड़ी।
मैंने फर्स्ट क्लास एसी में सीट बुक कराई थी.. तो उस ट्रेन के एसी फर्स्ट के दो बर्थ वाले केबिन में मेरी बुकिंग हुई थी।

मैंने चार्ट देखा तो उस केबिन में एक सीट तो मेरी थी और एक किसी 22 साल के मेल की थी। हालांकि मुझे कोई दिक्कत नहीं थी.. मैं तो बस ये दुआ कर रही थी कि लड़का हॉट और सेक्सी हो।

मेरी दुआ भी कबूल हो गई वो एकदम लम्बा-तगड़ा लड़का मेरा हमसफर बन गया।

अब हमारी ट्रेन चल पड़ी.. कुछ देर चुप रहने के बाद हम दोनों ने बातचीत शुरू की। यूं ही बात करते-करते हम दोनों के बीच गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड की बातें होने लगीं। उसने बताया कि उसकी अभी तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी.. तो मैं खुश हो गई।

मैंने थोड़ी हिम्मत करके पूछ लिया- तुमने कभी किसी के साथ सेक्स भी नहीं किया?
तो उसके चेहरे पर एक अजीब सी स्माइल आ गई और वो बोला- नहीं.. अभी तक तो नहीं किया.. क्या तुमने किया है?
तो मैंने कहा- हाँ काफ़ी बार किया है।
वो तड़ातड़ पूछने लगा- किस के साथ किया.. कैसे किया.. मजा आया क्या?
मैंने कहा- हाँ बहुत मजा आता है।
वो चुप होकर मेरे दूध की तरफ देखने लगा तो मैंने पूछा- तुम ब्लू-फिल्म तो देखते ही होगे?
वो बोला- हाँ देखता हूँ।
मैंने कहा- देखने के बाद मन नहीं करता किसी की चूत चुदाई का?
मेरी खुली देसी भाषा पर वो भी खुल गया और लंड पर हाथ फेरते हुए बोला- हाँ करता तो है.. पर हाथ से ही हिलाना पड़ता है।

मैं हँस पड़ी, इसी तरह हमारी अब खुली बाते होने लगी थीं।

फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया और मैंने उससे कहा- क्या तुम 5 मिनट के बाहर जा सकते हो.. मुझे चेंज करना है।

तो वो ‘श्योर..’ कहते हुए उठ कर बाहर चला गया। मैंने एक टी-शर्ट और लोवर पहन लिया, मैंने अन्दर बस पेंटी ही पहनी थी।
फिर मैंने उससे आवाज दी- आ जाओ, हो गया।
तो अन्दर आते ही वो मुझे देखते हुए बोला- वाओ तुम्हारी चुची तो बड़ी मस्त हैं.. बिना ब्रा के तो बहुत जबरदस्त दिख रही हैं।

मैं हँस पड़ी और उससे ज़्यादा कुछ नहीं कहा।

उसने हिम्मत करके पूछा- तुम्हारा साइज क्या है?
मैंने उसे अपनी चुची का नाप बता दिया.. ये सब बताते हुए मेरा मन भी थोड़ी खुली सेक्सी बातें करने का हो गया।

मैंने उससे पूछा- तेरा लंड कितना बड़ा है?
वो बोला- साढ़े आठ इंच का है.. दिखाऊँ?
मैंने कहा- इतना बड़ा.. क्यों झूठ बोल रहा है?
उसने कहा- नहीं.. झूठ नहीं बोल रहा हूँ.. तुम देखना चाहो तो देख लो।
मेरा मन भी हुआ कि देख लूँ.. तो मैंने उससे कहा- चल दिखा ही दे।

मेरे इतना कहते ही उसने अपनी पेंट और अंडरवियर एक साथ उतार दी.. पर उसका लंड अभी पूरा खड़ा नहीं था।

वो बोला- इसे खड़ा करके देखो.. पूरा 8.5 इंच का है।

मैंने उसके लंड को हाथ में लिया और हिलाने लगी.. तो लंड पूरा खड़ा हो गया और वो सच में 8.5 इंच का ही था।
मैंने कहा- हाँ यार सच में तेरा तो बहुत बड़ा है।
तो बोला- हाँ पता है मुझे.. ये मजा भी बहुत देगा।
मैंने उससे कहा- चल ठीक है।
मैंने ये कह कर उसके लंड को छोड़ दिया, तो बोला- अरे ये क्या.. अब खड़ा किया है तो इसे बैठा भी तो दे।
मैंने कहा- खुद बैठा ले।
तो उसने कहा- नो.. इसे खड़ा तुमने किया है.. तो तू ही बैठा।

मेरा मन तो चुदने का था ही, तो मैंने सोचा ठीक है एक बार चुत में लेकर तो देख लूँ.. इतना बड़ा है तो साला मजा भी देगा।
अब मैं भी तैयार हो गई और वो मुझे किस करने लगा.. मेरे चूचे दबाने लगा।

वो बहुत जोर से मम्मों को दबा रहा था तो मैंने कहा- ओह.. थोड़ा आराम से कर ना.. मैं यहीं ही हूँ.. कहीं भागी नहीं जा रही हूँ।
वो हँस कर बोला- ठीक है।
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फिर उसने मेरी टीशर्ट उतार दी और मेरी चुची चूसने लगा.. वो बहुत मस्त होकर मेरे दूध चूस रहा था। उसने मेरा लोवर उतारा और पेंटी के ऊपर से चुत को चाटने लगा। मेरी चुत पूरी गीली हो गई थी.. तो उसने पेंटी उतार दी और फिर से चुत चाटने लगा।

मुझे चुत चटाने में बहुत मजा आ रहा था। कुछ ही पलों में मेरी चुत ने अपना सारा पानी छोड़ दिया और उसने सारा पानी पी लिया।

अब वो बोला- चल अब तेरी बारी!

मैंने उसके लंड हाथ में पकड़ा और चूसने लगी। क्या मस्त लंड था उसका.. एक मोटे डंडे जितना था। दस मिनट लंड चुसवाने के बाद उसने सारी मलाई मेरे मुँह में छोड़ दी तो मैं भी सारा माल चाट गई।

फिर 5-7 मिनट की चूमाचाटी के बाद उसका लंड फिर तैयार हो गया.. तो उसने मुझे सीट पर कुतिया बना कर पीछे से लंड डालना शुरू किया। इतना मोटा लंड मैं पहली बार ले रही थी.. तो बहुत दर्द हुआ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मेरे मुँह से चीख निकल गई।

वो हैवानों सा मुझे चोदता रहा और मेरी चुची को दबाता रहा।

फिर दस मिनट के बाद मैं झड़ गई.. पर वो चोदू अभी भी चोद रहा था। कुछ देर बाद उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मुझे चोदता रहा।
कई मिनट की लगातार चुदाई के बाद उसने कहा- बोल.. माल कहाँ निकालूँ?
तो मैंने कहा- चुत में ही निकाल दे।

उसने तगड़े 5-6 झटके मार कर सारा माल मेरी चुत में निकाल दिया।
अब वो बोला- सही कह रही थी तू.. चुदाई में बहुत मजा आता है।

दोस्तो, ट्रेन की छुकपुक के साथ गोवा पहुँचने तक उसने मुझे बार-बार चोदा।

आपको मेरी देसी चूत की चुदाई की कहानी कैसी लगी दोस्तो, मुझे जरूर बताना।
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