यह सेक्सी कहानी मेरे दोस्त की है कि कैसे उसने चाची की चुदाई की. लेकिन कहानी से पहले मैंने अपनी एक दिली इच्छा भी लिखी है यानि मेरी फंतासी!
सभी लौड़ों को सलाम और सभी कुंवारी और शादीशुदा चूत को मेरी जीभ का सलाम..
दोस्तो, आज मैं कोई कहानी लेकर नहीं आया बल्कि आज मैं अपनी एक ऐसी इच्छा ज़ाहिर करने आया हूँ और चाहता हूँ कि कोई मेरी इसमें मदद करे.. मेरी इच्छा के साथ साथ इसमें मेरे एक दोस्त की कहानी भी है.
मेरे बारे मैं आपको मैं अपनी पहली वाली कहानियों में बता चुका हूँ… मेरा नाम मनु है, मैं एथलेटिक बॉडी का गोरा और भगवन की कृपा से शक्ल से स्मार्ट हूँ. लौड़े का साइज़ जितना मेरे सभी पुरुष दोस्तों का है, मैं साइज़ के बारे में कोई डींगें नहीं हांकना चाहता, बस इतना कह सकता हूँ कि कभी किसी को नाराज़ नहीं किया.
दोस्तो, मुझे चूत चाटना बहुत पसंद.. बहुत क्या बहुत बहुत बहुत पसंद है.. और मैं चाहता हूँ कि.. एक बिना बालों वाली चूत मेरे सामने हो और मैं उस चूत के दोनों होंठ खोल कर उसमें एक शहद की शीशी उड़ेल दूँ.. फिर धीरे धीरे बूँद बूँद कर के उस शहद को चाटूं… शहद के बाद चॉकलेट… वो भी डेरी मिल्क सिल्क वाली लगा कर..
तो मेरी सभी चूत वाली फ्रेंड्स को गुज़ारिश है कि मेरी इस इच्छा पे गौर फरमाइए.
मेरे एक दोस्त ने मुझे अपनी एक आपबीती भेजी और कहा कि मैं इसे लिखूँ.
उसकी कहानी उसकी ज़ुबानी…
दोस्तो, मेरा नाम चरनजीत सिंह है, मैं पंजाब के एक छोटे से गाँव में रहता हूँ, पिताजी खेती करते हैं, मतलब एक साधारण सा परिवार है. घर में मैं, माता पिताजी, मेरी एक बहन है.
यह कहानी मेरी चाची की चुदाई की है और मेरी अपनी ज़िन्दगी की पहली चुदाई की कहानी है.
मेरी चाची एक प्योर पंजाबन औरत है, वैसे औरत कहना ठीक नहीं होगा क्योंकि चाची की उम्र मेरे बराबर यानि 28 की है. बड़े बड़े बूब्स, गोरा चिट्टा रंग, बड़ी सी गांड… सबसे अच्छी बात इसके होंठ बहुत रसीले हैं.
वैसे जब मैंने अपनी बहन का ज़िक्र किया था तो लड़कों के लंड तो उसी समय तन गये होंगे.. वो तो होना ही है क्योंकि जवान लड़की की बात हो और लौड़ा न खड़ा हो, यह कैसे हो सकता है.
मेरी बहन तो मेरे घर में क्या… मेरे सरे गाँव में सबसे सेक्सी है.. कई बार तो मेरा मन उसकी ठुकाई को करता है पर क्या करूँ और कैसे?
बात दरअसल ये थी कि मेरे चाचा की शादी को 2 साल हो गये हैं, उनके अभी तक कोई बच्चा नहीं है इसलिए चाचा और चाची में थोड़ी अनबन रहती थी. उन दिनों मेरी चाची मुझसे बहुत ज्यादा सटी रहती थी जिससे उसकी चुची मुझसे लग जाटी थी और मेरा लंड खड़ा हो जाता जिसे चाची तिरछी नजर से देखती थी.
वो दिन भी आ गया जब चाची को चुदना था..
हुआ यूं कि चाचा को अपने खेतों में पानी देना था जो बहुत जरूरी होता है. और उसी दिन चाचा के वकील का फोन आ गया, उनको शहर भी जाना था और यह भी बहुत जरूरी था तो मुझसे चाचा ने कहा कि मैं खेतों में पानी दे दूँ.
मैंने कहा- चाचा जी, मैं कर दूँगा..
चाचा के जाने के बाद मैं चाचा के घर गया, चाची रोटी बना रही थी, बोली- तू खेत जा, मैं तेरी रोटी खेत ले आऊँगी.
मैं चला गया.
हमारे पंजाब में खेतों में पानी की मोटर लगी होती है और एक कमरा भी बना होता है.
11:30 पे चाची खाना लेकर आ गई, हम दोनों कमरे में बैठ गए, मैं खाना खाने लगा, चाची मेरी तरफ देख के बोली- तेरी किस्से नाल सेटिंग ए? मतलब तेरी किसी के साथ सेटिंग है क्या
मैंने कहा- नहीं चाची, मेरी इतनी किस्मत कहाँ!
मैं भी पूरा निडर हो गया, बोला- चाची आप ही बताओ क्या करूँ?
कुछ सोच के चाची बोली- मैं क्या बताऊँ? .. मुझसे ही कर ले!
कह कर हंस दी तो मैं बोला- चाचा का क्या होगा?
तो वो उदास होकर बोली- उससे कुछ नहीं होता!
कह के मेरे गले लग गई, अपनी चुची मेरी छाती में गड़ा दी.
मेरा लंड खड़ा हो गया और चाची से टकरा गया तो चाची मुझसे और भी ज्यादा चिपक गई.
मैंने भी मौका देखते हुए होठों पे होंठ रख दिए, दोनों हाथों में बूब्स पकड़ लिए, उनको दबाने लगा.
चाची ‘स्स्स्स आआअ ऊऊओ…’ करने लगी जैसे जन्मो की प्यासी हो!
मैंने देर न करते हुए चाची को चारपाई पर लेटा लिया और अपना और चाची का कुरता उतार दिया.
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हाय… क्या बूब्स थे गोरे गोरे… बड़े बड़े!
मैंने झट से निप्पल मुंह में ले लिए और चूसने लगा.
मेरा ये पहला मौका था तो मैं तो पागल हुआ जा रहा था… चाची पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी तो उसने अपने आप ही मेरा पजामा उतार दिया. मैंने भी उनकी सलवार उतार दी.
अब जो नज़ारा मेरी आँखों के सामने था, उसे मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकता… गोरी गोरी जांघें… एकदम दूध जैसी… उसके अंदर गुलाबी चूत… जो लग रहा था कि अभी बाल साफ किये हैं… शायद चाची चुदवाने के लिए ही आई थी.
चाची बोली- चरनजीत, अपना मुंह मेरी चूत पे रख!
मैं हिचकिचाया- इसमें से तो तुम पेशाब करती हो?
तो बोली- अगर चोदना चाहते हो तो करो!
मैं मजबूर था, मैंने चाटना शुरू किया तो मुझे चूत बड़ी रसीली लगी, मैंने चाट चाट के उसका सारा पानी सुखा दिया और चाची ‘आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आया…’ करती रही.
फिर चाची बोली- अब जल्दी से अपना लौड़ा मेरी चूत में डाल कर चोद दे… रहा नहीं जा रहा!
मैं तो पहले ही उतावला था, जल्दी से मैंने अपना लौड़ा पकड़ा और चाची की चूत पे सेट कर दिया और धक्का लगाने लगा तो चाची ने कहा- रुक..
फिर चाची ने मेरा लंड पकड़ा और सही से चूत पे रखा, बोली- अब धकेल दे सारा!
चाची चुदी तो बहुत होगी… पर मुझे उनकी चूत इतनी खुली नहीं लगी क्योंकि अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ था.
मैंने जोर से धक्का मार कर पूरा लंड चाची की चूत में धकेल दिया जिससे चाची के मुंह से एक संतुष्टि भरी चीख निकली.
फिर तो मुझे और मजा आने लगा, चाची ‘आआ ऊऊ आआआ चोद चोद और चोद…’ बोल बोल कर चुदवा रही थी. मैंने भी अपना पूरा जोर लगा दिया चाची को चोदने में… ऐसा चोदा जैसे कभी मिलेगी नहीं..
थोड़ी देर बाद मैं बोला- चाची, कुछ हो रहा है!
तो वो बोली- तू लंड मत निकालना, अंदर ही होने दे जो हो रहा है…
थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया और चाची के ऊपर गिर गया.
चाची बोली- तेरा पहला बार था ना?
मैंने कहा- हां!
तो बोली- बड़ा दम है तेरे में..
वो मेरे बालों में हाथ फिरने लगी, बोली- अब तुझे रोज दूँगी… पर एक शर्त है…
मैंने बोला- क्या?
तो बोली- वो बाद में बताऊँगी…
तो दोस्तो, यह है मेरे दोस्त की आप बीती.. उसकी चाची की चुदाई की कहानी! लड़कियो, भाभियो और आंटियो, मेरी इच्छा का भी ख्याल रखना और मुझे मेल करना!
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