विडो सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे एक बहू ने अपनी चूत चुदवाने के बाद अपनी विधवा सास को भी मेरे लंड के नीचे ला दिया. आंटी भी बहुत साल बाद चुदी.
दोस्तो, मैं राज शर्मा एक बार फिर से आपकी सेवा में हाजिर हूँ.
आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
फेसबुक वाली लड़की को दोबारा चोदा
में फेसबुक से मिली करिज़्मा नामक महिला की चुदाई की कहानी पढ़ी थी. उसमें मैंने करिज़्मा की सास के बारे में जब उससे बात की तो वो चुपचाप उठकर अपनी सास का हाथ पकड़ कर रूम से बाहर चली गई.
अब आगे विडो सेक्स कहानी:
करीब दस मिनट बाद वो मुस्कुराती हुई आई और बोली- राज, चलो मेरे साथ!
मैं नंगा ही उसके पीछे पीछे चलने लगा और वो मुझे आंटी जी के रूम में ले गई.
आंटी जी अपने बिस्तर पर बैठी हुई थीं … उनकी नजरें नीचे थीं.
करिज़्मा मुझे अन्दर छोड़कर दरवाजा लगाकर चली गई.
मैं धीरे धीरे बिस्तर पर आ गया, मैंने जैसे ही आंटी जी का हाथ पकड़ा, वो कांपने लगीं.
मैंने थोड़ा माहौल बनाने के लिए हाथ को सहलाते हुए कहा- मैं समझ सकता हूं … आपके भी कुछ सपने होंगे. अगर आपको दिक्कत न हो तो मैं आपकी खुशी के लिए कुछ कर सकता हूं.
धीरे धीरे मैं बिल्कुल पास आ गया और आंटी जी की पीठ पर हाथ फेरने लगा.
आंटी जी अब तक चुपचाप थीं और मुझे रोक नहीं रही थीं.
मैंने कहा- लगता है आपका मन नहीं है.
ये कह कर मैं उठने लगा.
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोलीं- मुझे छोड़कर मत जाओ.
मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा.
अब धीरे धीरे वो भी साथ देने लगीं.
ब्लाउज के ऊपर से मैं उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां दबाने लगा.
अब धीरे धीरे आंटी जी गर्म हो चुकी थीं.
मैंने साड़ी पेटीकोट उतार दिया.
आंटी जी ब्लाउज और पैंटी में मेरे सामने थीं.
हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूसने लगे और मैंने उनके शरीर को सहलाना शुरू कर दिया.
दोस्तो, मुझे करिज़्मा की सास की चुदाई का अवसर हाथ लग गया था.
मैंने आंटी जी का ब्लाउज़ उतार दिया और उनकी बड़ी बड़ी चूचियां बारी बारी से चूसने लगा.
जैसे ही मेरा हाथ पैंटी पर गया, तो पैंटी गीली हो चुकी थी.
मैंने पैंटी उतार दी और चूत को ऊपर से मसलने लगा.
आंटी जी ‘आह उम्मह हह ओह’ करके सिसकारी भरने लगीं.
आंटी जी ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और सुपारे को चूसने लगीं.
वो पुरानी माहिर खिलाड़ी थीं और लंड चूसने की कला में निपुण थीं.
वो लंड को बड़े प्यार से धीरे धीरे चूस रही थीं और अन्दर मुँह में लेकर गपागप गपागप लॉलीपॉप जैसे चूसने लगीं.
कुछ ही देर में आंटी जी अपने पूरे रंग में आ चुकी थीं और बरसों की तड़प को मिटा देना चाह रही थीं.
वो मेरे लंड को बड़े प्यार से चूस रही थीं और बीच बीच में टट्टों को भी चाट रही थीं.
लंड चाटने से उनकी आंखों की वासना देखते ही बन रही थी.
मैंने आंटी जी को सीधा लिटा दिया और दोनों टांगों को फैला कर चूत में उंगली फेरने लगा.
आंटी जी की चूत में बाल थे और मुझे बालों वाली चूत शुरू से ही ज्यादा पसंद नहीं है.
मैंने अपनी दो उंगलियां चूत में डाल दीं … आंटी जी ऊईईई ऊई ईईई चिल्लाने लगीं.
मैं अन्दर बाहर करने लगा.
करिज़्मा हाथ में दो गिलास केशर का दूध लेकर मुस्कुराते हुए रूम में आ गई.
उसने अपने हाथों से अपनी सास को और मुझे दूध पिलाया.
वो चुपचाप मुस्कुराती हुई रूम से बाहर चली गई.
अब हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को फिर से चूसने लगे और मैं आंटी जी की चूत में उंगली करने लगा.
कुछ ही देर में आंटी जी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थीं और अब बोलने लगी- राज अब मेरी प्यासी चूत को अपने लंड के पानी से तर कर दो.
मैंने आंटी जी लिटा दिया और चूत में लंड रगड़ने लगा.
आंटी जी व्याकुल होकर बोलने लगीं- राज, अब जल्दी से अन्दर डालकर मुझे भी करिज़्मा के जैसे चोद डालो.
मैंने लंड पर थूक लगाया और जोर से धक्का लगा दिया.
अभी आधा ही लंड चूत में गया था कि आंटी जी चिल्लाने लगीं- ऊईईई ऊईईई … मर गई बचाओ मेरी चूत फट गई बाप रे … बचाओ मर गई बचाओ!
उनकी आंखों से आंसू बहने लगे.
यह देखकर मैंने लंड को पेलना रोक दिया और चूचियों को चूसने लगा.
आंटी जी की चूत बिल्कुल टाइट हो चुकी थी, उन्होंने सालों से लंड नहीं लिया था.
मैंने आंटी जी के होंठों को चूसना शुरू कर दिया और लंड को बाहर निकाल कर जोर से धक्का लगा दिया.
पूरा लंड सनसनाता हुआ अन्दर चला गया और आंटी फिर से छटपटाने लगीं- ऊईईई मर गई … बचाओ मर गई … मेरी फट गई … राज लंड निकाल मुझे नहीं चुदवाना.
उनके आंसू निकल रहे थे और वो आह ऊई करके चिल्ला रही थीं.
मैंने उनके होंठों को बंद करके तेजी से चोदना शुरू कर दिया.
आंटी बहुत दिनों बाद हुई इस ताबड़तोड़ चुदाई को बर्दाश्त नहीं कर पाईं और बेहोश हो गईं.
मैंने करिज़्मा को आवाज लगाई.
वो जल्दी से पानी लेकर आई, उसने कुछ छींटे आंटी जी के चेहरे पर मारे.
आंटी जी होश में आते ही चिल्लाने लगीं- मुझे छोड़ दो, मुझे नहीं चुदवाना.
मैंने कमर पकड़ कर तेज़ी से झटके मारना शुरू कर दिए और लंड सटा सट सटा सट टाइट चूत में अन्दर बाहर करने लगा.
आंटी जी की चूत लंड के हमले को बर्दाश्त नहीं कर पाई और पानी छोड़ दिया.
अब गीला लंड फच्च फच्च करके और रफ्तार से अन्दर बाहर जाने लगा.
मैं आंटी जी की रसभरी चूचियों को दबाने लगा और झटके लगाने लगा.
वो चुप हो गई थीं और बस हल्के हल्के कराह रही थीं.
कुछ देर बाद मैंने आंटी को उठाकर घोड़ी बना दिया और चूत में लंड डालकर चोदने लगा.
आंटी जी भी अब गर्म हो चुकी थीं और वो अपनी गांड आगे पीछे करने लगीं.
वो बोलने लगीं- आह राज … ऐसे ही चोदो मुझे … आह चोदो मुझे … फाड़ दो मेरी चूत … आह कितने सालों बाद ऐसा मोटा मजबूत लंड मिला है.
मैं भी जोश में आकर दोनों चूचियों को मसलने लगा और बोलने लगा- ले ले लौड़ा … आज तेरी चूत फ़ाड़ दूंगा.
चुदाई की थप थप की आवाज़ तेज होने लगी और दोनों अपनी अपनी कमर तेज़ी से चलाकर चुदाई के इस खेल में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लग गए.
आंटी जी बहुत दिनों बाद चुदाई करवा रही थीं इसलिए उनकी चूत अब तक दो बार झड़ चुकी थी और मैं पूरे जोश में उन्हें चोदे जा रहा था.
मैंने आंटी जी को बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उनकी टांगों को फैला कर बीच में आकर झटके से पूरा लंड घुसा कर चोदने लगा.
उनकी गीली चूत में लंड सनसनाता हुआ अन्दर बाहर आने जाने लगा और मैं अपनी पूरी ताकत से झटके लगाने लगा.
मेरा लंड सीधा आंटी की बच्चेदानी से टकराने लगा और वो ‘आहह आह हह …’ करके अपनी कमर उठा-उठा कर चुदाई में भरपूर साथ देने लगीं.
आंटी जी मेरे सर पर हाथ फेरती हुई बोलने लगीं- आह राज, चोद दो मुझे बेटा … आह और चोदो … आज मेरी चूत को फ़ाड़ डालो मेरी चूत कितने सालों से ऐसे लंड के लिए तरस रही थी. आज मौका मिला है … और चोदो मुझे आहह आह हह राज क्या मस्त लौड़ा है तेरा … इससे चुदवा कर मेरी बहू की तो हालत बिगड़ जाती होगी.
मैं चुपचाप तेजी से झटके लगाकर चोद रहा था और दोनों चूचियों को चूस रहा था.
कुछ ही देर में आंटी जी की सिसकारियां तेज़ होने लगीं.
मैं भी तेजी में आ गया.
इस बार हम दोनों की तेज सिसकारियों के साथ हमने पानी छोड़ दिया.
आंटी जी की चूत लंड की मलाई से भर चुकी थी.
जबरदस्त चुदाई के बाद हम दोनों थक चुके थे और एक दूसरे से चिपक कर वैसे ही लेट गए.
थोड़ी देर बाद करिज़्मा रूम में आ गई.
वो हम दोनों को देखकर मुस्कुरा रही थी.
उसने आंटी जी के चेहरे की संतुष्टि देखकर इशारे से मुझे धन्यवाद कहा.
करिज़्मा ने कहा- अब आप दोनों फ्रेश हो जाओ … नाश्ता तैयार है.
फिर मैं और आंटी जी एक साथ बाथरूम गए और फ्रेश होकर रूम में आ गए.
मैंने अंडरवियर और आंटी जी ने मैक्सी पहन ली.
हमने साथ में नाश्ता किया.
उस दिन और रात को मैंने करिज़्मा को 4 बार और आंटी जी को 2 बार जमकर चोदा.
मुझे थकान ज्यादा हो गई थी तो मैं नंगा ही सो गया.
दूसरे दिन मुझे करिज़्मा ने रूकने के लिए मना लिया था और हम दोनों उसके बेडरूम में आ गए.
वो मेरी तरफ फिर से चुदासी नजरों से देखने लगी.
मैंने करिज़्मा की मैक्सी उतार दी.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी, वो सिर्फ एक पैंटी में मेरे सामने थी.
मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा और वो लंड को सहलाने लगी.
हम दोनों ने एक दूसरे की पैंटी व अंडरवियर उतार दी और दोनों नंगे हो कर एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
जल्द ही हम दोनों 69 की पोजीशन में आकर चूत लंड चूसने लगे.
करिज़्मा की नमकीन चूत को जीभ घुसा कर चोदने लगा और वो लंड को लॉलीपॉप की तरह जल्दी जल्दी चूसने लगी थी.
करिज़्मा बोलने लगी- राज, मां जी इतना क्यों चिल्ला रही थीं?
मैंने कहा- करिज़्मा डार्लिंग, उनकी चूत बिल्कुल चिपक चुकी थी और मेरा मोटा लंबा जब अन्दर गया तो उनकी चीख निकल पड़ी.
करिज़्मा हंसने लगी और बोली- वाह … मतलब मां जी की चूत फिर से जवान हो गई.
मैंने हामी भरते हुए उसे कारण बताया कि चूत भी चुदाई न हो तो कस जाती है.
अब मैं करिज़्मा के ऊपर आ गया और चूत के मुहाने पर लंड रखकर जोर से धक्का लगा दिया. मेरा पूरा लंड सनसनाता हुआ अन्दर चला गया.
करिज़्मा ‘आहहह …’ करने लगी और मैं तेजी से अन्दर बाहर करने लगा.
करिज़्मा बोलने लगी- राज मुझे भी मां जी के जैसे चोदो न … मेरी भी चूत को फ़ाड़ दो.
मैंने करिज़्मा के पैरों को मोड़कर तेजी से झटके मारना शुरू कर दिए.
मेरा लंड सनसनाता हुआ बच्चेदानी में टकराने लगा और करिज़्मा ऊईई ईई करके चिल्लाने लगी.
करिज़्मा की चूत खुल गई थी और उसे हर झटके से अब दर्द हो रहा था.
वो बोलने लगी- राज मैं मर जाउंगी … ऐसे मत चोदो मुझे … प्लीज़ आराम से करो, दर्द हो रहा है.
मैं उसकी बातों को अनसुनी करके अपनी पूरी रफ्तार से सटा सट चोद रहा था और वो ‘ऊई ऊई बचाओ मर गई मम्मी बचाओ …’ चिल्ला रही थी.
मैंने कहा- चिल्ला ले, कोई नहीं आएगा.
मैं और तेज तेज झटके लगाने लगा.
कुछ देर बाद मैंने करिज़्मा को उठाकर अपने लंड पर बैठा दिया.
वो आह आहह करके तेजी से अपनी गांड पटकने लगी और उछल उछल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी.
हम दोनों की सिसकारियां बढ़ने लगीं और हमारी मंजिल पास आ गई थी.
कुछ ही पल बाद मेरा पानी निकल गया. वीर्य की धार निकल कर बच्चेदानी में भर गई और हम दोनों थककर एक-दूसरे से चिपक कर लेट गए.
थोड़ी देर बाद दोनों बाथरूम में गए और एक साथ नहाकर बाहर आ गए.
करिज़्मा ने बस मैक्सी पहन ली और मैं अंडरवियर बनियान में आ गया.
फिर हम तीनों ने मिलकर साथ में खाना खाया और आराम करने लगे.
करिज़्मा को नींद आ गई और वो सो गई.
मैं रूम से बाहर आया और घूमते हुए आंटी जी के रूम पहुंच गया.
आंटी जी मैक्सी पहन कर बेड पर लेटी हुई थीं.
मुझे आया देखकर वो मुस्कुराने लगीं.
मैंने कहा- करिज़्मा को नींद आ गई और मैं अकेले बोर हो रहा था, तो सोचा आपसे कुछ बातें कर लूं.
वो बोलीं- अच्छा किया, मैं भी अकेली बोर हो रही थी.
मैं आंटी जी के बगल में लेटकर बातें करने लगा.
बातों ही बातों में आंटी जी ने बताया कि जब से करिज़्मा के ससुर की मौत हुई है, तब से पहली बार उनकी चूत में लंड गया है.
मैंने कहा- हां, तभी आपकी चूत एकदम चिपक सी गई थी.
आंटी जी बोलने लगीं- हां राज तुम्हारा लंड बहुत मजबूत है. तुम्हारी बीवी हमेशा खुश रहेगी.
बातों बातों में आंटी जी का हाथ मेरी जांघों पर चलने लगा.
उनकी आंखों में चुदाई की भूख साफ दिखाई दे रही थी.
आंटी जी ने अपना हाथ मेरे अंडरवियर में डाल दिया और लंड को बाहर निकाल कर ऊपर नीचे करने लगीं.
धीरे धीरे लंड अपने आकार में आ गया.
आंटी जी उठकर नीचे आ गईं और लंड के सुपारे को धीरे धीरे प्यार से चूसने लगीं.
मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके पति को लंड चुसाने का बहुत शौक था और वो शुरू से लंड चूसने लगी थीं.
दोस्तो, 47 की उम्र में भी आंटी जी लंड चूसने के मामले में सनी लियोनी को पीछे छोड़ सकती थीं.
आंटी जी अब गपागप गपागप लॉलीपॉप की तरह तेजी से लंड को चूसने लगी थीं.
कुछ देर बाद आंटी जी ने मेरी बनियान भी उतार दी और मुझे पूरा नंगा कर दिया.
वो मेरे शरीर को चूमने लगीं. मैंने आंटी जी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी मैक्सी उतार दी.
उसके बाद मैंने जब नीचे देखा, तो मेरी आंखों की चमक बढ़ गई.
आज आंटी जी की चूत बिल्कुल चिकनी थी. उन्होंने नहाते समय शायद अपनी चूत के बाल साफ़ कर लिए थे, विडो सेक्स का पूरा मजा लेने के लिए चिकनी चूत बनाकर आयी थी.
मैंने अपनी जीभ चूत पर लगा दी और फांकों को खोलकर चूसने लगा.
मैं मस्ती से आंटी जी की चूत का दाना चाटने लगा और चूसने लगा.
और आंटी जी भी ‘ऊईईई ऊईईईई …’ करके छटपटाने लगी थीं.
मैं उनकी चूत का दाना खींच खींच कर चूस रहा था.
इससे आंटी जी की चूत ने नमकीन पानी छोड़ दिया, जिसे मैं बड़े ही स्वाद से चाटने लगा.
दस मिनट बाद आंटी जी ने मुझे नीचे लिटा दिया और लंड पर बैठ गईं.
मेरा पूरा लंड सनसनाता हुआ अन्दर चला गया.
आंटी जी की चूत अब भी टाइट थी और चूत ने लंड पर अपनी गिरफ्त बढ़ा दी थी.
मैं नीचे से झटके लगाने लगा और आंटी जी ‘ऊईईई मर गईई …’ करने लगीं.
धीरे धीरे आंटी जी अपनी कमर चलाने लगीं और लंड पर उछलने लगीं.
मेरा लंड अन्दर बाहर होने लगा और आंटी जी ऊईईई ऊईईई करके उछलने लगीं.
आंटी जी की दोनों चूचियां पके हुए आम की तरह हवा में झूल रही थीं.
मैंने दोनों चूचियों को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया. इससे आंटी जी आह आह हह करके लंड पर और तेज तेज उछलने लगी थीं.
उनकी तेजी से थप थप की आवाज़ आने लगी और आंटी जी कराहने लगीं- आह और चोदो राज मुझे … आहह उम्महह क्या मस्त लंड है तेरा.
मैंने कुछ देर बाद आंटी जी को घोड़ी बनाया और चूत में लंड डालकर चोदने लगा.
आंटी जी अब अपनी गांड आगे पीछे करके विडो सेक्स में मेरा भरपूर साथ देने लगी थीं.
आंटी जी अब तक अपने पुराने रंग में आ चुकी थीं. थप थप थप की आवाज़ बढ़ती जा रही थी.
कुछ देर बाद आंटी जी की चूत ने पानी छोड़ दिया और गीला लंड फच्च फच्च फच्च करके सटा सट सटा सट अन्दर बाहर आने जाने लगा.
मेरा अभी नहीं हुआ था.
मैंने आंटी जी की चूचियों को मसलते हुए तेज़ तेज़ झटके लगाना शुरू कर दिए.
थोड़ी देर बाद मैं उनको बिस्तर पर लिटा कर ऊपर आकर चोदने लगा.
मेरा गीला लंड सनसनाता हुआ बच्चेदानी में टकराता, तो आंटी जी ऊईई ऊईई करने लगतीं.
मुझे बेहद मजा आने लगा था और उनकी रस भरी चूचियों को चूसते हुए झटके लगाने लगा था.
थोड़ी देर बाद दोनों आहह आह की सिसकारियां भरने लगे.
चूत में लंड किसी एक्सप्रेस ट्रेन की तरह सटा सट अन्दर बाहर अन्दर बाहर चलने लगा था.
हम दोनों की सिसकारियां बढ़ गईं और एक साथ पानी छोड़ दिया.
दोनों थक चुके थे और मैं आंटी जी के ऊपर ही लेट गया.
हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे और फिर दोनों की आंख लग गई.
दोस्तो, करिज़्मा और उसकी सास की चुदाई का मंजर बढ़ा ही मस्त कर देने वाला वाकिया था.
आपको मेरी विडो सेक्स कहानी कैसी लगी? आप मुझे मेल जरूर करें.
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