मैं योगी (बदला हुआ नाम).. मेरा आप सभी लंड और चुत धारकों को नमस्कार। मैं बनारस का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 21 साल है.. मेरा लंड 7″ लम्बा और 3″ मोटा है। मैं इस समय इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ।
मैं इस साइट पर पिछले 3 साल से चुदाई की कहानी पढ़ रहा हूँ। आज मैंने सोचा कि मैं भी अपनी चुदाई कि कहानी आप लोगों से साझा करूँ।
यह मेरी पहली कहानी मेरे और मेरी भाभी की चुदाई की है। मेरी भाभी का फिगर 32-30-34 का है उनका नाम प्रिया (बदला हुआ) है।
मेरे घर में मेरे भैया सबसे बड़े हैं और मैं सबसे छोटा हूँ। भैया की शादी को 8 वर्ष हो गए और उनके 2 बच्चे भी हैं.. फिर भी मेरी भाभी मस्त माल दिखती हैं। उनकी तनी हुई चूचियां और गांड को देख कर किसी के भी लंड से पानी निकल सकता है.. कुल मिलाकर वो मस्त माल दिखती हैं।
लगभग 3 साल पहले की बात है, सर्दी का मौसम था, मेरे भैया और भाभी में कुछ झगड़ा हो गया था, मेरी भाभी अपने कमरे में सोने नहीं गई। भैया-भाभी छत पर बने कमरे में सोते थे। मैं एक तख्त पर कम्बल ओढ़कर सोया हुआ था। भाभी भी एक कम्बल लेकर आईं और मेरे बगल में सो गईं। हम दोनों अलग-अलग कम्बलों में सोए हुए थे.. लेकिन तख्त पर जगह कम होने के कारण मेरा कम्बल बार-बार नीचे गिरे जा रहा था।
तब भाभी बोलीं- एक ही कम्बल में आ जाओ।
मैंने अपना कम्बल बगल में रख दिया और उनके कम्बल में चला गया। मैं बिल्कुल भाभी के पास में उनकी पीठ से अपनी छाती लगा कर सो गया। उनकी गांड से मेरा लंड टच हो रहा था, जिसके कारण मेरा लंड खड़ा हो गया था और उनकी गांड में घुसने की कोशिश कर रहा था। शायद भाभी को लंड की छुवन का अहसास हुआ तो वो थोड़ा से पीछे हट गईं। मैं डर गया और सीधा होकर लेट गया।
मुझे तो नींद नहीं आ रही थी। किसी तरह सोया तो रात को करीब 2 बजे मेरी नींद खुल गई। मैं अपने हाथ को उनके पेट पर रखकर सहलाने लगा। भाभी का कोई विरोध ना होने के कारण मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने भाभी के हाथ को अपने लोवर के ऊपर रखा और अपने लंड को सहलवाने लगा।
कुछ समय बाद मैंने उनके हाथ को अपने लोवर के अन्दर डाल दिया। भाभी ने मेरे लंड को पकड़ लिया, मुझे लगा था कि वो सोई हुई हैं लेकिन भाभी सोने का नाटक कर रही थीं।
फिर भाभी मेरे लंड को पकड़ कर मुठ मारने लगीं.. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरे लंड की मुठ मारते-मारते भाभी की चूत गीली हो गई थी। मैं एक हाथ से उनकी चूचियों को मसल रहा था और दूसरे हाथ को चूत में डाल कर उंगली कर रहा था, उनके मुख से हल्की-हल्की आवाजें आ रही थीं।
अब उनसे रहा नहीं गया.. तो भाभी ने अपनी साड़ी को ऊपर किया और चुदाई की स्थिति में मेरे ऊपर आकर मेरा 7″ का खड़ा लौड़ा अपनी चूत में ले लिया। उनको बहुत दर्द हुआ तो वो रुक गईं और हटने लगीं.. पर मैंने उनको पकड़ लिया। कुछ देर की पीढ़ा के बाद भाभी ने मेरे लंड को अपनी चुत में ले लिया.. और इसके बाद भाभी हल्का-हल्का हिलने लगीं।
मेरा लंड पहली बार किसी चूत में गया था.. मैं तो जन्नत की सैर कर रहा था। मैं भी गांड को तेजी से आगे-पीछे कर रहा था।
करीब 8-10 मिनट की चुदाई के बाद भाभी और मैं साथ में झड़ गए।
अगले दिन मैं भाभी से नजर नहीं मिला पा रहा था। जब घर में कोई नहीं था तब भाभी मुझसे बोलीं- हमने जो किया.. वो बहुत गलत है।
फिर भाभी मेरे पास कभी सोने नहीं आईं। मैं उस दिन के बाद जैसे पागल सा हो गया। मेरे दिमाग में सिर्फ भाभी ही रहती थीं।
कुछ दिन बाद मैंने भाभी से कहा- मेरा लंड बहुत दर्द कर रहा है।
तो भाभी ने कहा- कभी-कभी मुठ मार का लंड को हल्का कर लिया करो.. तब दर्द नहीं होगा।
तब मैंने कहा- आप ही मार दीजिए।
वो बोलीं- नहीं.. तुम खुद अपने से हाथ से मारो।
मेरे द्वारा बहुत कहने पर वो राजी हो गईं। भाभी अपने हाथ में तेल लगाकर आईं और उन्होंने मेरे लंड में तेल लगाकर मुठ मारी।
कुछ दिन बाद ऐसे ही मैंने फिर नाटक किया, मैंने कहा- आज मैं आपकी चूत में लंड से करूँगा।
वो कहने लगीं- नहीं ये सब गलत है।
बड़ी मुश्किल से मैंने उनको मनाया।
फिर भाभी ने हाँ बोल दिया तो मेरी तो खुशी का ठिकाना ही न रहा। मैं उनको अपनी बांहों में भरकर किस करने लगा और उनकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलने लगा।
फिर मैंने उनके कपड़ों को कब अलग कर दिया, पता ही नहीं चला। मैं भाभी की चूचियों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.. वो अपने मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की हल्की आवाजें निकाल रही थीं। मैंने भाभी को बेड पर लेटा दिया और उनकी चूत के दाने को मुँह में लेकर चूसने लगा। वो उत्तेजित होकर अपनी गांड उठा कर मुझसे अपनी चूत चुसवा रही थीं।
भाभी बोलीं- आज पहली बार मेरी चुत किसी ने चूसी है.. तुम्हारे भैया तो कभी भी मेरी चुत नहीं चूसते। अभी तो बहुत दिनों से उन्होंने मुझे चोदा भी नहीं है।
करीब दस मिनट तक मैंने उनकी चुत को चूसा, फिर मैंने भी अपने कपड़े निकाल दिए। अब मैं भाभी से बोला- मेरा लंड भी अपने मुँह में लीजिए।
वो मना कर रही थीं.. बोलीं- मैंने तुम्हारे भैया का कभी मुँह में नहीं लिया है।
फिर मेरे मनाने पर भाभी मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने चाटने लगीं। फिर हम 69 की पोजीशन होकर एक-दूसरे का गुप्तांग चूसने-चाटने लगे।
बस 5 मिनट के बाद भाभी बोलीं- अब मत तड़पाओ।
मैंने अपने लंड को भाभी की चूत पर रखा और जोर से धक्का मारा, भाभी की चूत में लंड घुसने से उनके मुँह से चीख निकल गई, भाभी बोलीं- आह.. मर गई.. जल्दी से बाहर निकालो।
मैंने उनकी बात को ना सुना और धक्के देता रहा। कुछ समय बाद वो भी अपनी गांड उठा-उठाकर चुदवाने लगीं। मैं भी पूरी स्पीड में धक्के दे रहा था। फिर मैंने उनको उठाया और डॉगी बनने को कहा। भाभी कुतिया बन गईं.. और मैंने पीछे से उनकी चूत में अपने लंड का सुपारा रख कर भाभी की चुत में लंड का धक्का लगा दिया। कुछ समय बाद उनका शरीर अकड़ गया और भाभी झड़ गईं।
इसके बाद भी मैंने दस मिनट तक चुदाई की, वो फिर से आने वाली थीं। मैंने भी अपनी रफ्तार तेज की और हम साथ में झड़ गए।
भाभी चुत चुदवा कर बहुत खुश थीं। भाभी बोलीं- आज पहली बार लगता है कि मैं सही से चुदी हूँ।
उसके बाद तो भाभी मेरी लंड की दीवानी हो गईं। मैंने कई बार भाभी की गांड भी मारी है.. मैं भाभी को सभी कमरों में अलग-अलग तरीके से 50 से ज्यादा बार चोद चुका हूँ। मैंने भाभी को ट्रेन में भी चोदा है।
जब भी मौका मिलता है, मैं अब भी भाभी की चुदाई कर देता हूँ।
इस भाभी की चुदाई की कहानी पर आप अपनी राय जरूर भेजिएगा।
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