सेक्सी नर्स चुदाई कहानी एक जवान सेक्सी नर्स की चुदाई की है. मैं सेक्स के डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर को वीर्य का नमूना चाहिए था. उसकी नर्स ने मेरी मदद की.
दोस्तो, यह एक काल्पनिक सेक्स कहानी है. इस कहानी का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है.
मैं विक्रम … आज मैं आप सबको अपनी जिंदगी के सबसे अनमोल लम्हों के बारे में बताने जा रहा हूँ.
मुझे उम्मीद है कि आप सबको यह सेक्सी नर्स चुदाई कहानी पसंद आएगी.
ये वाकया 2019 का तब का है, जब मैं 19 साल का था और 12वीं की परीक्षा देने की तैयारी कर रहा था.
वैसे मैं झारखंड के एक छोटे से गांव से हूँ और रांची शहर से अपनी पढ़ाई कर रहा था.
रांची में मैं एक किराए के रूम में रहता था और एक पार्ट टाइम जॉब भी करता था.
इससे मुझे अपनी जेब खर्च में मदद मिल रही थी.
मैं दिखने में आकर्षक हूँ, पर मेरा शरीर सामान्य सा ही है.
मैं दिमाग से बहुत तेज हूँ इसलिए लोग मुझे जल्दी ही पसंद कर लेते हैं.
तो जैसा कि मैंने बताया कि मैं अपनी पढ़ाई के साथ साथ काम भी करता था.
इस उम्र में मुझे सेक्स की बड़ी जरूरत थी पर इसके लिए किसी को सीधे सीधे नहीं बोला जा सकता था कि आइए हम दोनों मिल कर चुदाई कर लेते हैं.
इसलिए मैं मुठ मारके अपने आपको खुद ही शांत कर लिया करता था.
उस वक्त तो मजा आता था पर ये अहसास नहीं था कि मुठ मारने की क्रिया मेरी सेहत के लिए मुसीबत बनती जा रही है.
एक दिन स्खलन के बाद मेरे अंडकोष में दर्द होने लगा.
मैं सोच रहा था कि ये क्या बवाल हो गया.
अपने हाथ से अपने ही पोते सहलाता रहा मगर दर्द कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था.
समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ.
मैंने बड़ी हिचक और संकोच के साथ अपने एक मित्र से चर्चा की.
उसने मुझे एक डॉक्टर के बारे में बताया जो सेक्स स्पेशलिस्ट थे.
उनका नाम था जावेद. मैं उनके पास गया.
जैसा आप सभी जानते हैं कि डॉक्टर के पास जाने पर आपको टोकन लगाना होता है.
मुझे दो दिन बाद नम्बर मिला, तो मैं ठीक दो दिन बाद डॉक्टर साहब से मिलने पहुंचा.
मैं- गुड मॉर्निंग डॉक्टर साहब, क्या मैं अन्दर आ सकता हूँ?
डॉक्टर साहब- हां आ जाओ और बताओ क्या समस्या है?
मैं हिचकिचाते हुए बोला- वो डॉक्टर साहब, मुझे अपने अंडकोष में दिक्कत है. मुझे वहां पर दर्द होता है.
डॉक्टर साहब- ओह, तो ये बात है. अच्छा बताओ कब और कैसे दर्द होता है … क्या तुम्हें पेशाब करते वक्त दर्द होता है या फिर सेक्स करते वक्त … तुम आराम से बताओ, घबराओ और शर्माओ मत. खुल कर बताओ.
मैं- वो डॉक्टर साहब मैं सेक्स नहीं करता हूँ और मैं अभी तक वर्जिन हूँ. पर मैं मुठ बहुत ज्यादा मारता हूँ और मुठ मारते वक्त ही ज्यादा दर्द होता है.
डॉक्टर साहब- ओह तो ये बात है, विक्रम तुम घबराओ मत. ये नार्मल सी बात है. ऐसा दर्द बहुत लोगों में पाया गया है. मैं अभी चेक करके देखता हूँ.
उसी वक्त डॉक्टर साहब ने अपनी सहायिका को बुलाया, जो दिखने में एक परी जैसी थी. उसका नाम ताहिरा था.
ताहिरा आ गई- यस सर!
डॉक्टर साहब- विक्रम को वहां लेटाओ.
ताहिरा मेरी तरफ देखती हुई बोली- विक्रम जी, यहां आइए!
मैं वहां लेट गया, पर मेरे मन में बहुत से सवाल थे कि आखिर ये लड़की क्या करेगी. क्या डॉक्टर साब मुझे इसके सामने ही नंगा करेंगे. मैं यही सब सोच रहा था और यही सोच कर मेरा लंड अकड़ता जा रहा था.
ये सब ताहिरा को देख कर हो रहा था, पर मैं क्या करता. डॉक्टर ने खुद ही कहा था कि शर्माना नहीं है, सो मैं वहीं लेटा रहा.
डॉक्टर साहब और ताहिरा दोनों मेरे पास आए.
दोनों ने अपने अपने हाथों पर दस्ताने पहन लिए थे.
डॉक्टर ने ताहिरा को पैंट खोलने को कहा.
ताहिरा ने सर की तरफ देखते हुए ओके सर कहा.
मैंने सर को बोला कि सर लड़की के सामने कैसे?
जावेद जी- शटअप … जैसा मैं बोल रहा हूँ, वैसा ही करो ओके.
वे थोड़ा सख्ती दिखाते हुए पेश आने लगे थे.
ताहिरा ने मेरे पैंट को पूरा निकाल दिया और मेरे हाफ पैंट को थोड़ा नीचे करते हुए बोली- सर हो गया.
जावेद जी- मैंने कहा है, उसका पैंट खोलो … ये नहीं कहा कि आधा खोलो.
ताहिरा ने सिर नीचे करके मेरा हाफ पैंट भी पूरा उतार दिया.
शायद ताहिरा भी शर्मा रही थी.
वह शर्माए भी क्यों नहीं, मेरा लंड भी पूरी औकात में अपने पूरे आकार में खड़ा था. ये ज्यादा ही लंबा है और ऐसा झूम रहा था मानो मैं सेक्स की गोली खाकर आया हूँ.
जावेद जी ने मेरे लंड को एक हाथ से दबाया, जिससे मुझे थोड़ा दर्द हुआ क्योंकि मेरा लंड पूरा खड़ा था.
फिर उन्होंने मेरे एक अंडकोष को हाथ से छूकर देखा और फिर ताहिरा को साइड में बुला कर कुछ कहा.
ताहिरा मेरे पास आई, उसने मुझे मेरा पैंट दिया और कहा- मेरे साथ आओ.
मैं पैंट पहन कर ताहिरा के पीछे चला गया.
ताहिरा मुझे एक कमरे में ले गई और मुझे फिर से नंगा होने को बोला.
साथ ही उसने मुझसे बेड पर बैठने को भी कहा.
मैं भी एक आज्ञाकारी मरीज की तरह उसकी हर बात को फॉलो कर रहा था.
ताहिरा एक स्केल निकाल कर मेरा लंड का आकार पता करने लगी.
उसी वक्त मैं बोला- रुको एक मिनट मेरा लंड अभी और ज्यादा खड़ा होगा.
ताहिरा मुस्कुराती हुई बोली- ओके जल्दी करो … मुझे और भी काम है.
मैं ताहिरा के सामने ही अपना लंड हिलाने लगा और कुछ ही सेकेंड में मेरा लौड़ा पूरे आकार में आ गया.
ताहिरा स्केल लेकर लौड़े का नाप लेने लगी, पर बार बार मेरा लंड स्केल से फिसला जा रहा था.
मेरा लंड थोड़ा टेड़ा था. जिसके कारण उसे नापने में कुछ दिक्कत हो रही थी.
मैंने कहा- एक हाथ से पकड़ के नाप लो न!
ताहिरा गुस्सा दिखाती हुई बोली- मुझे मत सिखाओ.
सच बताऊं यार … वह साली किसी पोर्न एक्ट्रेस से कम नहीं लग रही थी.
ताहिरा ने लंड का नाप लिया और एक पेपर में लिखा.
इसके बाद ताहिरा ने मुझे एक कप दिया और कहा इसमें अपना निकाल दो.
मैं घबराते हुए पूछने लगा- क्या क्या … क्यों … इसका क्या करोगी?
ताहिरा- मुझे नहीं पता, डाक्टर ने कहा है कि लैब में कुछ टेस्ट करना है.
मैंने ओके कहा और वो कप ले लिया.
अब मैं उसके सामने ही अपना लंड हिलाने लगा.
पर मेरे लंड में तो मानो कुछ भी नहीं हो रहा था, मैं बस हिलाए जा रहा था.
ताहिरा- जल्दी करो.
मैं- क्या करूँ … निकल ही नहीं रहा है, अगर तुम कुछ मदद करो तो शायद जल्दी निकल जाए!
ताहिरा- ओके.
ताहिरा ने अपना एक हाथ से दस्ताना निकाला और मेरे लंड को शताब्दी एक्सप्रेस की तरह चलाने लगी.
मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं- आह आह … आह बस ओह यस अब निकल जाएगा ओह.
फिर पता नहीं, कब मेरी सिसकारियां दर्द में बदल गईं.
मैंने एक झटके में ताहिरा को अपने से दूर कर दिया.
ताहिरा- क्या हुआ … मैंने कुछ गलत कर दिया क्या?
मैं- नहीं, वो बस मुझे मुठ मारते वक्त बहुत दर्द होता है. पर अगर तुम इसे चूसोगी, तो शायद दर्द न हो!
ताहिरा- अच्छा, तो अब मैं इसे चूसूँ? फिर तुम बोलोगे शायद चोदने से ये दर्द ठीक हो जाएगा तो मुझे चुदने के लिए भी कहोगे?
मैं कुछ नहीं बोला बस बेबस सा उसकी तरफ देखने लगा.
वो भुनभुनाती हुई घुटनों पर बैठ गई और मेरे लंड को सहलाने लगी.
कुछ देर सहलाने के बाद वो अपने होंठों पर मेरे लंड पर लगा कर उसको चूमने लगी.
इससे मेरी आंखें बंद हो गईं.
कुछ पल बाद लंड को उसके होंठों का अहसास मिलना बंद हुआ, तो मेरी आखें खुल गईं.
वो मुस्कुरा रही थी और तभी अचानक से ताहिरा ने अपनी जीभ निकाली और मेरे लंड के सुपारे को चाटने लगी.
फिर वो पूरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैं समझ गया कि ये कोई नई खिलाड़न नहीं है, इसे ये सब चीज़ों का अच्छा अनुभव है.
अभी मैं सोच ही रहा था कि मेरे अन्दर झड़ने जैसी फीलिंग होने लगी.
ताहिरा मेरे पूरे लंड की इस कदर चूस और चाट रही थी कि मुझसे रहा नहीं गया और मैं अकड़ने लगा.
मैंने सिसकते हुए कहा- आह उह अब बस करो … मेरा निकलने वाला है.
ताहिरा ने कप को मेरे लंड के सुपारे पर लगाया और मेरा लंड उस कप में खाली होने लगा.
मेरे लंड में से इतना पानी कभी नहीं निकला था, जितना उस दिन निकला था,
वो कप शायद 15 Ml से भी ज्यादा का था जो पूरा भर गया था.
वीर्य की कुछ बूंदें तो ताहिरा के हाथ पर भी गिर गई थीं.
मैं हांफते हुए बैठ गया.
ताहिरा अपना मुँह और अपने हाथों को साफ करके रूम में से बाहर चली गई और थोड़ी देर में मैं अपने कपड़े को ठीक करके बाहर आ गया.
मेरे मन में एक अलग ही सुख था.
मैं बहुत खुश था.
तभी सामने से ताहिरा दिखी, वह भी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी.
मेरे पास आई और बोली- विक्रम तुम कल शाम को आना और अपनी रिपोर्ट ले लेना और साथ में दवा भी.
मैं कुछ कहना चाह रहा था कि तभी वो मुझे एक प्यारी सी स्माइल देकर बोली- डोंट वरी, कुछ नहीं होगा. सब ठीक हो जाएगा.
मैंने भी कहा- हां अब तो ठीक होना ही है. तुम जैसी प्यारी दोस्त जो मिल गई है मुझे.
वो बोली- हां, तुम जैसे मर्द से मुझे दोस्ती करने में खुशी हासिल होगी.
मैंने उसे अपना फोन नंबर देते हुए कहा- यदि अच्छा लगे तो फोन करना.
उसने अपना फोन निकाला और उसी वक्त मेरे फोन नंबर को डायल करके मेरे फोन पर घंटी दे दी.
मैंने अपना फोन देखा और सोचा कि ये खुद ही काट देगी.
मगर उसने फोन नहीं काटा.
मैंने फोन उठाया तो ताहिरा की आवाज आई- मुझे तुम और तुम्हारा लंड दोनों ही पसंद हैं. आज शाम को मुझे तुम्हारे साथ मीटिंग करनी है. फोन कर लेना.
मैं बेहद खुश था कि सेक्सी नर्स चुदाई के लिए तैयार है.
वो गांड दिखाती हुई चली गई और मैं अपने लंड के उन्माद को काबू में करता हुआ अपने कमरे पर चला गया.
शाम को पांच बजे मैंने सोचा कि फोन कितने बजे करना चाहिए.
अभी यही सोच ही रहा था कि मेरा फोन बजने लगा.
मैंने फोन उठाया तो ताहिरा की आवाज आई- एक घंटा बाद किधर मिलोगे?
तो मैंने अपने कमरे का पता बता दिया.
एक घंटा बाद ताहिरा मेरे कमरे में थी.
मैंने दरवाजा बंद कर दिया और जैसे ही पलटा, उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया.
मैंने भी उसे चूमना शुरू कर दिया.
मुश्किल से एक या दो मिनट बाद हम दोनों मादरजात नंगे थे.
वो मेरे लौड़े को चूसने लगी और मैं भी उसके दूध दबाने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर चित लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया.
उसने अपने हाथ से मेरे लौड़े को दिशा दिखाई और नर्स की चूत में मेरा लवड़ा घुसता चला गया.
उसकी ‘ऊँह मा मर गई …’ की आवाज निकली और कमोवेश कुछ उसके जैसी ही दर्द से भरी हुई आवाज मेरे कंठ से निकली.
मेरा कौमार्य भंग हुआ था और उसे बड़े साइज़ के मोटे लंड से दर्द हुआ था.
मेरा पहली बार का मसला था और सुबह ही मुठ मार कर ढेर सारा वीर्य निकाल चुका था, तो मेरा स्खलन नहीं हो रहा था.
उधर वो मेरे लौड़े के तेज तेज धक्कों से एक बार झड़ चुकी थी और मुझे हटने के लिए कहने लगी थी.
मगर आज जीवन में पहली बार छेद मिला था, तो मैं कहां उसकी कुछ सुनने वाला था.
लगभग बीस मिनट बाद मैं ताहिरा की चुत में ही झड़ गया और उसके पहलू में गिर गया.
वह भी बड़ी खुश थी.
इस तरह से मेरे जीवन में पहली बार चुदाई का मौका मिला था, जिसे मैं सेक्स कहानी के रूप में आपके सामने लिख सका हूँ.
आपको सेक्सी नर्स चुदाई कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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