अंतर्वासना के सभी पाठकों को लंड के पुजारी का प्यार भरा नमस्कार! मैं फिर से हाज़िर हूँ अपनी कहानी का दूसरा भाग लेकर!
तो मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
हैंडसम पंजाबी मुंडे का सेक्सी लंड-1
में मैंने आपको बताया कि कैसे मेरा सपनों का राजकुमार अर्जुन मुझे मिला और किस तरह मेरी और अर्जुन की दोस्ती धीरे धीरे गहरी होती गयी! अब बात करते हैं कि कैसे अर्जुन के साथ मेरा एक हसीन रात का सपना सच कैसे हुआ!
अर्जुन और मैं धीरे धीरे काफ़ी अच्छे दोस्त बन गये थे; मैं उसे भैया बुलाता था!
फिर एक दिन वो समय आ ही गया जब मैं घर में बिल्कुल अकेला था; मेरी माँ मेरी नानी के घर गयी हुई थी और दो दिन बाद आने वाली थी! यह मेरे लिए एक सुनहरा मौका था क्योंकि आज तक अर्जुन और मैं सिर्फ़ दिन में ही साथ होते थे कभी भी रात साथ गुज़ारने का मौका ही नहीं मिला था!
और फिर माँ के जाते ही अर्जुन रोज़ की तरह मेरे घर आया इस बात से अंजान कि मैं घर में अकेला हूँ!
अर्जुन कुछ देर बैठा और फिर बोला- आंटी कहाँ है?
मैंने झट से जवाब दिया- माँ नानी के घर गयी है दो दिन के लिए!
इस पर अर्जुन बोला- तो तू दो दिन अकेले?
मैंने जान बूझकर दुखी होते हुए कहा- हाँ!
झट से उसका जवाब आया- अरे कोई बात नहीं मैं आ जाता हूँ आज यहाँ सोने!
बस यह सुनने की देरी थी कि मैं फूला ना समाया और मैंने उससे पूछा- भैया, आपके पापा मना तो नहीं करेंगे?
उसने कहा- अरे नहीं यार, पापा ने क्यूँ माना करना?
उस दिन अर्जुन के ये शब्द मानो मेरे दिल को सुकून दिला रहे थे. अब मैं पूरा दिन रात का इंतज़ार करने लगा; एक एक पल मानों एक साल के बराबर था!
पर जैसे तैसे मैंने पूरा दिन गुज़ारा और वो हसीन रात शुरू हुई जिसमें ना जाने मैं क्या क्या करने के ख्वाब बुन चुका था.
मैं बैठ कर टीवी में सा रे गा मा पा लिट्ल चॅंप्स देख रहा था कि अचानक से दरवाज़े में किसी ने दस्तक दी और मैं अंदर वाले कमरे में से भी बस उसके बदन की महक से समझ गया कि मेरे सपनों का राजकुमार मेरा अर्जुन आ गया है!
मैं भाग कर गया और दरवाज़ा खोला और फिर सामने मेरा ड्रीम बॉय अर्जुन एक बहुत ही सेक्सी टीशर्ट और बहुत ही सुंदर कॅप्री में! उस कॅप्री में उसके लंड का उभार साफ दिख रहा था जो अभी सोई हुई अवस्था में था. उसकी टाँग के वो मुलायम मुलायम बाल मुझे मदहोश कर रहे थे. और हाँ, उसके पैरों की चप्पल यहाँ तक कि उसके पैर और हाथ के नाख़ून भी सबसे अलग और स्टाइलिश थे!
उसकी उंगलियाँ मोटी मोटी और नाख़ून उभरे हुए थे सच में वो सबका ड्रीम बॉय था!
मैंने जैसे ही दरवाज़ा खोला, वो आया और सीधा अंदर कमरे में आकर बेड पर लेट गया! मैंने उसे कहा हम यहाँ अंदर वाले कमरे में ही सो जाते हैं डबल बेड पर!
उसने हामी भर दी और मैंने जान बूझकर एक ही रज़ाई निकाली थी यह कहते हुए कि अब कौन बेड खोल कर दूसरी रज़ाई निकाले!
हम दोनों खाना पहले ही खा चुके थे! फिर हम दोनों बेड पर उल्टे लेट गये और कुछ इधर उधर की बातें करने के बाद अर्जुन बोला- चल यार ब्लू फिल्म देखते हैं!
मेरे हाँ कहते ही उसने अपना फोन निकाला और हम दोनों मिल के पॉर्न मूवी देखने लगे! मेरा सिर उसके कंधे पर था और वो एहसास जीवन का सबसे बेहतरीन एहसास लग रहा था!
छोटी छोटी लगभग 10 पॉर्न मूवी देखने के बाद और इतनी देर से अपना लंड रगड़ने के बाद अर्जुन बोला- यार, मैं अब और नहीं देख सकता, मैं सो रहा हूँ, वरना अभी बाथरूम जाना होगा मुठ मारने, तू देख ले!
मैंने कहा- भाई आप सो जाओ मैं थोड़ी और देख कर सो लूँगा!
अर्जुन कुछ की देर में नींद की चरम सीमा पर था! मैंने भी फोन बंद करके अर्जुन के पास लेटना उचित समझा.
मैंने अर्जुन के बाजू पर अपना सिर रखा और एक हाथ अर्जुन के कमर पर! अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो मैंने धीरे धीरे अर्जुन की टी शर्ट में अपना हाथ डालना शुरू किया और सेक्सी बॉडी को छूकर मेरे अंदर करेंट दौड़ गया जिससे मेरे लंड ने फुंकारें मारना शुरू कर दिया.
आहिस्ते से मैंने अपना हाथ अर्जुन की पूरी छाती और निप्पलों पर घुमा दिया, अब अब अंडरआर्म्स की बारी थी. मैंने अर्जुन के जिस बाजू पर अपना सिर रखा था उस पर से अपना सिर हटाया और उसके बाजू को फैला कर उसके अंडरआर्म्स चाटने लगा! मैंने उसके अंडरआर्म्स करीबन 5 मिनट तक पूरे चाटे और सच मानो अगर उस समय मेरे सामने अमृत और अर्जुन के अंडरआर्म्स में से किसी एक को लेना होता तो मैं उसके अंडरआर्म्स ही पसंद करता!
मुझे जीते जी स्वर्ग का एहसास होने लगा और उस समय बस मेरी एक ही ख़्वाहिश बाकी थी कि यह समय बस यूँ ही थम जाए हमेशा हमेशा के लिए और मैं यूँ ही अर्जुन की बांहों में खुद को बसाए रखूं!
जैसे जैसे समय बीता जा रहा था, मेरी वासना भी चरम सीमा में पहुँचने लगी और अब मैं आहिस्ता से अपने हाथ को अर्जुन के लंड की ओर ले जाने लगा. मेरा हाथ बस उसी हथियार को ढूँढे जा रहा था जो हथियार आज मेरी प्यास बुझाने वाला था. लेकिन क्योंकि इतनी गहराई तक यह मेरा पहला अनुभव था इसीलिए मुझे काफ़ी डर भी लगने लगा.
आख़िरकार डर के ऊपर वासना हावी हो ही गयी और अब मेरा हाथ लगभग उसकी कॅप्री के पास जा पहुँचा, मैंने धीरे से हाथ नीचे किया तो मेरे हाथों को कुछ 6 इंच के (सोई अवस्था में भी) भारी भरकम हथियार का स्पर्श प्राप्त हुआ जिसे छूने के बाद मैं खुद पर काबू नहीं कर पाया!
मैंने अर्जुन के लंड को रगड़ना शुरू कर दिया बिना यह सोचे कि अगर वो जाग गया तो क्या करेगा!
मैंने लगभग 5 मिनट तक उसके लंड तो ऊपर नीचे स्ट्रोक किया! फिर मैंने महसूस किया की अब अर्जुन का लंड धीरे धीरे खड़ा होने लग गया था जोकि लगभग 8 इंच का हो गया था. उसका लंड उतना मोटा तो नहीं था पर लंबाई और शेप बहुत ही आकर्षक थी.
मैंने हिम्मत करके उसके कॅप्री में अपना हाथ डालना शुरू किया, अब मुझे लगने लगा कि शायद अर्जुन भी जाग चुका है लेकिन वो जानबूझकर सोने का नाटक कर रहा था इसीलिए अब मैं भी बेबाकी से अपनी ख्वाहिशें पूरी करने में लग गया! हाथ अंदर डालते ही मेरा सबसे पहला स्पर्श उसके अंडरवीयर से हुआ.
थोड़ा और अंदर हाथ डालते ही उसका लंड मेरे हाथ में आ गया, अब मेरे हाथ और उसके लंड के बीच में कोई दूरी थी तो वो सिर्फ़ उसका अंडरवीयर!
अब मैं उसके अंडरवीयर के बाहर से ही उसका लंड रगड़ने लगा और अब उसका लंड भी मेरी रगड़ के जवाब में साँप की तरह हूंकार मार रहा था!
अब मैं जान चुका था कि अर्जुन जाग गया है केवल उसने आँखें बंद रखी हैं! अब मेरे मुँह में उसका लंड लेने के लिए पानी आने लगा और मेरे हाथों की उसके लंड पर रगड़ कुछ ज़्यादा ही तेज़ होती गयी.
फिर मैंने हाथ बाहर निकालकर उसकी जांघों को स्पर्श करना शुरू किया. उन मोटी मोटी जांघों और टाँगों के बालों को हाथ लगते ही मानो मैं पागल हो गया क्योंकि मुझे हर मर्द में सबसे पहले उसके टाँग के बाल और उसके पैर आकर्षित करते हैं! माना विचित्र है पर सत्य है!
मेरे हाथ उनके पैरों को छू ही रहे थे कि अचानक से अर्जुन ने करवट की और अपनी टाँगों को फैला दिया जिससे उसकी कॅप्री बिल्कुल ऊपर आ गयी! अब अंदर अंडरवीयर और थोड़ा सा लंड साफ़ दिखने लगा! मैं समझ गया था कि अब अर्जुन भी वासना से भर गया है!
उस समय लंड के कुछ भाग को देख कर ही मैं पागल हो गया था! मैंने तुरंत ही थाइस की तरफ से कॅप्री में हाथ डाला और मेरे हाथ में था वो मदमस्त करने वाला लंड! मैंने झट से कॅप्री के साइड से ही उसके लंड को बाहर निकाला और कुछ देर उसके साथ खेलने लगा. अब उसका लंड भी तन कर टाइट हो चुका था जो मेरे स्पर्श मात्र पर भी फूँकार मार रहा था.
लाइट बंद होने की वजह से मैं उसका लंड देख नहीं पाया था इसीलिए मैंने अपना मोबाइल लिया और रज़ाई के अंदर से ही नीचे जा कर उसके लंड की तरफ अपना मुँह कर लिया. उसका लंड अभी भी मेरे हाथ में था और जैसे ही मैंने अपने मोबाइल की टॉर्च जलाई मैं हैरान हो गया क्योंकि वो लंड वैसा ही था जैसा मैं सपनों में अक्सर देखा करता था!
बहुत ही लंबा और सीधा लंड जिसके गुलाबी टोपे पर स्किन की एक परत थी पर लंड का छेद साफ देखा जा सकता था. उस लंड को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया क्योंकि मुझे गुलाबी टोपे वाले लंड बहुत पसंद हैं और ऊपर से उस स्किन ने लंड पर चार चाँद लगा दिए थे!
मैंने झट से फोन नीचे रखा और दोनों हाथों से लंड को पकड़ लिया और बस यही दुआ करने लगा कि अब ये पकड़ कभी ढीली ना हो!
बस उसी समय मैंने वो शानदार लंड अपने मुँह में ले लिया. ‘आहह आहह…’ बस यही आवाज़ें निकल रही थी मेरे मुँह से!
मेरे पहली बार चूसने पर ही अर्जुन थोड़ा हिला पर फिर भी मैं दोबारा चूसने लगा और उसका पूरा लंड अब मेरे मुँह में था! उस समय मुझे अपार सुख की अनुभूति हो रही थी! अब मैंने अर्जुन के लंड के टोपे की स्किन को अपने होंठों से नीचे करने की कोशिश की ताकि उसका लंड बिल्कुल नंगा होकर मेरे मुँह में जाए लेकिन मेरे स्किन को नीचे करने की कोशिश मात्र पर ही वो काफ़ी ज़ोर से हिला शायद उसकी स्किन आजसे पहले कभी नीचे नहीं हुई थी.
जैसे ही मैं लंड के टोपे की स्किन पर अपने होंठों से नीचे की ओर ज़ोर लगता अर्जुन झट से हिल जाता क्योंकि मज़े के साथ साथ उसे दर्द भी हो रहा था. अब मुझे शत प्रतिशत विश्वास हो गया था कि अर्जुन भी जाग चुका है और फिलहाल अपनी लंड चुसाई का मज़ा ले रहा है, मतलब अर्जुन को भी इससे कोई दिक्कत नहीं थी.
मैं इसी तरह चुसाई कर रहा था कि अचानक से अर्जुन पूरा हिला और अपना लंड खुजलाने लगा.
मैं ये जानते हुए भी कि अर्जुन सब जानता है और मेरा साथ दे रहा है फिर भी मैं डर गया और एकदम ऊपर आकर सोने का नाटक करने लगा. मुझे बहुत डर लग रहा था और मैं उसी अवस्था में आँखें बंद करके लेटा रहा.
अर्जुन कुछ देर अपने खड़े लंड को सहलाता रहा और फिर जब उससे सहा नहीं गया तो वो बोला मेरा नाम लेकर- चूसेगा मेरा लंड?
मैं बहुत ही खुश था कि वो खुद से बोल रहा है लेकिन उस समय मेरा डर मुझ पर हावी हो गया और अर्जुन मेरे जवाब का इंतज़ार करते करते थक गया! कुछ देर बाद वो उठा और बाथरूम में जाकर मुठ मारकर वापिस आया और मेरे साथ ही पहले की तरह सो गया.
मेरी अगली रात भी हसीन बनी यह जानने के लिए ज़रूर पढ़िए मेरी कहानी का अगला भाग! साथ ही मुझे मेल करके अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर बतायें! आपके जवाब का इंतज़ार रहेगा!
आपका प्यारा लंड का पुजारी!
कहानी जारी रहेगी.
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