हॉट सिस्टर्स फक स्टोरी दो सगी बहनों की चुदाई होटल के कमरे में एक ही लड़के से चुदाई की है जो उसी होटल में रुका हुआ था. दोनों बहनें अपने लिए लंड की तलाश में थी.
दोस्तो, मैं मोनिका मान आपको हम दोनों बहनों के दमन टूर की सेक्स कहानी सुना रही थी.
कहानी के पिछले भाग
होटल वाले लड़के से चूत की प्यास बुझाई
में अब तक आपने पढ़ा था कि हम दोनों दमन के बीच के पास एक होटल में ठहरी थी और आपस में चुदाई की मस्ती भरी बातें कर रहे थे.
अब आगे हॉट सिस्टर्स फक स्टोरी:
यह कहानी सुनें.
Hot sisters Fuck Story
निक्की- मोनी, घर जाकर तो हम ये मजे कर नहीं पाएंगी. क्यों न आज की रात को रंगीन बनाया जाए!
मैं- हां, तो बुला लो किसी लड़के को.
निक्की- अब तो 7 बज गए … इस वक्त कौन मिलेगा. अब तो बियर और खाना ही मंगवा लेती हूँ.
मैं- ठीक है मंगवा लो.
निक्की ने खाना आर्डर किया तो खाना आ गया.
हम दोनों ने बियर पी और खाना खाकर थोड़ी देर टहलने के लिए बाहर रोड पर चली गईं.
हमें 11 बजे तक वापस होटल पहुंचना था.
ये हमें होटल मैनेजर ने हिदायत दी थी.
हम होटल से सीधे रोड पर 500 मीटर की दूरी तक गई और वहां रोड के किनारे लगी एक बेंच पर बैठ गईं.
तभी अचानक से फिर से बारिश होने लगी.
हम दोनों भीग गईं.
मुझे इस बार बार होने वाली बारिश से नफरत हो गयी थी.
अब हवा नहीं चल रही थी तो कुछ देर हम बारिश में ही बैठी रहीं.
बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी.
हम बारिश में भीगती हुई ही होटल की तरफ बढ़ने लगीं.
मैं और निक्की मजाक करती हुई आ रही थीं कि तभी पास में एक बाइक आकर रुकी. उस पर सवार एक हट्टा-कट्टा लड़का बोला- कहां तक जाना है?
मैंने कहा- हमें होटल तक जाना है.
तो लड़का बोला- आइए मैं छोड़ देता हूँ.
मैंने मना किया तो बोला- आप भीग गयी हो, ठण्ड लग जाएगी. मैं भी उसी होटल में ठहरा हूँ. मैंने आपको उधर देखा था. चलो बैठ जाओ, मैं वहां तक ले चलूँगा.
तभी निक्की ने मेरा हाथ दबा दिया और बैठने का इशारा कर दिया.
मैं समझ गयी.
मैंने कहा- ठीक है.
हम दोनों उसके साथ बाइक पर बैठ गईं और होटल पहुंच गईं.
होटल पहुंच कर हमने उसको धन्यवाद कहा और सीढ़ियों से रूम की तरफ चल दीं.
वह हमारे पीछे पीछे आ गया.
हमारा कमरा दूसरी मंजिल पर था.
उसका कमरा भी हमारे बिल्कुल साथ में था.
उसने कहा- आइए मैं आपको तौलिया दे देता हूँ.
हमने कहा- नहीं, कमरे में है हमारे पास.
तभी निक्की बोली- चाय पियोगे आप?
उसने कहा- हां पी लेंगे. वैसे भी अभी नींद नहीं आने वाली.
निक्की ने चाय मंगवा ली और अन्दर जा कर कपड़े बदले.
तब तक मैं उससे बात करती रही.
कुछ मिनट में कपड़े बदल कर निक्की बाहर आई और उससे बात करने लगी.
तब तक मैंने अपने कपड़े बदल लिए.
मैंने बिना आस्तीन का वी-शेप गले का टॉप पहना था जिसमें से मेरी ब्रा की स्ट्रिप दिखाई दे रही थी.
तभी वेटर चाय लेकर आ गया.
मैंने उसे चाय रखने को बोल दिया और अपने सभी मैले कपड़े उसको दे दिए ताकि कल सुबह हमें साफ कपड़े मिल जाएं.
फिर मैंने उस लड़के से कहा- आप भी कपड़े बदल लो और वापस कमरे में आ जाओ. साथ में चाय पीते हैं.
वह अपने कमरे में जाकर जल्दी से कपड़े बदल कर आ गया.
हम तीनों बैठ गए.
मैंने मेज से चाय की ट्रे उठाई तो नीचे कंडोम का पैकेट रखा था.
तभी उस लड़के ने भी नोटिस किया कि वेटर कंडोम का पैकेट देकर गया है.
वह हंसने लगा.
मैंने चाय के साथ कंडोम का पैकेट उसको देती हुई बोली- लो, ये आपके काम की चीज है.
वह हंसने लगा और बोला- कोई साथ हो, तभी ये चीज काम आती है. अकेले में कौन यूज करेगा!
उसने हंसते हुए निक्की के हाथ पर पैकेट रख दिया और बोला- आपको जरूरत है शायद.
निक्की ने कहा- मैं प्लास्टिक कभी प्रयोग नहीं करती. मुझे ये पसन्द नहीं है.
बात करते हुए उसका ध्यान मेरी चूचियों की तरफ लगा रहा.
फिर हमने अपनी अपनी चाय खत्म की और यूँ ही इधर उधर की बातें करने लगे.
उसने अपना नाम नितिन बताया.
मैं चाय पीने के बाद कप उठाने के लिए झुकी तो नितिन की निगाहें मेरी चूचियों पर थीं.
मैंने उसकी तरफ देखा तो वह झेंप गया.
तब मैंने कप उठा कर एक तरफ रख दिए और गांड को मटकाती हुई चली गयी.
वैसे ही गांड मटकाती हुई अपना फ़ोन ले कर वापस आ गयी.
तभी निक्की बोली- मोनी, मेरा फ़ोन भी ले आओ.
मैंने नितिन की तरफ देखा और अपनी गांड को फिर से मटकाती हुई गयी. वहां से निक्की का फोन लिया और नितिन की तरफ देखती हुई वापस आकर बैठ गयी.
मैंने देखा कि नितिन का लंड मेरी मोटी गांड को देख कर खड़ा होने लगा था.
मैं नितिन को देख कर होंठ चबाने लगी तो नितिन समझ गया कि आग दोनों तरफ लगी है.
निक्की भी समझ गयी थी.
मैं नितिन के साथ सट कर सोफे पर बैठ गयी.
हम दोनों आपस में बातें करते रहे.
तभी नितिन ने तकिया उठा कर अपनी गोद में रख लिया.
मैंने तकिए के नीचे हाथ डाल कर उनकी जांघ को सहला दिया और जांघ पर हाथ रख कर उंगली से लंड को टच करने लगी.
उसे अब भी ये लग रहा था कि निक्की से छुप कर मैं ये सब कर रही हूँ.
तभी निक्की बोली कि मोनी मैं सो जाऊं अब!
मैंने हां कह दिया.
नितिन ने तकिया हटा दिया और खड़ा हो गया.
उनके लंड ने तम्बू बना दिया.
निक्की नितिन के लंड को देख कर हंस दी और कंडोम का पैकेट उठा कर नितिन के लंड की तरफ इशारा करती हुई बोली- देखो इसे है इस पैकेट की जरूरत.
फिर उसने नितिन की तरफ अपनी एक आंख दबा दी और बेड पर चली गयी.
निक्की के जाते ही नितिन ने मुझसे कहा- मेरे रूम में आ जाओ.
उसने मुझे पीछे से पकड़ कर मेरी चूची मसल दी.
मैंने निक्की को आवाज दी- मैं नितिन के रूम में जा रही हूं.
निक्की बोली- अरे नहीं, यहीं आ जाओ. वहां अब नहीं जाना. नितिन भी यहीं सो जाएगा.
यह सुनकर नितिन अपने रूम को लॉक करने चला गया.
तब तक निक्की ब्रा पैंटी में आ गई और पतली सी चादर ओढ़ कर बेड पर लेट गई थी.
नितिन के आते ही मैंने रूम लॉक किया और हम दोनों भी अन्दर बेड पर लेट गए.
मैंने भी अपने कपड़े उतारे और ब्रा पैंटी में लेट गयी.
तभी निक्की ने भी चादर हटा दी.
हम दोनों को ब्रा पैंटी में देख कर नितिन दंग रह गया.
हमें ऐसे देखकर नितिन ने भी अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ अंडरवियर में हम दोनों बहनों के बीच में लेट गया.
मैं और निक्की उसको किस करने लगीं.
उसकी बॉडी किसी जिम जाने वाले एथलीट की तरह थी.
हम दोनों बहनें बारी बारी से उसके होंठों को किस करने लगीं, फिर उसकी छाती पर निप्पल को चूसने लगीं और पेट पर किस किया.
मैं उसकी टांगों के बीच में लेट गयी और मैंने उसका अंडरवियर निकाल दिया.
अंडरवियर निकलते ही हमारे सामने उसका 8 इंच लम्बा और 3 इंच से ज्यादा मोटा लंड आ गया.
मैं बिना लंड को हाथ लगाये ही उसकी दोनों बॉल को चूसने लगी.
धीरे धीरे उसकी बॉल्स के नीचे जीभ फिराने लगी.
मैंने नितिन की टांगें ऊपर उठा कर कंधों पर रख लीं और उसकी गांड के छेद पर जीभ चलाने लगी.
तभी निक्की ने लंड को मुँह में भर लिया और किसी मंजी हुई पोर्न स्टार की तरह लंड चूसने लगी.
नितिन ने निक्की की पैंटी उतार दी और अपने ऊपर खींच लिया.
अब नितिन भी निक्की की चूत को चाटने लगा.
मैंने निक्की की ब्रा खोल दी और खुद भी बिल्कुल नंगी हो गयी.
नितिन बहुत तेज तेज जीभ को निक्की की चूत में अन्दर बाहर कर रहा था.
थोड़ी देर बाद निक्की नितिन के ऊपर से हट गयी और मैंने अपनी चूत को नितिन के मुँह पर रख दिया.
नितिन ने 15 मिनट तक मेरी चूत को चाटा.
मैं खुद उठ गयी और नितिन के लंड पर बैठने लगी.
उसका लंड वाकयी बहुत मोटा था, मुझे भी हल्का हल्का दर्द हुआ.
तब भी धीरे धीरे करके मैंने नितिन का पूरा लंड अन्दर ले लिया.
मुझे ऐसा लग रहा था कि लंड अन्दर जाकर किसी चीज से टकरा रहा है.
उसका लंड मोटा था तो मेरी चूत की दीवारों को फाड़ सा रहा था और बहुत ज्यादा रगड़ खा रहा था.
लंड अन्दर तक लेने के बाद चूत ने रस छोड़ा तो चिकनाहट आ गई और मैं धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी.
धीरे धीरे मेरी स्पीड बढ़ने लगी और मेरी चूचियां जोर जोर से उछलने लगीं.
दस मिनट में मेरा पानी निकलने वाला था.
तभी मैंने लंड को निकाल दिया और निक्की व नितिन के सामने घोड़ी बन गयी.
नितिन ने अपने लंड का गुलाबी सुपारा निक्की की चूत पर रखा और धीरे धीरे पूरा लंड निक्की की चूत में उतार दिया.
निक्की की गांड और चूत का छेद सुर्ख़ गुलाबी रंग का था.
नितिन निक्की को चोदने लगा.
मैं नितिन के पीछे आकर नितिन की कमर पर अपनी चूचियां रगड़ने लगी.
इससे नितिन का जोश बढ़ रहा था.
वह निक्की के चूतड़ों पर चमाट मार रहा था और जोर जोर से चोद रहा था.
तभी नितिन ने मुझे घोड़ी बनने को कहा.
मैं अपनी गांड फैला कर नितिन के सामने घोड़ी बन गयी.
नितिन ने मेरी चूत पर जीभ फिरा कर गीली कर दी और लंड को एक झटके में डाल दिया.
मैं सिहर उठी.
नितिन धीरे धीरे मेरी चूत चोदने लगा.
मैं इतनी मस्ती स चुदाई करवा रही थी कि मेरे मुँह से कामुक सिसकारियां तेज स्वर में निकलने लगीं ‘इस्स आह ओह …’
तब मैं चरम पर पहुंचने वाली थी.
अचानक से मेरा शरीर अकड़ने लगा और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.
मेरी चूत से पानी निकलते ही नितिन के धक्कों की स्पीड बढ़ गयी.
वह तेज तेज लंड अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ 10-12 धक्के मारने के बाद उसका पानी भी निकल गया.
उसने मेरी चूत के अन्दर ही गर्म गर्म वीर्य की पिचकारी छोड़ दी जिसे मैं अपने अन्दर महसूस कर रही थी.
नितिन हांफता हुआ मेरे ऊपर ही निढाल हो गया.
थोड़ी देर बाद नितिन ने लंड बाहर निकाल लिया और लेट गया.
कुछ मिनट बाद निक्की ने नितिन के लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद मैंने लंड अपने मुँह में लिया और जोर जोर से लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
निक्की ने नितिन के मुँह पर चूची रख दी.
थोड़ी देर में ही नितिन का लंड लोहे की किसी रॉड की तरह सख्त हो गया.
तभी नितिन ने मुझसे कहा- मोनी अबकी बार गांड में डलवा लो.
मैंने मना कर दिया.
तभी निक्की ने नितिन के पैरों की तरफ मुँह कर दिया और लंड के ऊपर अपनी चूत रख दी.
उसने मुझसे उसकी गांड में एक उंगली डालने को कहा.
मैं धीरे धीरे निक्की की गांड में उंगली डालने लगी.
धीरे धीरे करके मैंने 3 उंगलियां डाल कर निक्की की गांड के छेद को फैला दिया.
तभी निक्की उठ गयी और उसने नितिन के लंड पर कंडोम चढ़ा दिया.
फिर लंड को गांड के गुलाबी छेद पर रख कर धीरे धीरे बैठने लगी.
निक्की ने बिना किसी दर्द के पूरा लंड अपनी गांड में डाल लिया.
दो मिनट गांड को ऊपर नीचे करने के बाद लंड को गांड से निकाल दिया और कंडोम भी हटा दिया.
निक्की बेड को पकड़ कर नितिन के सामने घोड़ी बन गयी.
नितिन ने निक्की की गांड के छेद में बहुत सारा थूक भर दिया और लंड को डाल दिया.
निक्की की गांड टाइट थी इसलिए नितिन थोड़ी देर में ही निक्की की गांड में झड़ गया.
ताबड़तोड़ चुदाई से हम तीनों थक गए थे तो हमने अपने अपने गुप्तांग साफ किए और नंगे ही सो गए.
सुबह 7 बजे उठे और फिर से मैंने नितिन से अपनी चूत चुदवाई.
हम तीनों दिन भर बाहर घूमते फिरते और रात को होटल आ जाते और ढेर सारा सेक्स करते.
हम वहां 2 दिन और रुके.
नितिन हमें सुबह और रात को जी भर कर चोदता रहा; हॉट सिस्टर्स फक का मजा लेता रहा.
वह निक्की की तो चूत और गांड भी चोदता था.
दो दिन बाद हमने वापी से ट्रेन पकड़ी और वापस आ गईं.
मैंने रास्ते में निक्की से पूछा- तुमने नितिन से गांड मरवाई, तब दर्द क्यों नहीं हुआ?
तब निक्की ने बताया- मेरे 3 बॉयफ्रेंड रहे थे. उनमें से दो को मेरी गांड बहुत पसन्द थी. वे चूत कम और गांड ज्यादा मारते थे इसलिए मेरी गांड का छेद चौड़ा हो गया था.
पठानकोट पहुंच कर हम दोनों ने घर जाने के लिए बस पकड़ी.
हम सुबह करीब 10 बजे घर पहुंच गईं.
अगली बार हम दोनों बहनों ने फिर से गोवा जाने का प्रोग्राम बनाया है.
आपको साथ चलना हो तो मेल व कमेंट्स से बताएं कि आपको किस तरह का मजा करना पसंद है.
साथ ही मेरी हॉट सिस्टर्स फक स्टोरी कैसी लगी, ये भी बताएं.
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