मेरे प्रिय दोस्तो, आप कहानी के पहले भाग
हवस की देवी मेरी बीवी की चुदाई का प्लान-1
में नीना की धक्कम पेल चुदाई के सीन की कहानी पढ़ रहे रहे थे। आपने देखा कि बेड में अमित के साथ चुदाई करते वक्त वह किस तरह से मुझे इनवाल्व किए रही।
आइए, जानते हैं अब आगे की दास्तान!
चुदाई के सबसे नाजुक मोड़ पर नीना के कान में मैं धीरे से कुछ फुसफुसाया। मेरे अभी अभी किए गए प्रयोग से नीना को बड़ा मजा आया था, लिहाजा उसने मुझे अगले प्रोजेक्ट के लिए तुरंत इजाजत दे दी।
चूत के मोर्चे पर जाते वक्त तेजी के साथ उछाल मार रही चूचियों को अपना प्यार भरा सलाम ठोक कर मैं आगे बढ़ा ही था कि अचानक मैडम ने रोका और बोली- तुम्हारा लंड पकड़े ही रहूंगी। छोड़ूगी नहीं, इसलिए पलट जाओ। पलट कर चूत के साथ जो करना चाहो, कर लो।
बहरहाल मैडम की ख्वाहिश तो पूरी करनी थी, मैंने पलट कर अपना चेहरा चूत की ओर कर लिया, जहां अमित का गधे जैसा लंड मैडम की सुरंग में फुल स्पीड से गचागच बोरिंग करने में जुटा हुआ था।
इस तरह एक बार फिर मैंने पिंक कलर के मखमली हैंकी से चूत का पानी सुखाया। फिर जी-प्वाइंट के दोनों किनारे को अपने दोनों हाथ की एक-एक उंगली से कुछ इस तरह पकड़ा कि किसी मोटे चूहे की भांति चूत में घुसते हुए लंड मेरी बाकी उंगलियों की रगड़ खाता रहे।
साथ मैंने अमित को सलाह दी कि चुदाई की स्पीड को काफी कम करे।
इसके बाद पहली बोरिंग की शुरुआत से ही मैंने एक साथ तीन काम करना शुरू कर दिया। एक तो अपनी बीवी की क्लिट को दबा कर इस तरह पकड़े रखा कि चूत का गुलाबी द्वार नजर आता रहे, दूसरे मेरी उंगली और हथेली लंड को टच किए रहे और तीसरे, लंड घुसते समय रह रह कर चूत की भीतरी दीवारों सहलाता रहूं।
मेरे इस प्रयोग ने मौसम की फिजां ही बदल दी।
लिहाजा नीना इतनी गर्म हो गई कि तुरंत झड़ने के कगार पर खड़ी दिखी। उधर अमित भी अब तक अपना आपा खो चुका था।
चार-पांच मिनट बीते होंगे कि अमित भी नीना की तरह आहह… अहाहा हाहहह हह… उहहहेहे हहे हेहे… ईह हह हहह करते हुए झड़ने की बात करने लगा।
चूत में झड़ने के नाम नीना उसे तगड़ी वाली डांट पिलाने लगीं और बोली- साले चूत में तो झड़ना मत, नहीं पिटाई करूंगी।
इस पर मिमियाते हुए अमित चिल्लाया- तो फिर कहां झड़ूँ भाभी, मेरा निकल रहा है।
वास्तव में नीना भी झड़ने वाली ही थी, दरअसल वह चाहती थी कि चूत से लेकर चूचियों तक अमित के उजले माल को परोस डाले और अंत में यही हुआ भी!
बहरहाल बनावटी गुस्से के साथ नीना भड़क उठी, साथ ही अजीब सा फरमान जारी कर दिया- तू ही मुझे रगड़ रगड़ कर नहलाएगा मुझे। पूरी साफ-सफाई की जिम्मेदारी केवल अमित पर, मेरे जानम चाहें तो तुम्हारी मदद कर सकते हैं। अब तू समझ!
साथ ही गुस्से से लाल पीली होने का नाटक करते हुए नीना ने अमित के लंड से निकले हुए उजले माल को अपने चेहरे से लेकर चूचियों, कमर, चूतड़ और चूत पर पोत डाली। यहां तक कि उसके लंड का बचा खुचा माल निकाल कर टांगों पर लोशन की तरह मसाज करने लगी।
इसके बाद शेखी बघारते हुए बोली- अब चलो करो सफाई… देखती हूं कितना समय लगाते हो?
दरअसल यह मेरे लिए गीजर चालू करने का इशारा था, ताकि गर्म पानी में शावर लेने के बाद अमित से भरपूर चूचियां मसलवा सके।
वास्तव में उन दिनों नीना के दिमाग में अपनी चूचियां बड़ी बड़ी करने का पैशन बना हुआ था। बता दूं कि शादी से पहले भी वह तीन लौड़ों का स्वाद चख चुकी थी। इस बीच पति के रूप में मेरी नियमित चुदाई के अलावा किरायेदार प्रशांत को खूब भोग चुकी थी। किरायेदार प्रशांत से मेरी बीवी की चुदाई की कहानी यहाँ पढ़ें!
एक दुक्का लंड की तो नीना ने कभी गिनती ही नहीं की। मगर चूचियां बमुश्किल 34 कप साइज से बड़ी होने का नाम नहीं ले रही थीं।
अमित मेरी नीना की जिंदगी का पहला मर्द था, जिसके चलते नीना को उसकी चूचियां बढ़ती हुई महसूस हो रही थीं। वह बिग साइज बूब्स का तोहफा पाने की लालच में अमित का बड़े वाले काले गुलाबजामुन जैसा सुपारा पाकर निहाल हो जाती थी। उसका खूंटे के माफिक लंड जब नीना की चूत में घुसता तो चूत की दीवारें चिपक कर लंड को पकड़े रहती थीं।
शायद यही वह दौर था, जब नीना मेरे दोस्त अमित के हाथ से बूब्स मसाज कराया करती थी। इस तरह नीना की ब्रा छोटी पड़ने लगी तो वह खुशी के मार उछल पड़ी। तभी तो वह अमित के तगड़े लंड की दीवानी बन गई थी। हालांकि किरायेदार प्रशांत का लंड भी अमित की तरह ही जोरदार था, मगर अमित के साथ हम बिस्तर होने का मजा कुछ अलग ही था।
खैर, थोड़ी देर में ही इठलाते हुए नीना वाशरूम की ओर बढ़ी और हम दोनों उसे फालो करने लगे। नीना ने मुझे वाशरूम में प्लाटिक की चेयर लाने को कहा। फिर मोहतरमा अपनी चूचियां उचकाते हुए चेयर पर बैठीं और साथ ही टांगें फैला दीं ताकि वे अपने दो दो चाकरों की खिदमतगारी का लुत्फ़ उठा सके।
मैंने इशारे से अमित को उसका पूरा टास्क समझा दिया। बहरहाल बाथरूम सीन के पहले दौर में अमित ने अपनी नीना भाभी के पूरे बदन को पीयर्स सोप के साथ गर्म पानी से रगड़ रगड़ कर साफ किया। चूचियों और चूत की सफाई पर नीना ने खास फोकस किया था। मगर नीना महज नहाने के लिए तो बाथरूम में गई नहीं थी। उसकी मंशा तो दो दो मर्दों के हाथ रगड़ खाते खुल्लम खुल्ला चुदाई करनी थी।
लिहाजा चेयर हटाने का आदेश हुआ।
फिर मुझे उसने दीवार से सटाकर खड़ा कर दिया और खुद डॉगी स्टाइल में आकर मेरा लंड अपने दोनों हाथों से खूंटी की तरह पकड़कर ऊपर नीचे करने लगी।
अब बारी आई अमित की ड्यूटी की… अगले आदेश के हिसाब से अमित ने पीछे चूतड़ की ओर से नीना की चूत में अपना लंड पूरे जड़ तक डाल दिया, जो चूतड़ पर अपना पूरा दबाव बनाए रखा। फिर अपने दोनों हाथों को घुमा कर नीना की मदमस्त चूचियों को भींच कर लिया। यह तो रहा नए सीन का सेट और अब शुरू होता है एक्शन प्ले गेम।
दोस्तो, मेरी बीवी नीना ने मेरे दोस्त अमित को खास तौर पर निर्देश दिया कि वह न तो लंड हिलाएगा और न ही आगे पीछे धक्के मार कर चुदाई करने की कोशिश करेगा। वह अपनी सारी कलाबाजी केवल चूचियों पर कर सकता है। वह कस कर चूचियां पकड़ने के साथ जितना चाहे मसले। फिलहाल चोदने का अधिकार तो केवल नीना रानी के पास था। फिलहाल उसे अपनी चूत से अमित के लंड पर चक्की पिसनी थी। साथ ही फ्रंट मोर्चे पर मेरे लंड से खेलते हुए नीना मुझे इस सेक्स गेम-प्लान में इनवाल्व किए रही।
दोस्तो, आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मेरी चुदक्कड़ बीवी नीना ने किरायेदार प्रशांत से चक्की स्टाइल की चुदाई का प्रैक्टिकल करने सीखा था। दरअसल प्रशांत अपना 9 इंच लंबा और करीब साढ़े तीन इंच मोटा लौड़ा मेरी नीना की चूत में डाल कर चक्की पीसने के अंदाज में चारों ओर घुमा घुमा कर बिंदास चुदाई किया करता था।
बीते दो तीन दिन से नीना को प्रशांत की चुदाई याद आ रही थी, लिहाजा उसने तय किया कि वह आज डॉगी बनकर चूत से वृत्ताकार परिधि में अमित के गधे जैसे लंड को चोदगी।
मैं बताऊं, सचमुच अमित के लिए आज की यह चुदाई यादगार बन गई।
करीब आठ-दस मिनट की चुदाई में अमित बेहाल हो गया। नीना भी बात समझ गई कि अमित अब पानी छोड़ देगा, इसलिए पोज बदलना जरूरी हो गया।
स्लो मोशन चुदाई के नए सेशन में नीना ने मुझसे बड़े प्यार से चाय आर्डर किया और तब तक एक बालटी गर्म पानी निकाल कर अमित के लंड से खिलवाड़ करने लगी। अमित के लंड पर नीना जब गर्म पानी डालती तो वह बेचारा सिहर उठता, इससे नीना को बहुत मजा आ रहा था।
कुल मिलाकर नीना का मकसद मात्र इतना था कि वह अमित का लंड अपने हाथों में लेकर पूरी तबियत से खेलना चाहती थी यानि इस वक्त मैडम एक छोसी सी बच्ची बन गई थी और अमित का लौड़ा उनका प्यारा खिलौना।
तब तक मुश्किल से पांच मिनट के भीतर मैं कॉफी मग में अपनी ‘गाडेस ऑफ लव’ नीना के लिए मस्त वाली चाय लेकर हाजिर हो गया। मुझे वाशरूम में अपने सामने देख कर वे कातिलाना अंदाज में मुस्कुरा दीं और इसके साथ ही चुचियां उचकाते नीना अगले और शायद आज के अंतिम पोज की चुदाई का सेट बनाने लगी क्योंकि बच्चे अगले एक घंटे के बाद घर वापस आने वाले थे।
मैं मुश्किल से दो मिनट तक मैडम की चाय पकड़े खड़ा रहा। इस बीच नीना ने धुलाई के लिए रखे हुए कपड़ों को तकिये का शेप दे डाला। इसके बाद अमित को वाशरूम के फर्श पर लिटा दिया। फिर तकियेनुमा कपड़े को उसके हिप्स के नीचे रख दिया।
मुझे लगा कि अब मैडम अमित के घोड़े की सवारी करते हुए चाय सिप करेंगी। और मेरी आधा अनुमान ही सच निकला। दरअसल मैडम का प्लान अमित के कड़क लंड पर ऊपर से चूत रगड़ने का इरादा था।
अब शुरू हुआ मैडम का सेक्स गेम। तब तक देखता हूं कि नीना ने अपनी दोनों टांगों को फैला कर घुड़सवार बन गर्इं। लंड के जड़ से लेकर सुपारे तक के पूरे हिस्से को वह अपनी चूत से रगड़ घिस करने लगी, साथ ही मेरे हाथ से कॉफी मग ले ली और चाय सिप करने लगी।
इस दौरान मेरी ड्यूटी मैडम की मस्ती निहारने की थी और वे अपने मोहक अंदाज में मुझे देखकर खिलखिला रही थीं। तीन चार मिनट तक लंड घिसाई के बाद मैडम पर एक बार फिर मदहोशी छाने लगी, लिहाजा बाकी बची हुई चाय मुझे पीने लिए बढ़ा दी।
इस तरह चुदाई के अगले दौर की ओर बढ़ते हुए नीना ने खुद को पूरा एक्सपोज कर दिया और अचानक एक ही झटके में पूरा का पूरा लौड़ा चूत की सुरंग में खो गया यानि नीना के गर्म होते ही चूत अमित के लौड़े को निगल गई।
कह सकते हैं कि मेरी स्वीट बीवी के क्लामेक्स का असली खेल अब शुरू हुआ। नीना की बुलेट ट्रेन शायद 500 किमी. प्रति घंटा की गति से सरपट दौड़ने लगी और मैं उनकी ट्रैक पर अपनी पैनी नजर टिकाए हुए बेचारे अमित के हाल पर तरस खा रहा था।
इसी बीच ‘आह हहह उहहह हहह…’ करके अमित अपना पूरा उजला माल मेरी चुदक्कड़ घर वाली नीना की चूत में उड़ेल चुका था, मगर नीना कहां रुकने वाली थी, गपागप पेलते हुए नीना की चूचियां की नहीं, बल्कि जुबान भी मेरा तहेदिल शुक्रिया अदा कर रही थी।
नीना चिल्ला चिल्ला कर दावा करने लगी कि जिसके पास रितेश जैसा ग्रेट पति हो, उसे लौड़े की कमी कभी नहीं हो सकती।
बोलने लगी- यार रितेश, मैं जब जैसा लंड चाहूं, तुम्हारे चलते मेरे लिए हाजिर है। तुम्हारा यह एहसान सात जन्मों में भी नहीं उतार सकती। यू आर ग्रेट, रियली ग्रेट!
साथ ही मेरा हाथ पकड़ कर नीना बेतहाशा चूमने लगी। दरअसल यही नीना का क्लाइमेक्स था। नीना की चुदाई एक्सप्रेस प्लेटफार्म पर रूकी तो वह तीन चार मिनट तक बुरी तरह हांफती रही। जब होश में आई तो हंसते हुए उसने मेरे हाथ से कॉफी मग छीन लिया और बची हुई हल्की गरम चाय एक दो बार में ही सुड़क गई।
यह था नीना वाशरूम सेक्स का मास्टर प्लान, जिसे उसने लागू करके ही दम लिया।
दोस्तो, आपको मेरी सच्ची घटना पर आधारित यह रियल कहानी कैसी लगी? आशा है आपकी प्रतिक्रिया जरूर मिलेगी, ताकि मैं अपनी चुदक्कड़ बीवी नीना की चुदाई अगला एपिसोड बता सकूं। कृपया मेरा मेल आईडी नोट कर लें।
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