हॉट टीचर मैम Xxx कहानी में पढ़ें कि मुझे एक स्कूल में जॉब मिली. वहां की प्रिंसीपल मैम में कुछ अलग ही कशिश थी. मेरे अच्छे काम से वो खुश थी और हम दोस्त हो गये.
अन्तर्वासना के प्रिय पाठकों को एक बार फिर से आशिक़ राहुल का नमस्कार.
लंबे समय से मुझे कोई भी चुदाई कहानी लिखने का समय नहीं मिला.
मैं जीवन में नियमित रोजगार के लिए सरकारी नौकरी पाने हेतु कड़ी मेहनत में व्यस्त था.
आप सभी के प्यार से मुझे एक अच्छी सरकारी नौकरी भी मिल चुकी है.
व्यस्तता के दौरान भी मैं अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ने का वक़्त अक्सर निकाल ही लेता था.
मेरी पिछली कहानी थी: अन्तर्वासना ने प्यासी चूत को लंड दिलाया
आज मैं आप सभी के समक्ष अपनी एक नई सेक्स कहानी लेकर प्रस्तुत हूं.
आशा है, आप सभी को हॉट टीचर मैम Xxx कहानी पसन्द आएगी और आप अपनी प्रतिक्रिया देंगे.
दोस्तो, लम्बी मेहनत के बाद जब मुझे सरकारी विद्यालय में एक अध्यापक की नौकरी मिली तो ऐसे लगा जैसे मेरा बचपन का ख्वाब पूरा हो गया है.
पढ़ाना मेरा पैशन रहा है.
पहले दिन जब मैं विद्यालय में ज्वाइनिंग लेने गया तो वहां एक महिला प्रिंसीपल मैडम थीं.
उनकी उम्र तकरीबन 40 साल थी.
पर उन्होंने खुद को ऐसे फिट करके रखा था कि देखने में कोई भी उन्हें 33 या 34 साल से ज्यादा की नहीं बता सकता था.
मैंने अपना अपॉइंटमेंट लेटर और बाकी दस्तावेज देकर ज्वाइनिंग हासिल की.
उस दिन मैंने ज्वाइनिंग को लेकर पूरे स्टाफ को पार्टी दी.
उन सबने भी बड़ा ही मित्रवत व्यवहार का प्रदर्शन किया.
पर प्रिंसीपल मैडम की नज़रों में मुझे कुछ अलग ही कशिश नज़र आ रही थी.
आप सभी जानते है कि मैं अभी तक कुंवारा लड़का हूँ. देखने में ठीक-ठाक हूँ. मेरी हाइट भी काफी अच्छी है.
अगले दिन से नियमित तौर पर मेरा विद्यालय जाना शुरू हुआ.
मैं अध्यापन कार्य में काफी अच्छा हूँ. यह मैं अपनी बड़ाई के लिए नहीं लिख रहा हूँ दोस्तो, केवल सत्य बता रहा हूं. क्योंकि पढ़ाना मेरा बचपन से शौक और जुनून रहा है.
मेरी पढ़ाने का तरीका भी काफी अच्छा है, तो जल्दी ही सभी बच्चों के बीच और साथी अध्यापकों के बीच मेरा नाम होने लगा.
मैं पढ़ाने के अलावा बाकी सभी कामों में भी हिस्सा लेता हूँ इसलिए हर किसी की जुबान पर अब मेरा नाम अक्सर आने लगा.
प्रिंसीपल मैडम भी अक्सर हर काम में मुझसे सलाह मशविरा करने लगीं और इसके लिए अक्सर हम दोनों ऑफिस में अकेले काफी देर तक बातें करते रहते थे.
प्रिंसीपल मैडम का नाम प्रियंका था. उनकी हाइट 5 फ़ीट 5 इंच थी. वो एक भरे हुए बदन की मल्लिका थीं.
उनका फिगर 36-30-38 का रहा होगा.
कोई भी मर्द एक मिनट गौर से अगर उन्हें देख ले तो उसके लिए खुद पर काबू पाना मुश्किल हो जाए.
अब उनके साथ स्कूल के कामों के अलावा भी बातें होने लगी थीं.
कुछ 6 महीनों में हमारे बीच अच्छी दोस्ती गई.
अब हम दोनों आपस में अपनी हर बातें शेयर करने लगे थे.
प्रियंका मैडम के पति की लेडीज सामान की दुकान है.
इनके दो बच्चे हैं.
बड़ी लड़की पांचवीं कक्षा में है और छोटा लड़का तीसरी कक्षा में है.
पति को शराब पीने की गंदी लत भी है जिसकी वजह से दोनों में हमेशा अनबन रहती है.
काफी समय से दोनों के बीच सेक्स सम्बन्ध भी बंद ही थे.
अब रोजाना हम एक दूसरे के साथ ज्यादा समय व्यतीत करने लगे थे. फोन पर भी रोज बातें होने लगी थीं.
दोस्तो, मैंने शुरू में ही प्रियंका मैडम को बता दिया था कि पहले भी कई लड़कियों से मेरे रिलेशन रह चुके हैं.
अपना उसूल है कि जिससे भी दोस्ती करो या सम्बन्ध बनाओ, उसे शुरू से ही सब सच बता दो.
अब धीरे धीरे प्रियंका मैडम से फोन पर सेक्स के मुद्दे पर भी बातें होने लगीं.
उन्माद भरी बातें करती हुई वो अपनी उंगली से अपनी चूत के रस को निकाल लेती थीं और मैं अपना हाथ से हिलाकर.
इस सबका खुलासा हम दोनों आपस में बड़ी बेबाकी से कर लेते थे. इस तरह से मेरा और प्रियंका मैडम का चुदाई करने का मूड बन गया.
आखिर वो दिन भी जल्दी ही आ गया जब हम दोनों ने मिलकर एक दूजे की सेक्स की प्यास को बुझाया.
हमारे स्कूल के बच्चों ने राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया था जिसके लिए विद्यालय को सम्मानित करने के लिए गुरुग्राम बुलाया गया था.
गुरुग्राम जाने के लिए हम दोनों चल दिए.
सम्मान प्राप्त करके हम दोनों ने रात वहीं एक होटल में रुकने के लिए कमरा बुक किया.
शाम को पहले एक अच्छे रेस्टोरेंट में खाना खाया. फिर काफी देर बाहर घूमे और रात 9 बजे हम होटल के रूम में आ गए.
प्रियंका मैडम फ्रेश होने के लिए गईं और मैं बाहर इंतज़ार कर रहा था.
जैसे ही वो वाशरूम से बाहर आईं, मैं उन्हें देखते ही स्तब्ध रह गया, ऐसा लगा जैसे जन्नत से कोई अप्सरा उतर कर कमरे में आ गयी है.
गुलाबी रंग की नाइटी में वो गोरे बदन की मल्लिका, जैसे आज इस कमरे को सेक्स की नदी में बहाने आई हो.
उनके 36 के भरे हुए उरोज, बलखाती और मटकती हुई 30 की कमर … और 38 इंच की भरी हुई गांड देखकर इधर मेरे लंड महाराज ने पैंट के अन्दर से ही सलामी देनी शुरू कर दी.
वो गांड मटकाती हुई मेरे पास आईं और बोलीं- सर, आज आप अपनी मैडम की प्यास बुझा ही दीजिए.
उनके इतना कहते ही मैंने उन्हें वहीं दीवार के पास ही पकड़ लिया.
एक हाथ उनकी कमर में डालकर, दूसरे हाथ से उनकी जुल्फों को हल्के से माथे से पीछे की ओर सरका दिया.
अपने चेहरे को उसके चेहरे के एकदम करीब ले गया.
हम दोनों एक दूसरे की सांसों की गर्माहट को महसूस कर पा रहे थे.
फिर मैंने उनके निचले होंठ को अपने होंठों ले लिया.
मुझे ऐसा सुखद एहसास होने लगा जैसे कोमल गुलाब की पंखुड़ियों को अपने लबों में ले लिया हो.
पहले मैंने उनके निचले होंठ को चूसा, फिर ऊपर वाले होंठ को.
उनका साथ मिला तो मैं बारी बारी से मैडम के दोनों होंठों को चूसने लगा.
प्रियंका मैडम भी पूरे मन से साथ दे रही थीं.
मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और उनकी जीभ को चाटना और चूसना शुरू कर दिया.
इधर मेरे हाथ ने अपनी हरकत दिखानी शुरू कर दी.
एक हाथ से उनके एक दूध को दबाना मसलना शुरू कर दिया.
मैं ज़ोर से उनके उरोज को दबा दिया तो उनकी आंह की चीख मेरे होंठों में ही दबकर रह गयी.
सांसों के उखड़ने तक हमने एक दूसरे को चुम्बन किए.
इसके बाद मैंने उनकी नाईटी को खोल दिया.
उन्होंने अन्दर ऊपर कुछ नहीं पहना था.
अब वो केवल पैंटी में मेरे सामने खड़ी थीं.
खुद को इस हालत में पाकर वो एकदम से शर्मा कर मेरी बांहों में सिमट गईं.
अनुभव किसी भी काम में बड़ा महत्वपूर्ण रोल अदा करता है.
मैडम भी शादीशुदा थीं तो चुदाई करने का पूरा अनुभव उन्हें भी था.
अब मैंने उनकी कमर को अच्छे से सहलाया. उन्होंने भी मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
मेरी कमीज और बनियान निकाल कर मुझे ऊपर से नंगा कर दिया, फिर मेरे बदन को जगह जगह चूमना शुरू कर दिया.
वो हल्के हल्के से मेरे बदन पर अपने दांतों से रगड़ भी दे रही थीं.
जल्दी ही उन्होंने मेरी पैंट भी निकाल दी.
अंडरवियर के अन्दर मेरा लंड फनफना रहा था.
इसके साथ ही मैंने प्रिंसीपल मैडम को बेड पर लिटा लिया, उनके पैरों को चूमना शुरू किया.
पैर चूमते चूमते मैं ऊपर की ओर बढ़ने लगा. उनकी मांसल जांघों को सहलाते चूमते हुए ऊपर चूत तक का सफर पूरा किया लेकिन उनकी चूत पर अभी पैंटी पर्दा बनाये हुए थी.
पहले पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत की खुशबू को सूंघा, फिर फटाफट से उनकी पैंटी को उनके जिस्म से अलग कर दिया.
मैडम की चूत एकदम चिकनी थी जिस पर उनकी कामाग्नि के रस की कुछ नमी की वजह से वो गीली होकर चमक रही थी.
मैंने तुरन्त एक पल गंवाए बिना ही उनकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और उनकी चूत को चाटने चूमने लगा.
प्रियंका मैडम भी काफी समय से चुदी नहीं थीं इसलिए इस तरह के प्रहार से एकदम सिहर उठीं.
वो एक जल बिन मछली की भांति मचलने लगीं.
मैंने अपनी जीभ उनकी चूत के अन्दर डालकर चूसना शुरू कर दिया तो वो तेज तेज आवाजों में सिसकारियां लेने लगीं और मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगीं.
मैंने दो उंगलियां भी चूत के अन्दर डाल दीं और तेजी से चूत के अन्दर बाहर करने लगा.
इतने ने ही प्रिंसीपल मैडम की कामाग्नि का सारा रस एक झटके के साथ मेरे मुँह और मेरी उंगलियों पर निकलने लगा.
चूत से रस टपकते ही एक असीम शांति प्रिंसीपल मैडम के जिस्म और दिल में समाने लगी.
इसके साथ ही मैं भी बेड पर उनके साथ ही लेट गया.
कुछ मिनट में ही प्रियंका मैडम खड़ी हुईं और मेरे अंडरवियर को मेरे बदन से अलग कर दिया, मेरे लंड को चूसने लगीं.
वो कभी पूरा लंड मुँह में लेने की कोशिश करतीं, तो कभी तेजी से ऊपर नीचे करके मुँह से लंड चोदने लगतीं.
लगातार दस मिनट तक वो ऐसा ही करती रहीं और अचानक मेरा सारा माल उनके मुँह में ही झड़ गया.
कुछ देर हम दोनों एक दूसरे को बदन से चिपककर लेटे रहे और एक दूसरे के बदन को सहलाते रहे.
फिर शुरू हुआ हमारा चुदाई कार्यक्रम.
अब उनके दोनों पैरों को फैलाकर मैं उनकी टांगों के बीच में आ गया और अपने लंडराज को प्रिंसीपल मैडम की चूत के ऊपर हौले हौले रगड़ने लगा.
मैडम एक बार फिर से पूरी तरह उत्तेजित होने लगीं और जल्दी से मुझे लंड को चूत में डालने को कहने लगीं.
मैं उन्हें पहले पूरी तरह गर्म करना चाहता था इसलिए कुछ देर लंड से उनकी चूत की फांकों के बीच में घर्षण करता रहा.
फिर वो वक़्त आया, जब मैंने अपने लंड को एक ज़ोर का झटका मारकर उनकी चूत में प्रवेश करा दिया.
झटके के साथ ही लंड का सुपारा उनकी चूत में घुस गया और प्रियंका मैडम की चीख निकलने लगी.
कुछ सेकंड रुकने के बाद फिर से जोर से झटका मारा और लंड को अन्दर पेल दिया.
इसके बाद लंडराज चूत में अपना काम करने लगे.
नीचे लंड चूत में काम कर रहा था और ऊपर मैं उनके उभारों को जी भरकर चूस रहा था.
मैडम की मादक आवाजें निकलने लगीं.
कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैंने उन्हें घोड़ी बना लिया.
उनकी 38 की गोल चिकनी भरी हुई गांड देखकर तो लंड में और गर्मी आ गयी.
मैंने पहले उनके चूतड़ों को अच्छे से चूमा और पीछे से उनकी चूत में लंड पेल दिया.
जोर जोर के झटकों से और प्रिंसीपल मैडम की मादक सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज रहा था.
लगातार दस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ही झड़ गए, हमारे कामरस भी आपस में मिल गए.
काफी देर तक दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर पड़े रहे.
इसके बाद उस रात हमने 3 बार चुदाई की और कई तरह के पोज़ बनाकर चुदाई के मजे लिए.
अब मेरी और मैम Xxx चुदाई की दास्तान शुरू हो चुकी थी.
इसके बाद हमने कई बार कई जगह अलग अलग तरह से चुदाई का मजा लिया.
आगे की चुदाई कहानी में उनके बारे में और भी ज्यादा बताऊंगा.
दोस्तो मुझे आशा है कि आपको मेरी यह हॉट टीचर मैम Xxx कहानी पसन्द आई होगी.
आप अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए मेरी नई जीमेल आईडी पर सम्पर्क कर सकते हैं. उसका अड्रेस नीचे दे रहा हूँ.
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