सेक्सी स्टोरी मेरे पहले सेक्स की

सेक्सी स्टोरी मेरे पहले सेक्स की

यह सेक्सी स्टोरी उन दिनों की है जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ रही थी। मेरा नाम अलीशा है.. मैं क्लास में हमेशा अव्वल आती थी। मुझे मेरे मोहल्ले के लड़के हमेशा घूरते रहते थे.. पर मुझे समझ नहीं आता था कि ये क्यों घूरते हैं।
मैं जवान हो चली थी.. ये बात मुझे तब पता चली, जब मेरी क्लास के एक लड़के ने मुझे लव लैटर दिया।
मैंने वो पढ़ा तो मुझे बहुत गुस्सा आया।

मैंने ये बात अपनी एक सहेली को बताई।
वो बोली- तेरी तो निकल पड़ी यार.. ये इतना स्मार्ट लड़का है, इसके पीछे तो न जाने कितनी लड़कियां पड़ी हैं.. और वो तेरे पीछे पड़ा है। यार अपना जलवा हो जाएगा.. अपना ले उसे।
मैंने उसकी इतनी तारीफ सुन कर अपना लिया। मैंने उससे फोन पर ‘आई लव यू..’ बोल दिया.. वो बहुत खुश था।

अगले दिन आकाश मेरे सामने आया तो मेरी साँसें रुक गईं।
कई दिन तक तो ऐसे ही रहा वो मुझे छूता था तो मेरी साँसें रुक सी जाती थीं। वो ये बात समझ गया था इसलिए उसने मुझे टच करना बंद कर दिया था। सच में आकाश बहुत समझदार था.. उसने मेरे साथ कोई ज़बरदस्ती नहीं की।

फिर मुझे लगने लगा कि ये सही नहीं है मैं उसे खुद को छूने भी नहीं देती हूँ। अब मैंने खुद आगे बढ़ने का फैसला किया।

अगले दिन मैंने उसे पार्क में बुलाया। हम दोनों एक पेड़ के नीचे बैठ गए।
मैंने उससे कहा- क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करते हो?
उसने कहा- बहुत करता हूँ।
तो मैंने कहा- तो मुझे किस करो।
पर उसने कहा- नहीं.. ये मेरी और हमारी फर्स्ट किस है इसे मैं ऐसे एन्जॉय नहीं करूँगा।
मैं बोली- तो कैसे करोगे?
उसने कहा- कल कॉलेज ना जाकर.. तुम मेरे घर आना.. तब बताऊंगा।

मैं मान गई क्योंकि मैं उसे बहुत चाहती थी और उसका दिल दुखाना नहीं चाहती थी।
अगले दिन मैं उसके घर गई। पहली बार मम्मी-पापा से झूठ बोल कर किसी लड़के से मिलने उसके घर गई थी। मुझे बहुत बुरा भी लग रहा था और अच्छा भी।

खैर मैं उसके घर पहुँच गई। आकाश ने दरवाजा खोला.. मैं अन्दर आ गई उसने दरवाजा बंद किया और मुझे कमरे में ले गया। वहां पर एक चॉकलेट केक रखा था और बिस्तर सफेद चादर से ढका हुआ था।

मैंने कहा- ये सब किस लिए?
तो आकाश ने मुझे बिस्तर पर बिठाया और कहा- केक काटो।

मैंने केक काटा और आकाश को खिलाने के लिए हाथ बढ़ाया.. तो उसने मुझे रोका और मुझे खुद खाने को कहा। मैंने केक खाया तो उसकी क्रीम मेरे होंठों पर लगी रह गई। आकाश मेरे करीब आया और बहुत प्यार से उसने मेरे होंठों को चूम कर उस क्रीम को साफ़ कर दिया।

मुझे उसका किस करने का ये वाला तरीका बहुत अच्छा लगा। मैंने आकाश को अपनी बाँहों में भर लिया और उसके होंठों को चूमने लगी।

मुझे अजीब सा लगने लगा। आकाश ने मुझे अपने सीने से लगा रखा था। मुझे अपना बदन गरम होता महसूस हुआ और आकाश का भी काफी हॉट लग रहा था।

आकाश का लंड टाइट हो गया.. वो मेरे पेट में लग रहा था। तभी आकाश ने अपनी शर्ट उतारी.. उसका गोरा बदन देख कर मुझे रहा नहीं गया.. मैं उससे चिपक गई।
मुझे शर्म भी बहुत आ रही थी। तभी आकाश ने मेरी टी-शर्ट उतारी तो मैं घूम गई और अपने उरोज अपने हाथों से ढँक लिए.. मुझे शर्म आ रही थी।

तभी आकाश ने मुझे वापस अपनी तरफ घुमा लिया.. मैंने अपनी आँखें बंद कर रखी थीं। उसने अपने हाथ मेरे उरोजों पर रख दिए.. मेरी साँसें तेज हो गईं।
उसने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मुझे चूमने लगा.. मेरी साँसें और तेज हो गई.. साथ ही मुझे अपनी चुत में गीला सा कुछ महसूस होने लगा।

उसने अपना लोवर उतार दिया और फिर मेरी जींस भी निकाल दी। हमारे नंगे बदन आपस में चिपक गए थे। मेरी टाँगें खुद ब खुद फ़ैल गईं। अगले ही पल आकाश मेरी टांगों के बीच में था.. उसका लंड मेरी चुत से टकरा रहा था। मेरी चुत अब तक बहुत गीली हो चुकी थी। उसी वक्त आकाश ने नीचे मुँह करके मेरी चुत को किस किया ‘इसस्स्स्सा.. आह.. उइस्स्सिईउ..’
मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैं जन्नत में हूँ। मुझे आकाश का चुत चाटना अच्छा लगने लगा। मैंने अपनी चुत ऊपर को उठाते हुए आकाश के मुँह से लगा दी।

अब तो आकाश की ज़ुबान मेरी चुत के बहुत अन्दर तक घुस कर हरकत कर रही थी।
तभी मैं झड़ गई.. आकाश मेरी चुत के रस को चाटता गया।

कुछ पलों के बाद मेरी साँसें थोड़ी हल्की हुईं। अब आकाश उठा और अपना लंड मेरी चुत के पास सटा कर रुक गया।
उसने मेरी आँखों में बड़े अनुराग से देखा और कहा- करूँ मेरी जान?

मैंने मुस्कुरा कर ‘हाँ’ में इशारा किया। उसने लंड का मोटा भाग डाल दिया.. चूंकि चुत गीली थी.. जिससे लंड आराम से अन्दर जाने लगा। पर मुझे दर्द बहुत हुआ.. मेरा सारा नशा उतर गया.. मैं तड़पने लगी।

लेकिन मैं आकाश का दिल दुखाना नहीं चाहती थी.. मैंने दांतों को भींच कर सारा दर्द बर्दाश्त कर लिया।
आकाश ने अपने लंड को चुत में अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे अब मुझे अच्छा लगने लगा.. और मैं भी उसका साथ देने लगी।
उसके धक्के बढ़ते चले गए ‘उउउह.. इह.. उफफ्फ़.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… इस्स्सस्स.. आआह..’ की आवाजों से कमरा गूंजने लगा।

मेरे संतरे हिल-हिल कर आकाश से कह रहे और तेज चोदो.. बहुत मज़ा आ रहा है..!
यह हिंदी सेक्सी स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

सच में आकाश मेरी चुत को बहुत मस्ती अच्छे से चोद रहा था.. उसके झटके तेज लग रहे थे.. तभी मैं झड़ गई। मैंने चादर को कस के पकड़ लिया.. आकाश अब भी झटके मारता जा रहा था। मैं झड़ती जा रही थी.. तभी आकाश भी झड़ गया और मुझसे चिपक कर मेरे होंठों को चूमने लगा।
फिर वो मेरे ऊपर ही चिपक के लेट गया।

कुछ देर बाद मैंने आकाश से कहा- अब मुझे घर के लिए भी निकलना है.. हटो।
आकाश ने मुझे बाँहों में भर लिया और मेरे होंठों को चूमने लगा। मेरा मन भी कर रहा था कि अभी कुछ वक़्त और आकाश के साथ रहूँ। पर घर पे टाइम पर जाना ज़रूरी था। मैंने कपड़े पहने और जाने को हुई तो आकाश ने मुझे किस करने के लिए कहा।

मैंने कहा- बहुत देर हो रही है।
वो बोला- बस एक लास्ट किस!

तो मैं उसके पास आई और उसके होंठों को और फिर नीचे झुक कर उसके लंड को लास्ट किस दी।
मैंने लंड को चूमते हुए से कहा- थैंक्यू.. माय टूल..

यह थी मेरी सच्ची घटना.. मेरी इस सेक्सी स्टोरी पर अपने विचार मेल कीजिएगा।
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