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मेरा नाम समीर है.. प्यार से मुझे सैम कहते हैं और मैं हरियाणा से हूँ। माफ़ करना दोस्तो, मैं अपनी गोपनीयता के चलते अपने शहर का नाम नहीं बता सकता हूँ। मैंने अभी पिछले साल ही अपनी पढ़ाई खत्म की है और अभी में एक कम्पनी में जॉब कर रहा हूँ।
अब सीधे मुद्दे पर आते हैं।
यह बात आज से यही कोई 8 महीने पहले की है।
हुआ यूं कि मेरे पड़ोस में एक भाभी रहने के लिए आई थीं। उनके पति सर्विस में बाहर थे और वो अकेली ही रहती थीं। भाभी की उम्र 22 साल के करीब थी और उनका कोई बच्चा नहीं हुआ था। वो सारा दिन घर पर अकेली ही रहती थीं।
मैंने भाभी से नमस्ते करना शुरू कर दिया था। भाभी दिखने में जितनी मस्त थीं, उतनी ही मस्त उनकी बातें होती थीं। मैं तो देखते ही भाभी की चुदाई के सपने देखने लग गया था। पर वो भी इतनी जल्दी हाथ कहाँ आने वाली थीं। हर रोज मैं उनको देखता रहता था.. वो भी मुझे देखती थीं। शायद वो समझ गई थीं कि मैं भाभी की चुदाई चाहता हूँ।
ऐसे ही वक्त निकलता गया और कुछ बात नहीं बनी।
मैं तो बस यही सोचता रहता था कि कब वो पल आएगा जब भाभी की चुदाई मुझसे होगी। भाभी के तने हुए चुचे और उठी हुई लवली गांड देख कर मेरा बुरा हाल हो रहा था।
फिर एक दिन मैंने हिम्मत करके उनको अपना नंबर दे दिया और उन्होंने मुस्कुरा कर ले लिया।
मुझे लगा कि अब तो भाभी की चुदाई का जुगाड़ हो ही गया समझो। अब तो मैं उसके फोन का वेट कर रहा था कि कब भाभी फोन पर कहें कि मेरे राजा आ कर मुझे चोद दो.. फाड़ दो मेरी चुत को।
फिर उसके दो दिन बाद उनका फोन आया.. बस ऐसे ही ‘हाय-हैलो..’ के साथ कुछ बातें हुईं। फिर फोन का सिलसिला चल पड़ा और अब मैं उनको रात को भी फोन करने लगा।
एक दिन मैंने उन्हें बता दिया कि भाभी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो।
इस पर वो बोलीं- सैम तुम्हें पता है ना कि मैं मैरीड हूँ!
मैंने कहा- भाभी हमारे रिश्ते के बारे में किसी को पता नहीं लगेगा।
वो कुछ नहीं बोलीं तो मुझे यकीन हो गया कि भाभी की चूत को भी लंड चाहिए है।
फिर एक दिन मैंने उनसे मिलने के लिए कहा, तो भाभी बोलीं- मैं बाहर नहीं मिल सकती, तुम अगर चाहो तो मेरे घर आ सकते हो.. पर जब कोई ना हो!
मैंने कहा- भाभी आप मुझे समय बता दीजिएगा.. मैं आ जाऊंगा।
भाभी ने मुझे समय बताया और उसी समय पर अपने घर बुलाया। मैं भाभी के घर उनके बताए हुए टाइम पर पहुँच गया। वो भी मेरा ही इंतज़ार कर रही थीं।
मैं गया.. उस वक्त भाभी ने साड़ी पहनी हुई थी.. ब्लैक कलर की साड़ी में वो बड़ी फाडू आइटम लग रही थीं। उनको देखते ही मेरा तो लंड खड़ा हो गया।
मैं उनको एकटक देखे ही जा रहा था.. तो भाभी अचानक बोलीं- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- भाभी आप बहुत सेक्सी हो।
भाभी इतरा कर बोलीं- मुझे पता है।
‘जितना आपको पता है आप उससे भी ज्यादा झकास माल हो।’
उन्होंने आँख मारते हुए कहा- तो क्या अब इस झकास माल को देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी।
इतना सुनते ही मैं भाभी पर टूट पड़ा।
उन्होंने कहा- मैं तुम्हारी हूँ सैम.. थोड़ा आराम से करो।
मैंने उनको चूमते हुए अपनी बांहों में भींच लिया, भाभी ने भी मुझे सहयोग किया। इसके बाद मैंने एक-एक करके भाभी के सारे ऊपरी कपड़े उतार दिए। जल्द भाभी टू पीस में थीं। उन्होंने ब्लैक पेंटी और ब्रा पहनी हुई थी। मैंने तो बस कसम ही खा ली थी कि आज भाभी को कच्चा ही खा जाऊँगा।
मैंने भाभी को चित लिटाया और अपने कपड़े उतार कर उनके ऊपर चढ़ गया। मैंने भाभी को चूम-चूम कर बहुत गर्म कर दिया था। मुझसे भी रुका नहीं गया तो मैंने उनको टांगें फैलाने को कहा।
भाभी ने मेरी बात मानी और चूत खोल दी। मैं भाभी की टांगों के बीच में आ गया। मैंने लंड के सुपारे को भाभी की चिकनी चूत के मुहाने पर टिकाया और पूरा जोर लगा कर एक करारा धक्का दे मारा। पहले झटके में ही मेरा आधे से ज्यादा लंड अन्दर घुसता चला गया।
अचानक हुए इस प्रहार से भाभी की चीख निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आराम से करो.. यार तुमने तो मार ही डाला।
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मैंने भाभी की हालत देखते हुए आराम से चोदना शुरू किया। उनको चुदे हुए भी बहुत वक़्त हो गया था, जिससे भाभी की चुत एकदम कस गई थी। फिर मैंने धीरे-धीरे पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया।
कुछ ही पलों में चूत ने मेरे लंड से आशनाई कर ली और अब भाभी भी गांड उछाल-उछाल कर लंड खाने लगीं। कुछ देर तक ताबड़तोड़ चुदाई चली और इसके बाद हम दोनों एक साथ में ही डिसचार्ज हो गए। भाभी ने मेरा वीर्य अपनी चूत में ही ले लिया था।
कुछ देर यूं ही लिपटे रहने के बाद मैंने भाभी को फिर से चूमना शुरू कर दिया। मैंने भाभी से उनकी गांड मारने के लिए कहा, तो वो बोलीं- आज नहीं.. अगली बार मार लेना।
उस दिन के बाद से भाभी मुझसे हर रोज चुदने लगीं और ये सिलसिला आज भी चल रहा है।
दोस्तो कहानी में अगर कोई ग़लती हो तो माफ़ करना क्योंकि मैंने पहली बार भाभी की चुदाई की कहानी लिखी है। आपके मेल का इन्तजार रहेगा।
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