भोजपुरी भाभी की चुदाई कहानी मेरे घर के सामने रहने वाली एक जवान भाभी की है. उसका पति विदेश में रहता था। मेरी नजर उसपर थी. बात कैसे बनी?
दोस्तो!
मैं शुभम चौधरी हाजिर हूं एक और कहानी लेकर। आप सभी ने मेरी पहली कहानी
पड़ोसन को चोदने की चाह
को खूब सराहा है।
तो पेश है एक और कहानी।
ये कहानी है मेरी पड़ोस की खूबसूरत भाभी सारिका की।
सारिका अपने सास ससुर और एक 5 साल की बेटी के साथ मेरे पड़ोस में रहती थी।
उसका पति विदेश में रहता था।
सारिका पूर्वी उत्तरप्रदेश की लड़की थी मतलब भोजपुरी क्षेत्र की!
मैंने सूना है कि भोजपुरी भाभी बहुत सेक्सी होती हैं.
उसके घर का मेन गेट मेरे घर के मेनगेट के सामने था और किस्मत से फर्स्ट फ्लोर पर बालकनी भी, जहां से हम दोनों की आंखें मिली।
वो कपड़े सुखाने आती और मैं एक्सरसाइज करता।
जब भी हमारी आंखें मिलती मैं ऐसे रिएक्ट करता मानो ये बाइ चांस हुआ हो।
कुछ दिन बीते पर कोई सिग्नल नहीं दिया सारिका ने!
एक बार की बात है कि सारिका अपनी बेटी के स्कूल में गई हुई थी, शायद पी टी एम में!
मेरा उसी रास्ते से मेरे ऑफिस में आना जाना था।
उस दिन शाम को खूब बारिश हो रही थी।
सारिका अपनी बेटी को लेकर स्टैंड पर खड़ी थी ताकि यहां से कोई ऑटो या टैक्सी हायर कर घर जा सके।
मैंने ऑफिस से लौटते टाइम इन दोनों को स्टैंड पर खड़ा देख लिया।
मैं उनके पास गया और गाड़ी का शीशा नीचे कर अंदर आने का इशारा किया।
वो छाता लेकर खड़ी थी सो कार में आकर बैठ गई।
ठंड के कारण उन दोनों माँ बेटी के दांत किटकिटा रहे थे.
मैंने हीटर ऑन कर दिया।
थोड़ी देर में उनके नॉर्मल होने पर घर के लिए निकल पड़ा।
रास्ते में मेरी नजर सारिका के मासूम और खूबसूरत चेहरे पर पड़ रही थी।
मुझे उसे देखने में सुकून मिल रहा था।
कुछ ही देर में घर पहुंच गए।
वो ‘थैंक यू’ बोलकर अपने घर में घुस गई और मैं मुस्कुरा कर अपने घर में!
मेरे मुस्कुराने पर वो मुस्कुराई तो नहीं पर उसकी आंखों में मुझे बेचैनी सी महसूस हुई।
रात होने को थी।
उसकी छोटी सी बेटी ने डोर बेल बजाई मैंने दरवाजा खोला तो वो नन्हीं सी परी हाथ में पकौड़ों से भरा टिफिन लेकर खड़ी थी।
मैंने बच्चों की तरह बोलकर उसका अभिवादन किया, नाम पूछा।
मुझे बच्चों से बहुत प्यार है।
उसे देखकर मैंने सोचा कि हे भगवान! काश इस बच्ची का पापा मैं होता।
मैंने उसे थैंक यू बोला और चॉकलेट दी।
उसके जाने के बाद मुझे सारिका का मासूम चेहरा और बेचैन आंखें याद आने लगी।
मैंने बहुत आराम से बालकनी में बैठकर पकौड़े खाए।
दिन बीतते गए, बालकनी से यूं ही देखना दिखाना चलता रहा।
एक दिन मैं सुबह ऑफिस जाने के लिए नहा रहा था।
मैं घर में अकेला था तो घर आने के बाद शॉर्ट्स में या नंगा ही रहता था।
नहाते टाइम गुनगुनाने का भी शौक था।
उसी दिन मैं ऐसे ही नहा रहा था तो डोर बेल बजी।
कई बार बजी तो मैंने जोर से आवाज लगाई कि ‘वेट … कमिंग!’
तौलिया लपेट कर गेट खोला तो सामने सारिका खड़ी थी।
एक बारगी तो उसने मुझे देखा और मैंने उसे फिर उसने नजर झुका ली और मैं भी तुरंत संभलते हुए अंदर गया।
जीन शर्ट पहनकर हाजिर हुआ तो उसने कहा- कि क्या आप आज मेरी बेटी को स्कूल ड्रॉप कर देंगे क्योंकि उसकी वैन निकल गई है।
मैंने हाँ में सिर हिला दिया।
मैंने माँ बेटी को स्कूल ड्रॉप कर दिया और ऑफिस के लिए निकल गया।
सारिका के इस बार के थैंक यू में कातिलाना स्माइल भी थी, तो मुझे छाती में तीर चुभने की सी महसूस हुई।
उसी रास्ते रात को मुझे मेरे व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से हाय का मैसेज मिला।
मैंने लिखा- हू आर यू?
सामने से रिप्लाई आया- सारिका।
बस सारिका नाम पढ़ते ही मुझे मेरे पूरे शरीर में झुनझुनाहट सी महसूस हुई।
मैंने रिप्लाइ में लिखा- हैलो सारिका जी!
उसने भी हैलो से रिप्लाई किया।
उसके बाद गुड मॉर्निंग और गुड नाईट के मैसेज शेयर होने लगे।
पर कभी भी बात उससे आगे नहीं बढ़ी।
उन दिनों सर्दी थी।
एक रात की बात है सारिका का मुझे देर रात को कॉल आया।
वो रो रही थी।
मैंने पूछा तो उसने कहा- उसका ब्लड प्रेशर लो हो रहा है, तुम आ जाओ प्लीज़!
तो मैंने कहा- रात को कैसे आऊं? तुम्हारे ससुर और सास को कहो.
तो उसने कहा- तुम्हारे घर के सामने वाला गेट अंदर से खुला है, मैं अंदर कमरे में हूं। मुझे बचा लो, मैं मर रही हूं।
ऐसा सुनकर मुझसे रहा नहीं गया … मैं हिम्मत करके घर को लॉक कर धीरे से बाहर निकला।
धुंध काफी थी तो किसी को दिखने का खतरा ना के बराबर था।
उसके बताए मुताबिक मैं अंदर घुस गया।
सारिका अपने कमरे में थी, उसने गेट को हलका सा खटखटाने पर खोल दिया।
वो बेड पर बैठी रो रही थी और उसकी बेटी सो रही थी।
उसने मैक्सी पहन रखी थी जिसके अंदर से उसके बूब्स की महक आ रही थी।
वो रो रही थी, मैंने उसे चुप कराया और रोने का कारण पूछा.
तो उसने मुझे कुछ नहीं बताया।
जोर देने पर उसने कहा कि उसके हसबैंड उससे चीट कर रहे हैं।
ये बोलकर वो मुझसे लिपट कर रोने लगी।
उसके ससुर और सास बाहर रूम में सोए थे और उसका बेडरूम अंदर था जिसका एक गेट आंगन और दूसरा खुली जगह में खुलता था जिससे मैं अंदर घुसा।
अब वो नॉर्मल हो गई थी, इसलिए मैं खड़ा होकर आने लगा।
अभी मैं गेट तक पहुंचा ही था कि उसने मुझे हाथ से खींचा और मेरे पीछे मुड़ते ही उसने अपने रसीले गुलाबी होंठ मेरे होंठों पर रख दिए, मुझे बांहों में भर लिया।
मैं भी खुद को रोक न सका और डीप किसिंग शुरू कर दी।
किसिंग किसिंग में ही हमने एक दूसरे को नंगा कर दिया।
फिर बेड पर लेटने लगे तो याद आया कि उसकी बेटी भी यहां सो रही थी।
हम दोनों नंगे थे और मेरा लौड़ा तनकर मेरे पेट को छूने की कोशिश कर रहा था।
मैंने सारिका को गोद में उठाया और पास के स्टोर रूम में ले गया; वहाँ एक पुरानी मेज पर उसे लेटा दिया और खुद खड़ा रहकर उसके होंठ चूसने लगा।
मैंने लगभग 10 मिनट उसके होंठ पिए, फिर उसके गोरे बदन के हर हिस्से को प्यार किया।
मेरी हर किस पर वो सिहर जाती और करवट लेती।
उसकी आंखें बन्द थी और मुंह से आहें निकल रही थी जो मुझे और उत्तेजित कर रही थी।
मैं अब उसकी चूत पर आ गया।
मेज इतनी ऊंची थी कि मैं घुटनों पर बैठकर सारिका की चूत तक आराम से पहुंच पा रहा था।
मैं पागलों की तरह उसकी चूत को चूम रहा था।
उसकी चूत के प्रिकम की खुशबू से मेरे होश उड़ गए थे।
मैं गुलाब की पंखुड़ियों को तरह बाहर की निकले हुए हल्के काले चूत के लिप्स को बारी बारी होंठों के बीच भरकर उनका रस पी रहा था।
सारिका ने मेरा सिर दोनों टांगों के बीच लॉक कर दिया था और मेरे बाल खींचने लगी थी।
मैं बेतहाशा चूत चूसने में लगा था.
थोड़ी देर में वो अक़ड़कर झड़ गई और मैं उसके कम को निकलते देखने लगा।
अब मैंने उसकी चूत का कम साफ किया और उसे किस करने लगा, उसके गोरे गोरे मम्मों को खूब पिया और मसला।
वो फिर से गर्म हो गई.
अबकी बार हमने 69 की पोजिशन में ओरल किया।
मुझे 69 पोजिशन में चूत चाटना बेहद पसंद है।
मैं ऐसा पूरी रात कर सकता हूं। इस पोजिशन में चूत चटाई बहुत अच्छे से होती है और गांड को भी अच्छे से मसल और पकड़ सकते हैं।
इस पोजिशन में चूत की खुशबू का आनंद भी खूब लिया का सकता है।
दूसरी तरफ आपका पार्टनर आपका लौड़ा चूसकर भी आनंद देता है।
सारिका ने भी मेरा खूब साथ दिया।
मैं सारिका की चूत को देखता, सूंघता, बुर जीभ से छेड़ता, बुर को होंठों से पीता, जीभ से चूत चोदता।
मैंने सारिका के साथ जिस पोजिशन में होने के ख्वाब देखे वो आज पूरे हो रहे थे; मैं एक एक पल को खूब एन्जॉय कर रहा था।
अब सारिका खड़ी हो गई और मुझे गले से लगाकर बोली- थैंक्स शुभम! आज मैं मर जाऊं तो भी ग़म नहीं। मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं, तुमसे हर रात इसी तरह चुदवाना चाहती हूं।
मैंने उसे गले लगाया और बोला- जान जब तुम चाहो, मैं लोड़े के साथ हाजिर हूं।
फिर मैंने उसे लोड़े पर बैठाया और उसने मेरी सवारी की.
69 में ओरल की वजह से हम चरम पर थे तो हम 9/10 झटकों में ही एक दूसरे की आंखों में देखते हुए एक साथ झड़ गए।
चूत के अंदर झड़ने में मुझे इतना आनंद आया कि जैसे में जन्नत में पहुंच गया हूं।
उस रात मैंने 2 बार उस भोजपुरी भाभी की चुदाई की, चूत मारी और घर आकर सो गया।
उसके बाद जब तक मैं उस गली में रहा तब तक उसकी रसीली चूत को चूमने, सूंघने, चाटने और चोदने का मज़ा लिया।
अब हम अलग हैं और उसने दूसरी बेटी को जन्म दे दिया है।
अक्सर मैं सोचता हूं कि शायद वो हमारे ही प्यार की निशानी है।
मेरी जिंदगी की ऐसी ही बहुत सारी हसीन दास्तां मैं आप तक पहुंचाता रहूंगा।
हसीनाओं से निवेदन है कि मुझे हैंगआउट पर जरूर मिलें।
प्यार और खुशी बांटने से बढ़ती है।
चूत और लौड़े एक दूसरे के लिए ही बने हैं, उन्हें जुदा न रखें, उन्हें भी पास आने दें।
आपको भोजपुरी भाभी की चुदाई कहानी कैसी लगी मुझे कमेंट और मेल करके जरूर बताइए।
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