नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम दीपक है, मैं अभी 21 साल का अहमदनगर, महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ. मेरा कद 5’5″ है और मेरा लंड 8″ इंच लंबा व 2.5″ मोटा है. मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ. हर रोज सब कहानियां पढ़ता हूँ. मुझे भी लगा कि मैं अपनी सच्ची चुदाई की कहानी आपको सुनाऊं. जो मैंने मेरे एक स्टूडेंट के साथ की थी. ये अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है कुछ गलती हो तो माफ करना.
यह करीब 3 महीने पहले की बात है. मैं एक कम्प्यूटर क्लास में कम्प्यूटर का टीचर था. उन दिनों गर्मियों की छुट्टी चल रही थीं, इसलिए सभी बैच फुल रहते थे. अधिकांशतः 10-12 वीं के स्टूडेंट रहते थे. उन्हीं दिनों एक लड़की ने क्लास ज्वाइन की, वो दिखने में तो कोई हीरोईन से कम नहीं थी.. हॉट भी जबरदस्त थी. उसे देख कर ऐसा लगता था कि साली को यहीं पटक कर चोद डालूँ.. लेकिन ऐसा हो नहीं सकता था.
उस लड़की का नाम कार्तिकी था. यह नाम बदला हुआ है. उसका फिगर 32-28-32 का था. जब से वो क्लास में आने लगी थी, मेरी नजर उस पर ही टिकी रहती थी. मेरे मन में सिर्फ उसे चोदने के ख्याल आने लगे थे. मुझे लगता था कि यदि उसे मैं बोल देता तो वो मान भी सकती थी. पर यदि उसने मना कर दिया तो मेरी इज्जत दो कौड़ी की रह जाती.
फिर एक दिन मुझे पता चला कि वो फेसबुक पर है, मैंने उसे फेसबुक पर फ्रेंड बना लिया. फिर हमारी रोज चैटिंग होना शुरू हो गई. शुरू में तो मैं उसे सामान्य बातें करता था, पर धीरे धीरे मैं आगे बढ़ा.
एक दिन मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेंड है क्या?
वो ‘नहीं..’ बोली, उसने भी मुझसे पूछा, मैंने भी नहीं बोला.
अब मैंने उसे प्रपोज कर दिया. वो भी मुझे बहुत चाहती थी, पर बोल नहीं पाई. फिर हमने मोबाइल नंबर शेयर किए और बातें करने लगे. अब हम दोनों रात को 1-2 बजे तक बातें करते थे.
जब वो क्लास में आती थी, तब मैं उसे पढ़ाने के बहाने यदा-कदा छू भी लेता था और कभी सबकी नजरें बचा कर उसके उरोज भी हल्के से मसल देता था. वो कसमसा कर मुस्कुरा देती थी.
फिर हम फोन पर ही सेक्स की बातें करने लगे. मैं तो उसे चोदने का चान्स ढूँढ रहा था, पर एक दिन अचानक खुद उसी ने मुझे अपने घर बुला लिया.
मैंने पहले तो मना किया, पर उसने बहुत बार कहा, इसलिए जाना पड़ा. असल में मेरी गांड फट रही थी कि मैं उसके घर पकड़ा जाता तो सब इज्जत का कचरा हो जाता इसलिए मैंने मना किया था. उसके मम्मी पापा उस दिन कहीं बाहर गए थे. मैं घर गया तो उसने मुझे अन्दर करके मेन दरवाजा बंद कर दिया.
उसकी इस हरकत को देखते ही मैं भी चालू हो गया. मैंने उसे पकड़ के किस करना शुरू कर दिया, उसने भी किस करने में मेरा साथ दिया. वो जिस तरह से किस कर रही थी, उससे पहले मुझे लगा कि ये तो चालू लड़की है. पर मैं लगा रहा.
तभी अचानक उसके पापा का फोन आया और वो बोले- हम आ रहे हैं.
मैं वहां से निकल आया. उसके साथ चुदाई हो नहीं सकी, लेकिन ऊपर से बहुत मजा ले लिया था. अब हम लोग चुदाई का मौक़ा खोजने लगे थे.
एक दिन मैंने उसको अपने एक दोस्त के खाली फ्लैट पर उसे बुलाया. उसने टी-शर्ट जींस पहनी थी. जैसे ही वो अन्दर आई, तो मैंने उसे पकड़ कर किस करना शुरू कर दिया. वो भी मेरा साथ दे रही थी. मैंने धीरे से उसकी शर्ट को उतार दिया, अन्दर उसने पिंक कलर की ब्रा पहनी थी. पिंक कलर मुझे बहुत पसंद है. मैं ब्रा के ऊपर से ही कार्तिकी के उरोज मसल रहा था.
फिर हम दोनों यूं ही चूमाचाटी करते हुए गर्म होने लगे. मैं उसको बेडरूम में लाकर उसे पूरा नंगी कर दिया. मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए. मैं सिर्फ अंडरवियर में रह गया था. मैं उसे फिर से किस करने लगा. उसके मस्त उरोजों को सहलाने लगा.
उसकी गर्म चुत में मैंने एक उंगली डाल दी. अपनी चुत में मेरी उंगली पाकर वो तो एकदम से उछल ही पड़ी. कुछ ही पलों में उसकी चुत ने तो पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.
अब मैं उसकी चुत पर अपना मुँह ले आया. उसकी मखमली चुत की महक ने तो मुझे पागल ही कर दिया.
मैं उसकी चुत चाटने लगा तो वो बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैं बोला- यही तो असली चुदाई का मजा है.
वो भी उछल उछल कर चुत चुसाई का मजा ले रही थी. तभी एक बार फिर से वो झड़ गई.
मैंने उसे अपना लंड चूसने को बोला तो वो मना करने लगी. मैंने उसे बार बार कहा तो वो मान गई. पहले पहल तो उसने लंड को जीभ लगाने में बहुत नखरा किया.. पर एक बार उसको लंड का स्वाद अच्छा लगा तो मस्त हो कर लंड चूसने लगी.
साली क्या लौड़ा चूस रही थी.. उसने गले तक लौड़ा ले लिया था. मैं समझ गया कि लौंडिया खेली खाई है. मैं लंड चुसाई के चलते झड़ने वाला था.
मैंने उससे पूछा कि इतना मस्त लंड चूसना किधर से सीखा है?
वो हंस दी लेकिन कुछ बोली नहीं, उसकी इस अदा से मुझे पक्का यकीन होने लगा था कि साली लंडखोर है और चुदी चुदाई चुत है.
मुझे अभी मजा आ रहा था तो मैंने सोचा माँ चुदाए अपुन को क्या करना इसकी चुत में अपने लंड का पानी निकाल कर मजा लो और आगे बढ़ो.. सील पैक भी कभी न कभी तो मिलेगी ही.
यह बात मैंने इसलिए सोची थी क्योंकि मैं एक टीचर था और मेरे टच में बहुत सी लौंडियाँ आती रहती थीं. साली कोई न कोई तो बिना चुदी चुत मेरे लंड के नसीब में होगी.
अब तक उसकी लंड चुसाई से मैं बुरी तरह से गनगना गया था और अब मेरे लंड का झड़ना तय हो चुका था.
मैंने उससे बोला- मैं झड़ने वाला हूँ..
पर वो मेरे लंड को लगातार चूसती रही. तभी मैं झड़ गया, तो उसने मेरे लंड का पूरा वीर्य निगल लिया.
मैं उसके मुँह से अपना लंड चुसा कर मस्त हो गया था. कुछ देर बाद मैं फिर से उसे किस करने लगा. उसके उरोज सहलाने लगा.
वो भी अब बहुत गर्म हो चुकी थी और बार बार कह रही थी- अब रहा नहीं जाता.. जल्दी से अन्दर डाल दो प्लीज़.. लंड डाल दो अन्दर.
मैं उसे तड़पाना चाहता था. साली ने मुझे बहुत दिन से चुदाई के लिए तड़पाया था.
इस वक्त कमरे का पूरा माहौल एकदम गर्म हो चुका था. मेरा लंड भी पूरी तरह से चुदाई के लिए तैयार था. मैं उसको यही समझ कर चोदने की तैयारी में था कि साली को लंड खाने की आदत है और इसको बहुत दिनों से किसी का लंड मिला नहीं होगा इसी लिए लंड लंड चिल्ला रही है.
मैंने उसको पैर ऊपर करने को बोला, उसने झट से रंडियों के जैसे अपनी टांगें खोल कर ऊपर उठा दीं. मैंने उसकी लपलपाती चुत पर लंड लगा दिया. इस वक्त मैंने उसे इस तरह पकड़ रखा था कि लंड अन्दर जाते वो छूटने ना पाए. वो भी लंड लेने को तैयार थी. मैंने एक ही झटके में आधा लंड उसकी चुत में डाल दिया.
लंड क्या घुसेड़ा, वो तो बुक्का फाड़ कर चीखने लगी. मैं एक बार को तो डर गया कि क्या हुआ साला किसी गलत जगह तो लंड नहीं घुसेड़ दिया. पर तब भी मैं उसे किस करता हुआ चोदे जा रहा था. उधर वो इस कदर तड़फ रही थी कि मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि साली लंड चूसने में तो माहिर लग रही थी, लेकिन अभी तक सील पैक निकली.
वो तड़पने लगी और रोने लगी. मेरे लंड की चोट से उसकी चुत की सील जो टूट गई थी. उसकी चुत से खून बह रहा था. ये तो उसे चुदाई के बाद पता चला.
मैंने जब अपने लंड के नीचे सील पैक चुत का अहसास किया तो मैं मस्त हो गया और मैं उसे अब प्यार से किस कर रहा था. उसके उरोज सहला रहा था. जब वो थोड़ी सामान्य हुई तो फिर से धीरे धीरे मैंने चुदाई शुरू की.
कुछ देर बाद वो भी अपनी कमर उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लगी थी. उसकी हल्के स्वर में कामुक सिस्कारियां निकल रही थीं- आहंहहहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई.. आह और करो.. मजा आ रहा है..
मैं करीब 20 मिनट तक चुदाई करता रहा. इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी. अब मैं भी आने वाला था. मैंने उससे पूछा कि माल किधर लोगी?
वो तुरंत बोली- अन्दर ही डाल दो.
करीब 15-16 झटकों के बाद मैं भी झड़ गया और निढाल होकर उसके ऊपर वैसे ही पड़ा रहा. मेरा लंड अब भी उसकी चुत में ही था. कुछ देर बाद लंड सिकुड़ कर बाहर आ गया. दस मिनट बाद उठ कर हम दोनों बाथरूम चले गए. वो तो चल ही नहीं पा रही थी. मैं उसको उठा कर बाथरूम में ले गया. हम दोनों ने साफ सफाई की.
इसके बाद चुहलबाजी शुरू हो गई तो मैं फिर से चूत चुदाई के लिए तैयार था.. पर उसने मना किया.
मैंने उससे एक बार फिर से लंड चूसने को बोला.. तो उसने मेरा लंड चूस कर मेरा माल निकाल दिया. इसके बाद हम दोनों चिपक कर लेट गए.
मैंने उससे पूछा कि अब तो बता दो इतना जबरदस्त लंड चूसना किधर से सीखा?
तो मेरी छाती पर मुक्का मारते हुए बोली- क्या ये जानना जरूरी है कि मैंने ये सब किधर से सीखा?
मैंने कहा- हां जरूरी है.
बोली- क्यों जरूरी है.. पहले ये बताओ?
मैंने कहा- मुझे ये मालूम है कि लड़कियां बिना कुछ कहे मर्द के मन की सब बात समझ लेती हैं, तो क्या मैं ये समझ लूँ कि तुम मेरे सवाल के पीछे छिपे भाव को समझ गई हो?
इस पर वो कुछ नहीं बोली और बस मुस्कुरा कर कहने लगी कि मुझे कुछ नहीं बताना है यदि तुम मेरे लिए कुछ भी सोचते हो तो सोचते रहो.
मैंने उसकी इस बात पर हंस दिया और कहा कि देखा मैंने कहा था न कि तुम मेरे दिल की बात समझ गई हो कि मैं क्यों ये जानना चाहता था कि तुम कुल्फी चूसना किधर से सीखीं.
वो हंसते हुए उठी और बोली- मानोगे नहीं.. मैं ये सब ब्लू फिल्म देख कर सीख गई हूँ.. बस अब जान लिया हो तो बात खत्म करो.
मैंने भी उसे उठ कर प्यार से चूमा और अपने कपड़े पहनने लगा. कुछ देर बाद वो अपने कपड़े पहन कर अपने घर चली गई.
बाद मैं हमने कई बार चुदाई की, कमरे में, खुले में.. और एक बार तो मेरे दोस्त ने भी उसे चोदा.
मैं फीमेल की फुल बॉडी मसाज भी करता हूँ. उसकी भी खूब मालिश की है. मेरी मालिश से बड़ी खुश हो जाती है.
दोस्तो, आपको मेरी ये सेक्स स्टोरी कैसी लगी जरूर बताएं. मुझे मेल लिखिएगा.
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