दोस्तो, मैं आपके सामने एक नई और सच्ची सेक्सी कहानी लेकर आया हूँ। मैं संजय अन्तर्वासना का पुजारी… या यूँ कहो तो पाठक!
मैं काफ़ी सालों से अन्तर्वासना की लगभग सभी कहानियों को पढ़ता आया हूँ जिनमें से मुझे कुछ सच्ची और कुछ झूठी लगी। इन्हें पढ़कर आज मुझे लगा कि मुझे भी अपने जीवन के उन हसीन पलों को आप सब से बांटना चाहिए जो मैं इतने सालों से मन में दबा कर बैठा था।
मैं मुंबई का रहने वाला 25 साल का नौजवान, मेरी लंबाई 5 फीट 8 इंच और मैं ज़्यादा सुंदर तो नहीं पर इतना भी बुरा नहीं कि लड़कियों का ध्यान ना जाए मुझ पर, और ज़्यादा खूबसूरत भी नहीं कि केटरीना जैसा माल टिका सकूँ। मैं गेहुँए रंग का, 7.5 इंच लंबे लंड का मालिक हूँ।
यह बात आज से 3 साल पहले की है, मैं उस समय अपना ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त फ़ेसबुक पे रहा करता था। मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई, उसका नाम सोनल था। वो दिखने में सुंदर थी और उसके नैन नक्श भी काफ़ी सुंदर थे, मैं उसको मन ही मन चाहने लगा था। लेकिन उसको कभी बता नहीं सका, लेकिन हमारी दोस्ती गहरी थी हम दोनों अपने अपने दिल की बात एक दूसरे को बताते थे। हम दोनों ने अपने अपने नंबर भी एक दूसरे को दिए थे, हमारी बात फोन और फ़ेसबुक दोनों जगह होने लगी।
मैं उसको हमेशा मिलने बुलाता था लेकिन वो मना कर देती थी क्योंकि उसके पास समय नहीं होता था।
6-7 महीने बीत गये लेकिन हम मिले नहीं और मैं उसको मिलने के लिए बेताब रहता था।
एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ बोरीवली में घूम रहा था तब मुझे सोनल का फोन आया। मैंने कॉल उठाई और उससे बात की.
सोनल- तुम कहाँ हो?
मैं- मैं बोरीवली में अपने दोस्तों के साथ घूम रहा हूँ, क्यों क्या हुआ?
सोनल- मैं अब मीरा रोड स्टेशन पर हूँ, बोरीवली आ रही हूँ तुमसे मिलके जाऊंगी।
मैं- ओके ठीक है, मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूँ।
मैं आपको सोनल के बारे में बता देता हूँ, सोनल की हाइट मुझसे 3 इंच छोटी यानि 5’5″ होगी, उसकी फिगर 34-28-34 होगी।
मैंने अपने दोस्तो से कहा- तुम अब चले जाओ।
मेरे दोस्त भी मान गये क्योंकि शाम का समय था।
मैं मेरे दोस्तों को छोड़ कर उससे मिलने चलते हुए जा रहा था, तब उसकी फिर से कॉल आई, उसने कहा- मैं यहाँ पहुंच गई हूँ, तुम कहाँ पर हो?
मैंने जवाब दिया- बस पहुंच रहा हूँ।
जैसे मैंने आपको बताया है कि हम दोनों एक दूसरे के साथ फ़ेसबुक और फोन पे बात करते थे तो मुझे पहचानने में कोई दिक्कत नहीं हुई।
कुछ ही पल में मैं उसके सामने जाकर खड़ा हुआ और उससे हाथ मिलाते हुए कहा चलो- यहाँ से कहीं ओर चलते हैं।
वो भी मान गई और मेरे साथ चलने लगी.
थोड़ी दूरी पर जाकर हमने ऑटो पकड़ी और वहाँ के नज़दीकी गार्डन में गये।
वहाँ जाकर हम बातें करने लगे, मैंने उससे पूछा- तुमने आज अचानक ऐसे मुझसे मिलने का कैसे सोच लिया?
उसने कहा कि वो अपने आशिक़ यानि उसके बॉयफ्रेंड को मिलने गई थी, लेकिन उसने मुझे वहाँ से जाने को कहा और बोला कि आज के बाद मुझे कभी मिलने मत आना और कॉल भी मत करना।
फिर उसने कहा- मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था इसलिए मैंने तुम्हें कॉल किया और मिलने के लिए कहा। अच्छा हुआ तुम मुझे मिल गये नहीं तो मैं कहीं पर अकेली रहती और रोने लग जाती।
मैंने कहा- यार अगर ऐसा ही था तो उससे मिलने क्यों गई? चल अब कोई बात नहीं सब ठीक हो जायेगा।
ऐसा कहते हुए मैंने उसे अपने गले से लगा लिया।
जैसे ही हम गले मिले, वो रोने लगी, मैंने उसे चुप करते हुए उसके आंसू पौंछे और फिर से उसको गले से लगा लिया और साथ ही साथ उसकी पीठ को सहलाता रहा ताकि उसे अच्छा महसूस हो!
वो भी मेरी बाहों में समा जा रही थी।
पता नहीं क्या हुआ, मैंने उसका मुँह अपने हाथ में पकड़ा और उसके माथे पे चूम लिया जिससे उसकी आँखें बंद हुई और मैंने उसकी आँखों को चूम लिया और उसके आँसू पी गया.
इससे वो भावुक हो गई।
फिर हम वहीं एक दूसरे की बाहों में रहते हुए बात करने लगे, हम बात करते हुए नज़दीक आए, हमारी साँसें एक दूसरे से मिल रही थी, तभी मैंने उसे अपनी दिल की बात बताई- सोनल अगर तुम बुरा ना मानो तो तुम्हें एक बात कहनी है?
उसने कहा- हाँ बताओ… मुझे तुम्हारी किसी भी बात का बुरा नहीं लगेगा क्योंकि तुम दिल से बहुत अच्छे हो… यह मैंने जान लिया है।
मैंने कहा- मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूँ।
उसने मेरे होठों पे उंगली रखी और मुझे चुप होने को कहा, मैं थोड़ी देर चुप रहा फिर मैंने उसका मुँह अपने हाथ में पकड़ा और उसके लबों पे अपने होंठ लगाए, उसने कुछ नहीं कहा और उसकी आँखें बंद हो गई।
बस हमारी सेक्सी कहानी शुरू हो गई… मैं उसको किस करता रहा कुछ ही पल में उसने भी मेरा साथ दिया और हम किस करने लगे। उसकी ज़ुबान और मेरी ज़ुबान मुँह के अंदर ही अंदर खेलने लगी, कभी वो मेरी ज़ुबान उसके मुँह में लेती तो कभी में उसकी ज़ुबान मेरे मुँह लेता, ऐसे ही हम करीब 15 मिनट तक किस करते रहे।
किस करते करते कब मेरे हाथ उसके बूब्स पे चलने लगे उसके मुँह से कामुकता के स्वर निकलने लगे जिससे मैं और गर्म होता गया.
हम जहाँ पर थे, वहाँ पे हम कुछ कर नहीं सकते थे इसलिए हम वहां से निकल गये और एक जंगल में जहा हमे कोई देख ना सके।
वहां जाते ही मैंने उसके टॉप को ऊपर उठाया और उसके बूब्स दबाने लगा जिससे वो गर्म होती गई और उसके बूब्स भी चूस लेता.
मेरी हालत खराब हो रही थी, मैंने अपना लंड अपने जीन्स से बाहर निकाल के उसके हाथ में थमा दिया, उससे कहा- इसे अपने कोमल हाथों से हिलाओ!
वो मेरा लंड अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी।
उसकी जीन्स को उसकी जाँघों तक नीचे करते हुए मैंने अपना हाथ उसकी चड्डी में डालते हुए उसकी चूत को अपने उंगली से रगड़ने लगा। वो मेरी ऐसी हरकत की वजह से मेरा लंड दबाते हुए हिलाने लगी जिससे कुछ ही समय बाद मेरा वीर्य निकल गया, मैं निढाल हो गया और वहीं ज़मीन पर उसके बगल में बैठ गया।
हम दोनों शांत हो चुके थे लेकिन हमें और आगे भी करना था लेकिन वक़्त बहुत हो चुका था, शाम के 8 बज गये थे इसलिए मैंने उससे कहा- अगली बार जब मिलेंगे, तब हम पूरा करेंगे।
उसने हाँ में सर हिलाया और हम वहां से स्टेशन की तरफ बढ़े… जाते समय भी हमने ऑटो में किस करते रहे।
फिर मैंने उसको अलविदा कहा और वो वहां से चली गई उसके घर…
घर जाते ही उसने मुझे कॉल किया, मैंने कॉल उठाई, उससे बात की, उसने कहा- मुझे आज बहुत अच्छा लगा तुमसे मिल कर… और जो हमने किया उससे मुझे बहुत खुशी मिली है, और हम जल्द ही मिलेंगे।
ऐसे कहा और फोन रख दिया।
मेरे दिमाग़ में भी अब उसकी चाहत बढ़ गई थी और मैं ‘उसके साथ सेक्स कैसे और कहाँ करूँ’ इस बारे में सोचने लगा।
फिर हम रोज सेक्स चैट करते रात के समय और वो अपनी उंगलियाँ चूत में डाल कर खुद को शांत करती और मैं मुठ मार के खुद को शांत करता।
15-20 दिन बीत गये लेकिन कोई मौका नहीं मिल रहा था।
लेकिन कहते है कि सब्र का फल मीठा होता है। वैसे ही कुछ मेरे साथ हुआ, मेरे घर में मैं, मेरी बहन और मेरे पिताजी रहते हैं।
मेरी बहन किसी काम से मेरी मासी के पास 2 दिन के लिए चली गई.
यही सही मौका था हमें सेक्स करने का, मैंने तुरंत सोनल को फोन लगाया और उससे कहा- आज घर में कोई नहीं है, पिताजी रात को 10 बजे तक आएँगे, तुम जल्दी से घर आओ।
तो उसने कहा- ठीक है, मैं आती हूँ लेकिन 2 बजे तक आती हूँ, कॉलेज में थोड़ा काम है, वो निपटा के सीधा तुम्हारे यहाँ आती हूँ।
फिर उसने कहा- लेकिन मुझे तुम्हारा घर पता नहीं है, तुम मुझे लेने के लिए स्टेशन आना।
मैंने कहा- ठीक है!
अब मैं उसकी कॉल का इंतज़ार कर रहा था, करीब एक घंटे बाद उसकी मुझे कॉल आई, मैंने कॉल उठाया, उसने कहा- मैं स्टेशन 10 मिनट में पहुंच रही हूँ!
और फोन कट किया.
मैं उसको लेने स्टेशन पहुंच गया।
मैं उसको देखता ही रह गया क्योंकि वो आज एक सेक्सी माल लग रही थी। क्या कयामत दिख रही थी वो… आपको बता नहीं सकता।
काले रंग का टॉप और काले रंग की जीन्स स्टेशन गुज़रता हुआ हर एक लड़का, बुड्ढा आदमी उसको देख रहां था और मानो या ना मानो उनके लंड ज़रूर खड़े हुए होंगे और उन्होंने दिल में सोचा भी होगा काश इस लड़की को हम चोद सकें।
खैर छोड़िए… मैं उसको लेकर घर पर आ रहा था तब उसने रास्ते में कहा कि उसे चॉक्लेट चाहिए.
मैंने उसके लिए डेरी मिल्क की सिल्क चॉकलेट लाकर दी और फिर उसने कहा- मुझे सिगरेट भी पीनी है।
मैंने रास्ते में एक सिगरेट ले ली और उसके हाथ में थमा दी।
हम घर के अंदर आये, मैंने उसे पानी दिया और फिर मैंने सिगरेट जला कर उसके हाथ में दी, वो सिगरेट के कश खींचने लगी और ऐसे ही कुछ समय में सिगरेट खत्म हुई।
फिर उसने कहा- तुम्हारे पास ब्लू फिल्म है क्या?
मैंने जल्दी से मेरा कंप्यूटर चालू किया, उसमें ब्लू फिल्म की कुछ वीडियो थे, उसमें से एक वीडियो चालू की, हम दोनों साथ में वीडियो देख रहे थे।
वीडियो में किस्सिंग सीन चल रहा था, हम दोनों भी एक दूसरे को किस करने लगे और जो चॉकलेट मेरे हाथ में थी उसका छोटा टुकड़ा मैंने अपने मुँह में लिया और हम किस करने लगे, किस करते हुए मैंने वो टुकड़ा उसके मुँह में दिया.
ऐसा करना मुझे पहले से पसंद था और आज भी मैं ऐसे करता हूँ।
किस करते करते हम दोनों कामुक होने लगे और मेरा हाथ उसके वक्ष पर चला गया, मैं उसके टॉप के ऊपर से ही उसकी चूची दबाने लगा।
उसने मुझे कसके अपने गले से लगा लिया और मेरे कान में कहा- संजय, मैंने आज तक कभी सेक्स नहीं किया है, और मैं तुम्हारे साथ इसलिए करने के लिए तैयार हुई हूँ क्योंकि मुझे तुम पर पूरा भरोसा है।
मैंने उसे कहा- कोई बात नहीं… अगर यही बात पहले बता देती तो मैं अपनी सुहागरात की तैयारी और अच्छी करता।
उसने कहा- इसकी कोई ज़रूरत नहीं थी, मेरे साथ तुम हो, यही मेरे लिए बड़ी बात है लेकिन हम ये सिर्फ़ दोस्ती में ही करेंगे, हमारा दूसरा कोई रिश्ता नहीं होगा।
मैं थोड़ा हताश हो गया लेकिन फिर मन ही सोचा मुझे क्या करना है, मुझे चूत मिलने से मतलब है।
और मैं टूट पड़ा उस पर..
धीरे धीरे किस करते हुए मैंने उसका टॉप निकाल फेंका और उसकी चूची ब्रा के ऊपर से ही ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था।
उसने कहा- मैं कहाँ भागी जा रही हूँ जो इतने ज़ोर ज़ोर से दबा रहे हो? दर्द हो रहा है मुझे… थोड़ा धीरे धीरे दबाओ।
मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूची चूसने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी- उफ आआहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… हम्म आहह…
फिर मैंने उसकी ब्रा निकाली और उसकी चूची एक एक करके चूसने लगा, एक चूसता तो दूसरी दूसरे हाथ से दबाता… इससे उसको मजा आने लगा था।
उसने मेरी शर्ट खोल कर निकाल फेंकी और मेरी जीन्स के ऊपर का बटन भी खोलने लगी. मैंने जीन्स का बटन खोलने में उसकी मदद की, उसने मेरी जीन्स निकाली और मेरे अंडरवीयर के ऊपर से ही मेरे लंड को अपने हाथों से दबाने लगी और सहलाने लगी।
मेरा लंड तो अंदर ही अंदर फुंफ़कार मार रहा था।
मैं उसकी चूची चूसते हुए उसके पेट से होते हुए उसकी जीन्स को खोलने लगा. मैंने उसकी जीन्स निकाली तो देखा कि काले रंग की चड्डी पहनी हुई थी. उसमें वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी, मन कर रहा था कि अभी इसको चोद दूँ।
लेकिन मैं कोई जल्दी नहीं करना चाहता था, क्योंकि उसका यह पहला सेक्स था।
मैं उसकी चड्डी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा, उसे मजा आने लगा, उसकी चूत गीली हो गई थी, उसकी चूत का पानी मुझे कुछ नमकीन सा लग रहा था लेकिन अच्छा था।
फिर मैंने उसकी चड्डी उतार दी और उसकी चूत चूसने और चाटने लग गया। कभी मेरी ज़ुबान उसकी चूत के अंदर करता जिससे वो चिहुंक उठती और सिसकारियाँ लेती जिससे मुझे और जोश आता और मैं उसकी चूत को काट भी लेता।
फिर उसने मुझे ऊपर खींच लिया और हम फिर से किस करने लगे।
कुछ देर बाद उसने नीचे झुक कर मेरा अंडरवीयर निकाल दिया और मेरा लंड हाथ में लेकर सहलाने लगी और कुछ ही पल में लंड मुँह में लेकर चूसने लगी। उसके होंठ मेरे लंड पर लगते ही मेरा लंड उछलने लगा और मैं उसको चोदने के लिए बेकाबू हो गया।
फिर हम दोनों 69 की पोज़िशन में हुए, मैं उसकी चूत चाटने और चूसने लगा, वैसे ही वो मेरा लंड चूसने लगी।
15-20 तक हम 69 पोज़िशन में एक दूसरे के गुप्तांगों के साथ खेलते रहे जिससे हम दोनों एक दूसरे के मुँह में स्खलित हो गये।
फिर भी हम दोनों एक दूसरे के गुप्तांगों के साथ खेलते रहे जिससे हम दोनों फिर से गर्म हो गये। मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और उसकी चूत भी पानी छोड़ने लगी।
उसने कहा- संजय, अब जल्दी से मेरी चूत में लंड डालो और मेरी चूत की प्यास मिटाओ!
मैं देर ना करते हुए सीधा लेट गया और उसको अपने नीचे लिटाया, फिर मैंने मेरा लंड उसकी चूत पे टिकाया और लंड चूत पर रगड़ने लगा जिससे उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी पर थोड़ा डर उसके मुँह पर दिखाई दे रहा था।
मैंने उसकी चिंता ना करते हुए अपना लंड उसकी चूत में डालते हुए धक्का मारा लेकिन मेरा लंड फिसल गया। मैंने फिर से कोशिश की लेकिन लंड फिर से फिसल गया.
मैंने पहले से ही तेल पास रखा हुआ था, अपने लंड पे और उसकी चूत पे मैंने थोड़ा तेल लगाया, मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत पे रखते हुए हल्का सा धक्का दिया जिससे मेरे लंड का टोपा उसकी चूत के अंदर गया और उसके मुँह से चीख निकल गई, उसकी आँखों से आँसू आने लगे.
मैं वैसे ही उसके ऊपर रहा और उसको किस करने लगा, साथ में उसकी चूची भी दबाता रहा, कुछ देर में उसका दर्द कम हुआ, अब मैंने पूरी ताक़त से अपना लंड उसकी चूत के अंदर डाला जिससे मेरा लंड 4 इंच अंदर गया और उसकी चूत की झिल्ली फट गई।
अब वो मुझे अपने ऊपर से धक्का देते हुए मुझे उससे अलग करने लगी और रोने लग गई। मैंने उसे अपने नीचे दबोच रखा था और उसे किस करते हुए उसकी चूची दबाता फिर चूची चूसने लग जाता।
उसका दर्द कम हुआ, फिर से मैंने अपना लंड पीछे की ओर खींचते हुए ज़ोर का धक्का मारा जिससे मेरा लंड पूरा उसकी चूत के अंदर गया और थोड़ी देर में वैसे ही उसके ऊपर लेटा रहा, उसको प्यार से सहलाने लगा, कभी उसको किस करता तो कभी उस की चूची चूसने लगता जिससे उसको राहत मिलने लगी और फिर मैं अपना लंड उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा।
5 मिनट तक मैं उसको धीरे धीरे चोदता रहा, जब मुझे ऐसे लगा कि अब वो भी कमर उछाल कर मेरा साथ देने लगी है, तब मैं अपनी स्पीड बढ़ाते हुए उसे चोदने लगा। उसके मुँह से सिसकारियाँ ‘आहहू ओह्ह उम्म्मह हह’ निकल रही थी, जिससे मैं और जोश में आ गया और उसको अपनी पूरी स्पीड से चोदने लगा।
बीच में ही उसका बदन अकड़ने लगा जिससे उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया, कस के पकड़ लिया और अपने नाख़ून मेरी पीठ पर गड़ाने लगी जिससे मुझे भी दर्द होने लगा। लेकिन सेक्स के समय कोई भी दर्द महसूस नहीं होता, यह बात आपको भी पता होगी। ठीक वैसे ही मुझे दर्द तो हो रहा था लेकिन मैंने दर्द की तरफ ध्यान ना देते हुए उसको चोदने लगा।
कुछ ही समय में उसकी पकड़ ढीली हो गई लेकिन मेरा अभी तक हुआ नहीं था इसलिए मैंने उसको घोड़ी होने का कहा और उसको पीछे से चोदने लगा.
कुछ देर तक मैं उसको ऐसे ही चोदता रहा, जब मेरा पानी निकलने को हुआ मैंने उसको बताया- सोनल, मेरा पानी निकलने वाला है, कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- मेरी चूची पर अपना पानी निकालो।
मैंने उसे सीधा किया और उसको कहा- अपने हाथ से मुठ मारो!
वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेते हुए मूठ मारने लगी।
कुछ ही पल में मेरा लंड पानी छोड़ने लगा और कुछ उसके मुँह में गया जो वो पी गई और कुछ उसकी चूची पर गिरा…
ऐसे ही मैं उसके ऊपर निढाल होके लेट गया।
उसने देखा की चद्दर पे खून है वो थोड़ा डर गई लेकिन वो समज गई की यह उसका पहली बार था तो खून आना ही है। फिर वो भी मुझसे चिपक के सो गई, और हम दोनों एक दूसरे की बाहों में थे।
कुछ 30 मिनट के बाद वो उठी और बाथरूम में गई, मैं भी उठ कर उसके पीछे गया. वो चूत को साफ करने लगी जिस पर उसका वीर्य और खून लगा था और मैं उसकी चूची पीछे से दबाने लगा। फिर उसको उठाया और किस करने लगा, फिर मैंने शावर चालू किया।
हम दोनों नहाने लगे और एक दूसरे के गुप्तांगों के साथ खेलने लगे जिससे हम दोनों का फिर से चुदाई का मन हुआ।
मैंने उसको दीवार से सटा कर खड़ा किया, उसकी एक टांग ऊपर करके उसको चोदने लगा.
फिर मैंने उसको दीवार की ओर मुँह करने बोला और पीछे से उसको चोदने लगा। ऐसे ही कुछ देर तक हम दोनों बाथरूम में चुदाई करते रहे।
इस बार मैंने अपना वीर्य उसके मुँह में दिया और वो उसको पी गई.
हम फिर से नहाए और बाहर आए।
तब तक शाम के 6 बज गये थे, उसने अपने कपड़े पहने मुझे कस के अपने गले से लगाया और एक लंबी किस करते हुए मुझे थैंक्स बोला।
मैंने अपने कपड़े पहने और उसको छोड़ने के लिए स्टेशन चला गया।
जाते समय उसने मुझे फिर से मिलने का वादा किया फिर वो अपने घर चली गई।
इस तरह मैंने अपने फ़ेसबुक फ्रेंड की चुदाई की और आज भी हम दोनों मिलते हैं और चुदाई ज़रूर करते हैं।
तो दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची सेक्सी कहानी… आशा करता हूँ कि आप सबको मेरी कहानी पसंद आई होगी।
मुझे मेल करें… इंतज़ार रहेगा मुझे आप सबके जवाबों का!
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