सेक्सी औरत की वासना

सेक्सी औरत की वासना

भाभी की जवानी की कहानी में पढ़ें कि मैं एक सेक्सी औरत हूँ. मेरे पति मेरी चुदाई रोज नहीं करते तो मैंने अपनी चूत की प्यास जरूर मिटाऊँगी. चूत में लंड लेना मेरा हक़ है.

नमस्कार दोस्तो, मैं आपकी प्यारी भाभी सुरभि, सेक्सी औरत दिल्ली से हूं। मेरी चूत में हर वक़्त आग लगी रहती है. बस इतना समझ लो कि महीने के उन 4-5 दिनों को छोड़कर मुझे रोज अपनी चूत में लंड चाहिए।
मेरे पूरे बदन में कामुकता कूट कूट कर गयी है। मेरा जिस्म 36-34-36 का है!

सबसे पहले मैं आप सबका शुक्रिया कहना चाहूंगी कि आपने मेरी पिछली भाभी की जवानी की कहानी
गैर मर्द से चुदाई की चाह
को बहुत प्यार दिया।

बहुत सारे शादीशुदा मर्द और जवान लड़के मुझ सेक्सी औरत को अपनी बांहों में भरने की तम्मना रखते हैं.
जैसा कि मैंने अपनी पिछली कहानी में बताया कि मैं अपने पति से छिपाकर अपनी लाइफ में एक दोस्त चाहती हूं जो हमेशा मेरा साथ दे सेक्स में!
और मेरी चूत को अपने मुंह में लेकर चूसता रहे।
वह मेरी चूत में अपना लंड डालकर मुझे खूब चोदे और जिसके साथ में पूरी जिंदगी चुदाई के मजे ले सकूं।

तो आप सब मजा लें मेरी नयी भाभी की जवानी की कहानी का!

8 साल पहले मेरी नई नई शादी हुई थी. तब तो पति रोज़ मेरी चूत का बैंड बजाते थे. और वे रोज नए नए आसन में मेरी चूत और गांड की जमकर चुदाई करते थे।

फिर मुझे एक बच्चा हो गया और पति ने मेरी चूत चुदाई कम कर दी थी। मेरी चूत में लंड की आवा जाही कम हो गई।

मेरा भी इस चुदाई से मन भरता जा रहा था।

मैं अपने हस्बैंड से रोज़ चुदाई की जिद करने लगी तो उन्होंने मुझे एक नकली लंड लाकर दे दिया- जब मेरी चूत में आग लगे तो इससे बुझा लेना.
अब उन्हें कैसे समझाऊं कि मर्द का जो स्पर्श है, वो इस बेजान चीज में कहाँ से मिलता मेरे जैसी सेक्सी औरत को?
मुझे असली, ज़िंदा लंड चाहिए था, ये बेजान प्लास्टिक का टुकड़ा नहीं।

मैंने बहुत बार कोशिश की. मगर मुझे न तो चूत में उंगली करने में मजा आया और न ही उस बेजान लंड में!

धीरे धीरे मेरी पति से दूरियां बढ़ती गई और साथ साथ मेरी कामुकता भी!
मैं जब भी अकेली महसूस करती तो अन्तर्वासना पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ती. मैं खूब गर्म हो जाती और चूत में उंगली करके चूत की आग बुझाने की कोशिश करती.
पर मैं चाहती थी कि कोई बांका जवान मर्द आए, मैं उसके लंड का स्वाद ले सकूँ।

मैंने सोच लिया था कि मैं अपनी चूत की प्यास को मिटाऊँगी ज़रूर! क्योंकि मेरे पति से तो नहीं मिटने वाली … मिटेगी तो बाहर ही!
मगर कोई ऐसा मौका, ऐसा समय आए जब मैं खुल कर चुदवा सकूं बिना किसी बदनामी के डर के।

पर कभी कभी सोचती कि क्या ऐसा करना ठीक रहेगा?
सिर्फ थोड़ी देर के मज़े के लिए … अपने पति से बेवफाई करना सही होगा?

पर कहते हैं ना … जब चूत में आग लगी होती है तो वो लंड का रास्ता खुद ही तय कर लेती है.

इस जिंदगी में जवानी सिर्फ एक बार ही मिलती है. और मुझे भी अपनी खुशियां पाने का हक है. जो मेरा दिल करता है वो सब करने का हक है।
ज़रा सोचो जब एक आदमी बाहर की बिरयानी खा सकता है तो आखिर कब तक हम सेक्सी औरतें घर की रोटियां सेकेंगी?
सेक्सी औरत का भी दिल करता है कि किसी गैर अजनबी मर्द के लंड का स्वाद चखा जाए! आखिर इसमें गलत भी तो क्या है?

चूत और लंड का रिश्ता सिर्फ चुदाई का हो सकता है।

मैं अन्तर्वासना के पाठकों से पूछना चाहती हूं कि अगर यह सब कोई आदमी करे तो वो मर्द कहलाता है.
और एक औरत करे तो समाज उसे रंडी कहकर बुलाता है?

ऐसा क्यों???
यह समाज का दोगलापन कब तक सहन करेगी हम औरतें?
क्या कभी किसी सेक्सी औरत के पति ने उसकी पत्नी के दिल की बात जानने की कोशिश की है कि उसकी क्या ख्वाहिश है?

खैर मैं अपनी भाभी की जवानी की कहानी पर आती हूँ.

हुआ यूं कि मेरी कहानी पढ़ कर मुझे राजस्थान से एक 24 साल के जवान लड़के अजय का ईमेल आया.
उसने मेरी बहुत तारीफ की और मुझे भरोसा दिलाया कि वो मेरी ख़ुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार है. और मैं भी यही चाहती थी कि कोई मर्द हो जिस पर मैं दिल से भरोसा कर सकूं.

यह बात इसी साल जनवरी 2020 की है. जब मुझे अजय पूरा भरोसा हो गया तो मैंने अजय को मिलने के लिए दिल्ली बुला लिया.

वो अगले ही दिन ट्रेन पकड़ कर मुझसे मिलने के लिया दिल्ली आ गया.
मिलना तो बस एक बहाना था असल में तो मैं खुद उससे चुदना चाह रही थी।

मैं उसे लेने के लिए नई दिल्ली स्टेशन गयी।
जब उसने मुझे देखा तो देखता ही रह गया. मेरे हुस्न की तारीफ करते हुए वह कहने लगा- सुरभि जी, आपको देखकर लगता है कि खूबसूरती की हद यहीं तक होगी. किसी से प्यार में होना आजकल आम है. पररर … सच्चे प्यार को भी मोहब्बत सच में सिर्फ आप से ही होगी!!

मुझे उसका शायराना अंदाज बहुत पसंद आया.
मैंने एक कातिल स्माइल देते हुए उसे शुक्रिया बोला.

मैं अजय से पहली बार मिल रही थी. तो मैं चाहती थी कि हम कई बाहर ही किसी होटल में मिलें जहां मैं पति के डर के बिना खुलकर गैर मर्द के लंड से अपनी चूत की प्यास बुझा सकूं!

मैं और अजय कैब से होटल की और चल दिये.

होटल में पहुंच कर रूम में आ गए.

मैंने अंदर से दरवाजा बंद करके सबसे पहले अजय को जोर से गले लगाया. फिर मैंने उसके होंठों पर एक किस कर दिया.
बदले में उसने भी मुझे हल्का सा चूम लिया और मुझे अपने बैग से एक डार्क चॉकलेट निकाल कर गिफ्ट की.

मुझे उसका यह अंदाज बहुत पसंद आया और उसे थैंक यू बोला।
अजय मेरे लिए कई घंटे का ट्रेन से सफ़र करके आ रहा था. तो मैने उसे फ्रेश होने और नहाने के लिए कहा.
वो अपना टॉवल लेकर नहाने चला गया.

तब तक मैंने फ़ोन पर होटल के स्टाफ से बीयर की 2 बोतल मंगवा ली.

अजय जब नहाकर अपने टॉवल में बाहर निकला तो उसका गीला बदन और उसकी छाती पर टपकती पानी की बूंदें मुझे पागल करने लगी.
तब तक मैंने 2 गिलास में बीयर डाल दी और अजय को एक ग्लास आफर की.

तो अजय मुझसे कहने लगा- सुरभि, शायद किसी को शराब पीने के बाद भी नशा न हो. लेकिन एक बार आपको कोई देख ले तो वो मदहोश हो जाएगा. जो नशा आपके हुस्न में है वो इस शराब में कहां!

मैं अजय से अपनी तारीफ सुनकर उसकी दीवानी हो गयी थी.
उसका शायरी करके मेरी तारीफ करना … दिल से कहूँ तो अजय को देखते ही मुझे ‘लव ऐट फर्स्ट साईट’ हो गया था. आज मैं उसे अपना सब कुछ सौम्पना चाहती थी.

मैंने अपनी ग्लास से एक घूँट भरी तो अजय ने मेरे होंठों से अपने होंठ चिपका दिए और मेरे मुख से बियर पीने लगा. मुझे उसका यह अंदाज सच में बहुत पसंद आया.

अजय ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरे होंठों को बेताशा चूमने लगा. और फिर मेरी गर्दन से होता हुआ मेरे कान की लौ के पास किस करने लगा.
वो अपनी गर्म गर्म सांसें मुझ पर छोड़ने लगा.

मेरा अनुभव है कि जब कोई मर्द किसी सेक्सी औरत के कान के पास किस करे तो वो बहुत जल्दी उत्तेजित हो जाती है.
शायद अजय को पहले से इसका अनुभव रहा होगा.

धीरे धीरे हम एक दूसरे की गिरफ्त में आ रहे थे.
वो लगातार मेरे कान के पास चूम रहा था और अपनी गर्म सांसें मुझ पर छोड़ रहा था. साथ ही अपने दोनों हाथों से ड्रेस के ऊपर से मेरे बूब्स दबाने लगा. उत्तेजनावश मैंने अपनी ड्रेस खोल दी और अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी और अजय सिर्फ टॉवल में!!

अजय पीछे घूम कर मेरी पीठ को चूमने लगा. एकदम से उसने अपने दांतों से मेरी ब्रा के हुक को खोल दिया. जिससे मेरे दोनों रसीले आम बाहर आ गए.

मैं अपने प्रशंसकों को बताना चाहूंगी कि मेरे बड़े बड़े बूब्स की सबसे बड़ी खासियत दोनों बूब्स पर 1-1 छोटे अंगूर के दाने है. और दोनों के बीच की कश्मीर घाटी जो एक बार देख ले वो बस उसमें खो जाए!

अजय ने बड़े ही प्यार से मेरे रसीले आम अपने मुंह मे भर लिए और पूरी तन्मयता से उनको जोर-जोर से चूसने लगा.
मैं उसका सर अपने बूब्स पर दबाते हुए सिसकारियां भरने लगी- आह्ह … आह्ह … आह्ह!

बीच बीच में वो मेरे निप्पल्स को अपने दांतों से काट लेता तो मैं दर्द के मारे अपने मुँह से आउच आआहह … ऊऊह … अजय धीरे काटो. दर्द होता है यार!

मैं मस्त होती जा रही थी- आह्ह … आह्ह … आह्ह! अजय चूस लो आज मेरे आम का रस का पूरा रस! पी जाओ लो आह … आआहह! इन्हें निचोड़ कर रख दो. आआहह … ऊऊह … जान!
और नीचे मेरी चूत में चींटियां रेंगने लगी.

उत्तेजनावश मैं अजय का सर पकड़ अपनी चूत के पास ले गयी.
अजय समझ गया कि मैं उससे अपनी चूत चटवाना चाहती हूं.

वो मेरी गीली पैंटी के ऊपर से चूत पर किस करने लगा. फिर धीरे से उसने अपने दांतों से मेरी पैंटी को मेरी चिकनी टांगों से अलग कर दिया. फिर अपनी जीभ को मेरी रसीली प्यार चूत पर लगा दिया जैसे उसे स्वर्ग जाने का द्वार मिल गया हो.
और वो अपने दोनों हाथों से मेरी चूत के फलकों को फैलाते हुए अपनी नुकीली जीभ को चूत के अंदर बाहर करने लगा. वो जीभ को मेरी चूत की जड़ तक फिराने लगा.

मैं- आआहह … ऊऊऊ यस अजय … उम्म्ह … अहह … हय … याह … सक माय पुसी … और ज़ोर से चाटो … आआअहह … और जोर से चूसो मेरे राजा! खा जाओ मेरी निगोड़ी चूत को!

मेरे ऐसा कहने पर अजय अपनी जीभ को और जोर जोर से चूत के अन्दर-बाहर करने लगा और साथ ही अपनी 2 उंगलियों को भी मेरी चूत में घुसेड़ दिया.
मैं चिल्ला उठी- आआआहह … ऊऊ … यसस्स अजय … सक माय पुसी हार्डर.
और अजय को जोर-जोर से गालियां देने लगी- आआहह … ऊऊओहह … ईई … यएसस्स अजय … और ज़ोर से मादरचोद … चूस हरामी … चोद डाल अपनी सुरभि को!!

मैं उसका सिर अपने दोनों हाथों से अपनी चूत पर दबाने लगी तो वो उतनी ही तेजी से चूत चाटने लगा. थोड़ी देर में ही चूत के समुद्र में ज्वालामुखी फटा. मैं इतनी जोर से झड़ने लगी जैसे ज्वालामुखी में से गर्म लावा निकल कर बह रहा हो.

वो एक प्यासे की तरह मेरे रस बहती ही धार में से पानी पीकर अपनी प्यास बुझाने लगा. उसने पूरी चूत को चाट कर साफ कर दिया.
फिर वह अपना चेहरा मेरे चेहरे के करीब लाकर कहने लगा- सुरभि जी, आप बला की खूबसूरत हो. आप मुझे पहले क्यूं नहीं मिली?

तो मैंने चूत का रस लगे उसके होंठों को अपने होंठों से लगा दिए और उसको किस करने लगी. मैं अपनी ही चूत के रस का स्वाद उसके होंठों को चाट कर लेने लगी.
कुछ देर बाद हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए. मैं उसका लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और वो मेरी चूत चाटने लगा.

फिर से चूत चाटने की वजह से मैं बहुत जल्द ही गर्म हो गयी थी और अजय का लंड पकड़ कर अपनी चूत पर सेट करने लगी.

अजय ने मजाक करते हुए कहा- सुरभि जी, आज मैं आपकी चूत में अपनी ड्रिल मशीन से छेद करने वाला हूँ.
उसकी बात सुनकर मुझे मन में बहुत खुशी हुई.
लेकिन मैं अचानक से होने वाले हमले से अनजान थी.

अजय ने अपना कड़क लंड एक ही झटके में तोप के गोले की तरह मेरी चूत की सुरंग में पेल दिया.
“आआहह … ऊऊओहह … उईईई मां … मर गयी यार!”

मैं दर्द के मारे चिल्लाने लगी क्योंकि मैं उसकी ड्रिल मशीन के एकदम होने वाले हमले से अनजान थी.

मेरी आँख में आंसू आ गए तो वो थोड़ी देर के लिए रुक गया और अपना लंड चूत से बाहर निकाले बिना ही मेरे बूब्स और निपल्स को चूसने लगा.

जब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपनी गांड उठाकर उसे सिग्नल दे दिया. उसने मेरी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया जिससे कि मेरी चूत पूरी खुल जाए. अब मैं अजय का लंड आसानी से अंदर तक ले सकती थी.

अजय मेरी चूत में अपना लंड आगे-पीछे करने लगा और नीचे से मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर उसका लंड अपने अन्दर लेने लगी- ऊऊहह … ईयसस्स … अजय … फक मी!!

मैं- आह्ह्ह मेरे राजा … बहुत मस्त लंड है तुम्हारा … आह्ह्ह चोदो … अपनी सुरभि की चूत का भोसड़ा बना दो. फाड़ कर रख दो! उम्म्म याह्ह्ह … चोदो आह्ह … और जोर से चोदो … और जोर से अजय!

अजय ने मेरे दोनों बूब्स को पकड़ कर दबाते हुए धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाई. अब वो जोर जोर से मेरी चूत में लंड अन्दर बाहर करने लगा. उसका लंड चूत की दीवारों को चीरता हुआ मेरी बच्चेदानी तक ठोकर मार रहा था.
मैं जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी- आआहह ऊऊऊऊ यस्स … अजय फक मी हार्डर … आःह्ह माँआआआ … अह्ह्ह अजय यस … अजय चोदो मुझे! उम्म आह्ह्ह्ह … अजय आह्ह चोदो मुझे … और जोर से!

मेरी मादक कर देने वाली सिसकारियाँ सुन कर अजय को और ज्यादा जोश चढ़ गया और उसने चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी.
तो मैं जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी- अह्ह उम्म … आह्ह्ह … बहुत मजा आ रहा अजय! उम्म आह्ह्ह्ह … अजय, आह्ह चोदो मुझे … और जोर से!

मैं- आअहह … अजय, तुम तो चुदाई के मामले में बहुत अनुभवी हो. मेरे पति ने सुहागरात वाले दिन भी मेरी ऐसी चुदाई नहीं की. लगता है आज तो तुम सच में मेंरी चूत और गांड के बीच में छेद करके ही दम लोगे. आह्हह अहहहह … ऊऊहह … ईयसस्स … अजय … फक मी. टू हार्ड!

और वो दुगुने जोश के साथ मेरी चूत में अपना लंड आगे-पीछे करने लगा और मैं नीचे से अपनी गांड उछाल उछाल कर अपनी चूत में लंड ले रही थी- ऊऊहह … ईयसस्स … अजय … फक मी … टू हार्ड … आआह … ओह्ह या ऊऊईई … मां!

सच कहूं तो आज जैसे मैं तो सातवें आसमान में उड़ रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे कि अजय अपनी राकेट पर बैठाकर मुझे चांद की सैर करवाने के लिए लाया था.

हम दो जिस्म एक जान बन कर एक दूसरे से मे समा जाना चाहते थे. मैं यह भी भूल चुकी थी कि मैं शादीशुदा हूँ और किसी गैर मर्द की बाहों में अपनी चूत की प्यास बुझा रही थी.

लेकिन मैं बाकी दुनिया से बेफिक्र होकर बहुत खुश थी अजय के साथ में! उस पर मैं दिल से भरोसा कर सकती हूं और उसे जब चाहो अपनी चुदाई के लिए बुला सकती थी बिना किसी बदनामी के डर से!

अजय मेरी जबरदस्त चुदाई कर रहा था और मैं उतने ही जोर से उसे और जोर से चोदने के लिए उकसा रही थी.

बहुत लंबी चली इस चुदाई मैं 2 बार पहले झड़ चुकी थी और अब मैं तीसरी बार झड़ने वाली थी.
मैं जोर से चिल्लाने लगी- आआआहह ऊऊऊऊ यस्स अजय फक मी हार्डर … फ़क मी हार्डर … फाड़ डाल साले आज इसस्स चूत को! ओह्ह या ऊऊईईई … मैं आने वाली हूं. अजय और जोर से और जोर मेरी जान!

अजय ने चुदाई की स्पीड एकदम से तेज कर दी.
और जैसे आसमान में जब बिजली कड़कती है, वैसे ही एक भीषण गर्जना के हम दोनों एक ही साथ झड़ गए- आआह … ओह्ह या ऊऊईईईई … आआह … ओह्ह या ऊऊईईई!! अह्ह्ह माआआ आआआ आह्ह!

मेरी पूरी चूत को अजय ने अपने लंड के रस से भर दिया और मेरी प्यासी चूत को कामतृप्त कर दिया.

मैं उस पल को शायद लफ़्ज़ों मे नहीं बयाँ कर सकती. लेकिन जिसने साथ में झड़ कर इस चरमसुख की प्राप्ति की हो … वो ही इस आनन्द को समझ सकते हैं।

कुछ देर तक हम एक दूसरे से चिपके हुए ऐसे ही लेटे रहे. उसके बाद अजय ने बाथरूम में ले जाकर नहाते हुए मेरी एक बार चूत और एक बार गांड मारी.

मैं अजय के साथ हुई पहली चुदाई को कभी नहीं भूल पाऊंगी.

आज भी अजय मेरा बहुत अच्छा दोस्त है. उसका मेरे साथ बर्ताव बहुत अच्छा है और मेरी दिल से इज्जत करता है.
इसीलिए जब भी मुझे मौका मिलता है मैं उसे अपने पास बुला लेती हूं और चुदाई के मजे लेती हूं।

मैं अपनी अन्तर्वासना की महिला पाठिकाओं से कहना चाहती हूं कि अपनी जवानी को ऐसे ही एक लंड के पीछे मत बर्बाद करो. आपको भी अजय जैसा कोई और अच्छा लड़का मिल सकता है जिस पर आप भरोसा कर सकती हो!

और मेरे बाकी प्रशंसकों को मेरी भाभी की जवानी की कहानी कैसी लगी मुझे ईमेल करके जरूर बताना. ताकि मैं अजय के साथ मेरी अगली चुदाई की कहानी जल्द ही लिख कर आपके सामने पेश कर सकूँ।

मेरी ईमेल आईडी है [email protected]

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