मैंने वाइफ स्वैपिंग हनीमून पर ही कर लिया था अपने पति के दोस्तों के साथ! मेरे पति पहले ही अपने दोस्तों की बीवियों को चोद चुके थे. मैंने भी दोस्तों के लंड खा लिए.
वाइफ स्वैपिंग सेक्स का ऐसा खेल है जो आजकल बहुत पॉपुलर होता जा रहा है।
खास तौर से यंग कपल में तो यह होता ही है।
दोस्तों के साथ यह होता है और घर में परिवार में तो फॅमिली मेंबर्स में भी खूब होता है। नाते रिश्तेदारों के बीच भी खूब होता है।
आजकल लड़के अपनी बीवी चुदवाना अपनी शान समझते हैं।
इसका एक और सबसे बड़ा कारण है लड़कियों का खुले दिल वाली ब्रॉड माइंडेड होना और लाइक माइंडेड होना।
नयी नवेली बीवियां तो शुरू से ही स्वैपिंग करने लगती हैं। उसे हसबैंड स्वैपिंग कहा जाता है।
बीवियां अगर इसी तरह साथ देतीं रहें तो वाइफ स्वैपिंग या हसबैंड स्वैपिंग हमेशा फलता फूलता रहेगा।
अब मैं आपको एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ:
मेरा नाम मिसेज अर्चना है। मैं रहने वाली कानपुर की हूँ लेकिन अब यहाँ मुंबई में अपने हसबैंड आकाश के साथ रह रही हूँ।
मेरी उम्र लगभग 32 साल है और हमारी शादी 5 साल पहले हुई थी।
पहले मैं अपने बारे में आपको बता दूं तो अच्छा होगा!
मैं देखने में काफी सुन्दर हूँ, गोरी चिट्टी हूँ, छरहरी और सेक्सी जिस्म वाली महिला हूँ।
मेरी सबसे बड़ी अमानत हैं मेरी बड़ी बड़ी मस्तानी चूचियाँ जिन्हें आप बूब्स भी कहते हैं।
मेरी चूचियाँ सच में बड़ी बड़ी भी हैं और सुडौल सेक्सी भी … इसलिये मैं कॉलेज में एक हॉट गर्ल से रूप में जानी जाती थी।
लड़के मेरे आगे पीछे घूमा करते थे इसलिए भी कि मैं बहुत बोल्ड थी सबको गालियां खूब सुनाया करती थी. सबकी माँ बहन चोदा करती थी … मगर प्यार से!
लड़के मेरे मुंह से गालियां सुनने के लिए घण्टों इंतज़ार करते रहते थे।
उन्हें मेरे मुंह से ‘लण्ड’ या ‘लौड़ा’ सुनना बड़ा अच्छा लगता था।
मैं भी थोड़ा तरसा तरसा कर ‘लण्ड’ ‘लौड़ा’ बोला करती थी।
यह सुनते ही लड़के खूब शोर भी मचाते और तालियां भी बजाते।
यह सब होने का मैं भी मज़ा लिया करती थी।
मैं लण्ड सिर्फ बोलती ही नहीं थी बल्कि पकड़ती भी थी लण्ड! मैं कॉलेज के कई लड़कों के लण्ड पकड़ती थी.
कुछ लड़कों से चुदवाती भी थी.
उनमें 2 / 3 टीचर भी शामिल हैं. उनके लण्ड मुझे अच्छे लगते थे तो उनसे भी चुदवाती थी और खूब एन्जॉय करती थी।
नाते रिश्तेदारों में भी मैंने कई लड़कों के लण्ड पकड़े हैं। कुछ लड़कों के लण्ड अपनी चूत में पिलवाये भी हैं।
कई लड़कों के लण्ड का सड़का मारा है पर चुदवाया नहीं.
मुझे लण्ड से खास मोहब्बत है! मैं हर तरह के लण्ड पसंद करती हूँ.
अब मैं आपको अपने पति आकाश के बार बताना चाहती हूँ।
आकाश बहुत ही हैंडसम, काबिल और दरियादिल इन्सान हैं।
अच्छी बात है कि वह बोलता बड़ा स्वीट है और अपनी बातचीत से ही लड़कियों को फंसा लेता है, दूसरों की बीवियों पर अपना प्रभाव जमा लेता है।
आकाश परायी बीवियां फंसाने में बड़ा माहिर है। रंगीन मिज़ाज़ का है और उसे लड़कियां चोदने का शौक है।
अगर मैं शादी के पहले खूब चुदी हुई थी तो वह भी खूब चुदा हुआ था।
मैं कई लण्ड अपनी चूत में पेलवा चुकी है तो उसने भी कई चूत में अपना लण्ड पेला है।
शादी के पहले ही मुझे चुदाने का अनुभव था तो उसे चोदने का अनुभव था।
यह अरेंज मैरिज है लव मैरिज नहीं।
मैं आकाश को पहले से बिल्कुल नहीं जानती थी और न ही वह मुझे जानता था।
मेरी शादी खूब धूमधाम से हुई, सबने खूब एन्जॉय किया और शादी के बाद ही हम दोनों सुहागरात के लिए सीधे गोवा चले गए।
वहां हम दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह जान पहचान लेना चाहते थे इसलिए खूब बात करते थे खूब हंसी मजाक करते थे।
कभी कभी वह मुंह से गालियां निकालता था तो कभी कभी मैं भी!
मैं जब प्यारी प्यारी गालियां निकालती थी तो मुझे प्यार से चिपका लेता था और तारीफ करता था।
वहीं उसे पता चला कि मैं कभी कभी शराब पी लेती हूँ और मुझे भी मालूम हुआ कि वह कभी कभी शराब पीता है।
पहली रात मैं खूब चुदी और दूसरी रात भी खूब धकाधक चुदी।
मुझे उसका मोटा तगड़ा लण्ड पसंद आ गया।
तीसरी शाम को जब हम लोगों ने शराब का प्रोग्राम बनाया तो वह बोला- यार अर्चना, मैं एक बात कहना चाहता हूँ। देखो, यहाँ हम लोग नए हैं। हमें यहाँ कोई नहीं जानता. हम जो यहाँ करेंगे, वह किसी की भी नहीं मालूम होगा।
मैं हंस कर बोली- खुल कर बताओ न? मुझसे क्या चाहते हो? मैं पूरी तरह तुम्हारे साथ हूँ।
“बात यह है कि मेरे कुछ दोस्त बड़े नजदीक हैं और मैं उनकी सुहागरात में था। अब मेरी सुहागरात है तो वो … मेरे साथ रहना चाहते हैं और …
“तो क्या? आगे और बताओ न यार … मैं बुरा नहीं मानूंगी, मैं तो तुम्हारे साथ हूँ।”
“बात यह है कि वो भी मेरी सुहागरात में शामिल होना चाहते हैं। तुम्हारी इज़ाज़त चाहिए।”
“देखो यार, मैं तुम्हारी बीवी हूँ. अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारी बीवी तुम्हारे सामने किसी और के साथ सुहागरात मनायें तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है।”
“नहीं, सुहागरात मनाने की बात नहीं है। सुहागरात तो दो दिन मना लिया हमने … अब तो वाइफ स्वैपिंग की बात है। वह कपल हमारे साथ बीवियों की अदला बदली करना चाहता है। तुम अगर कहोगे तो मैं कर लूँगा।”
“मैं तो आपको खुश रखना चाहती हूँ। वैसे एक कपल है या दो?”
“दो कपल हैं यार! तुम कहो तो आज रात वाइफ स्वैपिंग का प्रोग्राम यहीं अपने कमरे में ही कर लिया जाए?”
मैं तो चाहती ही थी ऐसा … मैं तो पराये मर्दों के लण्ड की दीवानी हूँ ही!
मैंने सोचा कि यह बड़ा सुनहरा मौक़ा है। मुझे बिना कुछ किये अपने पति के सामने ही किसी और से चुदवाने का मौका मिल रहा है. इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है।
तो मैंने तुरंत हां कह दिया।
मेरे हाँ कहते ही उसका चेहरा खिल गया।
मैं भी समझ गयी कि वह मेरे सामने ही दूसरों की बीवियां चोदना चाहता है।
आजकल यंग कपल में ऐसा होता ही है।
मेरी दो सहेलियां भी ऐसी ही हैं जो यहाँ से अपनी सुहगरात में वाइफ स्वैपिंग करके गयीं हैं और उन सबने मुझे सब कुछ विस्तार से बताया भी है। अब मैं भी उन्हें बताऊंगी।
आकाश ने फोन उठाया और सबको बुला लिया।
बस पांच मिनट में ही सब लोग आ गए. शायद वो सब इंतज़ार ही कर रहे थे।
अब मेरे सामने दो कपल थे।
सबसे परिचय हुआ।
ये हैं निर्मल और इसकी बीवी नेहा!
और ये हैं पवन इसकी बीवी रूचि।
मैंने दोनों बीवियों को बड़े गौर से देखा और मन में कहा ‘अच्छा तो ये दोनों वो बीवियां हैं जो बुरचोदी मेरे हसबैंड से चुदी हुई हैं। ये दोनों मेरे पति के लण्ड को अच्छी जानतीं हैं अब मैं इनके पति के लण्ड की जान पहचान करूंगी देखूंगी कि इनके लण्ड में कितना दम-ख़म है.’
इतनी देर में ड्रिंक्स चालू हो गयी और हम सब मस्ती में आने लगे।
मैंने पूछा- नेहा तुम्हारी शादी कब हुई थी?
वह बोली- बस अभी 6 महीने पहले!
मैंने पूछा- और रूचि तुम्हारी शादी कब हुई?
वह बोली- मेरी शादी एक साल पहले हुई थी और हम लोग भी इसी होटल में सुहागरात मनाने आये थे।
मैंने हंस कर कहा- तो एक बार फिर तुम सबके सामने अपनी सुहागरात मनाओ। मज़ा आएगा।
सब लोग इसी बात पर हंसने लगे।
इतने में नेहा का हसबैंड बोला- शादी के बाद तो फिर वाइफ स्वैपिंग में ही मज़ा आता है।
इसका जबाब दिया रूचि ने!
वह बोली- हां यार, मेरा भी यही ख्याल है। मैं तो अपनी सुहागरात के दूसरे ही दिन से वाइफ स्वैपिंग करने लगी थी क्योंकि उसमें मेरे पति का ज्यादा इंटरेस्ट था और आज भी है।
मैंने कहा- हां इंटरेस्ट तो वाइफ स्वैपिंग में सबका होता है यह खेल ही इतना मजेदार है।
धीरे धीरे माहौल बनने लगा और उधर दूसरा पैग चालू हो गया।
नशा भी चढ़ता जा रहा था और लोग भी खुलते जा रहे थे।
फिर मेरे पति ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने दोस्त निर्मल की जांघ पर रख दिया।
मैं उसकी मंशा समझ गयी. मैं अपना हाथ खिसका कर उसके लण्ड तक ले गयी तो मेरे बदन में आग लग गयी।
उधर नेहा का हाथ रूचि के पति पवन के लण्ड तक पहुँच रहा था और रूचि का हाथ मेरे पति आकाश के लण्ड तक!
यह सब देख कर मैं गनगना उठी।
मेरा हाथ जब निर्मल के लण्ड से टकराया तो मुझे लगा कि लण्ड तो बड़ा दमदार है.
तब तक उसने मुझे गले लगा लिया और मेरे गाल चूम लिए।
उधर मेरे हसबैंड ने रूचि के गाल चूमें और उसकी चूचियाँ मसलना शुरू कर दिया।
पवन नेहा की चुम्मियाँ लेने लगा और उसके मस्त मस्त बूब्स दबाने लगा।
तब निर्मल ने भी अपना हाथ अंदर घुसेड़ कर मेरी चूचियों तक पहुंचा दिया।
उसके हाथ लगते ही मेरी चूचियाँ तन गईं।
धीरे धीरे हम तीनों बीवियों के कपड़े उतरने लगे।
नेहा के बूब्स नंगे हो गए।
रूचि भी ऊपर से बिल्कुल नंगी हो गयी सबके आगे और अब मैं नंगी हो रही थी।
मुझे तो मर्दों के आगे नंगी होने में कोई शर्म नहीं आती बल्कि मैं तो बहुत ही खुश होती हूँ।
पराये मर्दों को अपना नंगा बदन दिखाने में मुझे मज़ा आता है।
जब भगवान ने इतना मस्त और खूबसूरत बदन दिया है उसे दिखाया क्यों न जाए?
फिर धीरे धीरे सबकी चूत चूतड़ और गांड भी खुलने लगी।
सबसे पहले रूचि नंगी हुई।
पूरी नंगी हो गयी, उसकी चूत बड़ी गज़ब की सेक्सी दिख रही थी।
फिर नेहा भी अपने कपड़े उतार कर बिंदास नंगी होकर बैठ गयी।
अब मेरा नंबर था।
मुझे तो निर्मल ने ही नंगी कर दिया … नंगी करके वह मेरी चूत सहलाने लगा।
दूसरी औरत का नंगा बदन और दूसरे मर्द का नंगा बदन किसको नहीं अच्छा लगता!
तब तक तीनों मर्द भी एकदम नंगे हो चुके थे।
यहाँ यही सब होने लगा।
तीनों मर्दों के हाथ पराई स्त्रियों के नंगे बदन पर इधर से उधर तक चल रहे थे।
वहीं बीवियां भी मस्ती से अपने अपने हाथ पराये पुरुषों के नंगे बदन का फिर फिरा कर आनंद ले रहीं थीं … खास तौर से लण्ड पर और लण्ड के टोपे पर!
न किसी मर्द की निगाह परायी बीवी के नंगे जिस्म से हट रही थी और न कोई बीवी पराये मर्द के नंगे बदन से उसके लण्ड से नज़रें हटाने को तैयार थी।
मैं बड़े प्यार से निर्मल का लौड़ा हिलाने लगी, रूचि मेरे पति का लौड़ा हिलाने लगी और नेहा रूचि के पति पवन का लण्ड।
मेरी नज़र सबके लण्ड पर थी।
मेरे लिए दोनों पवन और निर्मल के लौड़े नए थे।
रूचि के लिए निर्मल का लौड़ा नया था क्योंकि वह अपनी सुहागरात में मेरे पति से चुदवा चुकी थी।
नेहा के लिए भी पवन का लण्ड नया था क्योंकि वह भी भोसड़ी वाली मेरे पति से चुदवाये बैठी थी।
हम तीनों बड़ी बेशरमी से गैर मर्द का लण्ड चाटने में जुट गयीं। हम सब यह फील करने लगीं कि कुछ भी हो … मज़ा तो ग़ैर मर्द के लण्ड से ही आता है।
मैंने कहा- यार नेहा, क्या मस्त लौड़ा है तेरे पति का? लगता है कि आज तो ये मेरी चूत फाड़ डालेगा। देखो कैसे मेरे हाथों में आकर गुर्रा रहा है!
नेहा बोली- हां यार, मेरे पति का लौड़ा मेरे आगे तो गुर्रा नहीं पाता इसलिए यह तेरे आगे गुर्रा रहा है. जैसे कि मेरे हाथों में रूचि के मियां पवन का लौड़ा गुर्रा रहा है।
रूचि बोली- यार, इधर भी ज़रा देख ले भोसड़ी की अर्चना … तेरे हसबैंड का लण्ड मेरे हाथों में आकर गुर्रा ही नहीं रहा है बल्कि दहाड़ रहा है बहन चोद! लगता है कि मेरी चूत नहीं बल्कि मुझे ही खा जायेगा. नहीं तो मेरी चूत का भोसड़ा आज ही बना देगा मादरचोद! हाय दईया … देखो न कितना प्यारा और मस्त लग रहा है अर्चना तेरे मियां का लण्ड! नहीं मिलता तो बड़ा अफ़सोस होता यार! लव यूअर हस्बैंड लंड बुरचोदी अर्चना!
मैं तब तक काफी गरम हो चुकी थी; धधकने लगी थी मेरी बुरचोदी चूत!
मुझे अब लण्ड पेलवाने की जरूरत थी चूत में!
निर्मल समझ गया तो उसने लण्ड गच्च से पेल दिया मेरी बुर के अंदर!
लण्ड तो एकदम से सनसनाता हुआ अंदर घुस गया जैसे कोई सांप अपने बिल में घुसता है।
वह धक्के लगाने लगा और ठोकने लगा मेरी बुर में अपना हक्कानी लण्ड।
उधर रूचि का पति पवन नेहा की बुर झमाझम बजाने लगा.
और मेरे पति ने लण्ड रूचि की चूत में गप्प से घुसा दिया और चोदने लगा।
ये तीनों साले एक दूसरे की बीवी बड़ी मस्ती से चोदने लगे।
किसी ने भी लण्ड पेलने में देर नहीं लगायी।
सब के सब एक दूसरे की बीवी चोदने के लिए उतावले ही बैठे थे।
उसी तरह हम तीनों बीवियां भी भोसड़ी वाली पराये मर्दों से चुदवाने के लिए व्याकुल हो रहीं थीं।
ग़ैर मर्द का लण्ड घुसते ही ऐसा लगा कि जैसे ज़न्नत मिल गयी हो?
बुर जब चुदती है तो बुर वाली के मुंह से कुछ न कुछ निकलता रहता है।
नेहा बोल रही थी- हाय रे बड़ा मोटा है तेरा लण्ड पवन? ये तो साला रोहित के लण्ड से ज्यादा मोटा है यार! बड़ा मज़ा आ रहा है … बस तुम चोदे जाओ पेले जाओ लण्ड। तुम तो बिल्कुल मेरे पड़ोसी रज्जन अंकल की तरह चोद रहे हो। वह भी साला ऐसे ही गांड उठा उठा के चोदता है। फाड़ डालो मेरी बुर … चीर डालो मेरी बुर भोसड़ी के!
रूचि बोल रही थी- वाओ, क्या मस्त लौड़ा है तेरा आकाश। साला इतना बड़ा है जैसे ये मादरचोद आकाश को ही छू लेगा। घोड़े के लण्ड जैसा लण्ड है तेरा बहनचोद। इसका टोपा एकदम अंजलि के पति के लण्ड के टोपा जैसा है। एकदम पहाड़ी आलू लगता है तेरे लण्ड का टोपा आकाश! अंदर तक घुसा घुसा के चोदो मेरी बुर। मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो। बड़ा अच्छा लग रहा है। अनिल भी ऐसे ही चोदता है। सबा का अब्बू भोसड़ी का ऐसे ही मेरी बुर लेता है। लगता है कि सारे मर्द इसी तरह चोदते हैं।
मेरे भी मुँह से भी जोश में निकल गया- निर्मल, तेरा लण्ड थामस के लण्ड जैसा है यार! बिल्कुल इतना ही लम्बा और इतना ही चौड़ा उसका भी लण्ड है। बस फर्क यह है कि वह काला है और तेरा गोरा। मुझे तो दोनों रंग के लण्ड पसंद हैं। वॉओ … चोदते रहो यार … रफ़्तार बढ़ा के चोदो, अपनी बीवी समझ के चोदो। इस समय तो मैं तेरी बीवी ही हूँ। मना ले तू भी अपना हनीमून मेरी चूत में लण्ड पेलकर!
फिर सब लोग अपने अपने हिसाब से चोदने लगे।
कोई पीछे से चोदने लगा, कोई लण्ड पे बैठा के चोदने लगा, कोई ऊपर चढ़ के चोदने लगा, कोई कुर्सी पर बैठ कर और लण्ड पर बैठा कर चोदने लगा. कोई चूचियाँ चोदने लगा और कोई मुंह को ही चूत की तरह चोदने लगा।
इसी तरह बीवियां भी अपने अपने हिसाब से चुदवाने भी लगीं।
फिर जब एक एक करके लण्ड झड़ने लगे तो सबने अपने अपने झड़ते हुए लण्ड का जूस पिया और लण्ड का सुपारा चाटा।
उसके बाद न्यूड डिनर हुआ. यानि सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और खूब आपस में बातें करते हुए डिनर एन्जॉय किया।
दूसरी पारी में मेरे पति आकाश ने निर्मल की बीवी चोदी, निर्मल ने पवन की बीवी चोदी और पवन ने आकाश की बीवी चोदी यानि मुझे चोदा।
दूसरे दिन सवेरे जब मैं उठ कर बैठी तो मेरा पति आकाश बोला- अर्चना, कल जो तुमने कमाल किया उसके लिए मैं तुम्हें बधाई देता हूँ। हमारे दोनों कपल बस तुम्हारी ही तारीफ कर रहे थे। मज़ा आ गया।
मैंने कहा- पहले यह बताओ कि तुम्हें उन दोनों की बीवियां चोदने में मज़ा आया या नहीं?
वह बोला- हां यार, बहुत मज़ा आया. और यही मैं चाहता था। तुमने अगर साथ न दिया होता तो मेरी इच्छा पूरी नहीं होती।
मैंने यूँ ही कह दिया- भगवान् करे कि आज भी कोई तुम्हारी इच्छा पूरी कर दे।
जबकि मेरे भी मन में था कि अगर आज भी कोई मस्त मर्द मिल जाए तो एक नए लण्ड से चुदवाने में मज़ा आ जाये।
बस हम लोग फटाफट तैयार हुए और ब्रेकफास्ट के लिए रेस्टोरेंट में सही टाइम पर पहुँच गए।
ब्रेकफास्ट ख़त्म हो चुका था और हम लोग बाहर निकल ही रहे थे तभी अचानक किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया।
पीछे मुड़ कर मैंने देखा तो मेरी सहेली थी. मैं बड़े जोशोखरोश से बोली- वॉव तू कनिका तू?
मैंने उसका हाथ पकड़ा और लान की तरफ जाते हुए अपने पति से कहा- तुम चलो, मैं अभी आती हूँ।
मैं उसे एकांत में ले गयी और कहा- तू भोसड़ी की यहाँ गांड मराने आयी है या अपनी माँ चुदाने?
वह बोली- यार, मैं न गांड मराने आयी हूँ और न अपनी माँ चुदाने! मैं तो अपनी सुहागरात मनाने आयी हूँ.
“अच्छा तो इसका मतलब तू अपनी बुर चुदाने आयी है यहाँ तू माँ की लौड़ी!”
“हां यार हां बस तुम यही समझ लो!”
“अरे यार … बुर तो तू वहां भी चुदवा सकती थी?”
“वहां तो बहुत लोग थे। आज़ादी थी नहीं … यहाँ गोवा में हमारा कोई नहीं है हम जो चाहे करें! यहाँ कौन भोसड़ी वाला हमें देख रहा है! अब मैं जम कर गोवा में सुहागरात मनाऊंगी.”
“इसका मतलब तू वो काम यहाँ करेगी जो वहां नहीं कर सकती थी? अच्छा बता तू कब आई यहाँ?”
“दो दिन पहले ही तो आयी हूँ। आज तीसरा ही दिन है।”
“अच्छा अच्छा … तो तू दो दिन में कई बार चुद चुकी होगी?”
“हां हां चुद चुकी हूँ और चुद रही हूँ। तू बता तू यहाँ क्या कर रही बुर चोदी अर्चना?”
“मैं भी चुद रही हूँ। दो दिन तक अपने हसबैंड से चुदी और अब उसके दोस्तों से चुद रही हूँ। मज़ा कर रही हूँ मैं! यहाँ कौन भोसड़ी का हमें देखने वाला है.”
“हाय दईया … जब तू उसके दोस्तों से चुदती है तो तेरा हसबैंड कुछ नहीं कहता?”
“कहेगा क्या? वह भी तो अपने दोस्तों की बीवियां चोदता है।”
“अच्छा तो आप लोग वाइफ स्वैपिंग करते हैं? एक बात बता यार क्या हम भी तेरे साथ हनीमून वाइफ स्वैपिंग कर सकते हैं?”
“हां हां बिल्कुल कर सकती हो? कहाँ है तेरा हसबैंड?”
उसने इशारा किया तो उसका हसबैंड मेरे सामने आ गया।
मैं उसे देख कर खुश हो गयी।
वह स्मार्ट भी था और हैंडसम भी!
मैंने कहा- आज शाम को 8 बजे हमारे कमरे में आ जाना।
मैं फिर वापस अपने कमरे में आ गयी।
मैंने आकाश को बताया कि भगवान ने तुम्हारी सुन ली। आज रात के लिए एक कपल तैयार हो गया है।
उसका चेहरा खिल उठा।
शाम को जब उसने कनिका को देखा तो खुश हो गया।
फिर हम सबने मिलकर ड्रिंक्स एन्जॉय किया और कनिका ने मेरा हाथ अपने पति के लण्ड पर रख कर कहा- लो यार अर्चना अब तुम मेरे पति का लण्ड पकड़ो. मैं तेरे पति का लण्ड पकड़ती हूँ।
इतनी बेबाक बीवी मैं पहली बार देख रही थी।
उसने अपने पति से कहा- ये अर्चना मेरी दोस्त है. आज तुम इसे मेरे सामने चोदो। इसका पति आकाश तेरे सामने मुझे चोदेगा जैसे उस दिन राकेश ने मुझे तेरे सामने चोदा था।
मैं जान गयी कि कनिका पहले भी कई कपल के साथ वाइफ स्वैपिंग कर चुकी है।
उसने बताया- यार, मैं यहाँ दूसरी बार वाइफ स्वैपिंग के लिए ही आयी हूँ। जब जब मैं यहाँ आती हूँ तब तब मैं ग़ैर मर्दों से चुदवाकर जाती हूँ और मेरा पति परायी बीवियां चोद कर जाता है। मैंने तो अपनी सुहागरात में ही अपने पति के दोस्तों से चुदवा लिया था।
अब तो मुझे मुझे पराये मर्दों से चुदने की आदत हो गयी है।
इसलिए हम लोग अक्सर गोवा आते हैं।
उसके बाद तो मैंने खूब जम कर कनिका के पति केशव से चुदवाया और मेरे पति आकाश ने भी खूब मजे से केशव की बीवी चोदी और रात भर चोदी।
कैसी लगी मेरी वाइफ स्वैपिंग हनीमून कहानी?
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