मेरा नाम राज शर्मा है, मैं राजस्थान के उदयपुर जिले का रहने वाला हूँ. मैं मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता हूँ. मैंने यहीं उदयपुर में रह कर अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है और यहीं एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहा हूँ.
मुझे चुदाई की कहानियां पसंद हैं, जब कभी भी मुठ मारने का मन करता है तो मैं अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ना शुरू कर देता हूँ और मुठ मार लेता हूँ.
चूत तो मिल नहीं रही थी, तो मुठ से ही काम चलाना पड़ रहा था. वैसे मैं अपने बारे में बता दूँ. मैं 27 साल का स्मार्ट बंदा हूँ.. मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है और ये डेढ़ इंच व्यास में मोटा है. मेरा लंड किसी भी लड़की की आह निकलवाने वाला एक मजबूत औजार है. मैं मस्त मौला मजाकिया किस्म का लड़का हूँ.
आज तक मैंने 3 लड़कियों को चोदा है. मैंने जिसे भी चोदा है, उनको पूरी तरह से सन्तुष्ट किया है. दो लड़कियों से मेरा संपर्क नहीं है, पर पड़ोस की एक भाभी तो मेरे लंड की इतनी दीवानी हैं कि जब कभी भी मौका मिलता है, वो मुझसे चुदवा ही लेती हैं.
मेरा ऐसा मानना है कि किसी भी लड़की को चोदने में लंड की साइज़ से ज्यादा चोदने के तरीके से मजा आता है. इसलिए मैं हमेशा से लड़की को पूरी गर्म करके पूरे मजे दे कर ही चोदना पसंद करता हूँ.
आज मैं आपको मेरी पहली चुदाई की बात बताने जा रहा हूँ. आप लोगों का प्यार मिलेगा तो मैं जल्द ही दूसरी कहानियाँ भी लिखूंगा.
भगवान ने लड़की चीज़ ही ऐसी बनाई है कि उसे काम रूप में देख कर कोई भी नामर्द मर्द बन जाये.
यह घटना मेरे कॉलेज से शुरू हुई, जब मेरी पहली गर्ल फ्रेंड बनी थी. ये बात उस समय की है, जब मैं इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष में था. मैं कॉलेज में बिल्कुल नया ही था. हमारे क्लास में एक लड़की थी सृष्टि.. वो देखने में एकदम मस्त माल थी. कामदेव ने उसे बड़ी फुर्सत से बनाया था. कमल के जैसी आँखें, रंग एकदम गोरा और उसकी मुस्कुराहट पर तो मैं क्या.. पूरा कॉलेज फ़िदा था. मुस्कुराहट की तो मेरी भी कई दीवानियां रह चुकी हैं. इस बात को लेकर मुझमें और सृष्टि में कभी कभी शर्त भी लग जाती थी कि किसकी मुस्कुराहट ज्यादा प्यारी है. उसके पतले से रसभरे होंठ हैं.
उसके होंठ देख के ही मैंने अंदाज़ा लगा लिया था कि इसकी चूत का चीरा 3 इंच से ज्यादा का नहीं होगा. एकदम क़यामत सा उसका फिगर कुछ 32-32-34 का रहा होगा, उसकी आवाज़ ऐसी मीठी, जैसे कानों में मिश्री घोल रही हो. मैं तो उसको देखते ही फ़िदा हो गया था.
पर वो स्वभाव से थोड़ी अकड़ू थी, इसलिए उसकी कोई सहेली नहीं थी और न ही वो किसी लड़के को भाव देती थी. मैंने मन ही मन ठान लिया था कि इसे तो मैं ही चोदूँगा. जैसे जैसे दिन निकलते गए, मैं रोज उसको बस यूं ही देखता रहता, वो भी कभी भी मेरी तरफ देखती, पर कोई भाव नहीं देती.
कुछ दिन वो कॉलेज नहीं आई, मेरा तो दिन निकालना भारी पड़ गया. वो यहां किराये पर रहती थी. जब वो नहीं आई तो मैंने उसके रूम तक जाने की ठानी. उसका रूम किधर है, ये मैंने पहले ही मालूम कर लिया था. मैंने उसके मकान मालिक के छोटे लड़के को पटा कर पता किया. तो पता चला कि उसके गांव में किसी का निधन हो गया है, तो वो वहां गई है.
अब तो बस इंतजार के अलावा मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था. पूरे 20 दिन बाद वो कॉलेज आई. उसको देखते ही मेरा दिल जोर से धड़कने लगा. मैंने हिम्मत करके उसको कह ही दिया वेलकम बैक टू कॉलेज.. आपकी एक मुस्कुराहट देखने के लिए हम कॉलेज आते हैं और इतने दिनों बाद आपको देख के बहुत ख़ुशी हुई.
मेरा इतना कहना था कि वो मुझ पर भड़क गई और गुस्सा करने लगी. मैं तो डर के भाग ही गया.
फिर मैंने मन ही मन सोचा ‘हे लिंग महादेव एक बार ये लड़की सैट हो जाये तो पूरा एक लीटर दूध चढ़ाऊंगा.’
मैंने एक कागज पर सॉरी लिख कर उसकी डेस्क पर रख दिया. वैसे भी उसके गुस्सैल स्वभाव की वजह से कोई उससे बात नहीं करता था.
उसने कागज पढ़ा और मेरी तरफ बढ़ने लगी. मैंने सोचा आज तो गया. वो आई और धीरे से बोली- सॉरी राज.
मैंने मुस्कुरा कर उसका वेलकम किया. हमारे बीच थोड़ी फॉर्मल बात हुई. इतने दिनों का कॉलेज का काम भी बाकी था, तो उसने मेरे से नोट्स मांगे. मैंने तुरंत उसे दे दिए. इससे हमारे बीच रिश्ते बदलने लगे.
फिर धीरे धीरे हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए, एक दूसरे की पसंद न पसंद घूमना फिरना साथ में ही होने लगा. हम दोनों कॉलेज में हर टाइम साथ साथ रहते. धीरे धीरे हमारी दोस्ती कब प्यार में बदल गई, पता ही नहीं चला.
अब तो हम रोज ही फ़ोन पे बात करते और अब एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे.
एक दिन मैंने बातों ही बातों में उससे उसकी बॉडी का साइज़ पूछ लिया, पहले तो वो थोड़ा गुस्सा हुई.. फिर शरमाते हुए बोली 32-30-34 है.
इसी तरह धीरे धीरे हमारी बातें सेक्सी होती गईं. अब हम फ़ोन पे सेक्स करने लगे.. सेक्स चैट करने लगे. अब हम दोनों जल्द से जल्द एक प्यासे प्रेमी की तरह अकेले में मिलना चाहते थे और ऊपर वाले ने हमारी सुन ली.. जल्द ही हमें मौका मिल गया.
एक दिन उसने कहा कि मेरी मकान मालकिन और उसके परिवार के सब लोग कुछ दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं.
मैं उसकी बात का मर्म समझ गया. बस फिर क्या था. मैं जैसे तैसे दिन खत्म होने का इंतजार करता रहा और फिर शाम को मौका देख कर उसके रूम पर पहुंच गया. वो किचन में जाकर चाय बनाने लगी. पर मुझसे कहा रहा जा रहा था. मैं उसके पीछे चला गया. तभी उसने पलट कर मुझे एक जोरदार किस किया.
उसका वो झटके से किस करना मुझे बहुत अच्छा लगा. जब वो किचन में सामान ले रही थी, तो वो नीचे झुकी हुई थी, जिसकी वजह से मुझे उसकी सेक्सी गांड मस्त दिख रही थी. मैं उसकी मस्त गोल गांड देखकर अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पाया और उसे अपनी बाँहों में उठा कर उसके रूम में ले गया.
जब मैं उसे रूम में ले गया, तो वो मुझसे छोड़ने के लिए कहने लगी. पर मैं उसकी किसी बात पर ध्यान न देते हुए उसको अपनी बांहों में जकड़े हुए था. क्योंकि मैं जानता था कि ये सब वो छोड़ देने की कहकर दिखावा कर रही है. उसने तो खुद ही चुदने के लिए मुझे बुलाया है.
फिर मैं उसको दीवार से सटा कर उसके गले में किस कर रहा था, पर वो मेरा साथ न देते हुए मेरी कैद से छूटने की चाहत दिखा रही थी. लेकिन मैं उसको बहुत कस के पकड़े हुए थे और उसको चूमे जा रहा था. वो कुछ देर तक तो ऐसे ही नाटक करती रही, फिर वो भी मेरा साथ देते हुए मुझे चूमने लगी. मैं उसके गले में किस करने के साथ उसके मस्त गोल बूब्स को कपड़े के ऊपर से दबा रहा था. वो गर्म सांसें जोर जोर से ले रही थी. वो खुद भी गर्म सांसें जोर जोर से लेते हुए मुझे चूम रही थी, मैं उसके चुम्बनों का जवाब देते हुए लगातार चूमे जा रहा था.
फिर मैंने उसके रसीले होंठों पर अपने होंठों को रख दिए और उसके होंठों के रस को चूसने लगा. वो मस्त होकर मेरे होंठों को चूस रही थी. मैं उसके होंठों को चूसने के साथ उसकी लैगी में हाथ डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा. उसकी चूत बहुत नम और चिकनी थी.
मैंने कहा- चूत बहुत चिकनी हो रही है.
वो शरमाते हुए बोली- आज सुहागरात के लिए ही तैयार किया है.
उसकी चूत में हाथ लगाते ही चूत की गर्मी पाकर मेरा लंड पैंट को ऊपर उठाने लगा. जल्द ही मैंने उसको नंगी करके लिटा दिया.. उसकी चूत मेरे सामने खुली पड़ी थी.
मैं उसकी चूत के बारे में क्या बताऊं दोस्तो.. लग रहा था, जैसे कामदेव ने खुद ही तराशा हो.. एकदम गुलाबी चूत बिल्कुल चिकनी. उसकी चूत की पंखुड़ियां एकदम चिपकी हुई थीं.
उन्हें मैंने हाथ से थोड़ा फैलाया तो उसमें गेहूँ के दाने जैसा उसका दाना, एकदम गुलाबी था. जैसे ही मैंने उस पर जुबान घुमाई, वो बेकाबू हो गई. उसका पूरा बदन तड़प सा गया. मैं थोड़ी देर उसे जुबान से ही सहलाता रहा.
दोस्तो, ये तो आप भी जानते हैं कि सेक्स करने का असली मज़ा तब है, जब लड़की भी गर्म हो और उसे भी मजा आए. सीधे कपड़े उतार कर लंड डालने में कोई मजा नहीं है. मैंने जिन तीन चूत वालियों के साथ सेक्स किया है, वो सब आज भी मेरी दीवानी हैं.. क्योंकि मैं लड़की को पूरा गर्म करके बेकाबू करके अपने काबू में लेता हूँ.
आज ऐसी ही हालत सृष्टि की हो गई थी. बार बार चूत चूसने और मम्मों को सहलाने, किस करने से.. अब वो बेकाबू हो गयी थी. वो सेक्सी आवाजें करने लगी थी. जब वो सेक्सी आवाजें करने लगी थी, तब उसका मतलब यही था कि वो अब पूरी तरह से गर्म हो गयी थी.
फिर भी मैं उसे और तड़पाना चाहता था.. इसलिए मैंने सिर्फ अपना लंड उसकी प्यारी सी चूत पर एक बार घुमाया और लंड की नोक से उसके दाने को सहला दिया. इससे बड़े मादक ढंग से उसके मुँह से प्यार भरी एक सिसकी निकल पड़ी- आह.. आआअ उह्ह्ह्ह उह उह्ह्ह्ह आह..
मैंने चुत से लंड हटा लिया, तो वो चुदास से भर उठी थी और सीत्कार करने लगी ‘आह्ह प्लीज़ करो कुछ.. मुझे कुछ हो रहा है..’
वो बस इतना ही बोली और अचानक से वो मेरी तरफ पलट कर मेरा लंड चूसने लगी. उसके मुँह से ‘ग्प्प्प ग्प्प्प पप प्ग्गप्प पप पपप पप प..’ की आवाज भी आ रही थी.
मैं खुद इतनी देर से बहुत गर्म हो गया था तो मैंने सोचा कि एक बार चुसवा कर ही झड़ जाता हूँ.. ताकि दूसरी बार थोड़े ज्यादा टाइम तक चोदूँगा. वैसे तो मैं पहली बार में लगभग 15 से 20 मिनट तक चुदाई का दम रखता हूँ.. पर दूसरी बार में तो यह टाइम 30 मिनट से ज्यादा हो ही जाता है. इसलिए मैं उस टाइम जल्द से जल्द माल निकलना चाहता था ताकि कच्ची कली को गेंदा का फूल बना सकूं.
उसके चूसने से मेरा लंड भी फूल कर मोटा हो गया था. काफी देर तक वो मेरा लंड चूसती रही. फिर जब मैं झड़ने वाला था, तो मैंने निकालने का इशारा किया. उसने मुझसे कहा कि वो मेरे लौड़े का सारा माल पीना चाहती है.
मैंने रिलेक्स होते हुए कहा- ठीक है.
फिर मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. वो मेरा सारा माल बड़े प्यार से पी गयी और चाट चाट कर मेरा लंड साफ़ करने लगी.
मैं भी अब अपने आप में नहीं था और उसकी चूत में उंगली घुसा दी, जिसकी वजह से उसके मुँह में तेज सिसकारियां निकलने लगीं. उसका चेहरा लाल हो गया था और उसके जिस्म में ऊपर से नीचे तक आग लग गयी थी.
फिर मैंने उसकी टांगों को पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और उसकी टांगों को फैला कर उसकी चूत में थूक लगा कर उसकी गुलाबी चूत के दाने पर लंड को रख कर घुसाने लगा. उसकी चूत बहुत टाईट थी, जिसकी वजह से मेरा लंड उसकी चूत में नहीं घुसा. मैंने दुबारा अपने लंड के टोपे पर थूक लगाकर उसकी चूत में लंड के टोपे को घुसा कर घुसाने लगा. मैं उसकी चूत में जब लंड को घुसाने लगा तो वो मछली की तरह तड़पने लगी और जोर जोर से तेज सांसें लेने लगी. मैंने बड़ी तसल्ली से उसकी चूत में धीरे धीरे करके थोड़ा लंड घुसा कर एक जोरदार धक्का मारा.
उसके मुँह से दर्द भरी चीख निकल गयी और उसकी चूत से खून निकलने लगा. वो रोती हुई बोली- उई माँ.. यार निकाल लो.. बहुत दर्द हो रहा है..
पर मैं उसकी कोई बात सुने बिना, उसकी चूत में धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा. वो कुछ देर तक ऐसे ही तड़पती रही, फिर वो भी चुदाई का मज़ा लेने लगी. अब मैं उसकी चूत में जोर जोर से धक्के मारने लगा. वो ‘आ आ आ आ.. ऊ ऊ ऊ ऊ.. ई ई ई ई ई..’ की सिसकारियां लेती हुई अपनी चूत को हिला हिला कर चुदने लगी.
अब वो चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी और मैं उसकी चूत में जोरदार धक्के मार रहा था. जब मैं उसकी चूत में तगड़ा धक्का मार देता था, तो वो उछल पड़ती. जब मेरे लंड के धक्के तेज हो रहे थे, तो उसकी कामुक सिसकियां भी तेज हो रही थीं.
मैं उसकी चूत को ऐसे ही 15 मिनट तक चोदता रहा. फिर उसका सारा बदन अकड़ने लगा तो मैं समझ गया कि ये झड़ने वाली है. वो मुझसे कसके चिपक गई और उसकी चूत ने कामरस छोड़ दिया. मैंने लंड को उसकी चूत के अन्दर ही रखा और हर 5-6 सेकेंड बाद बाहर निकाल कर जोर से अन्दर डाल देता.
चूत के रस छोड़ देने से अन्दर चिकनाहट भर गई थी, जिससे एक मीठी से गुदगुदी हो रही थी और उसके मुँह से प्यारी मिठास भरी सिसकारी सुनाई देने लगी थी.
वो मुझे कई बार बोली कि पानी निकलने के बाद तुम रुक रुक के करते हो, इसमें बहुत मज़ा आ रहा है.
दोस्तो, आप भी, जब लड़की झड़ जाये उसके बाद ऐसा करके देखना, लड़की को बहुत मज़ा आएगा.
फिर मैं थोड़ी देर धीरे धीरे शॉट लगाता रहा.. जिससे वो वापस गर्म हो गई और कमरे से केवल चुदाई की हमारी आवाजें गूंजने लगीं. थोड़ी देर बाद हम दोनों का शरीर अकड़ने लगा. मैंने कहा- मैं आने वाला हूँ.
उसने कहा- मैं भी..
मैंने पूछा- कहां निकालूँ?
वो बोली- मेरा पहली चुदाई का रस है.. इसे मेरी चूत में भर दो.
मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में डाल दिया. फिर हम थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे, बाद में उठ कर देखा तो पूरी चादर भीगी हुई थी, कहीं कहीं खून के निशान थे.
उसकी चुत से खून और हमारे कामरस की लकीरें हम दोनों की जांघों पर बहता रहा. फिर हम बाथरूम में जाकर नहाये, अंगों की सफाई की और फिर बिस्तर पर चादर बदल कर एक बार और शुरू हो गए, मस्त चुदाई का दौर चल पड़ा.
चुदाई के कारण उसकी चूत में सूजन आ गई थी. मैंने सुबह में उसे एक दर्दनिवारक गोली और एक गर्भ निरोधक गोली लाकर दी.
दोस्तो, ये मेरी पहली चुदाई की कहानी थी. अगर आप लोगों का साथ रहा तो जल्द ही दूसरी कहानी लिखूंगा. आप लोगों के विचारों और सुझावों का स्वागत है, कृपया अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें.
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