मेरी इस सेक्स कहानी के पहले भाग
साली ने अपनी मौसी की बेटी को चुदवाया-1
में आपने पढ़ा कि मेरी साली नीरू अपनी मौसी की बेटी सविता की सीलबंद चूत को पहली बार चुदाई के लिए मेरे पास ले आयी थी. नीरू मुझसे चुद कर सविता को दिखा रही थी कि चुदाई कैसे होती है.
अब आगे:
मेरा पूरा लंड नीरू की चूत के अंदर समा चुका था. यह नजारा देखकर सविता मन ही मन खुश हो रही थी और वह गर्म हो चुकी थी. तभी मैंने सविता का एक बूब ब्रा के ऊपर से ही पकड़ कर मसल दिया.
सविता ने सिसकारी ली और बोली- जीजू दर्द होता है, धीरे से करो ना!
मैंने कहा- दर्द ही होता है या कुछ मजा भी आ रहा है?
तो सविता बोली- हां जीजू, आप दोनों को देख कर बहुत मजा आ रहा है, मुझे भी बहुत प्यार से करना! मेरी चूत में इस वक्त चीटियां सी रेंग रही हैं.
सविता के मुंह से चूत जैसा शब्द सुन मैं हैरान था कि अभी तक मेरा लंड इसकी चूत में गया भी नहीं और यह इतनी खुलकर बोल रही है. मैं समझ चुका था कि सविता मेरी और नीरू की चुदाई देखकर गर्म हो चुकी है. मैंने कहा- यार नीरू, यह तो गर्म हो गई है, अब इसकी गर्मी का कुछ फायदा उठाया जाए!
यह कह कर मैंने नीरू की चूत में अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. मैं धक्के पर धक्का लगाये जा रहा था, नीरू अपनी गांड उछाल उछाल कर मेरे लंड गहराई में डालकर चुदाई का मजा ले रही थी और सविता हम दोनों की चुदाई देखकर पूरी गर्म हो चुकी थी.
करीब 5 मिनट लगातार नीरू की चूत में धक्के मारने के बाद मैंने अपना लंड साली की चूत से बाहर खींच लिया और सविता का हाथ पकड़ कर उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया. सविता ने तुरंत ही मेरा लंड अपनी मुट्ठी में भर लिया.
यह देख नीरू बोली- जीजू, यह तो चूत में लंड डलवाने को बहुत बेताब हो रही है.
सविता बोली- हां नीरू, अब मेरा भी करा दे … मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं, मेरे शरीर में कुछ कुछ हो रहा है.
नीरू बोली- री छिनाल साली … शरीर में नहीं … यह बोल कि तेरी चूत में कुछ हो रहा है.
सविता बोली- हां यार … मेरी चूत में कुछ हो रहा है.
यह सुनते ही नीरू ने सविता की ब्रा और पेंटी शरीर से निकाल कर बेड से नीचे फेंक दी. नीरू ने सविता को बेड पर पीठ के बल लेटा दिया और मुझसे बोली- जीजू, मैं इसके बूब्स मुंह में लेकर चूसती हूं और आप इसकी चूत को चाटना शुरू करो!
मैंने ठीक वैसा ही किया, मैं उसकी टांगों के बीच में जाकर उसकी टांगों को चौड़ा करके फैलाया, जैसे ही मैंने टांगों को चौड़ा किया, सविता की चूत खुल गई.
दोस्तो, क्या नजारा था … उसकी चूत बहुत ही उभार लिए हुई थी, गदराई हुई … पाव रोटी की तरह फूली हुई … इतनी मस्त चूत सविता की … उभार लिए हुए होंठ मोटे मोटे सफेद … अभी हल्के हल्के बहुत छोटे बाल थे उसकी चूत पर!
जैसे ही मैंने उसकी चूत की दरार को दोनों उंगलियों से चौड़ा किया अंदर से बिल्कुल गुलाबी बहुत छोटा सा अंदर छेद ऊपर छोटा दाना … पूरी मस्त चूत थी. मैं उसको बड़ी गौर से निहार रहा था.
तभी नीरू ने मेरा ध्यान भंग करते हुए कहा- अरे जीजू, ऐसा क्या देख लिया जो निगाह नहीं हट रही है?
मैंने कहा- अरे नीरू, क्या बतलाऊं कि कितनी मस्त उभारदार मस्त चूत है तेरी बहन की यार!
तभी नीरू ने कहा- अरे, इसे देखते ही रहोगे या इसमें लौड़ा डाल कर इसको चोदोगे भी? इसे कली से फूल भी तो बनाना है! इसकी चूत इसी तरह बंद कोई रहेगी? इसकी चूत को भी मेरी चूत की तरह चोद चोद कर भोसड़ा बना दो जीजू!
मैंने कहा- नीरू, थोड़ा सब्र करो! इसकी चूत को चोद कर भोसड़ा ही बनाऊंगा लेकिन थोड़ा टाइम दो ना … पहले इसकी चूत का पानी तो पी लूं!
यह कहते ही मैंने अपनी जीभ सविता की चूत के ऊपर लगाकर उसको चाटना शुरू किया. मेरी जीभ सविता की चूत पर लगते ही सविता ने सिहर कर अपने चूतड़ ऊपर उछाल दिए और उसके मुंह से सिसकारी निकल पड़ी.
तभी नीरू बोली- अरे सविता, अभी क्या गांड ऊपर उछाल रही है, अभी तो जीजू ने जीभ ही लगाई है, जब इस पर लंड लगेगा तब देखना कितना मजा आएगा.
सविता बोली- हां नीरू हां … मुझे मजा आ रहा है, जीजू मुझे मज़ा दो!
अब मैं सविता की चूत चाट रहा था और नीरू उसके बूब्स को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी. सविता की चूत से नमकीन पानी आ रहा था जिसका स्वाद बहुत अच्छा था. मैं उसकी मोटी मोटी चूत की फांकों के बीच में अपनी जीभ डाल कर उसको नीचे से ऊपर की तरफ लगातार चाट रहा था. सविता अपने चूतड़ों को बार बार ऊपर की तरफ हिला रही थी, उसके शरीर में ऐंठन बढ़ रही थी.
सविता ने कहा- जीजू, मेरी चूत में कुछ हो रहा है और मेरा शरीर अकड़ रहा है. मुझे कुछ-कुछ हो रहा है!
और यह कहकर सविता ने अपना पानी छोड़ दिया. सविता जीभ से चूत चाटने से ही झड़ चुकी थी.
मैंने नीरू से बोला- नीरू, इसका तो हो गया है.
नीरू बोली- हां, मुझे भी लगता है कि यह आपकी जीभ से ही झड़ गई है.
सविता बोली- हां … मेरे शरीर की अकड़न बहुत तेज हुई थी और अब ढीली पड़ गई है. लेकिन मुझे नहीं मालूम क्या हुआ, मुझे अब भी अच्छा महसूस हो रहा है.
तभी नीरू ने सविता से कहा- सविता, अब तू डॉगी स्टाइल में बेड पर अपनी पोजीशन ले!
उसके कहते ही सविता ने अपनी पोजिशन बदल ली और बेड पर डॉगी स्टाइल में सिर बेड पर टिका लिया. अब नीरू ने मुझको उसके पीछे आने का इशारा किया और नीरू खुद भी उसके पीछे की तरफ पहुंच गई. अब नीरू और मैं सविता के डॉगी स्टाइल में उसकी सुंदरता को निहार रहे थे, वह डॉगी स्टाइल में बहुत सुंदर लग रही थी, उसकी चूत की दरार हल्की सी खुली हुई थी जिसमें नीचे बिल्कुल बंद चूत के उभार बहुत सुंदर दिखाई दे रहे थे. सफेद चिट्टी उसकी जांघें, पतली कमर!
तभी नीरू में उसके चूतड़ों की दरार को दोनों हाथों से चौड़ा किया तो मैंने देखा कि उसकी गांड के छेद की सलवटें कितनी मस्त थी … हल्की गुलाबी शहद के रंग की गांड और गांड के नीचे बिल्कुल बंद और उभार लिए हुए चूत!
जैसे ही नीरू ने उसकी चूतड़ों की दरार को चौड़ा करके फैलाया, मैं यह नजारा देखता रह गया और मेरे मन में आया कि अभी इसकी गांड पर लंड लगाकर एक झटके में अंदर डाल दूं. उसकी गांड थी ही इतनी सुंदर … मुझे चूत से ज्यादा उसकी गांड देखकर मजा आ रहा था. सिलवटें लिए हुए कितनी मस्त गांड थी सविता की!
तभी नीरू ने एक क्रीम की शीशी उठा कर उसकी चूत पर लगाई और मेरे लंड पर लगाकर मुझसे उसके चूत पर लंड लगाने का इशारा किया.
मैंने नीरू से कहा- ठीक है … लेकिन इसकी चूत की दरार को चौड़ा करके फैला ना … तभी तो अंदर जाएगा!
मेरे कहते ही नीरू ने सविता की चूत की दरार को दोनों उंगलियों से फैलाया तो अंदर से चूत बिल्कुल गुलाबी नजर आ रही थी.
मैंने चूत के मुहाने पर अपना 7 इंच लंबा और मोटा लंड उस पर लगाया, मेरे लंड का सुपारा सविता की चूत के मुहाने पर रखते ही सविता कसमसा उठी. नीरू ने उसकी चूत को चौड़ा करके फैलाया हुआ था और मेरा लंड उसकी दरार पर सेट हो चुका था. मैंने एक हल्का सा धक्का उसकी चूत पर पीछे से लगाया तो मेरे लंड का सुपारा सविता की चूत के अंदर दाखिल हो गया. लंड का सुपारा सविता की चूत के अंदर दाखिल होते ही नीरू ने सविता की कमर को ऊपर से कसकर पकड़ लिया और मुझे देर न करते हुए जोरदार धक्का लगाने को बोली.
मैंने देर ना करते हुए एक जोरदार धक्का सविता की चूत में लगाया, मेरा आधा लंड सविता की चूत में समा चुका था, सविता के मुंह से हल्की सी आह निकली लेकिन नीरू ने पहले ही उसकी कमर को कस कर पकड़ा हुआ था तो सविता की एक न चली और मैंने अपना लंड थोड़ा बाहर खींचकर एक जोरदार धक्का सविता की चूत में लगाया तो मेरा पूरा लंड सविता की चूत में समा चुका था सविता के मुंह से कराहट निकल उठी. सविता ने नीरू से कहा- यार मुझे दर्द हो रहा है!
नीरू ने कहा- थोड़ा बर्दाश्त कर … देख मेरी बहन, तेरे को अभी मजा आना शुरू होगा!
यह कहकर नीरू ने सविता के बूब्स को हल्के हाथ से सहलाना शुरू कर दिया.
अब सविता की पीड़ा कुछ कम हुई, वह नॉर्मल नजर आने लगी. तभी मैंने अपना लंड सविता की चूत में चलाना शुरु कर दिया. अब सविता को मजा आ रहा था, सविता के मुंह से सिसकारियां निकल रही थी.
नीरू ने सविता से पूछा- बहन, अब तो दर्द नहीं हो रहा?
सविता ने कहा- नहीं नीरू, अब मुझे मजा आ रहा है!
तभी नीरू सविता के पीछे आ गई और उसकी चूत में मेरे फंसे हुए लंड को देख कर मस्त होकर बोली- सविता, तू भी मेरी तरह पूरी औरत बन गई है. देख 7 इंच लंबे लंड को कैसे अपनी चूत में ले रही है.
सविता की चूत पर हल्का सा खून लगा हुआ था.
अब मैंने अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी, अब सविता चुदाई का पूरा मजा ले रही थी और नीरू उसकी गांड की दरार को फैलाकर मेरे लंड को सविता की चूत में अंदर बाहर होते देख कर मजे ले रही थी.
दोस्तो, मेरे लंड की स्पीड बढ़ती जा रही थी और सविता की सिसकारियां तेज हो रही थी, सविता के मुंह से बहुत मादक सिसकारियां निकल रही थी. करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद सविता ने कहा- मेरा होने वाला है जीजू … तेज तेज करो … मेरा हो रहा है, मेरा बदन अकड़ रहा है.
मैंने सविता की चूत में अपने लंड की स्पीड और तेज कर दी और मेरा भी होने वाला था, मैं और सविता दोनों एक साथ झड़ गए और मैंने अपना सारा माल सविता की चूत में डाल दिया.
सविता की पहली चुदाई में मुझे बहुत मजा आया और हम तीनों ने खूब मजे किए.
उसके बाद मैंने नीरू की चुदाई की और सविता को भी और एक बार झाड़ कर संतुष्ट किया.
उसके बाद अगले 15 दिन तक वह अपनी मौसी के यहां रही और मैंने कई बार उसकी चुदाई की मैंने! नीरू ने सविता और मेरी पत्नी ने मिलकर भी साथ चुदाई की. उसकी कहानी में आपको अगली बार में बताऊंगा.
दोस्तो, नीरू आज भी मेरी दोस्त है और जब भी मायके आती है मुझसे अपनी चूत जरूर चुदवाती है, मेरी पत्नी भी हमारे साथ होती है, हम मिलकर मजा लेते हैं.
और बाकी चुदाइयों के बारे में भी मैं आपको अपनी अगली कहानियों में जरूर बताऊंगा.
आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताएं. मेरी ईमेल आईडी है [email protected]