Xxx पोर्न हिंदी कहानी में मेरी ख़ास सहेली ने मुझे अपने चोदू बॉयफ्रेंड के बड़े लंड से चुदवा दिया. वो सहेली बहुत लुच्ची टाइप की थी. उसी ने मेरी वासना जगायी थी.
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हैलो, आप सभी को मेरा नमस्कार.
मैं आपको इस Xxx पोर्न हिंदी कहानी में बताऊंगी कि कैसे मैं अपनी सहेली के बॉयफ्रेंड से चुद गई.
मेरा नाम हबीबा है. ये बात उन दिनों की है, जब मैं जवान हो गई थी और पढ़ती थी.
मेरी एक सहेली अनुष्का थी, जो कि सेक्स में कुछ ज्यादा ही ध्यान लगाती थी.
वो मेरी चूत को छूने के बहाने ढूंढती रहा करती, कभी स्कूल के बाथरूम में, कभी बस में, तो कभी कहीं. वो बहुत लुच्ची टाइप की थी.
जब वो मेरी चूत पर जरा सा हाथ लगाती, तो मेरा मन भी करता कि वो मेरी कच्छी में हाथ डालकर मेरी चूत को सहलाए लेकिन मैं बस झूठा दिखावा करती रहती.
वो भी इतनी बड़ी वाली रांड थी कि कभी भी मेरी चूत को छूने का मौका नहीं छोड़ती थी.
इससे मेरा मन भी वासना से भरने लगा था और मुझे लंड से चुदने की चुल्ल होने लगी थी.
एक दिन मैं बस में बैठी थी.
उसका एक बॉयफ्रेंड भी था जो बहुत लंबा तगड़ा था और वो भी बहुत बदतमीज था.
वो मेरी चूचियों और गांड की तरफ हमेशा देखता रहता था.
जब मैं अपनी सहेली से इस बात को कहती, तो वो बोलती- उसकी ओर ध्यान मत दिया कर … वो ऐसा ही है.
उसके बॉयफ्रेंड का शरीर देख कर लगता था, जैसे उसका लंड बहुत बड़ा होगा.
मैं भी कभी कभी उसकी ओर एकटक देखती रहती थी.
एक दिन मम्मी ने मुझसे कहा- बेटा हम सब परसों एक शादी में जाएंगे, तुम भी चलोगी क्या?
मैंने मना कर दिया, मेरी पढ़ाई का नुकसान होता.
मैं अब दूसरे दिन घर पर अकेली रहने वाली थी.
मैंने अगले दिन अपनी सहेली को बताया- मैं कल अकेली रहूंगी.
इतना सुनकर वो बोली- मैं तेरे घर आ जाऊंगी और तेरा मन भी लग जाएगा.
मैंने भी उससे बोल दिया- हां आ जाना.
अगले दिन मैं सारा काम खत्म करके लेट गई.
उस समय दोपहर के एक बजे थे. मेरी आंख लग गई थी.
अचानक से मुझे लगा कि जैसे कोई दरवाजा खटखटा रहा है.
मैंने उठकर दरवाजा खोला तो मेरी सहेली घर आई थी.
उसे अन्दर बुलाकर मैंने गेट लॉक कर दिया और हम दोनों अन्दर आ गईं.
उसने गहरे काले रंग की जींस और ऊपर काले ही रंग का टॉप पहना था, उस जींस में से उसकी गांड एकदम मस्त लग रही थी.
मैं उठकर उसके लिए पानी लेने गई तो उसने रसोई में आकर पीछे से मेरी कोली भर ली और मेरे शॉर्ट निक्कर में अपना हाथ डाल दिया.
मैंने उससे कुछ नहीं कहा और चुपचाप मजे लेने की सोचने लगी.
वो मेरी कच्छी के ऊपर से मेरी चूत की फांक पर हल्की हल्की उंगली फिरा रही थी जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैंने उसे पीछे मुड़कर पानी दिया और कहा- चलो अन्दर कमरे में चलते हैं.
वो हंसने लगी और बोली- हां, कमरे में मजे करते हैं.
मैंने कहा- यार, तू आज कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही है.
इतना सुनकर उसने मुझे एक बहुत टाइट सा किस किया.
मेरा मूड भी अब उसके साथ सेक्स करने का बन चुका था.
फिर वो खड़ी हो गई. उसने अपनी जींस और टॉप निकालकर उतारे और एक तरफ बेड पर फेंक दिया.
उसने अन्दर भी काले रंग की कच्छी और ब्रा पहनी थी जिसमें वो और ज्यादा हॉट लग रही थी.
फिर उसने कहा- हबीबा, तू भी अब अपना टॉप और निक्कर निकाल दे.
इतना सुनते ही मैंने भी झट से अपने कपड़े निकाल दिए और उसके सामने कच्छी और ब्रा में खड़ी हो गई.
मैंने गुलाबी रंग की कच्छी और ब्रा पहनी थी.
अनुष्का ने कहा- यार, तू भी कम हॉट नहीं है.
इतना कहकर उसने मुझे एकदम जोर से गले से लगा लिया और मेरी कच्छी में पीछे से हाथ डालकर मेरे चूतड़ दबाने लगी.
मैंने भी उसकी कच्छी में हाथ डाला और मैं भी उसी तरह उसके बड़े बड़े मुलायम चूतड़ दबाने लगी, जिससे हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था.
फिर उसने मुझे धक्का देकर बेड पर लेटा दिया और मेरी टांगों को खोला.
अनुष्का ने मेरी चूत को कच्छी के ऊपर से ही हल्का हल्का सहलाना शुरू किया जिससे मेरी चूत में एक करंट सा दौड़ने लगा.
उसके हाथ अपनी चूत पर महसूस करके मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर उसने मेरी कच्छी के ऊपर अपनी एक उंगली को रखा और बोली- अब मैं तेरी चूत पर ए बी सी डी लिखूंगी, जो गलत लिखूँगी, तू बताना.
मैंने हामी भर दी.
अब उसने मेरी चूत पर कच्छी के ऊपर से ही बिल्कुल चूत की फांकों पर उंगली से बिल्कुल धीमे धीमे ए लिखा.
सच में मुझे मजा आने लगा.
मेरा मन कर रहा था कि वो बस ऐसे ही करती रहे और मैं इस पल के मजे लेती रहूँ.
फिर उसने ए बी सी डी के सारे अक्षर लिखे और जिस अक्षर को अपनी चूत पर लिखवाने में मजा आता, मैं उससे कहती तुमने ये अक्षर गलत लिखा, फिर से लिखो.
वो हंसकर उस अक्षर को 3-4 बार लिखती और बोलती- सही है … मजा आ रहा है ना हबीबा!
मैं बस उसकी ओर देख कर स्माइल कर देती और मजा लेती.
फिर उसने कहा- हबीबा, अब तू मेरी चूत पर बिल्कुल धीरे धीरे एबीसीडी लिख.
मैंने भी सारे अक्षर धीरे धीरे लिखे.
जिससे हम दोनों की वासना जोर पकड़ने लगी थी और हम दोनों में वासना इस तरह से जाग गई थी कि अब बस एक लंड मिल जाता, तो मजा ही आ जाता.
उसने मुझे औंधा लेटा लिया और मेरी कच्छी निकालकर एक साइड फेंक दी.
उसने मेरी चूत में अपनी उंगली डाली तो मुझे एक अलग सा ही मजा आया.
मैंने उससे कहा- यार अनुष्का ऐसे ही करती रह, बहुत मजा आ रहा है.
वो ऐसे ही करती रही और मैं मजा लेने लगी.
जब मैं उसके सामने औंधी लेटी हुई थी तो अनुष्का बोली- यार, मैं पानी ले आती हूँ. थोड़ी प्यास लग आई है.
इतना कहकर वो पानी लेने चली गई और फिर से आकर मेरी चूत में उंगली करने लगी.
थोड़ी देर बाद अचानक ऐसा लगा जैसे मेरी चूत में एक बड़ी सी चीज़ घुस गई हो.
मैंने पलटकर पीछे देखा तो वो अनुष्का के बॉयफ्रेंड का लंड था जो कि मेरी चूत में घुसने की कोशिश कर रहा था.
मैं अभी कुछ कहती या करती, मेरी सहेली मेरे मुँह के पास आकर बोली- अब आएगा सेक्स का असली मजा बाबू.
मैंने उसकी ओर स्माइल किया और बोली- साली कुतिया तू इस पानी को लाने गई थी.
वो हंसी और बोली- यार, तू बस इसके लंड को एंजॉय कर.
अब अनुष्का का बॉयफ्रेंड पीछे से मेरी चूत में धक्के लगा रहा था, जिससे मुझे दर्द हो रहा था.
उसका सुपारा मेरी चूत की फांकों को चीर सा रहा था.
मैंने अनुष्का से कहा- यार, बहुत दर्द हो रहा है.
अनुष्का ने कहा- यार, शुरुआत में थोड़ी देर दर्द होता है, फिर बहुत मजा आता है.
इतना कहकर वो मुझे किस करने लगी.
थोड़ी देर तक वो ऐसे ही लेटी हुई मेरी चूत का रस अपने बॉयफ्रेंड के लंड को पिलाती रही.
फिर उसका बॉयफ्रेंड बोला- हबीबा सीधी लेट जा यार, ऐसे चोदने में मजा नहीं आ रहा.
मैं सीधी लेट गई तो उसने नीचे होकर मेरी चूत के दाने को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
इससे मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था.
मैं उससे अपनी चूत का दाना चुसवा रही थी.
मेरी कमीनी सहेली अनुष्का, मेरी एक चूची के दाने को अपने हाथ से सहला रही थी और एक चूची के दाने को मुँह में लेकर मेरी चूची के रस को पिए जा रही थी.
चूत और चूची पर हुए इस मीठे हमले से मैं फुदक फुदक पड़ रही थी.
अब अनुष्का का बीएफ घुटनों पर बैठ गया और मेरी चूत पर अपने लंड को रगड़ने लगा.
वो मुझे और ज्यादा मजा देने लगा.
एक मिनट तक मेरी चूत पर लौड़ा रगड़ने के बाद उसने मेरी चूत में हल्का सा तेल लगाया और अपना लंड आधा अन्दर डाल दिया.
मैं तड़फ उठी मगर उस पर कोई असर नहीं हुआ.
वो लंड और अन्दर पेल कर हल्के हल्के धक्के लगाने लगा और अनुष्का मेरी चूत के दाने को अपने एक हाथ से बुरी तरह से मसलने लगी.
कुछ ही देर के दर्द के बाद अब इस सबसे मुझे लंड से चुदने में दर्द नहीं बल्कि मजा आ रहा था.
मैंने हल्का सा ऊपर होकर देखा, तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.
उसका लौड़ा बहुत ज्यादा लंबा था. कम से कम 8 इंच का लंड था और बहुत मोटा भी था.
इस वक्त सेक्स की चाहत में मुझे पता ही नहीं चला कि लंड जो मेरी चूत में घुस गया है, वो ज्यादा मोटा भी था.
अब तो मजा आ रहा था इसलिए मैं बस चुपचाप लेटी रही.
कुछ मिनट बाद अनुष्का ने कहा- यार मुझे भी इसके लंड का रस अपनी चूत को पिला लेने दे.
लेकिन अनुष्का का बॉयफ्रेंड बोला- तुझे तो रोज ही चोदता हूँ बाबू, आज मेरे लंड को हबीबा की चूत का रस पिला लेने दे.
अनुष्का मान गई और बोली- ओके बाबू आज तू बस इसे चोद ले, कल मेरे घर आकर मुझे चोदना.
इतना कहकर वो सामने पड़े सोफे पर जाकर बैठकर हम दोनों की चुदाई देखने लगी.
वो लाइव ब्लूफिल्म देखती हुई अपनी चूत में उंगली करने लगी.
अब मैं अनुष्का के बीएफ के लंड से चुदाई कर रही थी.
मैं मन ही मन खुश थी और बस चुदाई के मजे ले रही थी.
उसका बॉयफ्रेंड अंकुश मेरी चूत को चोद रहा था और हाथ के अंगूठे से मेरी चूत के दाने को सहलाए जा रहा था.
मुझे उसकी इस हरकत से अलग सा मजा आ रहा था.
फिर उसने मुझे घोड़ी बनने के लिए कहा.
मैं झट से घोड़ी बन गई.
उसने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और मेरी चूत में फिर से अपना पूरा लौड़ा घुसा दिया.
मुझे इस बार उसके पूरे लंड घुसाने से दर्द नहीं हुआ बल्कि ज्यादा मजा आने लगा था.
उसने तभी पीछे से धीरे से मेरी गांड के छेद में उंगली भी डाल दी जिससे मुझे हल्का दर्द सा हुआ, पर चूत की चुदाई में गांड का हल्का दर्द कहां पता चल रहा था.
मैं बस मदहोश होकर अंकुश से अपनी चुदाई करा रही थी और उस पल का मजा ले रही थी.
दस मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद अंकुश झड़ गया और उसने अपना गर्म गर्म वीर्य मेरी चूत में ही छोड़ दिया.
झड़ने के बाद वो अनुष्का के पास जाकर सोफे पर बैठ गया और दोनों बैठ बातें करने लगे.
मैं उठी और उन दोनों के बीच में जाकर बैठ गई.
मैंने कहा- यार अनुष्का, तूने मुझे अंकुश से चुदवाने का प्लान पहले ही बना लिया था क्या?
अनुष्का ने कहा- हां हबीबा, अंकुश का तेरी चूत का पानी पीने का बहुत मन था इसलिए हमने पहले ही सोच लिया था कि तेरी चूत को कैसे न कैसे चोदेंगे ही.
इतना सुनते ही मैं हंस दी और हम तीनों बातें करने लगे.
हम तीनों नंगे सोफे पर अधलेटे बातें कर रहे थे.
कुछ ही देर में अंकुश का लौड़ा फिर से खड़ा होने लगा था.
ये देखकर अनुष्का बोली- यार, इस बार तू मेरी चूत चोदना.
अंकुश बोला- यार, बस आज आज मुझे इस हबीबा को मन भरके चोद लेने दे, फिर मैं कभी इसकी चूत के बारे में नहीं सोचूंगा. हमेशा तेरी चूत की खुजली मिटाऊंगा.
मैंने कहा- अब ये नहीं हो सकता … तुझे मेरी चूत का ख्याल भी रखना पड़ेगा.
अनुष्का मेरी बात सुनकर खिलखिला पड़ी.
अंकुश हामी भरता हुआ खड़ा हो गया और उसने मेरे हाथ में अपना लंड फिर से थमा दिया.
वो बोला- यार, इसे आगे पीछे करके मुझे मजा दे न!
मैंने उसका लौड़ा आगे सुपारे पर से पकड़ा और उसे आगे पीछे करने लगी. मुझे उसका लंड चूसने का मन कर रहा था.
अंकुश ने अपनी आंखें बंद कर लीं और मजा लेने लगा.
अपना एक पैर अंकुश ने सोफे पर रखा और कहा- अब तू मेरा लंड अपने मुँह में ले ले.
इतना सुनते ही मैंने उसके लंड का सुपारा अपने मुँह में ले लिया और उसे अन्दर की तरफ भर कर चूसने लगी.
अंकुश को लंड चुसवाने में मजा आ रहा था इसलिए उसने मेरे बाल पकड़े और मेरे मुँह को धीरे से चोदने लगा.
वो मुख चोदन कर मजा लेने लगा.
उसका लंड चूसने में मुझे भी मजा आ रहा था.
मेरे मुँह में उसके लंड से नमकीन मठा जैसा पानी सा भी आ रहा था.
कुछ देर बाद अंकुश ने मुझे खड़ा किया और मेरा एक पैर सोफे पर रख कर मेरी चूत में अपना लंड पेल दिया.
वो मेरी कमर पकड़ कर मेरी चूत की बुरी तरह से चुदाई करने लगा.
पीछे से अनुष्का मेरे गांड के छेद में उंगली अन्दर बाहर करने लगी जिससे मैं स्वर्ग का मजा ले रही थी.
वो मेरी चूत को इसी तरह लगातार 15 मिनट तक चोदता रहा.
अब मैं झड़ चुकी थी लेकिन वो अभी तक नहीं झड़ा था.
तब मैंने कहा- अब रहने दो अंकुश, मैं अपने हाथ से तुम्हारे लंड को हिलाकर तुम्हारा वीर्य निकाल देती हूँ, मेरी चुदाई काफी हो गई है, अब मुझे चूत में जलन हो रही है.
अंकुश ने तुरंत अपना लौड़ा मेरी चूत से निकाला और मेरे हाथ में दे दिया.
मैं उसके लंड को पकड़कर तेज़ी से आगे पीछे करने लगी.
मैं उसके लंड के सुपारे पर हाथ रखती और पीछे तक धकेलती.
लंड के सुपारे को तेजी से आगे पीछे करने से अंकुश भी जल्द ही झड़ने को हो गया और जल्द ही वो झड़ भी गया.
हम तीनों ने इसके बाद बहुत सारी मस्ती की और अब वो दोनों अपने अपने घर चले गए.
इस तरह मैंने अपनी फ्रेंड और उसके बीएफ के साथ चूत चुदाई के मजे ले लिए.
अब हम दोनों सहेलियां जब तब अंकुश के साथ थ्रीसम चुदाई का मजा ले लेती हैं.
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