मेरा नाम नेहा है. मैं अपनी सहेली के पति से अपनी चुदाई की कहानी आपको बताने जा रही हूँ. मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसंद आएगी.
मैं जवान लड़की हूँ और सेक्सी जिस्म की मालकिन भी हूँ. मुझे हमेशा से ही सेक्स में बहुत रूचि रही है. मैं उन लड़कियों से दोस्ती करती हूँ, जो लोग खुल कर बात करती हैं. मेरा कहने का मतलब है कि मुझे खुले विचार वाले लोग बहुत अच्छे लगते हैं, इसलिए मैं खुले विचार वाले लड़के और लड़कियों से दोस्ती करती हूँ.
मेरे पड़ोस में एक शादीशुदा पति पत्नी शिशिर और मुस्कान रहते थे. वो लड़की अपनी पति शिशिर और अपने सास ससुर के साथ रहती थी. मेरी पड़ोसी होने की वजह से हम दोनों में बातें शुरू हो गईं. मुस्कान भी बहुत खुले विचार वाली लड़की थी, इसलिए मेरी और उसकी गहरी दोस्ती हो गई.
मुस्कान अपने पति के बारे में बताती थी और मैं उसको अपने पति के बारे में बताती थी. हम दोनों अपनी अपनी चुदाई की बातें भी एक दूसरे को बताते थे. उसके मुँह से उसके पति की चुदाई की बातें सुनकर मुझे बड़ा कामुक सा लगता था. जिसका कारण मेरे पति से मेरी चुदास न मिट पाना भी था.
बहुत कम समय में हम दोनों इतनी अच्छी सहेलियां बन गई कि अब मुझे उसके बिना जी ही नहीं लगता था. जब तक मुस्कान के मुँह से उसके पति से उसकी चुदाई की दास्तान न सुन लूँ, मुझे चैन ही नहीं मिलता था.
मुस्कान बहुत हंसमुख स्वभाव की थी और खुले विचार की थी, उससे बात करके मुझे हमेशा ऐसा लगता था कि न जाने कब से इस तरह की सहेली की मुझे जरूरत थी. इसलिए वो मेरे बहुत करीब हो गयी थी.
हम दोनों एक दूसरे के घर रोज आते जाते रहते थे. यहाँ तक कि हम दोनों लोग कपड़े खरीदने जाना होता था, तो हम अपने पति के साथ नहीं जाते थे. हम दोनों एक साथ कपड़े खरीदने जाते थे और हमेशा शाम को पार्क में घूमने भी जाते थे.
मैं मुस्कान के पति की तरफ आकर्षित होने लगी थी. इसलिए कभी कभी मुस्कान को उसके पति के साथ अपने घर खाने पर बुलाने लगी थी. इसलिए मुस्कान के पति से भी मेरी अच्छी दोस्ती हो गयी थी. मुस्कान का पति भी हमेशा मेरे खाने की तारीफ करता था. उसकी तारीफ सुनकर मुझे समझ आ गया था कि इनको भी मैं पसंद आ गई हूँ.
अब हम दोनों इशारों इशारों में एक दूसरे से बहुत सारी बातें भी करने लगे थे. मैं और शिशिर हम दोनों लोग जब भी अकेले में मिलते थे, तो एक दूसरे से खुल कर बात करने लगे थे.
एक दिन शिशिर ने मुझसे मेरा मोबाइल नंबर माँगा, तो मैंने उनको दे दिया और अब हम दोनों की फ़ोन पर बातें भी होने लगीं. उनके साथ फोन पर बातों में मैं उनसे सेक्स के विषय को लेकर काफी खुल चुकी थी.
एक दिन मुस्कान का उसके पति शिशिर के साथ झगड़ा हो गया था, तो उस दिन शिशिर ने मुझसे बहुत देर तक फ़ोन पर बात की थी. हम दोनों फ़ोन पर बात करते करते एक दूसरे को समझाने लगे थे.
मेरे पति को ऑफिस के काम से फुर्सत ही नहीं थी, लेकिन फिर भी कैसे भी करके मेरी सेक्स लाइफ ठीक चल रही थी. मैं कैसे भी करके अपनी जिस्म दिखा कर अपने पति से रोज एक बार तो चुदवा ही लेती थी. वे मुझे दारू पीकर चोदते थे और सो जाते थे. उनकी चुदाई से मेरा मन नहीं भरता था, लेकिन के करूं, मेरे पति तो एक बार चोदने के बाद सो जाते थे और मैं अपनी चूत में उंगली करके सो पाती थी.
इधर मैं और मुस्कान का पति, हम दोनों एक दूसरे से अपनी बात शेयर करने लगे थे. मैंने उनको बताया था कि मेरा पति मुझे रात में एक बार ही चोद पाता है. मैं अपनी पति की चुदाई से खुश नहीं थी. दूसरी तरफ शिशिर को भी नयी चूत की तलाश थी. वो भी अपनी पत्नी को चोदते चोदते ऊब गए थे.
मेरे और शिशिर के बीच में अब चुदाई वाला खेल होने लगा. मैं मुस्कान और शिशिर को अपने घर खाने पर बुलाती थी, तो शिशिर मेरे से बात करने के बहाने किचन में आ जाते थे और मेरी चूची को दबा देते थे.
हम दोनों लोग छुप छुप कर मजा लेते थे. मुझे ये बात तो पता थी कि मुस्कान के रहते, मैं शिशिर से नहीं चुद सकती थी.
शिशिर मुझे होटल में ले जाकर मुझे चोदने के लिए बोलते थे, लेकिन मैं उनको मना कर देती थी. मुझे होटल में जाने से डर लगता था. क्योंकि मेरी कॉलोनी में एक औरत अपने आशिक के साथ होटल में पकड़ी गयी थी, इसलिए मैं होटल में ये सब नहीं करना चाहती थी.
कुछ दिन तक मेरे और शिशिर के बीच से सब चलता रहा. हम दोनों मौका देखकर एक दूसरे को किस वगैरह करके काम चला रहे थे. कभी कभी मेरी वो मेरी चूची को दबा देते थे, तो मेरी हल्की सी चीख निकल जाती थी.
मुस्कान के पति मेरे जिस्म की बड़ी तारीफ करते थे, जिससे मुझे बड़ा अच्छा लगता था. वो कभी कभी मुझे किस करते करते, कभी मेरी गांड को अपने दोनों हाथों में लेकर मेरी साड़ी के ऊपर से मेरी गांड को मसल देते थे.
हम दोनों लोग एक दूसरे को किस करते करते बहुत गर्म हो जाते थे और उनका लंड टाइट हो जाता था, जिसको मैं महसूस करती थी. मैं भी शिशिर का लंड उनके पैन्ट के ऊपर से दबा देती थी. वो भी मजा लेते थे और मैं भी मजा लेती थी.
मुस्कान के रहते हम दोनों अब तक सेक्स नहीं कर सके थे. हम दोनों लोग सेक्स के बगैर रहा नहीं जा रहा था, लेकिन मज़बूरी भी थी. मैं नहीं चाहती थी कि मेरी सहेली को पता चले कि मेरा उसके पति शिशिर के साथ नाजायज संबध है.
मुझे अपने पति के बारे में पता था कि उनको मेरे किसी के साथ भी सेक्स करने से कोई दिक्कत नहीं होगी, इसलिए मुझे अपने पति से कोई डर नहीं था.
एक दिन मैं और शिशिर सेक्स करने के लिए तैयार हुए. मुस्कान अपनी एक दूसरी सहेली के साथ पार्लर गयी थी और वो मुझे भी ले जा रही थी, लेकिन मैं उसके साथ नहीं गयी थी.
उस शाम मुस्कान को शाम को एक पार्टी में जाना था. इसलिए वो पार्लर गयी थी. मैं और शिशिर हम दोनों लोग खुश थे कि मेरी सहेली शाम को पार्टी में जाएगी और मैं मेरे पति के सोने के बाद अपनी सहेली के पति से सेक्स करूंगी.
शिशिर ने भी अपनी पत्नी से बहाना बना दिया कि उनको ऑफिस का काम है, इसलिए वो उसके साथ पार्टी में नहीं जा सकते हैं. उन्होंने मुस्कान से नौ बजे तक घर आने की कह दी थी.
अब मुस्कान साढ़े आठ बजे अकेले ही पार्टी में चली गयी थी. वो अपनी किसी ऑफिस की सहेली की शादी में गयी थी, क्योंकि मुस्कान भी जॉब करती है.
शिशिर रात को मेरे घर आया. मैं उस वक्त तक अपने पति के साथ एक बार सेक्स कर चुकी थी और उस रात भी वो रोज की तरह दारू पी कर सो गए थे. मुझे पता था कि मेरे पति अब सुबह में ही उठेंगे, इसलिए मैं शिशिर के साथ दूसरे रूम में चली गयी. वो ऑफिस से आए थे, इसलिए मैंने उनको अपने घर डिनर कराया और उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. उन्होंने मेरी मैक्सी निकाल दी. मैं ब्रा और पैन्टी में हो गयी. इसके बाद चूमा चाटी हुई और उन्होंने मेरी ब्रा और पैन्टी निकाल कर मुझे नंगा कर दिया.
मुस्कान अपनी ऑफिस की सहेली की शादी में गयी थी, मुझे मालूम था कि उसको वहां ज्यादा देर नहीं लगने वाली है. वो ग्यारह बजे तक वापस आने की कह गई थी. इसलिए हम दोनों के पास थोड़ा सा ही समय था. हालांकि तब भी इतना समय था कि हम दोनों ढंग से सेक्स कर सकें.
शिशिर मुझे नंगी करने के बाद मेरी चूत को चाटने लगे और मेरी चूत को चाटने के बाद वो मेरी चूत में उंगली करने लगे. मैं भी चुदासी हो कर आवाजें करने लगी. कुछ देर के बाद मेरा पानी निकल गया और मैं थोड़ा शांत हो गयी. अब शिशिर भी नंगे हो गए और अपना लंड मुझे चूसने के लिए बोले. मैंने उनके लंड को कपड़े से साफ़ किया और उसके बाद मैं उनका लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. पांच मिनट के बाद वो भी झड़ गए.
हम दोनों ने ओरल सेक्स करने के बाद एक दूसरे को किस किया और कुछ देर चूमा चाटी की मस्ती करने लगे. कुछ ही पलों में हम दोनों फिर से चुदाई के लिए गर्म हो गए.
इसके बाद शिशिर अपना लंड मेरी चूत में डालने लगे. मुझे उनके मोटे लंड से थोड़ी दिक्कत सी होने लगी, लेकिन मजा आ रहा था. कुछ देर के बाद वो अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल कर मेरी चूत को चोदने लगे और हम दोनों लोग धकापेल सेक्स करने लगे.
शिशिर मेरी चूत में कभी अपना पूरा लंड डाल कर मेरी चूत को चोद रहे थे, तो कभी वो अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल कर मेरी चूत में उंगली कर रहे थे. मैं भी चुदासी हो कर मजे ले रही थी.
आज मेरी चूत पर एक भी बाल नहीं था क्योंकि मैं अपनी चूत के बाल को साफ़ करके चुदने को रेडी हुई थी. शिशिर भी अपने लंड के बाल को साफ़ किये हुए थे. उनके लंड पर भी बाल नहीं था. हम दोनों लोग अपने अपने बाल साफ़ करके सेक्स कर रहे थे.
मेरी चूत मेरे पानी से भीग गयी थी और उनका लंड मेरी चूत में पूरा अन्दर जा रहा था. वो मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मुझे किस करते हुए मेरी चूत को बड़ी बेरहमी से चोद रहे थे.
हम दोनों की चुदाई से पूरा रूम भी हमारी चुदासी आवाजों से भर गया था. मेरे पति दूसरे कमरे में नशे में टल्ली होकर सो रहे थे और हम दोनों दूसरे कमरे में सेक्स कर रहे थे.
शिशिर तो मेरे पति से बहुत दमदार चुदाई कर रहा था और मुझे उनसे चुदवाने में बहुत आनन्द आ रहा था. हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे और चुदाई का मजा ले रहे थे.
कुछ ही देर में गर्मी लगने लगी थी, तो मुझे याद आया कि मैंने अपने रूम में पंखा ही चालू नहीं किया था. मैंने झट से उनकी गोद में लटके हुए ही पंखा कर स्विच ऑन किया. इससे अब हम दोनों को पसीना नहीं आ रहा था. अब तक काफी देर से चुदाई होने के कारण हम दोनों पसीने से भीग गए थे, लेकिन पंखा की हवा से हम दोनों लोग को सेक्स करने में आनन्द आने लगा था.
कुछ ही देर में मेरी चूत बहुत पानी छोड़ने लगी थी. मेरी चूत का पानी मेरे बिस्तर पर भी गिर रहा था. मेरी चूत के पानी की गर्मी से उनके लंड का भी पानी निकलने को हो गया था.
शिशिर मुझे अपनी बांहों में लेकर मुझे तेज तेज चोदने लगे. इस वक्त हम दोनों एक दूसरे की नजरों में नजर मिला कर सेक्स कर रहे थे. मैं आज बहुत खुश थी कि मुझे इतने दमदार लंड से चुदवाने के लिए मिला था. उनको भी नयी चूत की जरूरत थी और मुझे भी दमदार लंड की जरूरत थी.
चुदाई करते हुए काफी वक्त बीत चुका था. अब हम दोनों के पास ज्यादा समय भी नहीं था. मेरी सहेली कभी भी मेरे घर आ सकती थी, क्योंकि वो अपने घर की चाभी मुझे ही देकर गयी थी कि उसका पति अगर घर आए, तो मैं उसको चाभी दे दूँ.
हम दोनों लोग जल्दी जल्दी एक दूसरे का साथ देने लगे और उसके बाद हम दोनों लोग जल्दी जल्दी सेक्स करते करते झड़ गए. हम दोनों का पानी निकल गया.
हम दोनों ने सेक्स करने के बाद अपने आपको साफ़ किया और उसके बाद शिशिर अपने कपड़े पहन कर अपने घर चला गया. मेरी सहेली भी कुछ देर के बाद अपने घर आ गयी.
इसके बाद हम दोनों को जब भी मौका मिलता है, तो हम दोनों सेक्स कर लेते हैं.. जब भी मेरी सहेली किसी पार्टी में अकेले जाती थी, तो मैं अपनी सहेली के पति शिशिर से चुदवा लेती हूँ.
आप सबको मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी. आप सब मुझे मेल करके बताएं. आप सबके फीडबैक से ही मुझे आगे की कहानी लिखने में मदद मिलती है. आप सबके फीडबैक का इंतजार रहेगा.
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