सहपाठिन की ननद चुद गयी मुझसे

सहपाठिन की ननद चुद गयी मुझसे


हॉट गर्ल फ्री पोर्न कहानी में मैं अपनी क्लासमेट को उसकी शादी के बाद भी चोदा करता था. एक बार उसके घर में शादी थी और हमें आधी रात को चुदाई का प्रोग्राम बनाया.
नमस्कार दोस्तो,
मैं राजेश एक बार फिर से आप सभी लोगो के समक्ष उपस्थित हूं अपनी एक नई कहानी लेकर!
मैंने पहली कहानी
पुरानी सहपाठिन के साथ मजेदार सेक्स
में बताया था कि कैसे मैंने अपनी स्कूल की सहपाठिन श्रेया को चोदा था।
उस चुदाई के बाद तो जैसे श्रेया को मेरे लन्ड की आदत सी पड़ गई।
जब भी हमें चुदाई करने का मौका मिलता हम एक दूसरे के ऊपर टूट पड़ते और चुदाई के सुख का परम आनंद प्राप्त करते।
इसी कारण से मैंने भी उसके घर के पास वाले एक घर को किराये से ले लिया।
ऐसे ही समय बीतता गया और कुछ दिन बाद उसके देवर की शादी आ गई।
यह हॉट गर्ल फ्री पोर्न कहानी उसी शादी वाली रात की है.
घर की बड़ी बहू होने के नाते श्रेया पर जिम्मेदारी भी आ गई और हम दोनों को चुदाई करने के लिए समय भी नहीं मिल पा रहा था।
कभी वह अपने पति के साथ तो कभी अपनी सास के साथ शादी की तैयारियों मैं व्यस्त रहने लगी।
पर कहीं न कहीं वह वासना की आग में जले जा रही थी।
कुछ कुछ मेरा भी ऐसा ही हाल था।

जब भी रात को उसे समय मिलता तो हम सेक्स चैट करके अपनी आग को शांत करने की कोशिश करते.
परन्तु फिर भी वह चुदाई वाला सकून नहीं मिल पा रहा था।
उसके देवर की शादी के एक दिन पहले उसने मुझसे कहा कि वह अब और सहन नहीं कर सकती.
और वह बोली- शादी का गार्डन घर से ज्यादा दूर नहीं है. कल सभी लोग रात को जब शादी की रस्मों में व्यस्त होंगे, तब मैं कुछ बहाना करके घर आ जाऊंगी थोड़ी देर के लिए … और हम चुदाई कर लेंगे।
उसके घर की एक चाभी मेरे पास थी और चूंकि समय कम ही मिलना था तो वह बोली कि रात को एक बजे के बाद मैं उसे उसके घर‌ पर ही मिलूं।
चुदाई करने का सारा प्रोग्राम फिक्स हो गया।
हम दोनों ही रात का इंतजार बड़ी बेसब्री से करने लगे और देखते ही देखते रात भी आ गई।
श्रेया शादी के कार्यक्रमो में बड़ी ही व्यस्त थी.
जब भी वह वहां से निकलने का सोचती तो कोई न कोई रिश्तेदार उसे पकड़ लेता किसी ना किसी काम से!
लाख कोशिशों के बावजूद भी वह वहां से निकल नहीं पा रही थी.
तभी इसी बीच उसकी छोटी ननद की तबीयत थोड़ी सी खराब हो गई।
श्रेया की ननद के बारे में मैं आपको बता दूं कि वह भी कद काठी में लगभग श्रेया जैसी ही है।
उसका नाम रश्मि है और एक शादीशुदा औरत है।
वह एक भरे पूरे बदन की मालकिन है।
उसके स्तन 34″ के तो उसके गोल गोल उभरे हुए चूतड़ 36″ के है, कमर करीब करीब 32″ की।
उसका रंग गोरा और उसकी त्वचा एकदम चिकनी है।
कोई भी मर्द उसे एक बार जी भर कर देख ले तो उसका लन्ड खड़ा हो जाए और उसको वहीं चोदने का मन करने लगे।
मैं भी कभी रश्मि से मिला नहीं था परंतु उसकी फोटो श्रेया के घर पर देखी थी।
जब रश्मि की तबीयत बिगड़ी तो श्रेया का पति उसे गार्डन से घर ले आया और उसे दवाई देकर अपने कमरे में सुला कर चला गया।
थोड़ी देर बाद जब एक बजे तो मैं श्रेया के घर पहुंच गया और चाभी से दरवाजा खोल कर अन्दर आ गया।
अन्दर आकर देखा कि सारे घर की लाईट बंद थी और ऐसा लगा कि जैसे श्रेया के कमरे का पंखा चालू है.
तो मैंने सोचा कि शायद श्रेया आ गई है और कमरे में इन्तज़ार कर रही है.
मैं सीधा उसके कमरे में चला गया।
कमरे में घुसने के बाद देखा कि पलंग पर कोई लेटा हुआ है.
तो मुझे लगा कि शायद श्रेया होगी और मुझे तंग करने के लिए सोने का नाटक कर रही है।
मैं भी देर न करते हुए सीधा पलंग पर पहुंचा और रश्मि को श्रेया समझकर अपनी बाहों में भर लिया और उसे चूमने लगा, उसके स्तन दबाने लगा।
रश्मि ने दवाई ले रखी थी तो वह गहरी नींद में सो रही थी।
मैं उसके स्तनों को दबाता रहा और उसकी उठी हुई गोल गोल गान्ड पर अपना लन्ड रगड़ने लगा।
फिर मैंने धीरे धीरे रश्मि का गाउन ऊपर उठाया और उसकी गोरी गोरी चिकनी टांगों को चूमना शुरू कर दिया.
ऐसा करते हुए उसकी जांघों पर पहुंचा.
फिर गाउन को उसकी कमर तक पूरा ऊपर कर दिया और अब उसकी मखमली चूत को उसकी पैंटी के ऊपर से चूमने लगा और अपने हाथों से सहलाने लगा।
तब आराम से मैंने उसकी पैंटी निकाल दी और मेरे सामने रश्मि की गुलाबी चिकनी चूत थी.
मैं उसकी चूत को चाटने लगा।
उसकी चूत मैं चाटता रहा पर रश्मि सोती रही.
तो मुझे लगा कि शायद थकान के कारण श्रेया गहरी नींद में सो गई है, थोड़ी देर में जाग जायेगी।
दोस्तो, रश्मि की चूत से जो मादक सुगंध आ रही थी उसके कारण मेरा लन्ड चड्डी के अन्दर ही फनफना उठा और बाहर आने के लिए उतावला होने लगा।
मैंने भी देर न करते हुए सीधे अपने सारे कपड़े उतार दिए और रश्मि के ऊपर आकर उसकी टांगों को फैला कर उसकी चूत चाटने लगा, उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा।
ऐसा करने से रश्मि भी नींद में आहें भरने लगी।
फिर मैं धीरे धीरे उसके गाउन को ऊपर करता गया और उसकी नाभि को चूमते हुए उसके स्तनों की तरफ बढ़ा और फिर उसका गाउन और उसकी ब्रा को ऊपर उठाया।
जैसे ही उसकी ब्रा ऊपर की, उसके 34″ साइज़ के स्तन उछल कर बाहर आ गये।
उसके दोनों स्तनों को मैंने अपने हाथों में भर लिया और उनको दबाने लगा।
रश्मि के स्तन बहुत ही कसे हुए एवं बहुत ही मुलायम थे।
उसके बदन की खुशबू भी बहुत ही मादक थी।
बहुत दिनों से मैंने चुदाई नहीं की थी तो मैं उसके स्तनों पर पागलों की तरह टूट पड़ा और कभी उसकी एक चूची मुंह में भर कर चूसता तो कभी दूसरी चूची को!
इस तरह मैं बहुत देर तक उसके स्तनों को दबाता एवं चूसता रहा और साथ ही मेरा लन्ड उसकी गुलाबी चिकनी चूत पर रगड़ता रहा।
वह भी नींद में आहें भरती रही।
जब भी मैं उसकी चूचियों को मसलता तो उसके मुंह से आह उह की आवाजें आती।
थोड़ी देर बाद मैंने रश्मि को उल्टा लिटाया और उसके बड़े बड़े चूतड़ों को सहलाने लगा और चूमने चाटने लगा।
उसके चूतड़ भी एकदम गोल एवं उठे हुए थे।
दोनों चूतड़ों को अपने हाथों से दबाया कुछ चांटे भी लगाये जिसकी वजह से उसके चूतड़ हिलने लगते।
थोड़ी देर तक उसके चूतड़ों से खेलने के बाद मैंने रश्मि को सीधा लिटाया और उसकी टांगों को फैला दिया एवं घुटनों से मोड़ दिया।
अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था तो मैंने मेरे लन्ड पर थूक लगाया और रश्मि के ऊपर आकर अपना लन्ड उसकी चूत पर रखा।
अपने हाथों से उसकी चूत की पंखुड़ियों को खोल कर अपने लन्ड को उसकी चूत के छेद में फंसा दिया और एक जोरदार धक्का लगाया.
मेरा लन्ड उसकी चूत को चीरता हुआ उसके अन्दर समा गया।
जैसे ही मेरा लन्ड उसकी चूत की गहराई में उतरा, वैसे ही उसके मुंह से एक जोरदार आह की आवाज निकली।
उसकी चूत बहुत ही कसी हुई लग रही थी और गर्म थी अन्दर से!
मुझे लगा कि बहुत दिनों से श्रेया की चुदाई नहीं हुई इसलिए उसकी चूत कस गई है।
उसकी चूत की गर्माहट पाकर मेरे लन्ड को बड़ा ही सुकून मिल रहा था।
अब मैं झट से रश्मि के ऊपर लेट गया और उसके चेहरे को देखा।
कमरे में कम रोशनी के कारण उसका चेहरा साफ नहीं दिखाई दे रहा था.
पर जब मैं उसके ऊपर लेटा तब उसका चेहरा देखकर मैं दंग रह गया.
तभी मुझे पता चला कि वह श्रेया नहीं बल्कि उसकी ननद रश्मि है।
चूंकि बहुत दिनों से मैंने चुदाई नहीं की थी और रश्मि के बदन से खेलते हुए और भी ज्यादा उत्तेजित हो चुका था, साथ ही अपना लन्ड उसकी गुलाबी चूत में पेल चुका था तो अब पीछे हटने का ख्याल भी मन में नहीं था।
मैंने सोचा कि अब जो होगा सो देखा जायेगा.
यह सोचकर मैं रश्मि के होंठों को चूसने लगा।
कभी उसके होंठ चूमता तो कभी उसके गालों को चूमता और चाटता।
यही करते करते मैंने रश्मि की चूत में अपना लन्ड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और जोर जोर से उसकी चूत मारने लगा।
पूरी गति से मैं अपना लन्ड उसकी चूत में अन्दर बाहर कर रहा था और थप थप की आवाज से कमरा गूंज उठा।
मैं पागलों की तरह उसके स्तनों को मसल रहा था और उसके गालों को तो कभी उसकी गर्दन पर चुम्बन दे रहा था।
इस तरह अचानक से उसके ऊपर व उसकी चूत पर हुए हमले से उसकी नींद टूट गई और वह जाग गई।
चूंकि उसने नींद की दवाई ली थी तो चुदाई के कारण वह जाग तो गई पर अभी भी वह नशे में थी और उसमें सोचने व समझने की क्षमता कम थी।
ऊपर से जो मैं उसकी ताबड़तोड़ चुदाई करे जा रहा था, उसके स्तनों को मसल रहा था तो वह भी गर्म होने लगी और नशे में मेरा साथ देने लगी।
सच कहूं दोस्तो, जब रश्मि जागी थी तो मेरी भी गान्ड फट गई थी।
लेकिन जब रश्मि ने अपने हाथों से मेरी पीठ और मेरे चूतड़ सहलाना शुरू किया, साथ में वह भी चुम्बनो में साथ देने लगी तो मेरी जान में जान आई।
रश्मि ने अच्छे से अपनी टांगें फैला ली और मेरा लन्ड अपनी चूत में लेने लगी साथ में बहुत ही मादक सिसकारियां उसके मुंह से निकलने लगी।
वह बोलने लगी- आआह हह उम्म्म चोदो मुझे … आहह हहह बहुत अच्छा लग रहा है … ऐसे ही तेज तेज अपना लन्ड अन्दर बाहर करो … आआ आहह हहह चोदते रहो ऐसे ही! बहुत मज़ा आ रहा है … बहुत दिनों बाद आज मेरी बुर को लन्ड मिला है। चोद दो मेरी चूत को … फाड़ दो इसे अच्छे से … आआ आह हहह ऊऊह हहह‌ उम्म्म मम!
उसकी मादक सिसकारियां सुनकर मेरा लन्ड और भी जोश में आ गया और फनफनाता हुआ उसकी चुदाई करने लगा।
करीब 10 मिनट तक मैं उसके ऊपर लेट कर उसकी चुदाई करता रहा.
इस दौरान उसकी चूत अच्छी तरह गीली हो चुकी थी; मेरा लन्ड बड़े आराम से उसकी चूत में अन्दर बाहर होने लगा।
अब मैंने उसे एक तरफ करवट लेने को कहा और मैं उसकी पीठ की तरफ करवट ले कर लेट गया और उसकी पीठ चूमने लगा फिर चूमते हुए नीचे की तरफ आया और उसके चूतड़ों को चूमने लगा, चाटने लगा।
वह बस आहें भरे जा रही थी।
फिर मैंने उसकी एक टांग उठा कर अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया और पीछे से उससे लिपट कर उसे चोदने लगा।
उसकी एक टांग अपने हाथों में लिए हुए मैं अपने लन्ड को उसकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा।
फिर मैंने उसे उसकी वह टांग पकड़ने को बोला और मैं उसकी चूत के दाने को अपनी उंगलियों से सहलाने लगा।
ऐसा करने से वह और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई और सिसकारियां भरने लगी।
कभी मैं उसकी चूत के दाने को छेड़ता तो कभी उसकी चूचियों को मसलता और चूत में धक्के लगाता।
थोड़ी देर ऐसे चुदाई के बाद वह जोर जोर से आहें भरने लगी, बोलने लगी- ऐसे ही चोदते रहो … मैं झडने वाली हूं!
फिर उसका शरीर अकड़ने लगा और जोरदार आआह हह के साथ उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
साथ ही उसने अपनी टांग भी छोड़ दी।
उसकी सांसें तेज़ चल रही थी और पसीने से लथपथ हो चुकी थी।
अभी भी मेरा लन्ड उसकी चूत में अन्दर था.
तो मैंने एक बार फिर से धक्के लगाने शुरू किए.
वह वैसे ही करवट लिए लेटी रही और मैंने उसकी कमर पकड़ कर तेज़ तेज़ चुदाई चालू कर दी।
थोड़ी देर उसे ऐसे ही चोदा फिर उसे अपने ऊपर आने को कहा.
मैं बिस्तर पर सीधा लेट गया और वह मेरे ऊपर आ गई।
उसने मेरा लन्ड अपने हाथों में लिया और सहलाने लगी फिर उसने लन्ड को मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी।
दोस्तो, सच कहूं तो शादीशुदा भाभियों को चोदने का एक बहुत बड़ा फायदा यह होता है कि उनको पता होता है कि मर्दों को कैसे खुश किया जाता है। उन्हें कुछ भी बताना नहीं पड़ता है।
ठीक वैसे ही रश्मि ने भी किया.
जैसे ही वह मेरे ऊपर आई, उसने मेरे लन्ड को अपने हाथों में लिया और सहलाने एवं चूसने लगी।
लन्ड चूसने में भी बड़ी माहिर लग रही थी वह!
थोड़ी देर लन्ड चूस कर ही उसने जन्नत के मज़े दे दिए।
फिर रश्मि ने मेरे लन्ड को अपनी चूत के मुंह पर रखा और धीरे धीरे लन्ड पर बैठती गई और देखते ही देखते पूरा लन्ड उसने अपनी चूत में समा लिया‌।
उसके स्तन गुम्बद के जैसे तने हुए थे।
मेरे हाथ उसकी कमर और उसकी गान्ड को सहला रहे थे।
तभी रश्मि धीरे धीरे मेरे लन्ड पर अपनी गान्ड उठा उठा कर उछलने लगी और मेरे लन्ड को उसकी चूत में अन्दर बाहर करने लगी।
अपने हाथों से वह अपने स्तनों को मसल रही थी और फिर उसने उछलने की रफ्तार बढ़ा दी।
साथ ही साथ ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां निकालने लगी।
उसके भरे पूरे बदन को देख कर मेरी भी आआह हह ऊऊह हहह की आवाजें निकलने लगी।
मेरे हाथ उसके भरे बदन पर ताबड़तोड़ चल रहे थे और उसके चूतड़ों पर जोर जोर से थप्पड़ लगा रहे थे।
उन थप्पड़ों से रश्मि और भी उत्तेजित हो रही थी और तेजी से उछलने लगी थी।
थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई करने के बाद वह मेरे ऊपर झुक गई और अपनी चूची मेरे मुंह में डाल दी और बोली- मेरा दूध पियो जान … मेरे स्तनों को मसल मसल कर चूसो!
मैंने भी उसके निप्पल अपने मुंह में लिए और ऐसे चूसने लगा जैसे उसका दूध पी रहा हूं।
थोड़ी ही देर बाद उसके धक्कों की रफ्तार अपने चरम पर पहुंच गई और वह आआ आह हह हह ऊऊ ऊह हह जाआआन की आवाजें निकलने लगी.
वह बोले जा रही थी- बहुत मज़ा आ रहा है … मसल डालो मेरे चूचे … इतनी ज़ोर ज़ोर से मसल मसल कर चूसो कि दर्द होने लगे। मेरे निप्पल को अपने दांतों से काट लो!
मैंने भी उसके निप्पल अपने दांतों के बीच में लिए और हल्के से काटने लगा।
इससे वह और भी उत्तेजित हो उठी, उसका पूरा बदन कांपने लगा, वह जोर जोर से अपने चूतड़ उठा उठा कर चुदने लगी.
देखते ही देखते उसका शरीर अकड़ने लगा और वह चिल्लाने लगी कि वह झड़ रही है.
फिर कुछ धक्कों के बाद वह निढाल हो कर मेरे ऊपर गिर गई।
मैं उसकी पीठ सहला रहा था और वह हांफ रही थी।
थोड़ी देर बाद जब उसकी सांसें सामान्य हुई तो मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके पीछे आ गया।
मैंने उसके दोनों चूतड़ों को अपने हाथों से फैलाया और अपना लन्ड उसकी चूत में जोरदार धक्के के साथ डाल दिया।
उसकी चूत का पानी चूत के बाहर बह रहा था।
फिर मैंने उसके चूतड़ों को अपने हाथों से जकड़ कर तेज़ तेज़ धक्के लगाने शुरू कर दिए.
रश्मि हर धक्के पर आह आह करने लगी, बोलने लगी- अब शरीर में ताकत नहीं बची!
वह मुझे जल्दी से झड़ने के लिए बोल रही थी।
मैंने भी अब तेज़ तेज़ धक्के लगाये और मेरा लन्ड भी अपने चरम पर पहुंचने लगा।
मेरा लन्ड एकदम लोहे की सलाख जैसा कड़क हो चुका था जो रश्मि की चूत में अन्दर बाहर हो रहा था।
लन्ड के हर धक्के के साथ रश्मि चिल्ला रही थी- ऊईई ईई मां … मर गई! अब और सहन नहीं हो रहा। मेरी चूत में दर्द हो रहा है, चूत का भोसड़ा बन गया रे … प्लीज़ मुझे छोड़ दो! मैं अपने मुंह में ले कर झड़वा देती हूँ।
वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी पर मैंने उसकी कमर को जोर से दबोच रखा था तो वह छूट नहीं पाई।
रश्मि गिड़गिड़ाती रही और मैं उसे दबाकर चोदता रहा।
कुछ देर बाद मेरा लन्ड भी अकड़ने लगा और पानी छोड़ने वाला था तो मैंने अपने लन्ड को बाहर निकाला और रश्मि को सीधा लिटाया और उसके स्तनों पर लन्ड को रगड़ने लगा।
उसके दोनों स्तनों को मैं अपने हाथों से भींच रहा था।
देखते ही देखते मेरे लन्ड से गर्म पानी की पिचकारी निकली जिसमें रश्मि के स्तन भीग गये.
और मैं भी निढाल हो कर रश्मि के बगल में लेट गया।
थोड़ी देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे और फिर मैं उठकर श्रेया की किचन में गया, वहां से टिस्यू पेपर लेकर रश्मि को दिये।
रश्मि ने अपने स्तनों को साफ़ किया और लेटी रही।
अब वह पूरी तरह होश में थी और समझ चुकी थी कि उसकी चुदाई हो चुकी है जिसमें कि उसने भी बराबर से साथ दिया है।
वह यह भी भांप चुकी थी कि मेरा और उसकी भाभी श्रेया का चक्कर चल रहा है और शारीरिक संबंध भी हैं।
तो दोस्तो, यह थी मेरी दोस्त श्रेया की ननद रश्मि के साथ चुदाई।
मैं आशा करता हूं कि आपको मेरी हॉट गर्ल फ्री पोर्न कहानी पसंद आई होगी।
प्लीज़ मुझे मेल में और कमेंट करके बताइए कि आपको कहानी कैसी लगी।
[email protected] हॉट गर्ल फ्री पोर्न कहानी से आगे की कहानी:

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