कहानी का पिछला भाग : सहकर्मी भाभी ने दोस्ती करके चूत चुदाई-1
“वाह भाभी, आज तो तूने कमाल ही कर दिया… क्या मस्त जोरदार चुदाई कर डाली… आज तो असली जवानी की चुदाई का मजा आ गया। बहुत धम-धम चुदाई थी.” मैं शरारत से मुस्करा रहा था.
“हाय राम… मैंने कर डाली? या तूने रगड़ डाला? मैंने सोचा था कि थोड़ा सा दबाना चूसना मसलना और सड़का वगैरा करेंगे… पर जब मैंने तेरा बड़ा मोटा गोरा-गोरा ठोकू राम लन्ड देखा… उफ़ माय गॉड… मैं तो पागल हो गई… अपने आप को रोक ही नहीं सकी। वैसे भी तूने चूस कर मेरी चूत को इतना मस्त और गर्म कर दिया था.”
“ओह यस भाभी… यस… मैंने भी सोचा था कि यह बस थोड़ा बहुत चूमना, छूना… चुसाई होगी… पर जब तू मेरे लौड़े पर चढ़ कर उछल रही थी… इतनी गर्म मस्त चुदासी… वाह सच में… बहुत मस्त लग रही थी… मजा आ गया… यह मेरी आज तक की सबसे मस्त चुदाई थी।”
“ओह यस… मैं भी इतनी गर्म और चुदासी हो गई थी कि इतनी जल्दी झड़ गई।”
“परंतु उसके बाद वो पीछे से… उफ़… क्या था वो राजा… न तो कुतिया चुदाई थी और न ही घोड़ी चुदाई… कुछ दोनों की मिलावट थी। तेरा इतना कड़क और मोटा हो रहा था अह… आह… आह आहा… सच में मैं तो स्वर्ग में थी और दूसरी बार झड़ गई जो कि संभव नहीं है पर था बहुत मज़ेदार!”
“ओह यस भाभी… यह कहलाती है राजाओं की चुदाई…” मैंने हंस कर कहा- पहले समय में बड़े पेट वाला राजा जिसका लन्ड छोटा सा होता था परन्तु अंदर तक घुसाना चाहता था। और आगे झुक नहीं सकता था, वो इस पोजीशन में चुदाई करते थे. इसी लिए इससे राजाओं की चुदाई कहते हैं. पर उनके पास दो तीन नंगी औरतें होती थी।”
“ओह यहह… सच में… तू चोदू राजा तो है… पर न तो पेट बड़ा है और न ही लन्ड छोटा है… तो फिर यह पोजीशन क्यों?” नयना मस्ती में मुस्करा रही थी और प्यार से अपना हाथ मेरी नंगी जांघों पर सहला रही थी, बॉल्स से खेल रही थी।
“क्योंकि मुझे मालूम था कि तुझे अंदर चूत की जड़ तक चुदाई पसंद आएगी क्योंकि तेरी चूत इतनी बड़ी है इसलिए इस पोजीशन में चोदा ताकि अंदर तक चोट करके तुझे असली चुदाई का मजा दे सकूं.”
“वो तो तूने कर डाला राजा… यह तो सच में सब से अच्छी जोरदार दमदार चुदाई थी।” नयना धीरे से बाथरूम जाने के लिए उठ कर खड़ी हो गई, उसने मुस्करा कर मेरी तरफ देखा, मैं भी आलस से उठ कर खड़ा हो गया।
“ओह गॉड भाभी, मुझे अब जा कर कपड़े बदलने हैं, मैं चलता हूँ।” मैंने उठा कर तौलिया लपेट लिया और अपने गीले कपड़े उठा लिए।
भाभी नंगी खड़ी मुझे घूर रही थी- ठीक है, जा… पर जल्दी कपड़े बदल कर आना… मैं कॉफी बना रही हूँ।
वो मुस्करा रही थी मैं उसके नज़दीक जाकर चूम लिया और चूची और चूतड़ मसल कर उसको छेड़ते हुए अपने फ्लैट में चला गया। मैं सोच रहा था कि ऑफिस में क्या कितनी सुन्दर सलीके से दिखने वाली नयना भाभी बिस्तर में क्या चुदासी सेक्सी… क्या मस्ती और चुदास में चिल्ला रही थी.
वाह…
यह सच है कि जब औरत सेक्स पाकर मस्त हो जाती है तो अपना सब कुछ भूल कर मजा लेती है।
थोड़ी देर के बाद जब मैं नयना के फ्लैट में आया, उसने भी कपड़े बदल लिए, अब वो पेटीकोट ब्लाउज में ब्रा पैंटी के बिना रसोई में खड़ी कॉफी बना रही थी।
“वाह भाभी, अब तो सच में कॉफी का बहुत मन हो रहा था… अभी तक बारिश हो रही है।”
“ओह याह… सच… और क्या मन हो रहा था?” भाभी ने हंस कर मुझे छेड़ते हुए आँख मार दी।
मैंने उसे पीछे से दबा लिया- और क्या, बस तुझे दबाने का मन हो रहा था।
मैंने उसकी कमर और पेट सहलाते हुए कहा और लन्ड को उसके बड़े-बड़े मुलायम चूतड़ों पर रगड़ दिया।
“ओह माय गॉड… यस मेरे राजा यस… दबा दे जोर से… मैं अभी सोच रही थी… कि तूने अभी कहा था कि यह तेरी अब तक की सबसे अच्छी चुदाई थी। तो यह बता कि अभी तक तूने कितनी और किसके साथ चुदाई की है?”
नयना भी पूरी मस्ती में थी और बहुत खुश नज़र आ रही थी। उसने अपना पेटीकोट ऊपर खिसक कर मेरी निकर से लन्ड निकाल कर अपने चूतड़ों पर दबा लिया। मैंने भी अपना हाथ उसके ब्लाउज में घुस कर चूची के खड़े निपल्स को मसल दिया.
“हां राजा… अब आया ना असली दबाने का मजा… यही तो हम घर पर करना चाहते थे जो हम ऑफिस में कर रहे थे।”
“ओह यस भाभी… पर यह नंगा लन्ड तेरे इन खड़े चूतड़ों में तो नहीं जा रहा था. पर अब तो बहुत मजा आ रहा है।”
“जब कॉलेज में था तो खूब चुदाई का मजा किया है। मेरी एक गर्ल फ्रेंड थी रानी… वो 21 साल की थी और मेरे साथ कॉलेज में थी और मेरे पड़ोस में अपनी बड़ी शादीशुदा बहन के साथ रहती थी। दोनों बहनें बहुत बदमाश और चुदासी थी। मुझे अपने बीच में लिटा कर मेरे लन्ड से कामसूत्र की तस्वीरें देख कर वैसी ही पोजीशन में चुदवाती थी और उनकी फोटो अपने सेल से लेती थी. और जब खूब गर्म हो जाती तो बारी-बारी वो दोनों मुझे घोड़ी या कुतिया चुदाई में मजा लेती थी और झड़ जाती थी। वो मेरा पहला पाठ था कि औरत को कैसे खुश किया जाता है। खास कर अगर बड़ी चूत वाली हो तो! उसके बाद और काफी औरतों से वास्ता पड़ा, ज्यादातर मुझसे बड़ी थी और बड़ी चूत वाली थी। वो सब पीछे से घोड़ी चुदाई या कुतिया चुदाई… राजाओं वाली चुदाई… सामने से… औरत ऊपर… या मर्द ऊपर… कभी-कभी पति पत्नी वाली चुदाई पसंद करती थी।”
“पर भाभी, वो सब इतना मज़ेदार नहीं था जितना आज तेरे साथ की की चुदाई थी, वो तो बहुत मज़ेदार थी।”
“ओह या… मैं बहुत खुश हूँ कि तुझे मेरे साथ मजा आया… मेरे लिए भी यह पहली बार था कि मुझे इतनी मजा आया. और सबसे आश्चर्य की बात यह थी कि मैं दो बार झड़ गई. तेरे लन्ड में सच में बहुत दम है राजा, तेरे लन्ड का टॉप घुसा कर भी खूब मजा आएगा। तूने टॉप टोपा चुदाई के बारे में सुना है?”
नयना ने मग में कॉफी डाल कर एक मग मुझे दिया और हम दोनों रसोई से बाहर आ गए। नयन अपनी टाँगें लटका कर डाइनिंग टेबल पर बैठ गई और मैं उसके सामने कुर्सी पर!
“ओह यस भाभी… मैंने टोपा चुदाई की है…ज्यादातर जल्दी वाली चुदाई के समय… पर उसका मजा लेने के लिए औरत खूब चुदासी और मस्त हो और उसका चूत का दाना बड़ा होना चाहिए ताकि जब टोपा गीली रसीली चूत में घुसे तो उसको रगड़ना चाहिए।”
“तू तो बहुत ज्ञानी है चुदाई के बारे में राजा?” नयन ने अपने पंजों से मेरा खड़ा लन्ड पकड़ लिया।
मेरे हाथ उसके अंदर पेटीकोट अंदर के अंदर उसकी रेशमी नंगी जांघों सहला रहे थे। क्यों भाभी, तेरे जैसी सुन्दर सेक्सी हॉट औरत को भी बहुत मर्दों ने लाइन मारी होगी शादी से पहले…” मैं अपने हाथ से उसकी चूत पर दाने को रगड़ रहा था। नयना सिसकार उठी- उह्ह्ह… उह्ह्ह… यस राजा यस! मुझे भी मेरे हिस्से के मर्दो से वास्ता पड़ा है। कुछ ने तो गांड तक मारी है। पर मुझे अपनी चूत में उंगली में सबसे ज्यादा मजा आता था. पर आज की चुदाई के बाद तो सोचना पड़ेगा। मैंने कभी सोचा नहीं था कि चुदाई में भी इतना मजा आ सकता है। जिस तरह तू चूची चूतड़ को दबाता है, कमर को सहलाता है… अह्ह्ह्ह… सच में पूरे जिस्म में मस्ती चढ़ जाती है।
“तेरा यह लन्ड क्या सुन्दर लग रहा है।”
हम दोनों एक दूसरे को देखते हुए अपनी कॉफी की चुस्की ले रहे थे।
मैंने उसका ब्लाऊज खोल दिया था और उसकी गोल-गोल गोरी चिकनी चूची को चूम रहा था.
“तेरी यह गोरी गोरी चूत इन काली काली झांटों में क्या सुन्दर लग रही है।” मैंने उसका पेटीकोट पूरा ऊपर उठा कर उसकी जांघों को खोल कर कहा।
मैं उसकी जांघों के बीच खड़े होकर अपना निकर निकाल लन्ड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। नयना ने लन्ड को पकड़ लिया और अपने चूत के दाने को जोर से दबा कर रगड़ने लगी।
“उई… उई… सी… ई वाह मेरे राजा… वाह, आज तो सच में असली जवानी का मजा आ रहा है।” उसने टोपे को अपनी चूत के रस से गीला कर दिया- देख मेरे राजा, तेरा टोपा क्या चमक रहा है।
उसने टोपे को चूत के मोटे-मोटे होंठों में फंसा लिया और जांघों को उठा मेरी कमर में लपेट लिया और चूतड़ हिलाने लगी।
“क्यों भाभी, ऐसे क्या टोपा चुदाई का इरादा है? या रानियों वाली चुदाई करने वाली है?” मैंने उसकी चूचियों को मसल दिया. वो सिसकार उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… सी…सी मर गई राजा! मार डाला मेरे जालिम चोदू राजा… यह रानियों की चुदाई क्या होती है मेरे राजा?”
“जब औरत हुक्का पीते हुए ऊँचे आसान पर बैठ… अपना लहँगा उठा कर गुलाम को अपनी बड़ी से चूत चूसने को या अपना बड़ा सा लन्ड घुसाने को बोलती है और उसको लहंगे से ढक कर ताकि कोई देखना सके… और धीरे धीरे धक्कों का मजा लेती है।” मैंने हंस कर उसके होंठों को चूम लिया और टोपे को धीरे-धीरे बड़ी से चूत में अंदर बाहर करने लगा।
“वाह मेरे राजा, तेरी हर चुदाई में… एक राजा होता है या एक रानी होती है. तुझे राजा और रानी की चुदाई में बहुत मजा आता है। पर तू मेरा गुलाम तो नहीं है।”
“तू तो तो चुदाई का राजा है और मेरी चूत में कभी भी… कहीं भी… और कैसे भी घुसा कर चोद सकता है। यह तो बस तेरी है। बस ऐसे ही प्यार से चूत मार-मार कर जवानी का मजा लेकर मजा देना!”
“ओह जरूर भाभी… कभी भी… पर यह बता… तू इतनी सीधी लगती है जब ऑफिस में स्टाइल से साड़ी पहन कर रहती है। पर यहां बिस्तर में… इतनी बदमाश चुदासी गर्म मस्ती में चूर… और क्या गन्दी बातें… ऐसा क्यों भाभी?”
“वो इसलिए मेरे चोदू राजा… कि जब से तूने ऑफिस में मेरे साथ फ़्लर्ट करके… और आज चूची और चूतड़ दबा कर और चूत रगड़ कर तूने मेरी इच्छाओं… कल्पनाओं और सपनों को जगा दिया… और यह मेरी मस्त चूत किसी चोदू लंड के साथ चुदाई चाहती थी कि कोई मस्त खड़े सांड की तरह इसे चोदे… और वो मुझे तुझ में मिल गया। इसलिए मेरी सारी बदमाशी तेरे साथ प्यार करके बाहर आ गई। अब मैं खूब मजा करना चाहती हूँ।”
“इसका मतलब सिर्फ जोरदार चुदाई से नहीं है राजा… इसका मतलब यह भी है कि गर्म निगाहों से एक दूसरे को प्यार से देखना दिखाना… छूना… चूमना… दबाना मसलना… और इतना गर्म कर देना कि दोनों चुदाई के लिए मचल उठें… और फिर जोरदार चुदाई… ऐसे कि दोनों जोर से पानी छोड़ दें!”
मुझे नयना की प्यार की बातों में बहुत मजा आ रहा था और मैं उसकी गुलाबी रसीली चूत में धीरे-धीरे टोपा चला रहा था- सच तो यह है भाभी कि मैं भी हर समय तेरे बारे ही सोचता था और मेरा खड़ा हो जाता था। और उस समय मैं अपने ख्यालों में तुझे दबा कर, चूम कर और मुठ मारते हुए झड़ने के समय तेरी मस्त चूची और चूतड़ मसलता था.
“ओह गॉड… तो तू मुझ दबा कर सड़का मारता था?” नयना हंस कर अपने चूतड़ों को उठा रही थी- ओह गॉड… यस राजा… यस मेरा निकल रहा है… एआह…एआह…
नयना भाभी अपनी चूत भींच कर चूतड़ों को उठा झटका मार कर झड़ गई। मैं अपना लन्ड बाहर खींच कर उसकी रेशमी जांघों पर लन्ड को रगड़ कर मजा ले रहा था और झड़ने के करीब था।
“उह… उह यस भाभी, मैंने मुठ मारी है तेरा नाम लेकर…” अब मैंने एक हाथ से उसकी उसकी चूची दबा रखी थी और दूसरे से चूतड़… और अपना गाढ़ा सफ़ेद माल उसकी जांघों पर निकाल दिया. “वाह भाभी वाह… मजा आ गया… तेरी यह मस्त चुदाई तो बहुत मज़ेदार थी।”
“ओह यस मेरे राजा… तू तो सच में बहुत मस्त चोदू है। क्या मस्त टोपा चुदाई का मजा दिया है। आज तो सच में चुदाई का मजा आ गया।” नयना नीचे उतार कर अपनी जांघों को अपने पेटीकोट से पौंछ कर साफ करने लगी।
मैंने भी अपना पजामा पहन कर नयना को चूमा और अपने फ्लैट में आ गया।
[email protected]