मैंने एक देसी सेक्सी चूत की चुदाई की. वो मेरे ऑफिस की दोस्त थी. एक बार उसकी तबियत खराब हुई तो मैं उसे मेरे फ्लैट पर ले आया. फिर क्या हुआ?
हैलो मेरे प्यारे लंडधारियो और चूत की रानियो!!
मेरा नाम भावेश है. मेरी उम्र 23 है और मैं एक जवान लड़का हूं और चुदाई का हमेशा ही प्यासा रहता हूं.
अपनी इसी प्यास के चलते मैं आपको एक चूत की सीलतोड़ चुदाई की कहानी आज बताऊंगा.
कहानी की नायिका है मेरी प्यारी, मेरी चूत की रानी- किरण.
किरण की उम्र भी 23 ही है. मैं पुणे में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूं. मैं आपको मेरी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं कि कैसे मैंने किरण की सील तोड़ कर उसे जन्नत की सैर करा दी।
इस कहानी में जो नाम आप पढ़ रहे हैं वे बदल कर लिखे गये हैं. मुझे किसी की निजता को बेपर्दा करना अच्छा नहीं लगता है. ये बात आज तक हम दोनों के बीच में ही थी. मगर आज आप भी पढ़ने वाले हैं.
तो बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके जॉब करने लग गया था. मेरे ऑफिस में बहुत सारी सेक्सी लडकियां थीं और उनमें से एक किरण थी.
हम दोनों साथ में ही जॉइन हुए थे. इस कारण हमारी अच्छे से आपस में बनने लगी। करीब दो महीने बाद हम काफी क्लोज आ गए।
मैं दिखने में अच्छा हूं. मेरे लंड का साइज 7 इंच है और मोटा 2.5 इंच है और चूत को फाड़ने की ताकत रखता है.
वहीं किरण भी दिखने में बहुत लाजवाब है. ऊपर वाला ही जाने कितने लौड़ों का पानी गिराया होगा उसके जिस्म ने!
किरण का फिगर एकदम सटीक था. करीब 30-28-32 साइज़ का होगा। मुझे उसकी गांड बहुत ज्यादा पसंद आयी थी।
एक दिन मुझे किरण का फोन आया और वो मुझे बताने लगी कि सर्दी लगने के कारण उसकी तबियत खराब हो गयी है और वो डॉक्टर के पास जाना चाहती है.
उसने कहा कि मैं उसके लेकर चलूं.
मैंने भी हां कर दी क्योंकि वो मेरी अच्छी दोस्त थी.
हम लोग करीब सुबह के दस बजे डॉक्टर के पास गए और डॉक्टर ने उसकी जांच की.
डॉक्टर ने सलाह दी कि उसे 3 से 4 दिन तक आराम करना है.
वो तीन चार दिन के बाद ही ऑफिस जा सकती थी.
उसके बाद हम वहां से दवाई लेकर वापस आ गये.
मैंने उसको मेरे फ्लैट पर चलने के लिए कहा क्योंकि यहां पर वो अकेली रहती थी.
उस दिन मेरे फ्लेट में मैं अकेला ही था और मेरे दोस्त अपने घर गए हुए थे।
वो मेरे साथ आने के लिए मान गयी.
फिर हम मेरे फ्लैट में आये और कुछ देर हमने बातें कीं.
आने के बाद मैंने उसको खाने के लिए दिया और फिर उसको उसकी दवाई खिला दी.
फिर मैंने उसका आराम करने के लिए कहा क्योंकि मुझे भी हल्की नींद आ रही थी.
दोपहर के 3 बजे जब मेरी नींद खुली तो वो भी जाग रही थी।
हमने बाहर जाकर हल्का नाश्ता किया और वापस आ गए।
फिर हमने काफी टाइम पास किया. वो भी थोड़ी ठीक लग रही थी क्योंकि दवाई का असर हो चुका था.
उसके बाद फिर हमने रात का खाना खाया और फिर हम कंप्यूटर में गेम खेलने लगे.
थोड़ी देर के बाद हम बातें करने लगे।
किरण ने मुझसे पूछा- क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड है?
मैंने तुरंत जवाब दिया- नहीं।
मैंने उससे पूछा तो उसने भी बोला कि वो भी सिंगल है।
मैंने उससे कहा- तुमको तो बहुत सारे प्रोपोज़ आये होंगे आज तक?
उसने बताया- आये हैं लेकिन किसी को हां नहीं बोला मैंने। मुझे किसी की झूठी बातों पर ऐसे भरोसा नहीं होता जब तक कि मैं किसी को अच्छे से जान नहीं लूं. लड़के अक्सर मजे के लिए ये सब करते हैं.
मैंने कहा- कैसा मजा?
वो बोली- तुम्हें नहीं पता?
मैं बोला- नहीं, मैं तो तुम्हारे मुंह से सुनना चाहता हूं.
वो बोली- वही जो कपल करते हैं.
मैंने कहा- क्या करते हैं कपल?
वो बोली- सेक्स भी करते हैं और भी काफी कुछ करते हैं.
मैंने पूछा- तो तुमने भी कभी किया है ये सब?
वो बोली- किया तो नहीं लेकिन मन तो करता ही है करने का, मगर मैं किसी लड़के पर आसानी से भरोसा नहीं कर पाती हूं.
फिर मैं बोला- मुझ पर भी नहीं करोगी?
वो बोली- यार … तू कैसी बातें कर रहा है, हम दोनों दोस्त हैं, कपल नहीं.
मैंने कहा- मगर मैं तो तुमको पसंद करता हूं. अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी ये ख्वाहिश पूरी करने में भी तुम्हारी मदद करूंगा.
वो बोली- यार … मैंने कभी ये सब सोचा नहीं तुम्हारे साथ. मुझे अजीब लग रहा है.
मैं बोला- कुछ अजीब नहीं है किरण, हम दोनों दोस्त तो हैं ही. बस एक कदम और आगे जाना है, वो भी दोस्ती की खातिर।
ये कहकर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और सहलाने लगा.
वो कुछ नहीं बोली और मैंने उसकी जांघ पर हाथ रख लिया.
उसका हाथ मैंने अपनी जांघ पर रखवा लिया.
वो कुछ देर तो आराम से बैठी रही.
मगर मेरे हाथ ने उसकी जांघ को सहला सहलाकर उसे हरकत करने पर मजूबर कर दिया.
वो भी मेरी जांघ पर धीरे धीरे हाथ फिराने लगी.
फिर मैंने उसे अपने पास खींचा और बहुत जोर से उसे लिप किस करने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगी।
फिर मेरा एक हाथ उसके चूचों पर गया और मैं उसके चूचे मसलने लगा।
थोड़ी ही देर में उसकी सांसें गर्म होने लगीं और वो भी मेरे लंड को सहलाने लगी।
मैंने उसका टॉप निकाल दिया और उसने मेरा टी शर्ट निकाला।
फिर मैंने उसकी ब्रा के हुक खोले तो उसके चूचे आज़ाद हो गए और मैंने उसकी चूचियों को पागलों की तरह चूसना शुरू कर दिया.
उसके मुंह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं.
वो काफी गर्म हो रही थी और मैं उसकी चूचियों को चूसते हुए उसके बदन पर हाथ फिराने लगा.
फिर धीरे धीरे उसके बाकी कपड़े भी निकालने लगा. थोड़ी देर में मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया.
उसको नंगी करके मैंने अपने कपड़े भी उतार फेंके.
उसको मैंने लिटा लिया और उसकी चूत पर किस कर दिया.
फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
किरण की चूत एकदम लाल और चिकनी थी।
मैं उसका रस पीने लगा।
चूत पर जीभ लगने से वो जोर जोर से सिसकारियां निकाल रही थी- आह्ह भावेश … स्स्स … आईई … ओह्ह … आराम से यार … ओह्ह … बहुत अजीब लग रहा है … आह्ह … आईई मां … ओह्ह … मेरी चूत में कुछ हो रहा है … आह्ह जान … ओह्ह … मेरी चूत।
उसकी सिसकारियों से रूम का माहौल और भी गर्म होने लगा था. उसकी कमसिन चूत देखकर मेरा लंड झटके मारने लगा था.
अब मुझसे रुका न गया और मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी.
वो एकदम से उचक गयी और उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया. वो मेरे होंठों को जोर जोर से पीने लगी.
मैं उसके चूचों को जोर जोर से मसल और दबा रहा था और फिर से चूत में उंगली करने लगता था.
फिर वो अचानक से चिल्लाई और उसका शरीर अकड़ने लगा. उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने उसकी चूत पर मुंह लगा दिया. मैंने उसकी चूत का रस पी लिया. इतना मस्त स्वाद था कि क्या बताऊं.
फिर वो शांत हो गयी. मगर मेरा लंड वैसे ही तना हुआ था. वो मेरे लंड को देख रही थी.
मैं बोला- ऐसे क्या देख रही हो?
वो बोली- यार तेरा तो बहुत बड़ा है, ये मेरी चूत में जायेगा कैसे?
मैंने कहा- तू उसकी चिंता न कर. वो सब मैं देख लूंगा. बस तू मजे ले और मुझे भी दे.
फिर मैंने उसके मुंह के सामने लंड कर दिया.
वो समझ गयी कि मैं मुंह में लेने के लिए कह रहा हूं मगर उसने मना कर दिया.
मैं बोला- यार … मैंने भी तो तेरी चाटी है … तुझे कितना मजा दिया है … अपनी बारी में तू ऐसे करेगी क्या अब?
फिर उसने मरे मन से मेरे लंड को मुंह में लिया और चूसने लगी. वो आधा लंड ही मुंह में ले रही थी. उसको भी अच्छे से नहीं चूस रही थी.
मैं बोला- देख यार … अगर तू ऐसे ही बुझे मन से करेगी तो कुछ मजा नहीं आयेगा. अगर तू दिल खोलकर साथ देगी तो यही लंड तुझे अच्छा लगने लगेगा.
फिर उसने मेरा कहना माना और पूरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी.
उसको थोड़ी परेशानी हुई लेकिन फिर चूसते चूसते उसको मजा आने लगा और वो मस्ती में लौड़ा चूसने लगी.
उसने मेरे मुंह से सिसकारियां निकलवा दीं. चुसवाते हुए ही मैं भी उसके मुंह में झड़ गया.
उसने मेरे माल को बाहर थूक दिया.
उसके बाद हम दोनों एक दूसरे के नंगे जिस्मों से लिपटे रहे और एक दूसरे को सहलाते रहे.
मैं उसकी चूत को कुरेदता रहा और देखते देखते ही वो फिर से गर्म होने लगी.
मेरे लंड में भी दोबारा तनाव आने लगा था.
अब उसकी चूत मारने की बारी थी.
वो भी कहने लगी कि अब कर दो … मेरा दिल कर रहा है तुम्हारा चूत में लेने के लिए.
मैं भी यही चाहता था.
फिर मैंने उसको लिटाया और उसकी टांगें खोलकर अपने लंड का सुपारा उसकी चूत में लगा दिया.
मैंने एक जोर का झटका मारा तो मेरा लंड फिसल गया। मैंने उस पर थूक लगाया और फिर से लौड़ा छेद पर टिकाया. मैंने धक्का मारा और उसकी चीख निकलने से पहले मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया.
वो तड़प उठी.
मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में घुस चुका था. मैंने तुरंत उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
वो किसी तरह दर्द को बर्दाश्त करने की कोशिश करते हुए मेरा साथ देने लगी.
जब उसका दर्द कुछ हल्का हुआ तो मैंने एक और धक्का मारा और मेरा लंड उसकी चूत में आधा घुस गया.
उसकी चूत से खून निकलने लगा.
उसको नहीं पता था कि उसकी चूत की झिल्ली फट गयी है.
उसकी आंखों से आंसू आने लगे.
फिर मैंने थोड़ा विराम दिया और धीरे धीरे करके पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. उसके बाद भी मैं रुका रहा. जब उसका दर्द हल्का पड़ गया तो मैंने उसे चोदना शुरू किया.
थोड़ी देर में ही उसकी चूत ने मेरे लंड को जगह दे दी और वो आराम से नॉर्मल होकर चुदने लगी.
मैं भी स्पीड बढ़ाते हुए उसकी चूत की दीवारें ढीली करने लगा.
अब किरण मेरे होंठों को चूसने लगी थी.
मैं भी उसकी चूत मारते हुए उसके होंठों के रस में खो गया.
अब मैं किरण को जोर जोर से चोदने लगा और किरण भी मेरा साथ देने लगी।
जब मैं उसे झटका मारता था तो वो भी अपनी गांड उठाकर मेरा लंड अंदर तक ले रही थी।
उसकी चूचियां एकदम से पहाड़ जैसी तन गयी थीं और काफी सख्त हो गयीं. मैं बीच बीच में उसकी चूचियों को भी पी रहा था.
लगभग तीस मिनट तक मैंने उसकी चूत मारी; उसको हर पोजीशन में चोदा.
अब किरण झड़ने वाली थी और उसका सारा शरीर अकड़ने लगा.
उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ा और ऐसा लगा जैसे उसके शरीर से किसी ने सारी ताकत खींच ली हो.
वो एकदम से ढीली हो गयी और निढाल होकर मुझसे चिपक गयी. अभी तक मेरे लंड ने पानी नहीं छोड़ा था।
तब मैंने उससे पूछा कहां निकालूं तो वो बोली- अंदर ही निकल दो। मैं गोली खा लूंगी।
उसके बाद करीब 2-3 मिनट तक जोर जोर से धक्के मारने के बाद मेरा सुपारा पूरा फूल गया और मेरे लंड ने बहुत सारा माल किरण की चूत में छोड़ दिया.
थोड़ी देर तक किरण और मैं उसी हालत में रहे और एक दूसरे की आँखों में देखते रहे।
वो बोली- भावेश … आज तुमने मुझे जन्नत की सैर करा दी. ये पल मैं मेरी जिंदगी में कभी भी नहीं भूल पाऊंगी. ये मेरी पहली चुदाई थी.
मैंने उसको होंठों पर किस किया और उसने मुझे अपने सीने से चिपका लिया.
फिर मेरा लंड सिकुड़ कर उसकी चूत से बाहर आ गया. फिर हम दोनों बाथरूम में जाकर नहा लिये.
नहाते समय भी मैंने उसको डॉगी स्टाइल में चोदा।
उस रात हमने 3 बार चुदाई की. सुबह उठकर मैंने उसके लिये चाय बनाई. उसकी चूत को सहलाया जो कि फूलकर एकदम लाल हो गयी थी और काफी सूज गयी थी.
उसके बाद हम दोनों फिर से नंगे ही लिपट कर सो गये.
वो पहला दिन था जब मैंने अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई की. उसके बाद तो वो न जाने कितनी बार मेरे लंड से चुदी.
अभी भी हम दोनों साथ में ही है और एक दूसरे के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं.
मैं उसके साथ बहुत खुश हूं और वो भी मेरा पूरा ख्याल रखती है.
मैंने अपनी गर्लफ्रेंड की गांड चुदाई भी की हुई है. अपनी गर्लफ्रेंड की गांड चुदाई की कहानी भी मैं कभी आपको जरूर बताऊंगा.
तो आपको ये सेक्स स्टोरी कैसी लगी मुझे इस बारे में आप जरूर बताना. मेरे ईमेल पर मैसेज करना या फिर कमेंट्स में अपनी बात लिख दें.
मुझे उम्मीद है कि इस कुंवारी चूत की चुदाई की कहानी पढ़ते हुए सभी लड़कों के लंडों और लड़कियों की चूतों ने पानी छोड़ दिया होगा.
इसी तरह मैं आपके लिए आगे भी अपनी गर्म कहानियां लेकर आता रहूंगा.
आपके फीडबैक का मुझे इंतजार रहेगा। आपकी चूत गीली करने वाला और आपके लंड का पानी निकालने वाला मैं आपका दोस्त भावेश आपसे विदा लेता हूं।
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