यह देसी मामी सेक्स कहानी तब की है जब मैं नाना के घर गया था. मैंने बड़ी मामी और एक भाभी की चुदाई कर दी थी. मेरी नजर छोटी मामी पर भी पड़ी.
सभी चूत की देवियों और लंड के महाराजाओं को मेरा प्रणाम!
मैं रोहित एक बार फिर हाज़िर हूं वासना से भरपूर कहानी लेकर जिसे पढ़कर कुंवारी चूतें और चुदी चुदाई भाभियां, आंटिया चूत में उंगली डालने के लिए मजबूर हो जाएगी और लंड के महाराजा चूत चोदने के लिए तड़प उठेंगे।
मेरी उम्र 22 साल है और मेरा लन्ड 7 इंच का है जो किसी भी चूत की बखिया उधेड़ने में सक्षम है।
अगर मेरे लंड के नीचे कोई चूत एकबार आ जाए तो फिर वो चूत फिर से मेरा लन्ड खाए बिना नहीं रह सकती है।
मित्रो, मैंने मेरी पिछली कहानियों में बताया था कि मैं बहुत ही ज्यादा सीधा साधा लड़का था और मुझे चूत चोदने में कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन जब मैं मेरे मामाजी के यहां आया तो एक दिन मैंने सरिता मामी जी को नहाते हुए देख लिया था।
बस उसी दिन से मेरा लन्ड चूत चोदने के लिए मचल उठा।
उसके बाद मैंने हिम्मत करके सरिता मामी जी को बुरी तरह से खेत में बजा डाला था।
ये तो बस शुरुआत थी देसी मामी सेक्स की … और ये चूत चोदने का सिलसिला शुरू हो गया।
इसके बाद मैंने सीमा मामी और पूजा भाभी को बजा डाला था।
मित्रो, मुझे यहां अब चूत चोदने में कोई परेशानी नहीं हो रही थी और आराम से मेरा लन्ड सीमा मामी जी और पूजा भाभी की चूत में गोते लगा रहा था।
मुझे बारी बारी से दोनों को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
दोनों को चोदते चोदते मुझे लगभग 15 दिन हो चुके थे।
मैं भाभी और मामी जी को अच्छी तरह से चोद रहा था और दोनों ही मेरे लन्ड से चुदकर बहुत ज्यादा खुश थी।
तभी एक दिन पूजा भाभी के पापा की तबीयत खराब हो गई और भाभी उनके मायके चली गई।
अब मेरा लन्ड पूरी भड़ास सीमा मामी जी की चूत पर निकाल रहा था।
सीमा मामी जी मेरे लन्ड से चुद चुदकर थक चुकी थी और मेरा लन्ड भी मामी जी की चूत को बुरी तरह से चोदकर भोसड़ा बना चुका था।
अब मेरे लन्ड को नई चूत की तलाश थी।
तभी मेरी नज़र उर्मिला मामी जी पर पड़ी।
उर्मिला मामी जी मेरी सबसे छोटी मामी जी थी जो लगभग 31 साल की थी।
उर्मिला मामी कोई थोड़ी छोटी कदकाठी की मस्त माल और चुदाई करने के लिए सम्पूर्ण यौवन से भरपूर है।
सीमा मामी जी और पूजा भाभी की चूत की फांकों की गहराई नापने की वजह से उर्मिला मामी जी पर मेरी नजर नहीं पड़ी थी।
उर्मिला मामी एक बच्चे की मम्मी थी लेकिन अभी भी मामी जी के बोबे बहुत ज्यादा कसे हुए थे।
मामी की साइज लगभग 30″ 30″ 32″ की है जो लंड को मज़ा देने के लिए भरपूर है।
पहले मैंने एक दो बार उर्मिला मामी जी पर नजर मारी थी लेकिन उस समय मैंने कुछ ख़ास ध्यान नहीं दिया।
अब मैंने वासना भरी नज़रों से उर्मिला मामी जी को देखा तो मेरी नज़र मामी जी पर ठहर गई।
उर्मिला मामी जी भी कमाल की माल थी। मामी जी के बोबे एकदम से टाइट थे। मामी जी को देखकर लगता ही नहीं है कि इन स्तनों को मामा जी ने रगड़कर चूसा होगा।
अभी भी मामी जी के बोबे दूध से भरे हुए थे।
मामी जी का गोरा चिकना बदन जिस पर मामी जी की मस्त गांड चार चांद लगा रही थी।
अब मेरा ध्यान सीमा मामी जी से हटकर उर्मिला मामी जी पर रहने लगा। अब मेरा लंड उर्मिला मामी जी को चोदने के लिए बेकरार होने लगा।
मैं रोजाना उर्मिला मामी जी को नोटिस करने लगा।
एक दिन जब मैं सीमा मामी को चोद रहा था तभी मैंने सीमा मामी जी से कहा- मामी जी, अगर आप बुरा नहीं मानो तो एक बात कहूं?
मामी जी- मैंने तेरी किसी भी बात का बुरा नहीं माना है तू बेझिझक मुझसे कह सकता है।
मैं- मामी, आप एकदम शानदार जिस्म की मालकिन हो। जब मेरा लन्ड आपकी चूत में गोते लगाता है तो कसम से मज़ा आ जाता है।
मामी जी- ओह! इतनी ज्यादा तारीफ।
मैं- हां मामी जी, सच में। आप के जिस्म के कतरे करते में नशा सा है।
मामी जी- हो सकता है कि जो तू कह रहा है वो सच हो! लेकिन तेरे मामाजी तो कभी कभी ही करते हैं।
मैं- अब मामाजी तो बेचारे खेती बाड़ी में लगे रहते हैं; उन्हें इतना टाइम कहां मिलता होगा।
मामी जी- हां, तेरी बात भी सही है।
मैं- मामी जी, मेरी एक हेल्प और कर दो ना?
मामी जी- बता, क्या हेल्प करनी है?
मैं- मामी जी, उर्मिला मामी जी की चूत दिलवा दो ना!
यह सुनकर सीमा मामी जी एकदम से चौंक गई।
मामी जी- पागल हो गया है क्या तू? तू मुझे और पूजा को चोद रहा है वहीं बहुत है। अब ज्यादा लालच मत कर!
मैं- मामी जी प्लीज, समझो ना! मेरा लन्ड उर्मिला मामी जी को चोदने के लिए तड़प रहा है। अब आप ही मुझे उर्मिला मामी जी की चूत दिलवा सकती हो।
मामी जी- नहीं, मैं कुछ नहीं कर सकती हूं। किसी को पता चल जाएगा तो लेने के देने पड़ जाएंगे।
मैं- मामी जी किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। आप इस बात की चिंता मत करो। आप तो थोड़ी सी हेल्प कर दो; बाकी मैं देख लूंगा।
मामी जी- देख रोहित, रहने दे। कहीं ऐसा नहीं हो कि तुझे मुझसे और पूजा से भी हाथ धोना ना पड़ जाए।
मैं- मामी जी मैंने आपको और पूजा भाभी को भी तो चोदा है ना! लेकिन आज दिन तक किसी को कुछ पता नहीं चल पाया है।
मामी जी कुछ देर तक चुप रही फिर बोली- तू उर्मिला पर भी हाथ साफ करके ही मानेगा। ठीक है कोशिश करके देख ले। मैं तेरी हेल्प कर दूंगी।
मैं- मेरी सबसे प्यारी मामी जी!
और ये कहकर मैंने मामी जी की रसीली चूत में ज़ोरदार धक्का लगाया और चूत में जड़ तक लंड पेल दिया।
मामी जी की एकदम से चीख निकल पड़ी।
अब मैं उर्मिला मामी जी को चोदने का प्लान बनाने लगा।
तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया कि जिस तरह से मैंने पूजा भाभी को बाथरूम में नहाते हुए देखा था; उसी तरह से उर्मिला मामी जी को भी एक बार किसी बहाने से बॉथरूम में नहाते हुए देखा जाए जिससे मामी जी की मेरी प्रति सोच को बदला जा सके।
ये बात मैंने सीमा मामी जी को बताई तो मामी जी ने कहा- लेकिन अगर वो बुरा मान गई तो?
मैंने कहा- मामी जी, कोशिश तो करनी ही पड़ेगी ना, नहीं तो उर्मिला मामी जी इतनी आसानी से हाथ नहीं लगेगी।
मामी जी ने कहा- ठीक है, तू कोशिश करके देख ले।
अब मैं धीरे धीरे उर्मिला मामी जी के नजदीक आने लगा और उनसे प्यार भरी बातें करने लगा।
एक दिन दोपहर में उर्मिला मामी जी घर में टीवी देख रही थी। उसी समय मैं भी उनके घर में पहुंच गया।
उनके साथ बच्चे भी टीवी देख रहे थे।
तभी टीवी में एक किस करने का हॉट सीन आया तो मामी जी चेनल चेंज करने लगी।
मैंने हिम्मत करके मामी जी से कहा- मामी जी, चलने दो ना।
तो मामी जी ने कहा- नहीं, बच्चे भी है यहां।
मैं- तो क्या हुआ? बच्चे अभी छोटे हैं।
मामी जी चेनल चेंज करती करती रुक गई।
हम दोनों हॉट सीन देखने लगे।
तभी मेरी और मामी जी की नजर एकसाथ मिल गई।
और उसी समय मेरा लन्ड तूफान बनकर खड़ा हो गया।
दिल तो कर रहा था कि मामी जी को यहीं के यहीं चोद दूँ. लेकिन फिर सोचा अभी बच्चे यहीं है; थोड़ा सा सब्र रख।
और मैं लंड को मसलकर वापस आ गया।
अगले दिन मैं दोपहर से पहले नहा लिया और प्लान के मुताबिक मैंने मेरी अंडरवियर और बनियान तिरपाल से बने हुए बाथरूम में ही छोड़ दी जो पूरा खुला हुआ था।
अब मैं उर्मिला मामी जी के नहाने का इंतजार करने लगा।
उस समय बड़ी मामी जी खेत पर जा चुकी थी और सीमा मामी जी को मैंने अर्चना भाभी को बिजी रखने के लिए कह दिया था।
अब जैसे ही उर्मिला मामी जी नहाने के लिए बाथरूम में गई तो पीछे से सीमा मामी जी अर्चना भाभी के पास चली गई और भाभी को बातों में लगा लिया।
आंगन में खड़े होकर बाथरूम में देखा जा सकता था।
मेरी नज़र मामी जी पर ही थी।
मैं मामी जी का ब्लाउज खोलने का इंतजार कर रहा था।
थोड़ी देर बाद मामी जी ने ब्लाउज खोल दिया।
बस अब मेरी बारी थी जिसका मैं बहुत देर से इंतजार कर रहा था।
मैं हिम्मत करके बाथरूम में पहुंच गया।
जैसे ही मैं बाथरूम में पहुंचा तो मामी जी को अधनंगी हालत में देखकर मेरा लन्ड मामी जी की चूत को सलामी ठोकने लगा।
उस समय मामी जी बाथरूम के खुले छोर की ओर पीठ करके बदन का मैल उतार रही थी। मामी जी के बड़े बड़े बोबे आगे की ओर लटके हुए थे। मामी जी की गोरी चिकनी पीठ पर पानी की बूंदे ठहरी हुई थी और मामी जी के बाल खुले हुए थे.
किसी के आने की आहट से मामी जी पलटी और एकदम से चौंक गई।
मुझे देखकर मामी जी के चेहरे की हवाइयां उड़ गई। मामी जी ने तुरंत दोनों हाथों से स्तनों को ढक लिया।
मामी जी का ये नशीला नज़ारा देखकर मेरा लन्ड एकदम से टनटना गया और मामी जी को चोदने के लिए तड़प उठा।
होश सम्हालकर मामी जी पूछने लगी- क्या हुआ?
तो मैंने कहा- मामी जी, मैं मेरी अंडरवियर और बनियान यही भूल गया था तो इन्हें लेने आया था।
मामी जी ने कहा- ठीक है, ले जा।
लेकिन मेरा लन्ड तो अभी के अभी मामी जी को चोदने की जिद करने लगा।
जैसे तैसे मैंने मेरे लन्ड को समझाया कि बस एक दो दिन का इंतजार और कर ले; फिर जितना मन करे उतना मामी जी को चोद लेना।
अब जैसे ही मैं मामी जी को अधनंगी देखकर आया तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था।
मैं बहुत ज्यादा खुश हो रहा कि आज तो उर्मिला मामी जी को अधनंगी देख ही लिया है। अब देसी मामी सेक्स का मौक़ा ज्यादा दूर नहीं है।
अब मेरा लन्ड मामी जी को चोदने के लिए तिलमिला रहा था। मामी जी को इस हालत में देखने के बाद मेरे सब्र का बांध टूटने लगा था। मैं अब ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता था।
अगले दिन मैं बड़ी मामी जी का खेत पर जाने का इंतजार करने लगा लेकिन आज बड़ी मामी जी खेत पर नहीं जा रही थी।
दोपहर हो चुकी थी लेकिन अभी तक बड़ी मामी जी घर पर ही थी।
पता चला कि आज मामी जी का पेट दर्द कर रहा है।
तब मुझे लगा कोई दूसरा प्लान तैयार करना पड़ेगा नहीं तो आज बड़ी मामी जी दाल नहीं गलने देगी।
तभी मैं जल्दी से सीमा मामी जी के पास गया और उनसे कहा- मामी जी, आज बड़ी मामी जी यहीं हैं. इसलिए उर्मिला मामी जी को चोदने का कोई मौका नहीं मिल रहा है। अब आप ही मेरी हेल्प करो।
सीमा मामी जी- एक काम कर, उर्मिला को बीहड़ में बेर खाने के बहाने से ले जा और वहां तुझे अच्छे से पूरा मौका मिल जाएगा। सुनसान जगह है वहां कोई आता जाता भी नहीं है।
मैं- हां, मामी जी ये सही प्लान है लेकिन अगर अर्चना भाभी साथ में जाएगी तो फिर मेरी दाल कैसे गलेगी?
सीमा मामी जी- वो सब मैं सम्हाल लूंगी। तू जल्दी जा और उर्मिला को बेर खाने के लिए ले जा।
मैं- ठीक है मेरी प्यारी मामी जी।
तुरंत मैं उर्मिला मामी जी के पास गया और उनसे बेर खाने के लिए बीहड़ में चलने के लिए कहा।
तो उर्मिला मामी जी कहने लगी- अरे आज तो घर का इतना सारा काम है। अगर मैं बेर खाने जाऊंगी तो फिर यहां काम कौन करेगा?
मैं- नहीं मामी जी, प्लीज आज ही चलो ना। हो सकता है कल तो मैं यहां से चला ही जाऊं।
मामी जी- अरे तू कल क्यों जायेगा? अभी तो यहीं रुक!
तभी सीमा मामी जी भी आ गई और कहने लगी- जा चल जा बेचारे को बेर खिलाकर ले आ। घर का सारा काम मैं और अर्चना कर देंगे।
सीमा मामी जी की बात सुनकर उर्मिला मामी जी ने कहा- ठीक है। चल मेरे साथ आज मैं तुझे पूरी बीहड़ में घूमा घुमाकर बेर खिलाऊंगी।
ये सुनकर मेरा लन्ड टनटना गया और मेरे लन्ड की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।
उसी समय मैंने मेरे लन्ड को मसल दिया और सीमा मामी जी को आंख मार दी।
आज मैं बहुत ज्यादा खुश हो रहा था क्योंकि मुझे लग रहा था कि मामी जी की चूत में आज तो मैं मेरा लन्ड फंसा ही दूंगा।
उर्मिला मामी जी ने बेर भरने के लिए पॉलीथिन ली और बीहड़ में चलने के लिए कहा।
मैं भी मामी जी के साथ चल पड़ा।
प्रिय पाठको, देसी मामी सेक्स कहानी पर अपने विचार मुझे अवश्य दीजिएगा.
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देसी मामी सेक्स कहानी का अगला भाग: सबसे छोटी मामी जी को बीहड़ में पेला- 2