शादी के बाद मेरे ससुराल में कुछ दिन

शादी के बाद मेरे ससुराल में कुछ दिन


Xxx फॅमिली चुदाई कहानी मेरी अपनी कहानी है मेरे निकाह के बाद की. सुहागरात में मैं अपने शौहर के लंड से चुद कर हटी ही थी कि मेरी ननद आ गयी कमरे में!
लेखिका की पिछली कहानी: शादी नहीं की, चुदती रोज़ हूँ
मेरा नाम साजिया खान है।
मेरा निकाह अभी एक साल पहले ही हुआ है।
मेरी ससुराल लोकल है इसलिए मेरा मायके ससुराल में आना जाना लगा रहता है।
आज मैं अपनी Xxx फॅमिली चुदाई कहानी आपको सुना रही हूँ।
पहली बात तो यह कि मैं एक पढ़ी लिखी बीवी हूँ. खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और गज़ब की हॉट हूँ।
मुझे चोदने और चुदाने का बहुत ज्यादा ही शौक है।
उससे ज्यादा शौक है लण्ड पकड़ने का!
मैं बिंदास किसी का भी लण्ड पकड़ लेती हूँ।
मुझे न कोई शर्म आती है और न किसी भोसड़ी वाले से डर लगता है।
मैं जब मायके में रहती हूँ तो मायके वालों के लण्ड पकड़ती हूँ और जब ससुराल में रहती हूँ तो ससुराल वालों के लण्ड पकड़ती हूँ।

यह बात जरूर है कि मुझे मोटे और लम्बे लण्ड ज्यादा पसंद हैं पर सच्चाई यह है कि मैं हर तरह के लण्ड से प्यार करती हूँ और हर तरह के लण्ड पकड़ लेती हूँ.
मैं खूबसूरत हूँ तो लोग खुद ही मुझे अपना लण्ड पकड़ा देते हैं।
जो भी मुझे लण्ड पकड़ाते हैं, मैं ख़ुशी ख़ुशी पकड़ लेती हूँ और खूब एन्जॉय करती हूँ।
लण्ड से खेलना मुझे खूब आता है।
मैं पहले आपको एक बड़ा मजेदार किस्सा सुनाती हूँ।
शादी होने के बाद जब मैं ससुराल गयी तो मेरी सुहागरात की जिम्मेदारी मेरी ननद निदा को दे दी गयी थी।
वही सारा इंतज़ाम कर रही थी।
मैं कमरे में दुल्हन बनी बैठी हुई थी।
मेरा शौहर आया, उसने पूरे रस्में निभाई और फिर मुझे बड़े प्यार से चोद कर अपनी सुहागरात मनाई।
मुझे चुदने में मज़ा आया।
वह जब चोद कर गया तो उसके एक घंटे के बाद मेरी ननद आयी और बोली- भाभी जान, लौड़ा मुबारक हो!
मैंने उसका शुक्रिया अदा किया। मैंने मन में सोचा कि साली यह तो Xxx फॅमिली लगती है.
वह बोली- अब बताओ आपको कैसा लगा मेरे भाई जान का लण्ड?
मैंने कहा- यार, लण्ड तो बहुत बढ़िया है तेरे भाई जान का! बड़ा मज़ा आया मुझे!
वह फिर बोली- एक बात और कह रही हूँ भाभी जान, मना मत करना! मेरा शौहर भी तुम्हें चोदने के लिए बड़ा बेताब हो रहा है। वह कहता है कि तेरी भाभी मेरे साले की बीवी है इसलिए उसे चोदना मेरा हक़ है। मैं तो आज तेरी भाभी की चूत जरूर चोदूंगा। तो भाभीजान, अब तुम उससे चुदवा लो प्लीज!
मैंने कहा- अरे ननद रानी, तुम कह रही हो तो चुदवा लूंगी। भेज दो उसे … मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है।
निदा खुद उसे पकड़ कर ले आयी। उसके सारे कपड़े मेरे आगे ही उतार दिये और लण्ड मेरे हाथ में थमा दिया।
वो बोली- भाभीजान, लो अब मेरे मियां का लण्ड संभालो।
मैंने बड़े प्यार से उसका लण्ड पकड़ लिया उसे चूमा और घुमा घुमा कर हिला हिला कर देखने लगी।
लौड़ा तो बहनचोद … बड़ा मस्त था।
फिर मैंने उससे भी दिल खोल कर चुदवाया।
इस तरह मुझे सुहागरात में ही दो दो लण्ड का मज़ा मिला।
उसके बाद मैं सो गयी।
मेरी नींद सवेरे 8 बजे खुली।
मैंने दरवाजा खोला तो सामने मेरा देवर खड़ा था।
वह बिना बताये अंदर घुस आया और अंदर से दरवाजा बंद करके बोला- भाभी, मैं बड़ी देर से दरवाजा खुलने का इंतज़ार कर रहा था।
उसने अपनी लुंगी खोल दी और अपना खड़ा लण्ड मुझे दिखाते हुए बोला- लो भाभी, इसे पकड़ लो प्लीज! यह तेरे हाथ में जाने के लिए बड़ा बेताब हो रहा है।
लण्ड बड़ा मस्त था। उसे देख कर मेरी भी इच्छा हो गयी तो मैंने बढ़ाकर पकड़ लिया।
देवर का लण्ड पकड़ कर मैंने पूछा- रात में किसी बुर चोदी तूने?
वह बोला- पहले तो अपनी बड़ी भाभी की चूत चोदी. फिर अपनी फूफीजान की बेटी की बुर में लौड़ा पेल दिया। उसे भी खूब धकाधक चोदा। एक घंटे के बाद लौड़ा फिर खड़ा हो गया। मैं तुमको अपना लण्ड पकड़ाने के लिए दो घंटे से घूम रहा हूँ भाभी जान! अभी ज्यादा टाइम नहीं है अभी तुम मेरे लण्ड का सड़का ही मार दो भाभी जान! मैं फिर किसी दिन तुम्हें फुर्सत से चोदूंगा।
मैंने अपने शैतान देवर की इच्छा पूरी की और सड़का मार कर झड़ता हुआ लण्ड चाटा।
लण्ड मुझे पसंद आ गया।
यह बात मेरी ननद को भी मालूम हो गयी।
वह बोली- हां भाभी, उसे लड़कियों से सड़का मरवाने का बड़ा शौक है।
मैंने पूछा- जब मुझे तेरा मियां चोद रहा था तो फिर तुझे कौन चोद रहा है निदा?
वह हंस कर बोली- मुझे मेरा ससुर चोद रहा था यार! जानती हो क्यों? क्योंकि मुझे उसका लौड़ा बहुत पसंद है और उसे मेरी चूत। मैं उसके लण्ड की दीवानी हूँ और वह मेरी चूत का। लेकिन इसका मतलब तयह नहीं कि मैं और मर्दों से नहीं चुदवाती। मुझे तो गैर मर्दों चुदवाने की आदत है भाभी जान!
तब उसने अपने कुनबे के बारे में बताया और सबके लण्ड के बारे में बताया।
आखिर में उसने कहा- भाभी जान, एक बाद समझ लो कि तेरे ससुर का लण्ड कुनबे में सबसे बड़ा है और सबसे मोटा है। कुनबे की सारी लड़कियां, बेटियां, बहुयें, बीवियां सब की सब उसके लण्ड की चहेती हैं। सब भोसड़ी वाली उसका लण्ड पकड़ती हैं और चुदवाती हैं। मैं भी उनमे से एक हूँ। मुझे भी अपने अब्बू का लण्ड पसंद है। जब तू पकड़ेगी तो तो तुझे भी बड़ा मज़ा आएगा।
निदा आगे बोली- दूसरे नंबर पर आता है मेरे आसिफ चचा जान का लण्ड। वह भी मादरचोद बड़ा दमदार लण्ड है और मेरी अम्मी जान को उसी का लौड़ा सबसे ज्यादा पसंद है। खूब चुदवाती है मेरी अम्मी मेरे आसिफ चचा से!
मेरी चुदक्कड़ ननद निदा धीरे धीरे सबकी पोल पट्टी खोल रही थी और मैं उसे सुन सुन कर एन्जॉय कर रही थी।
बस ननद ने तो मेरी चूत में आग लगा दी।
एक दिन ऐसा हुआ कि रात में मैं थी और मेरी ननद निदा।
मेरी सास अपने मायके चली गयी थी।
मर्दों में भी कम ही लोग थे।
मेरा मरद भी बाहर गया हुआ था।
मैं सोचने लगी कि आज शायद कोई लौड़ा मुझे नहीं मिल पायेगा।
तो मैं थोड़ी उदास थी।
मुझे बिना लण्ड के दुनिया में कुछ भी नहीं अच्छा लगता। लण्ड मिलता रहे तो मुझे सारी दुनिया बड़ी अच्छी लगती है।
मैं रात को लेटी अपनी करवटें बदलने लगी।
तब मेरा मन हुआ कि मैं देखूं ज़रा की ननद बुरचोदी क्या कर रही है?
मैं सीधे उसके कमरे की तरफ चल पड़ी।
मुझे कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी तो रुक गयी।
आवाज़ ननद की ही थी.
वह कह रही थी- पहले मुझे चोदो, फिर मेरी अम्मी चोदना। आज तो है नहीं … तुम कल ही मेरी अम्मी चोद पावोगे। कल चोदना और मेरे सामने चोदना. मगर ये तो बता कि तूने कभी अपनी अम्मी चोदी है?
वह लड़का बोला- हां यार, चोदी मेरी अम्मी बड़ी चुदक्कड़ है। वह लपक मेरे सभी दोस्तों के लण्ड पकड़ लेती है और उनसे चुदवा लेती है। जब मुझे ये बात मालूम हुई तो मैं भी दोस्तों की अम्मी चोदने लगा।
उनकी बातचीत से मुझे बड़ी देर में मालूम हुआ कि वह पड़ोसन का बेटा था और ननद उसी से चुदवा रही थी।
मैंने उसे डिस्टर्ब नहीं किया और वापस अपने बेड पर आ गयी।
कुछ देर बाद मैं बाथरूम गयी तो देखा कि मेरे ससुर के कमरे की लाइट धीमी जल रही है।
मैं उस कमरे में घुस गयी। वह मुझे देख नहीं पाया।
घुसते ही मैंने देखा कि वह नंगा नंगा लेटे हुए अपना लण्ड सहला रहा है।
मेरी नज़र जब ससुरे के लण्ड पर पड़ी तो मेरे बदन में बड़ी जोर का करंट लगा।
मैं बेशरम तो थी ही … घर में सबकी चुदाई के किस्से सुन रखे थे।
तो मेरी हिम्मत हो गयी और मैंने धीरे से हाथ बढ़ाकर ससुर का लण्ड पकड़ लिया।
मेरे पकड़ते ही वह बोला- अरे बहू साजिया तुम?
मैंने कहा- हां ससुर जी, मैं तेरी बुर चोदी बहू हूँ और तेरा लण्ड पकड़ रही हूँ। जब मैं हूँ तो फिर तुझे अपना लण्ड पकड़ने की क्या जरूरत है? लण्ड पकड़ने के काम हम औरतों का है मर्दों का नहीं। तुमको पकड़ना है तो मेरी मस्तानी चूचियाँ पकड़ो, मेरी थिरकती गांड पकड़ो, मेरी मलाईदार चूत पकड़ो, मेरे मस्ताने चूतड़ पकड़ो। मेरा पूरा नंगा जिस्म पकड़ो।
तब मैंने लण्ड कई बार चूमा और कहा- वाह क्या लौड़ा है बहनचोद तेरा ससुर जी! मज़ा आ गया। इतना मस्त और जबरदस्त लौड़ा मैंने आज तक किसी और का नहीं देखा. मेरे दिल में बैठ गया है तेरा ये भोसड़ी का लण्ड ससुर जी। मैंने तो अपना दिल दे दिया है इस मादरचोद को!
वह बोला- दिल तुमने मेरे लण्ड को दिया है, अब तुम अपनी बुर मुझे दे दो।
ऐसा कह कर उसने मुझे अपने नंगे बदन से चिपका लिया।
मैं भी नंगी थी और वह भी नंगा।
अब न मुझे शर्म थी और न उसे!
मैं उसका लौड़ा चाटने लगी और वह मेरी चूत।
मुझे महसूस हुआ कि उसे बुर चाटने का बड़ा अच्छा तज़ुर्बा है।
मैंने कहा- वाह ससुर जी … ससुर जी वाह! तुम तो बहुत अच्छी तरह से बुर चाटते हो. लगता है कि कुनबे में सबकी बुर तुम ही चाटते हो?
वह बोला- हां चाटता तो हूँ पर सबसे ज्यादा मैं अपनी बेटी की सहेलियों की बुर चाटता हूँ। वो सब मेरा लण्ड इसी तरह चाटती हैं जैसे तुम चाट रही हो.
मैंने कहा- हायल्ला तुम भोसड़ी के … बहुत बड़े हरामी हो? तेरा लण्ड भी साला हरामी है।
मैं गन्दी गन्दी बातें करके उसके लण्ड में जोश भर रही थी।
सिसिया मैं भी रही थी और सिसिया वह भी रहा था।
कुछ देर बाद मैंने कहा- हाय मेरे ससुर राजा, अब पेल दो अपना लौड़ा मेरी चूत में .. अब रुका नहीं जा रहा है। मैं बहुत चुदासी हो गयी हूँ।
उसने मेरी चुत के छेद में लण्ड टिकाया और घुसा दिया एकदम से पूरा लण्ड!
मेरे मुँह से चीख निकल पड़ी- उई अम्मी … मर गयी मैं! फट गयी मेरी बुर! इस मादरचोद ने पेल दिया मोटा लण्ड एक ही बार में!
ससुरा बोला- तेरी बहन का भोसड़ा … तेरी अम्मी सडक पे चदे भोसड़ी की!
मैं- अच्छा ठीक है … अब चोद ना मेरी बुर गांड से जोर लगा लगा के!
और मैं अपने ही ससुर से चुदने लगी।
खिड़की दरवाजे सब खुले हुए थे।
मैंने कहा- साले कुत्ते हरामी … तुझे अपनी बहू की बुर चोदने में कोई शर्म नहीं आ रही है?
वह बोला- तू बुर चोदी … पराये मरद की औलाद … जब तुझे अपने ससुर का लण्ड पकड़ने में कोई शर्म नहीं आयी। मेरा लण्ड पीने में कोई शर्म नहीं आयी, चुदवाने में कोई शर्म आ रही है तो मुझे क्यों आये? अब तो मैं तुझे जम कर चोदूँगा। फाड़ डालूँगा तेरी चूत और तेरी अम्मी का भोसड़ा!
मैंने कहा- अच्छा तो तुम यहीं से लण्ड मेरी अम्मी के भोसड़ा में घुसा दोगे? जिन्न हो क्या हरामजादे?
उसने चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी, धकाधक चोदने लगा। पूरा लौड़ा निकालता फिर घुसा देता।
मुझे भी मज़ा आने लगा। मुझे तो लण्ड चाहिए … वो लण्ड चाहे जिसका हो?
मैंने पूछा- जब तुम अपने बेटी की सहेलियां चोदते हो तो बेटी भी चोदते होंगे?
वह बोला- चोदता हूँ। इसमें क्या हर्ज़ है? बेटियां और उनकी सहेलियां जब हाथ बढ़ाकर खुद ही मेरा लण्ड पकड़ लेंगी तो चोदूंगा क्यों नहीं? मैं मर्द हूँ कोई हिज़ड़ा नहीं हूँ। मेरी बेटी शादीशुदा है। उसका मियां मेरी चोदता है तो मैं उसकी बीवी चोदता हूँ. जानती हो मेरी बेटी की सहेलियां सब एक दूसरे के अब्बू से चुदवाती हैं। बड़ा मज़ा करतीं हैं ये बुर चोदी बेटियां!
ससुर के 9″ के लण्ड से चुदवाने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।
मैं बस खलास होने वाली ही थी।
तब तक वह भी खलास होने वाला था।
पहले मैं हुई … फिर वह हुआ.
और तब मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा और खूब एन्जॉय किया।
दूसरे दिन जब मैं अपने जेठ से चुदवा रही थी तो मेरी ननद अपने चचाजान का लौड़ा पकड़े पकड़े पकड़े मेरे कमरे में आ गयी।
वह भोसड़ी की नंगी थी।
मुझे लण्ड दिखाती हुई बोली- लो भाभी जान, अब मेरे चचा जान के लण्ड का मज़ा लो. ये भी तेरी बुर फाड़ेगा. और मेरे भाईजान का लौड़ा मुझे पकड़ा दो।
वह अपने भाईजान का लौड़ा चूसने लगी और मैं उसके चचा जान का लौड़ा।
फिर हम दोनों ने एक दूसरे के सामने एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर खूब मस्ती से चुदवाया।
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