शत्रुता का पहला दौर- 1

शत्रुता का पहला दौर- 1


Xxx कॉलेज स्टोरी में भाई-बहन की दो जोड़ियाँ हैं, चारों आपस में दोस्त हैं. लेकिन कॉलेज में प्रेसिडेंट, वाईस प्रेसिडेंट के चुनाव में दोनों लड़के प्रतिद्वंद्वी हो गए.
नमस्कार दोस्तो, कैसे हैं आप सब?
मैं हूं आपका पुराना यार राजवीर!
अंतर्वासना पर मेरे द्वारा रचित याराना शृंखला से हम सब यार बने थे।
मैं अब आपके समक्ष एक नई Xxx कॉलेज स्टोरी प्रस्तुत करने जा रहा हूं।
जिन पाठकों ने मेरी पहली कहानी शृंखला याराना नहीं पढ़ी है वह कृपया पहले याराना पढ़ें। उससे आपको यह अहसास हो जाएगा कि मेरी कहानियां किस प्रकार के विषय पर आधारित होती हैं।
इस कहानी की पृष्ठभूमि संत जोसेफ कॉलेज (बदला हुआ नाम) की है जो एक विशेष प्रकार की डिग्री करवाता है।
यह डिग्री क्या है यह जानना कहानी के लिए आवश्यक नहीं है।
यहां पर हमारी कहानी के नायक और नायिका कृति, ऋतु, रेशम और काव्य हैं, इसी कॉलेज में पढ़ते हैं।
ऋतु व रेशम भाई-बहन हैं। ऋतु की उम्र 22 वर्ष तथा रेशम की उम्र 20 वर्ष है। इस तरह रेशम अपनी बहन से 2 साल छोटा है।
उसी प्रकार काव्य और कृति भाई-बहन हैं। काव्य की उम्र 23 साल तथा काव्य की बहन कृति की उम्र 21 साल है।

कहानी में पात्रों की छवि की कल्पना करने के लिए मैं आपको फिल्मों के कलाकारों का उदाहरण दे देता हूं ताकि आप इन पात्रों की छवि की कल्पना कर सकें।
कहानी के पात्रों की कद काठी स्टूडेंट ऑफ द ईयर फिल्म के पात्रों
रेशम- टाइगर
ऋतु- तारा
काव्य- आदित्य
कृति- अनन्या
के जैसी ही है। ऐसा आप मान सकते हैं ताकि कहानी से जुड़ाव हो सके।
कॉलेज की 4 साल की इस डिग्री में काव्य और ऋतु फाइनल वर्ष के छात्र-छात्रा हैं। रेशम तथा कृति तृतीय वर्ष के छात्र-छात्रा हैं।
संत जोसेफ कॉलेज में हर साल की परंपरा थी कि यहां पर कॉलेज के प्रेसिडेंट के लिए चुनाव होते थे।
जिसमें कॉलेज के तृतीय वर्ष तथा फाइनल वर्ष के छात्र छात्रा भाग ले सकते थे।
प्रेसिडेंट का चुनाव जीतने वाला व्यक्ति एक महिला वाइस प्रेसिडेंट को चुनता था जो कि छात्राओं के लिए सबसे बड़े पद पर होती थी।
कॉलेज का प्रेसिडेंट होना अपने आप में एक अलग ही रुतबा देता था।
यह प्रेसिडेंट के ऊपर निर्भर करता था कि वह कौन से सब्जेक्ट की क्लास लगाना चाहता है और कॉलेज में छात्रों से सुझाव करके कौन से खेल और कार्यक्रम का आयोजन करवाये इत्यादि।
एक तरह से प्रेसिडेंट सब छात्रों का बॉस और वाइस प्रेसिडेंट सब छात्राओं की बॉस हुआ करती थी।
अतः यह रुतबा और दबदबा हर कोई पाना चाहता था।
पिछले वर्ष जिस सीनियर छात्र का दबदबा था और वह प्रेसिडेंट था, वह अब कॉलेज से पास आउट होकर विदा होने वाला था।
अतः उसके जाने के बाद कॉलेज के सबसे प्रचलित लड़के काव्य तथा रेशम ही थे।
दोनों प्रेसिडेंट पद के लिए चुनाव में खड़े हुए थे तथा दोनों प्रेसिडेंट के पद के लिए प्रबल दावेदार थे।
यह तो वह बात थी जो कि कॉलेज में सबको पता थी किंतु आगे अब इनके निजी जीवन के बारे में जानते हैं।
कहानी चार लोगों के जीवन के इर्द-गिर्द तथा उनके जीवन में घटी घटनाओं के बारे में है- कृति, ऋतु, रेशम, काव्य।
ऋतु, रेशम, काव्य तथा कृति किसी दूसरे शहर के रहने वाले थे और पढ़ाई के लिए इस शहर में रहने के लिए आये थे। अतः दोनों भाइयों और बहनों की जोड़ी अलग-अलग फ्लैटों में रहती थी।
महत्वपूर्ण बात यह है कि काव्य तथा रेशम की बहन ऋतु एक दूसरे के मंगेतर थे।
दोनों की सगाई उनके माता-पिता की मर्जी से हुई थी।
शुरुआत में तो सब कुछ ठीक-ठाक था किंतु जब काव्य और रेशम एक ही कॉलेज में पढ़ने लगे तो उनका काफी चीजों में विवाद होने लगा.
रेशम अब अपने जीजा के रूप में काव्य को पसंद नहीं करता था।
प्रेसिडेंट के पद में दावेदारी होने से उन दोनों के बीच में एक दूसरे के प्रति ईर्ष्या आने लगी।
रेशम का व्यवहार इस तरह का था कि वह तो फिर भी अपने होने वाले जीजाजी यानि काव्य की लोगों में बेइज्जती नहीं करता था।
मगर इसके उलट काव्य को अपनी मर्यादा का बिल्कुल ध्यान नहीं रहता था। वह रेशम को कॉलेज के लड़कों के सामने ‘साला’ और ‘तेरी बहन को चोदूं’ इस तरह के शब्द इस्तेमाल करके उसे शर्मिंदा करता था।
कॉलेज में काव्य और ऋतु एक साथ घूमते थे तो लोग उन दोनों के बारे में तरह-तरह की बातें करते थे।
रेशम को यह सब पसंद नहीं था। हालांकि दोनों एक दूसरे के मंगेतर थे किंतु फिर भी काव्य और ऋतु ने कॉलेज से यह सब छुपाने की डील की हुई थी।
उन्होंने यह क्यों किया था इसका पता आपको कहानी में बाद में चलेगा।
अब कहानी को आप कहानी के पात्रों के मुंह की जुबानी सुनिये.
रेशम-ऋतु के घर में:
रेशम- यार ऋतु तुम कॉलेज में काव्य के साथ घूमना बंद कर दो। लोग न जाने कैसी-कैसी बातें बनाते हैं।
ऋतु- तुम काव्य से इतना परेशान क्यों रहते हो रेशम? मुझे लोगों की परवाह नहीं है. सभी लोगों को पता नहीं है कि हम मंगेतर है लेकिन जब हमारी शादी हो जाएगी तो सब लोगों के मुंह बंद हो जाएंगे।
रेशम- यार शादी पता नहीं कब होगी। तब तक क्या मैं अपनी बहन के लिए लोगों की बकवास सुनता रहूँ?
ऋतु- क्या बकवास है यार?
रेशम- एक तो काव्य को बोलने की तमीज नहीं है, मुझे सब लोगों के सामने साला … साला … कहता है. दूसरा फिर बहन की गालियां भी देता है। दुनिया को थोड़ी न पता है कि मैं उसका साला असल में हूं! और अगर मैं बोल भी दूं कि हां मैं उसका साला हूं तो लोग मुझ पर ही हंसेंगे।
ऋतु- यू हैव टू बी मैन। (मर्द बनना सीखो) अब तुम बच्चे नहीं रहे। लोगों की बकवास को कैसे संभालना है, क्या मैं एक लड़की होकर तुम्हें बताऊं?
रेशम- अच्छा अब तुम्हें मेरा एक काम करना है। इस साल के प्रेसिडेंट चुनाव के लिए अपनी अपनी सहेलियों तथा उनकी सहेलियों यानि सारी लड़कियों के वोट मुझे मिलने चाहिएं और एक बहन होने के नाते तुम इतना तो करोगी ना? जब मैं प्रेसिडेंट बन जाऊंगा तो तुम्हें लड़कियों की हेड वाइस प्रेसिडेंट बना दूंगा, हम दोनों कॉलेज पर राज करेंगे. काफी मजा आएगा।
ऋतु- पहली बात तो मुझे वाइस प्रेसिडेंट या प्रेसिडेंट या कुछ भी बनने में कोई रुचि नहीं है. मुझे इन सब चीजों से कोई मतलब नहीं है रेशम। और तुम्हारी बहन हूं तो क्या हुआ … काव्य मेरा मंगेतर भी तो है, तो इस हिसाब से मुझे तो काव्य के लिए भी तो वोट मांगने चाहिएं?
रेशम- काव्य के लिए वोट मांगने के लिए उसकी बहन है ना … और वैसे भी, अगर काव्य प्रेसिडेंट बना तो अपनी बहन को ही वाइस प्रेसिडेंट बनायेगा। मैं जीता तो तुम वाइस प्रेसिडेंट पक्की।
ऋतु- मेरे प्यारे भाई, मैं तो मजाक कर रही थी। मेरे सारे वोट तुम्हें ही मिलेंगे। हां मगर, मुझे वाइस प्रेसिडेंट बनने में कोई रुचि नहीं है। कल काव्य का जन्मदिन है और मुझे उसका जन्मदिन यहां सेलिब्रेट करना है, मुझे तैयारी करने दो।
रेशम- काव्य का जन्मदिन सेलिब्रेट करने की क्या जरूरत है?
ऋतु- मेरे प्यारे भाई … वह मेरा होने वाला पति है. अभी मैं उसे खुश रखूंगी तभी तो मेरा आगे का जीवन अच्छा होगा।
रेशम- ओके, ठीक है।
ऋतु अब काव्य के जन्मदिन की तैयारी में लग गयी।
पूरे घर की दीवारें रंग बरंगी लाइटों से सज गयीं। तरह-तरह के रंग बिरंगे लैंप ऊपर की दीवार से नीचे की तरफ लटके हुए थे। जगह-जगह स्टूल पर फूल और मोमबत्तियां रखी हुई थीं जो कि एक अलग ही प्रकार की खुशबू कमरे में बिखेर रही थी।
एक कमरा था जो पूरा फूलों से लदा हुआ था। उसके बीचोंबीच एक स्टूल पर लाल रंग का रेड वेलवेट केक रखा हुआ था जिस पर ‘हैप्पी बर्थडे माय लव काव्य’ लिखा हुआ था।
जन्मदिन की पार्टी में केवल काव्य तथा उसकी बहन कृति को ही आमंत्रित किया गया था।
अतः कृति तथा काव्य आ गये।
कृति और काव्य दोनों काले रंग के पार्टी वियर कपड़े पहनकर काफी सुंदर लग रहे थे।
ऋतु ने दोनों का स्वागत किया।
पीछे रेशम भी उनके स्वागत के लिए खड़ा था।
ऋतु ने काव्य को गले लगाकर कहा- ओ माय लव … वेलकम!
उसके बाद एक अलग ही अंदाज में कृति और ऋतु गले मिलीं और वेलकम किया।
फिर रेशम ने भी काव्य का अभिवादन करते हुए कहा- हैप्पी बर्थडे!
काव्य जवाब में मुस्करा दिया।
उसके बाद रेशम ने काव्य की बहन कृति को भी वेलकम कहा। उसने भी मुस्करा कर रेशम का अभिवादन किया।
कुछ देर बातें करने के बाद काव्य ने केक काटा।
बाकी तीनों जोश के साथ ‘हैप्पी बडे टू यू’ गीत गा रहे थे।
काव्य ने केक काटकर ऋतु को खिलाया। ऋतु काव्य को केक खिलाने लगी किंतु काव्य ने ‘अभी नहीं’ कहकर मना कर दिया।
उसके बाद काव्य ने अपनी बहन कृति तथा रेशम को केक खिलाया।
उसके बाद चारों ने थोड़ी-थोड़ी वाइन ली और सोफे पर बैठकर बतियाने लगे।
रेशम- काव्य तुमने केक क्यों नहीं खाया? ऋतु ने तुम्हारे लिए इतने प्यार से मंगवाया था।
काव्य- क्या बताऊं रेशम, मुझे केक ऋतु के गालों पर लगाकर उसके गालों से खाना था, इसलिए मैंने मना कर दिया।
काव्य के मुंह से ऋतु के बारे में रेशम को ये बात अच्छी नहीं लगी और वह चुप हो गया।
उसने कोई जवाब नहीं दिया।
काव्य- अरे यार रेशम, तुम तो बुरा मान गए। क्या ऋतु मुझे मेरे जन्मदिन पर मेरी मर्जी के अनुसार केक नहीं खिला सकती?
ऋतु- बर्थडे बॉय की ख्वाहिश है तो पूरी जरूर करनी होगी। मगर यहां नहीं। हम कमरे में चलते हैं। वहां जैसे चाहे वैसे केक खाना।
रेशम- यार आप लोगों की अभी तक शादी नहीं हुई है, कम से कम थोड़ी तो सीमा रखो?
काव्य- चुप हो जा साले! क्यों बताता है कि तू मेरा साला है और अपनी बहन की रक्षा के लिए यहां पर है?
रेशम- मादरचोद काव्य, तू अब औकात से ज्यादा बढ़ रहा है।
इतना कहकर रेशम ने काव्य का गिरेबान पकड़ लिया।
ऋतु और कृति ने बीच में आकर दोनों को अलग किया।
ऋतु- रेशम … यार तुम हद करते हो! तुम्हें पता है तुम किसे गाली दे रहे हो? वह होने वाले पति हैं मेरे! तुम दोनों प्यार से क्यों नहीं रह सकते हो? होने वाले पति के साथ बर्थडे मना रही हूं, किसी बॉयफ्रेंड के साथ नहीं!
काव्य- और आज तो मैं तेरी बहन चोदकर अपना बर्थडे मनाऊंगा। जा … जो उखाड़ना है उखाड़ ले।
रेशम फिर से काव्य की ओर बढ़ा लेकिन कृति ने उसका हाथ पकड़ लिया।
काव्य अब ऋतु को लेकर दूसरे कमरे में चला गया। उसने अंदर जाकर दरवाजे को लॉक कर लिया।
कमरे के बाहर केवल कृति और रेशम रह गये।
कृति रेशम से- यार तुम लोग इतना झगड़ा क्यों करते हो?
रेशम- क्योंकि तुमने अपने भाई को तमीज नहीं सिखायी।
कृति- पूरा कॉलेज काव्य को पसंद करता है मगर बदतमीजी केवल तुमसे करता है। तुम उसका जवाब इस तरह से क्यों देते हो? अगर तुम उसके साथ प्यार से रहोगे तो वह भी तुम्हारे साथ प्यार से रहेगा।
रेशम- हम दोनों प्रेसिडेंट के प्रतिद्वंद्वी हैं। हम लोग प्यार से कैसे रह सकते हैं। एक बार मैं प्रेसिडेंट बन जाऊं बस … फिर तो काव्य को उसकी औकात याद न दिलायी तो मेरा नाम रेशम नहीं।
कृति- हा हा … मजाक कर रहे हो। तुम काव्य को हराकर प्रेसिडेंट बन पाओगे? मुझे तो नहीं लगता।
रेशम- क्यों? जितनी फॉलोइंग काव्य की है उतनी ही मेरी भी तो है। मैं काव्य से जूनियर हूं तो जूनियर छात्रों का लगाव मुझसे ज्यादा है। उन्हें लगता है कि मैं उनकी समस्याओं का समाधान अच्छी तरह से कर पाऊंगा।
कृति- ठीक है, मान लिया छात्रों का वोट तुम्हें जायेगा लेकिन सभी छात्राओं के वोट तो काव्य को ही जाने वाले हैं।
रेशम- ऐसा क्यों?
वो बोली- क्योंकि लड़कियों से वोट मांगने वाली मैं और तुम्हारी बहन ही हैं। हम दोनों ही काव्य के लिए वोट मांग रही हैं। तो अगर सब लड़कियों के वोट काव्य को चले गए तो तुम जीतोगे कैसे? क्योंकि काव्य की लड़कों में दोस्ती भी तो कम नहीं है।
रेशम- लेकिन तुम्हें किसने कहा कि मेरी बहन ऋतु काव्य के लिए वोट मांग रही है? वह तो मेरे लिए वोट मांग रही है, क्योंकि मैं उसे वाइस प्रेसिडेंट बनाऊंगा और वह मेरी बहन भी है।
कृति- हा हा हा … क्या बात करते हो रेशम। पहली बात तो यह मत भूलो कि अभी तुम्हारी बहन ऋतु, जो मेरे भाई से चुदवा रही है और चुदवाने के लिए जिस तरह से मेरे भाई से आह काव्य … आह काव्य … कर रही है उसी तरह ही उसके लिए वोट भी मांगेगी। और दूसरी बात यह है कि ऋतु को वाइस प्रेसिडेंट बनने में कोई रुचि नहीं है. यह बात उसने मुझसे खुद बोली है।
रेशम का यह बात सुनकर दिमाग खराब हो गया।
कुछ सोचकर रेशम बोला- अच्छा, चलो ठीक है, ऋतु काव्य के लिए वोट मांग रही है और तुम भी काव्य के लिए ही वोट मांग रही हो। मगर एक बात तो तय है कि काव्य के जीतने पर वाइस प्रेसिडेंट तो ऋतु ही बनेगी, तुम नहीं।
कृति- ऐसा क्यों?
रेशम- क्योंकि वह अभी काव्य से चुदवा रही है। तुम्हें पता है काव्य ने केक काटकर पहले तुम्हें नहीं ऋतु को खिलाया था। इसी तरह वाइस प्रेसिडेंट पद पर भी काव्य ऋतु को ही चुनेगा, यह मेरी गारंटी है।
कृति- ऐसा नहीं हो सकता। तुम्हारी बहन मेरे भाई से चुद रही है तो तुम्हारा दिमाग ठिकाने पर नहीं है और तुम बकवास कर रहे हो।
रेशम- मैं शर्त लगा रहा हूं, अगर काव्य जीता तो वॉइस प्रेजिडेंट ऋतु ही बनेगी।
फिर भी अगर तुझे इतना विश्वास है अपने भाई पर … तो शर्त लगा ले कि अगर तू हार गई तो मेरा लंड अपनी चूत में लेगी।
कृति- बहनचोद! अपनी औकात में रह! अगर मैंने अपने भाई से बोला तो तेरी गांड मार लेगा वो!
इतना कहकर कृति ने रेशम को आंख दिखाई और उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया।
वह वहां से गुस्से में अपने घर के लिए निकल गयी।
शायद रेशम की बातें कृति के मन में घर कर गयी थीं।
उसको शायद अब काव्य के फैसले पर शंका होने लगी थी। उसे डर था कि कहीं गर्लफ्रेंड के प्यार में पड़कर वो अपनी बहन को भूल जाये और अपनी प्रेमिका को ही वॉइस प्रेसिडेंट बना दे।
दोस्तो, आप सबसे निवेदन है कि अपनी प्रतिक्रियाएं मुझ तक पहुंचाते रहें। Xxx कॉलेज स्टोरी के अगले भाग में जल्द ही आपसे मुलाकात होगी। तब तक आप अपना ध्यान रखिये और सावधानीपूर्वक चुदायी का मजा लेते रहिये।
मेरा ईमेल आईडी है
[email protected] Xxx कॉलेज स्टोरी का अगला भाग: शत्रुता का पहला दौर- 2

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