मैंने गांड मारी अपनी बुआ की होटल के कमरे में! हम दोनों शादी में जा रहे थे कि आखिरी बस मिस हो गयी तो होटल में रुकना पड़ा. बुआ को पहले भी चोद चुका था.
मैं राज शर्मा अपनी बुआ की चुदाई की एक सच्ची गांड मारी कहानी लेकर आया हूं.
जैसा कि आप जानते हैं मैं अपनी विधवा बुआ को पहले भी बहुत बार चोद चुका हूं.
आप ये भी बोल सकते हैं कि मेरी बुआ अब मेरी रखैल बन चुकी हैं.
मेरा लंड चुदाई में काफी देर तक चलता है इसलिए बुआ को मेरे साथ चुदाई में काफी मजा आता है.
साथ ही मैं एक बार में मानता नहीं हूँ.
मैंने जब भी चुदाई की है, तब भी चुदने वाली को कम से कम चार बार से कम नहीं चोदा होगा.
इस वजह से बुआ मेरे लंड से बड़ी खुश रहती हैं.
दोस्तो, मैं गुड़गांव में रहता हूँ और मेरी विधवा बबली बुआ मानेसर में रहती हैं.
जब से पापा ने मुझे उनकी मदद का बोला, तब से मैं उनको बराबर चोद रहा हूं और अब बुआ भी मेरे साथ इस रिश्ते में बहुत खुश हैं.
एक बार मेरी छोटी बुआ, जिनकी शादी जयपुर के पास एक गांव में हुई थी, उनकी ससुराल में उनकी ननद की शादी का निमंत्रण आया था.
चचेरी बहन होने के नाते छोटी बुआ ने बबली बुआ को भी शादी में बुलाया था.
गुड़गांव से सीधी बस होने के कारण पिता जी ने मुझे ही जाने को बोल दिया और कहा कि बबली को भी ले जाना. वो चार रिश्तेदारों से मिलेगी तो उसे भी अच्छा लगेगा.
मैंने कहा- ठीक है.
फिर मैं अपने काम में लग गया.
शाम को फ्री होकर मैंने बुआ को फोन किया तो बुआ बोलीं- हां, छोटी का फोन आया था.
मैं बोला- ठीक है, फिर मैं बस की टिकट बुक कर लूंगा.
बच्चों की ऑनलाईन पढ़ाई के कारण उनको जाने में दिक्कत थी.
बुआ बोलीं- राज तू चला जा, मैं अभी नहीं जा पाऊंगी.
मैंने छोटी बुआ को फोन पर बता दिया तो उन्होंने बबली बुआ को लाइन में लेने को कहा.
छोटी बुआ बोलने लगीं- मैं कुछ नहीं सुनूंगी जीजी, आपको आना ही होगा. मेरे मायके से कोई नहीं आएगा, तो सब मुझे ताने मारेंगे.
फिर छोटी बुआ मुझसे बोलने लगीं- राज, जीजी को लाना तेरी जिम्मेदारी है.
ये कह कर उन्होंने फोन काट दिया.
मैंने बबली बुआ से कहा- एक रास्ता है … अगर आप अपनी सहेली रश्मि भाभी से बात करो तो काम बन सकता है. वो पहले भी तो बच्चों को सम्भाल चुकी हैं. आप उनसे बात करो और बोलो कि दो दिन की बात है, वो पक्का मान जाएंगी.
दूसरे दिन वही हुआ, जिसकी मुझे उम्मीद थी.
बबली बुआ का फोन आया कि राज मेरी सहेली रश्मि मान गई है.
मैंने कहा- ठीक है, हमें 3 दिन बाद निकलना है. आप तैयारी रखना.
तीसरे दिन हम दोनों दिन की बस से जयपुर के लिए निकल गए.
रात को दस बजे हम जयपुर बस स्टैंड पर पहुंच गए.
फिर हमने उस गांव के लिए बस का पता किया तो पता चला कि बस सुबह सात बजे मिलेगी.
अब हम दोनों ने पास में एक होटल में रूम बुक किया और होटल के वेटर को खाना लाने का बोल दिया.
मैंने बुआ से पूछा- कुछ ड्रिंक करोगी?
बुआ ने हामी भर दी.
मैं और बुआ पहले भी दारू लेते रहे हैं.
मैंने एक हाफ भी मंगवा लिया.
दिन भर के सफर से थककर दोनों फ्रेश हुए, जब तक खाना आ गया.
हम दोनों ने हाफ खाली किया और खाना खा लिया.
मैंने एक सिगरेट सुलगाई और और बिस्तर पर आ गया.
तभी छोटी बुआ का फोन आ गया- राज कहां हो?
मैंने झूठ कह दिया- बुआ बस में बैठ गया हूँ, सुबह 6 बजे जयपुर पहुंच जाऊंगा.
बुआ बोलीं- जीजी भी आ रही हैं न!
मैंने कहा- हां वो भी साथ में हैं.
फोन कट गया.
अब हम दोनों आराम कर रहे थे.
बबली बुआ सिगरेट फूँकती हुई बोलीं- राज, जब मैं तेरे साथ होती हूं, तो ऐसा लगता है कि जमाने की सारी खुशियां मेरे पास हैं.
मैंने भी बुआ को अपनी तरफ खींचते हुए कहा- हां मेरी बबली रानी, तुमने भी मेरी जिन्दगी में खुशियां भर दी हैं.
हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.
धीरे धीरे हम दोनों ने अपने अपने कपड़े उतार दिए और नंगे हो गए.
दूधिया रोशनी में बुआ का गदराया बदन ऐसा लग रहा था जैसे कोई पोर्न मूवी की हीरोइन मेरे सामने बैठी हो.
मैं बुआ की दोनों चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा.
वो भी नशे में थी और धीरे धीरे गर्म होने लगी थीं. वो आह आअह करके सिसकारी भरने लगी थीं.
मैंने बुआ को चित लिटा दिया और धीरे धीरे उनके शरीर को चूमने लगा.
बुआ की आंखें बंद थीं और वो अपने होंठों को भींचती हुई ‘आह हहआ हह आहआ …’ कर रही थीं.
कुछ देर बाद मैंने बबली बुआ की चूत को चाटना शुरू कर दिया.
वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगीं.
मैंने जीभ चूत में घुसा दी और अन्दर बाहर करने लगा.
अब बुआ की हालत बिगड़ने लगी. वो वासना से तड़पने लगीं.
मैंने बुआ से 69 में होने को कहा.
वो हो गईं.
अब बुआ के मुँह में मेरा लंड जा चुका था और वो माहिर रांड की तरह लंड को जबरदस्त चूसने लगीं.
इधर मैं अपनी जीभ से बुआ की चूत चोद रहा था.
बुआ को चूत चटवाने में मजा आ रहा था, वो उसी जोश में मेरे लंड पर दांत से दबा देतीं.
कुछ देर बाद बुआ बोलने लगीं- राज अब चोद मुझे … और न तड़पा.
जयपुर आते समय मैं जल्दी जल्दी में कंडोम लाना भूल गया था.
मैंने बुआ से पूछा- आप लाई हो क्या?
वो बोली- नहीं यार, कंडोम का पैकेट तो मैं घर में ही छोड़ आई.
थोड़ी देर सोचने के बाद बुआ बोलीं- मेरी जान, आज अपनी बबली को बिना कंडोम के चोद दे.
मैंने बुआ की दोनों टांगों को फैला दिया और ऊपर आकर लेट गया.
मैं लंड को चूत में रगड़ने लगा. चूत के पानी से लंड चिकना हो गया.
बुआ की कामुक सिसकारियां बढ़ने लगी थीं.
मैंने एक जोर का धक्का लगाया, तो पूरा लंड दनदनाता हुआ अन्दर चला गया.
बुआ की आह निकली तो मैं उनके होंठों को चूसने लगा.
अब बुआ की कमर चलाने लगी तो मैंने अपने झटकों की रफ्तार तेज कर दी.
लंड अन्दर बाहर अन्दर बाहर तेजी से होने लगा मैं बुआ की चूत को धकापेल चोदने लगा.
बुआ ‘आहह आहह ओह राज चोद दे मुझे …’ चिल्लाने लगीं और मैं झटके पर झटके लगाने लगा.
आज दूसरी बार में बुआ को होटल में चोद रहा था. बाकी दिन तो मैं उन्हें अपने कमरे में या बुआ के घर में ही चोदता था.
कुछ देर बाद मैंने बुआ को उठाकर बेड के किनारे पर लिया और खुद पलंग के नीचे खड़े होकर चोदने लगा.
अब मेरा लंड फनफनाता हुआ चूत में अन्दर बुआ की बच्चेदानी तक जाने लगा था.
‘आहह … ओहह … मर गई आहह … कितना मस्त चोदता है आंह …’
बुआ मादक आवाजें करके चुदाई का भरपूर मजा लेने लगीं.
थोड़ी देर में बुआ का शरीर कसने लगा.
मैंने अपनी रफ़्तार और तेज कर दी.
मेरे हर झटके से बुआ की सिसकारियां तेज होने लगीं.
जैसे ही मैंने जोर का धक्का लगाया, बुआ की चूत ने पानी छोड़ दिया.
अब लंड गीला हो गया था और जल्दी जल्दी चूत में फिसलने लगा था.
मैंने लंड निकाला और बुआ के मुँह में डाल दिया. वो गपागप गपागप चूसने लगीं.
थोड़ी देर बाद बुआ को बिस्तर में घोड़ी बना दिया और पीछे से लौड़ा पेल कर उन्हें चोदने लगा.
मैं इस वक्त अपनी बबली बुआ को जमकर चोदने में लगा था.
कमरे में थप थप थप थप थप की आवाज़ गूंजने लगी थी.
मैं आगे हाथ ले जाकर बबली बुआ की दोनों चूचियों को मसलने लगा.
बुआ भी अपनी गांड को आगे पीछे करके मस्ती से लंड ले रही थीं.
हम दोनों एसी रूम में भी पसीने से लथपथ हो गए थे.
कुछ देर बाद मैंने बुआ को लिटा दिया और उनके ऊपर आकर चोदने लगा.
मेरा लंड भी अपनी पूरी रफ्तार पकड़ चुका था.
बुआ ‘और तेज और तेज चोद राजा … आह फाड़ दे मेरी चूत को आंह …’ कहती हुई चिल्ला रही थीं.
मैं दबादब उन्हें चोदता जा रहा था. साथ ही उन्हें चूम रहा था, उनकी चूचियों को चूस रहा था.
बुआ की चूत ने फिर से रस छोड़ दिया.
अब फिर से फच्च फच्च की आवाज आने लगी.
मेरा लंड बुआ की चूत की पटरी पर एक्सप्रेस ट्रेन की तरह दौड़ रहा था.
तभी मेरी चीख के साथ लंड ने ज्वालामुखी छोड़ दिया और वीर्य से बुआ की चूत भर गई.
झड़ कर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे.
उस वक्त रात के साढ़े बारह बज चुके थे.
थोड़ी देर बाद हम दोनों बाथरूम गए और फ्रेश होकर वापस बिस्तर पर आ गए.
मैंने हाफ में बची हुई दारू देखी और सीधे मुँह से ही बोतल लगा कर दो बड़े घूंट खींच लिए.
दूसरे घूँट की दारू को मैंने बुआ के मुँह से मुँह लगा कर उन्हें पिला दी.
बुआ व्हिस्की की कड़वाहट को खत्म करने के लिए मुँह से मुँह लगाकर चूसने लगीं.
फिर कुछ देर बाद बुआ बोलीं- राज, कल शादी में तो शायद ही हमें मौका मिलेगा.
मैंने कहा- हां और वहां हमें बुआ भतीजा बनकर ही रहना होगा. गांव का माहौल रहेगा और छोटी बुआ की ससुराल भी है.
बुआ मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगीं और बोलीं- हां, वहां हमें अलग अलग सोना पड़ेगा.
मैं समझ गया कि बुआ की चूत फिर से लंड लंड कर रही है.
ये सोच कर मेरा लंड तुनकी मारने लगा.
बुआ मेरे जागते लंड को पकड़ कर चूसने लगीं.
मैंने कहा- आप चिंता मत करो, आज रात में आपको जमकर चोदूंगा.
बुआ हंसने लगीं और बोलीं- तुझे मना किसने किया है. ये बबली तो तेरी रांड है, तू जब चाहे जैसे चाहे चोद सकता है. वैसे भी तेरे लंड की आग एक बार में तो बुझती नहीं है.
ये कह कर बुआ घुटनों पर बैठ गईं और मुझे खड़ा करके मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.
उधर मैं उनकी दोनों चूचियों को मसलने लगा और चूमने चूसने लगा.
कुछ देर बाद बुआ बिस्तर पर चित्त लेट गईं.
मैंने बुआ के बैग से क्रीम निकाली और उनकी गांड में लगाने लगा.
बुआ बोलीं- नहीं, राज शादी में जाना है … उधर गांड चौड़ी करके चलूंगी तो भद्दा लगेगा. आज गांड में नहीं पेलो.
मैंने नशे में बुआ के गाल में दो थप्पड़ जमा दिए और बोला- मेरा जो मन होगा करूंगा. तू बस लंड का मजा ले रांड.
बबली बुआ समझ चुकी थीं कि आज उसकी गांड पक्की चुदेगी.
वो चुपचाप गांड मराने के लिए घोड़ी बन गईं.
मैंने लंड पर क्रीम लगाई और लंड को बुआ की गांड के लुपलुप करते छेद पर सैट कर दिया.
फिर बुआ की कमर पकड़ कर एक जोरदार झटका दे दिया.
बुआ की गांड में लंड घुसा तो उनकी ‘ऊईई … मर गई … आंह बचाओ कोई इस राक्षस से … आंह बचाओ …’ आवाज निकल गई और वो दर्द से कराहने लगीं.
मेरा आधा लंड अन्दर जा चुका था.
मैंने बुआ को चूमना शुरू कर दिया और उनकी चूचियों को दबाने लगा.
थोड़ी देर बाद बबली बुआ अपनी गांड पीछे करने लगीं.
‘मादरचोद गांड में भी सही मजा देता है.’
मैंने हंसते हुए कहा- तो मजा ले ना भोसड़ी वाली … ले पूरा लंड खा.
ये कहते हुए मैंने एक और करारा धक्का लगा दिया.
मेरा पूरा लंड बुआ की गांड में अन्दर तक चला गया.
इससे बुआ की फिर से आवाज निकल गई ‘ऊईईई ऊईईई राज प्लीज़ साले धीरे चोद भोसड़ी के … मैं मर जाऊंगी …’
लेकिन अब मैं कहां मानने वाला था, मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार और बढ़ा दी.
अब बुआ की गांड चुदाई से ‘थप थप …’ की आवाज़ आने लगी.
मैं बुआ की गांड मारता हुआ कभी उनकी चूचियों को मसलता, तो कभी गर्दन को चूमने लगता.
बुआ की रसीली गांड में मेरा लंड अपनी जगह बना चुका था और आसानी से अन्दर बाहर होने लगा था.
कुछ देर बाद मैंने बुआ को उठाया और नीचे लेट गया.
बुआ ने मेरे खड़े लंड पर अपनी गांड रखी और बैठ गईं.
गपाक से लंड गांड में समा गया और बुआ धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगीं.
मैंने बबली बुआ की कमर पकड़कर नीचे से झटके लगाना शुरू कर दिए.
हम दोनों एक रफ्तार से एक दूसरे के धक्कों का जबाव देने लगे थे.
थप थप की आवाज हम दोनों का जोश बढ़ा रही थी.
कुछ देर बाद मैंने सामने रखी टेबल पर बुआ को उल्टा लिटा दिया और उनकी गांड में लंड घुसा कर चोदने लगा.
बुआ की दोनों चूचियों को दबाने लगा और झटके मारने लगा.
कुछ देर बाद मैंने बुआ को फिर से उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया और उनके पैर उनके चुचों पर कर दिए.
मैं बुआ की साफ़ दिखती गांड में लंड ठोक कर उनके ऊपर चढ़कर गांड चोदने लगा.
अब मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी थी और बुआ की गांड को गपागप गपागप चोदने लगा था.
बुआ भी गांड मारी मस्ती में आहह आहह करने लगी थीं.
आठ दस झटकों के बाद मेरे लंड ने वीर्य निकालना शुरू कर दिया.
बुआ की गांड में लंड का माल डालकर मैं उनके ऊपर ही निढाल होकर गिर गया.
कुछ मिनट बाद बुआ ने नीचे उतरने को कहा.
जैसे ही बुआ की गांड में से लंड निकाला, वीर्य बाहर बहने लगा.
दोनों इस घमासान चुदाई से थक चुके थे.
हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही निढाल पड़े रहे.
इस तरह से मैंने बुआ की गांड मारी.
फिर बुआ बोलने लगीं- राज, मेरी सहेली ने मुझसे बच्चों को संभालने के बदले तुमसे चुदवाने की शर्त रखी है.
मैंने कहा- क्या मतलब?
‘वो बोल रही थी कि जब तुम वापस आओगे, तो उसे भी तुम्हारे लंड का मज़ा चाहिए.’
मैंने कहा- अच्छा, उसे कुतिया को मेरा लंड इतना पसंद आया, ठीक है. लेकिन इस बार मैं उसकी गांड भी चोदूंगा.
बुआ हंसने लगीं और बोलीं- अच्छा बेटा. गांड मारने में इतना मजा आया तुझे?
हम दोनों हंसने लगे और साथ में बाथरूम आ गए. फिर फ्रेश होकर वापस बिस्तर पर आ गए.
रात को तीन बजे से ज्यादा का समय हो चुका था लेकिन आज नींद हम दोनों से कोसों दूर थी.
मैं फिर से बुआ को किस करने लगा और वो भी ज़बाब देने लगीं.
हम दोनों फिर से जल्दी ही 69 की पोजीशन में आ गए.
मैं जीभ घुसा कर बुआ की चूत को चाटने लगा और वो मेरे लौड़े को लॉलीपॉप के जैसे गपागप गपागप चूसने लगीं.
दोस्तो उस रात हम दोनों में सेक्स का एक अलग ही नशा चढ़ रहा था.
हम दोनों बिस्तर से नीचे आ गए. सामने रखे सोफे पर मैं बैठ गया और बुआ मेरी तरफ अपना मुँह करके लंड पर बैठ गईं.
लंड बड़े आराम से चूत के अन्दर चला गया और बुआ की बड़ी बड़ी चूचियां मेरे मुँह में लगने लगीं.
वो धीरे धीरे अपनी कमर चलाने लगीं और मैं उनकी चूचियों को चूसने लगा. साथ ही लंड अन्दर बाहर करने लगा.
बुआ बिल्कुल रंडियों के जैसे चुदवा रही थीं.
इसके पहले मैंने इतना खुलकर बुआ को कभी नहीं चोदा था.
बुआ को चोदते चोदते मैं उनकी गांड को हाथ से सहारा देकर खड़ा हो गया और बुआ अपने दोनों हाथ मेरे गले में डालकर लंड पर ऐसे कूदने लगीं जैसे कोई घोड़ी मखमली गद्दे पर कूद रही हो.
कुछ देर झूला झुलाने के बाद मैंने बुआ को बिस्तर पर लिटा दिया और उन्हें घोड़ी बना लिया.
इस बार मैं बुआ कि चूत के साथ उनकी गांड मारने का मन बना चुका था.
मैंने उनकी गांड पर थूक लगाकर झटके से पूरा लौड़ा घुसाया और ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी.
अचानक हुए इस हमले से बुआ ‘ऊईई मादरचोद गांड में फिर से पेल दिया उई ऊईईई …’ कहती हुई चिल्लाने लगीं.
मैं बिना रूके चोदता रहा. फिर बुआ भी अपनी गांड आगे पीछे करने लगीं.
अब गांड मारने की ‘थप थप …’ की आवाज़ तेज होने लगी.
उसी समय धीरे धीरे उजाला भी होने लगा.
मैं पूरे जोश में आकर बुआ की चूचियों को मसलने लगा और अपनी रफ़्तार बढ़ाने लगा.
बुआ बोलीं- राज मुझे रंडी की तरह चोद और तेज और तेज चोद.
मैं उनकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा और चोदने लगा.
फिर मैंने उनकी गांड से लंड निकाला और चीते की फुर्ती से उनकी चूत में लंड घुसा दिया.
मैं चूत चोदने लगा.
बुआ भी मस्ती से आगे पीछे करके मेरा साथ देने लगीं.
मैं बुआ की दोनों चूचियों को दबाने लगा और गर्दन पर चुम्बन करने लगा.
ऐसे ही हमारी चुदाई का सिलसिला जारी रहा.
फिर मैंने लंड चूत से निकाला और बुआ को चुसाने लगा.
वो मस्त होकर गपागप गपागप लंड चूसने लगीं.
मैंने भी 69 ने आकर उनको लंड चुसाने के साथ उनकी चूत को चाटने लगा.
नमकीन चूत को चाट चाट कर मैंने लाल कर दिया.
मैं फिर से बुआ के ऊपर आ गया और उन्हें चोदने लगा.
बुआ ‘आह आह …’ करने लगीं.
मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा.
वो भी चूसने लगीं.
बुआ कमर उठा उठा कर चुदाई का मज़ा लेने लगीं और मैं झटके पर झटके लगाने लगा.
कुछ देर बाद हम दोनों अपने चरम पर पहुंच चुके थे.
दोनों ने एक बार फिर एक साथ पानी छोड़ दिया और मैं बुआ के ऊपर ही लेट गया.
सुबह के 5 बजने वाले थे.
तभी फोन बजने लगा, बुआ ने उठाया और स्पीकर में करके बोलीं- हैलो.
सामने से छोटी बुआ बोलीं- जीजी, कहां तक पहुंच गईं?
मैं जल्दी से बोला- बस जयपुर पहुंचने वाले हैं.
छोटी बुआ बोलीं- ठीक है पहली बस से आ जाना.
हम दोनों ने एक साथ कहा- हां.
अब हम दोनों एक साथ बाथरूम गए और एक दूसरे को साबुन लगाकर नहलाने लगे.
हमने देर तक खूब नहाया और वहीं एक दूसरे के चूत लंड भी चूसे.
फिर कपड़े पहने और होटल से चैक आउट करके बाहर आ गए.
बस स्टैंड से बस में बैठकर हम दोनों छोटी बुआ के गांव आ गए.
शादी का घर था तो काफी मेहमान थे.
फूफा जी बोले- लगता है आप दोनों रात भर सो नहीं पाए. अन्दर रूम में चलकर आराम कर लो, फिर रात में जागना भी है.
मैं और बुआ अलग अलग कमरों में जाकर सो गए.
रात में सबने शादी में बहुत आनन्द लिया.
दूसरे दिन शाम को हम दोनों वापस जयपुर के लिए निकल पड़े.
रात की बस में स्लीपर सीट मिली.
मैंने जयपुर से मानेसर तक बुआ को जमकर चोदा.
उसके बाद शर्त के हिसाब से 5 दिन बाद बुआ ने मुझे घर बुलाया और बुआ की सहेली को बुआ के घर में उसके सामने चोदा, उसकी गांड की सील भी तोड़ी.
वो कहानी बाद में सुनाऊंगा.
आपको गांड मारी सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मेल करना न भूलें.
आपका राज शर्मा
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