वासना से भरी लड़की के भाई की मनोदशा- 2

वासना से भरी लड़की के भाई की मनोदशा- 2

अनलिमिटेड सेक्स थर्स्ट स्टोरी एक ऐसे लड़के की है जिसकी जवान बहन अपनी अन्तर्वासना पर काबू नहीं रख पाती थी और अनेक लड़कों से सेक्स करती थी. उसने अपने भाई से भी चुदाई करवा ली.

दोस्तो, मेरी सेक्स कहानी के पहले भाग
भाई के दोस्त से चुद गयी चुदक्कड़ बहन
में आपने पढ़ा कि बहन को भैया के दोस्त से चुदवाने की आदत थी और भाई को यह सब पसंद नहीं था. इसी बात को लेकर भाई के दोस्त उससे उसकी बहन की बातों को कहते थे और वह उनसे झगड़ बैठा था.

अब आगे अनलिमिटेड सेक्स थर्स्ट स्टोरी:

नमन बोला- साले, तुम लोग मुझसे मेरी बहन के बारे में क्या क्या सुनना चाहते हो?

वह दोस्त भी पीकर पूरा टल्ली था, वह फिर से बोला- वही, जो तेरी नलिनी दीदी करती है. हम लोगों ने तो बहुत बार देखा है बे तेरे घर की खिड़की से.

अब नमन से सहन नहीं हुआ और उसने इस दोस्त के ऊपर हाथ चला दिया.
वह उसका गला दबाते हुए बोला- चुप कर साले … नहीं तो यहीं मार देंगे!

बाकी दोस्त उन दोनों को फिर से छुड़ाने लगे.
वह दोस्त फिर से बोला- मुझको मार कर क्या होगा … अपनी दीदी को जाकर मार न … साली यहां-वहां मुँह मारती फिरती है. आशीष तो आजकल आ रहा है, इससे पहले भी कई लोग आ आकर चोद कर जा चुके हैं … तेरी प्यारी दीदी को … मैं अपनी आंखों से देखा हुआ बता रहा हूँ. एक रत्ती भर भी झूठ नहीं है. जाकर अपनी दीदी से पूछ लो!

इतना सुनने के बाद नमन रोते हुए वहां से चला गया.
उस समय रात के 8 बजे थे.
वह घर से आगे कुछ दूर जाकर बैठ गया और उसने अपने गुस्से को शांत किया.

वह वहां से रात कुछ देर बाद अपने घर में घुसा.
अन्दर घुसते ही वह रूम में जाकर सो गया.

नमन और नलिनी एक ही रूम में सोते हैं, उस रूम में दो बेड थे.
नलिनी पहले ही सो चुकी थी.

दूसरे दिन नलिनी पहले उठी और किचन में खाना बनाने लगी.
नमन भी उठा और किचन में पानी लेने गया.

नलिनी सोचने लगी कि इससे कैसे नजर मिलाऊं. कहीं यह किसी को बता ना दे.

नमन ने चुपचाप पानी लिया और चला गया.
वह यह सोचने लगा कि अनिमा दीदी उससे बात करेगी और नलिनी ये सब छोड़ देगी.

फिर वह तैयार होकर अपने कॉलेज चला गया.

वहां वह आशीष से दूर रहने लगा.
ऐसे ही कई दिन गुजर गए.
बड़ी दीदी ने भी कुछ नहीं कहा था.

अब नमन अक्सर यह देखने की कोशिश करने लगा कि कहीं ये दोनों फिर से चुदाई तो नहीं कर रहे हैं, पर कभी नहीं दिखा.

फिर एक रात एक बजे के करीब उसकी नींद खुल गयी.
उसे प्यास लगी थी तो नमन ने उठ कर लाइट को ऑन किया.
सामने देखा तो नलिनी अपने बिस्तर में नहीं थी.
नमन को लगा कि वह बाथरूम गयी होगी.

वह बाथरूम की तरफ गया तो देखा बाथरूम में कोई नहीं था. उसे फिर से शक होने लगा.
अब वह सब जगह चैक करने लगा, पर वह नहीं मिली.

घर का मेन दरवाजा खुला था.
तब वह घर की छत में जाने लगा, तो उसे कुछ सुनाई दिया.

वह चुपचाप ऊपर गया और छिप कर देखने लगा.

वहां नलिनी पूरी नंगी एक चटाई पर लेटी हुई थी और आशीष उसके दोनों टांगों को अपने कंधों पर लेकर उसे चोद रहा था.

नमन सीधा ऊपर चला गया और वह उन दोनों से कुछ फिट की दूरी पर खड़ा होकर गुस्से से देखने लगा.
उधर नलिनी और आशीष इससे बेखबर थे.

नमन ने उन दोनों के कपड़े, जो दूर पड़े हुए थे … उठा कर नीचे आंगन में फेंक दिए और नीचे जाकर उसने माँ को उठाया.
माँ- क्या हुआ, इतनी रात को क्यों उठा रहे हो?

नमन- आपको कुछ दिखाना है, इधर आओ … और पापा को सोने दो.
माँ बड़बड़ाती हुई उसके पीछे चली गयी.

नमन माँ को छत पर ले गया.
उधर वह उन दोनों से थोड़ा दूर रोक कर मां को दोनों की तरफ इशारा किया.

माँ भी देख कर दंग रह गयी.

नलिनी आशीष के लंड पर बैठ कर उछल रही थी.
आशीष नलिनी की चूचियों को दबा रहा था.

तभी नलिनी की नज़र नमन पर पड़ गयी.
वह आशीष को धक्का देती हुई उठी और अपने कपड़े ढूंढने लगी.

नमन बोला- चुदवा लो अच्छे से … इतनी जल्दी क्यों उठ गयी!

आशीष भी अपने कपड़े खोजने लगा.
नमन बोला- देख रही हो ना माँ, रंडी कैसे रिश्ते को खराब कर रही है.

माँ बोली- यह सब क्या है … तुमसे ये उम्मीद नहीं थी!
नमन बोला- उस दिन के बाद लगा था कि तुम लोग सुधर जाओगे, पर तुम लोग नहीं सुधरने वाले हो.

आशीष- नमन गलती हो गई, आज के बाद नहीं होगा. कपड़े दे दो प्लीज!
नमन- ऐसे ही खड़े रहो दोनों आज तो माँ को बता कर रहेंगे तुम दोनों के बारे में.

नलिनी- नमन प्लीज ऐसा मत करो … आज के बाद नहीं होगा.
नमन- माँ उस दिन भी मैंने इन दोनों को दिन में ही चुदाई करते देखा था. दीदी को भी बताया था कि रंडी किससे किससे चुदवाती फिरती … और अब मेरे दोस्त के साथ ही … छी:.

नमन इतने तेज ग़ुस्सा में था कि वह उन दोनों को कपड़े देना ही नहीं चाहता था.
पर माँ के समझाने के बाद उसने कपड़े लाकर दे दिए.

नलिनी और आशीष ने वादा किया कि वे आज के बाद ये सब नहीं करेंगे.
फिर आशीष कपड़े पहन कर चला गया.

अगली शाम नमन अपने दोस्तों के पास गया और उनको ग़ुस्से में सब कुछ बता दिया कि कैसे उसने दो बार आशीष और अपनी दीदी को चुदाई करते हुए देखा था.

इसके बाद सभी ने मिल कर ये प्लान बनाया कि आशीष को सबक सिखाना है.
वे सब मौका ढूंढने लगे.

आखिरकार कुछ दिन बाद उनमें से एक को आशीष उसके घर की तरफ ही आते दिख गया.
उसने सबको बुला लिया.

सभी ने उसे रोका और एक ने आशीष की कॉलर पकड़ कर कहा- क्या बे मादरचोद, हमारे घर की लड़की से गलत काम करता है!
नमन ने भी यही कहा.

आशीष बोला- पहले सुन तो लो, हम नहीं जाते हैं … तेरी बहन ही चुदवाने के लिए मुझे बुलाती है, उसके अंदर अनलिमिटेड सेक्स थर्स्ट है. अब तो वह खुद मेरे पास आती है और चुदवा कर चली जाती है. अभी भी तेरी माँ ने आने के लिए कहा है, इसलिए जा रहा हूँ.

इतना सुनने के बाद जिस लड़के ने आशीष की कॉलर पकड़ी थी, उसने उसको छोड़ दिया.
आशीष अपने कपड़े सही करता हुआ चला गया.

कुछ देर बाद नमन भी पीछे से घर गया.
माँ उसको देखते ही बोली- नमन, आशीष घर आया है. मैंने ही उसे बुलाया था. पहले जैसे घर में तुम दोनों रहते थे, वैसे ही रहो. तुम दोनों मेरे बच्चे जैसे ही हो.

नमन ने माँ की बात सुन कर आशीष और नलिनी को देखा, फिर अन्दर चला गया.

वह सोचने लगा कि साला इतना सब कुछ होने के बाद भी माँ को इन दोनों पर भरोसा है. नलिनी उस रात के बाद भी आशीष से चुदवा रही है. इसका मतलब यह हुआ कि मां नलिनी को चुदने देने में राजी है. तो ठीक है, जिसको जो करना है, करने दो … मुझे क्या खुजली है कि मैं किसी को रोकूँ!

यह सब सोचते हुए वह अपने दोस्तों के पास चला गया.
अपने दोस्तों के पास जाने के बाद सब उससे पूछने लगे कि क्या हुआ बताओ, तेरी माँ ने उसे क्यों बुलाया था?

नमन बोला- माँ को अभी भी लगता है कि वे दोनों अब दुबारा से गलती नहीं करेंगे और मेरी दीदी ही रंडी जैसी है, तो दूसरों को कुछ बोलने का क्या फायदा! छोड़ो ये सब, आज कौन दारू पिला रहा है … बोलो?
उसके बाद सब दारू पीने चले गए.

उस दिन के बाद आशीष फिर से कभी भी घर आने लगा.
नमन ने उन दोनों को कमरा बंद करके चुदाई करते पकड़ा, पर उसने किसी से कुछ नहीं बोला.

एक दो बार तो ऐसा भी हुआ कि उसकी बहन पूरी नंगी होकर आशीष के लंड की सवारी कर रही थी और नमन कमरे में आ गया था.
अपनी बहन को चुदवाते देख कर नमन को बुरा लगा और उसी वक्त उसकी बहन उसे देख कर हंस भी दी, जिससे उसकी झांटें सुलग गईं.

ऐसा ही चलता रहा.
आशीष आता और माँ से खूब बात करता, फिर माँ कुछ काम से बाहर चली जातीं तो वे दोनों कमरे में बंद होकर शुरू हो जाते.

नमन कुछ ज्यादा ही पीने लगा.
वह हर रात पीकर घर जाता.
कोई कुछ बोलता तो बोल देता कि मुझको पीना अच्छा लगता है, तो पी रहा हूँ.

कुछ दिन बाद एक दिन नलिनी अपना फ़ोन भूल के कॉलेज चली गयी. नमन की नज़र उसके फ़ोन पर पड़ी, वह उसको खोल कर उसकी चैट देखने लगा.

नलिनी कुछ लड़कों से चैट में रोमांटिक बातें करती हुई दिखी.
तभी नमन को आशीष के साथ हुई चैट मिली जिसमें वे दोनों एक दूसरे को नंगी फोटो भेज रहे थे.

फोटो ऐसी थी कि नमन ने नलिनी की फोटो देख कर ही अपना आपा खो दिया.
उसने नलिनी की सारी नंगी फोटो अपने मोबाइल में ले लीं.
वह उसकी फोटो को देख कर इतना उत्तेजित हो गया कि वह बाहर सूखने के लिए टंगी हुई उसकी ब्रा और पैंटी को अन्दर रूम में ले आया और ब्रा और पैंटी को कुत्ते की तरह सूंघने लगा.

अपनी बहन की पैंटी को नलिनी के बेड में रख कर उसकी नंगी फोटो देखते हुए लंड हिलाने लगा और सारा माल उसकी पैंटी में ही गिरा दिया.
फिर नमन ने हांफते हुए अपना लंड उसकी पैंटी से पौंछा और ब्रा-पैंटी को वापस बाहर ही टांग दिया.

इसके बाद नमन की आंखों में अपनी नंगी बहन की चुदाई चलने लगी.

दूसरे दिन मां चली गई थी.
तभी उसकी बहन अपने आशिक आशीष के साथ घर में आई और कमरे में आकर वे दोनों एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.

आशीष ने नमन को देखा तो वह रुक गया.
लेकिन नमन उधर बैठा रहा और उन दोनों को देखने लगा.

नलिनी ने आशीष से कहा- अरे तुम रुक क्यों गए यार … जल्दी करो न मुझे बड़ी आग लगी है.
वे दोनों फिर से लग गए और जल्दी ही नंगे होकर चुदाई के लिए 69 में लंड चुत की चुसाई करने लगे.

नमन ने अपनी जेब से दारू का अद्धा निकाला और गिलास में लेकर पीने लगा.
अब वह दारू पीते हुए अपनी बहन की चुदाई देखने लगा.

कुछ पल बाद नमन ने अपना लंड बाहर निकाल लिया.

यह उसकी बहन ने देख लिया.
वह हंसने लगी.

उसने नमन को एक इशारा किया कि इससे चुदने के बाद तुझसे चुदवा लूँगी, अभी लंड अन्दर कर लो.
नमन का लंड आशीष के लंड से कहीं ज्यादा बड़ा था.

कुछ देर बाद आशीष नलिनी को चोद कर चला गया.

उस दिन वह नमन के बैठे होने की वजह से ज्यादा देर तक मस्ती नहीं कर पाया था.
आशीष के जाते ही नलिनी उठ कर अपने भाई के पास आई और उसका लंड निकाल कर चूसने लगी.

नमन दारू के नशे में टल्ली था तो उसे मजा आने लगा.
नलिनी को भी अपने भाई का लंड पसंद आ गया था.

अनलिमिटेड सेक्स थर्स्ट के चलते वह भाई के लौड़े को चूसने लगी और जल्द ही वह अपने भाई की गोद में बैठ गई और उसके लंड को अपनी चुत में लेकर आगे पीछे होने लगी.

नमन भी गर्म हो गया था. उसने अपनी बहन को चोदना चालू कर दिया.
काफी देर के बाद उन दोनों की चुदाई खत्म हो गई थी और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे.

नमन को अब अपनी बहन से कोई शिकवा नहीं था.
उसकी बहन अब और बड़ी रंडी हो गई थी.
वह रात को अपने भाई के लंड को चूस कर उसका मन भी भर देती थी और दिन में अपने यारों के साथ चुदवाती रहती थी.

दोस्तो, यह एक सच पर आधारित सेक्स कहानी है.
आपको कैसी लगी अनलिमिटेड सेक्स थर्स्ट स्टोरी, प्लीज बताएं.
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