वाइन डिस्टलरी में शराब और शवाब- 2

वाइन डिस्टलरी में शराब और शवाब- 2

देसी गर्ल फोरेन सेक्स कहानी में एक इंडियन लड़की ऑफिशीयल काम से फ़्रांस गयी तो वहां की कम्पनी के मालिक को वह पसंद आ गयी. लड़की को भी उस फ्रेंच का लंड लेना था.

कहानी के पहले भाग
फ़्रांसीसी मर्द के साथ देसी हॉट माल
में आपने पढ़ा कि मैं अपनी कम्पनी के काम के लिए फ़्रांस गयी थी वाइन सप्लाई का सौदा करने.
वहां फैक्ट्री मालिकों में से एक के स्टीवन साथ मेरी डील हो गयी. यह काम इतनी जल्दी इसलिए हो गया क्योंकि स्टीवन के नजर मेरे कामुक बदन पर थी और वह मुझे भोगना चाहता था.
वाइन पिला कर और अपनी कामुक बातों से उसने मुझे उत्तेजित आकर दिया और हम दोनों ने एक दूसरे के यौनांग चूस चाट कर मजा दिया.
स्टीवन ने अपना वीर्य सीधे मेरे गले में डाला था.

अब आगे देसी गर्ल फोरेन सेक्स कहानी:

यह कहानी सुनें.

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स्टीवन ने दोबारा डिस्टलरी का दरवाजा रिमोट से बंद कर दिया।

हम दोनों ही नंगे थे.
डिस्टिलरी के लक्कड़ के फर्श पर हर जगह वाइन बिखरी थीं।

स्टीवन ने एक फोन कर यहां सफाई करने का आदेश दिया और मुझे अपनी बलिष्ठ बाहों में उठाकर डिस्टिलरी के अंदरूनी हिस्से में ले गया जहां एक स्टोर रूम था।

स्टोर रूम के बाहर उसने मुझे नीचे उतारा और पूछा- कैसी लगा जिस्मानी वाइन पीने का तरीका?
मैंने उसका शिथिल लंड छूकर कहा- तुम्हारी तरह शानदार!

स्टीवन- मैं नहीं जानता था कि हिंदुस्तानी औरतें इतनी गर्म और प्यासी होती हैं। यदि जानता तो फ्रांस में हर साल इतने हिंदुस्तानी आते हैं, मैं जरूर हिंदुस्तानी औरतों को चोदने का मौका अपने हाथ से नहीं गंवाता।
मैं- मैं बाकी हिंदुस्तानी औरतों के बारे में तो नहीं जानती … पर खुद के बारे में कह सकती हूं. जितनी भूख मर्दों में होती है, उतनी ही तकरीबन हर औरत में भी होती है. बस उस भूख को भोगने वाला औरत का मन पसंद मर्द होना चाहिए। तुम्हारी चोदने की कला पर तो कई औरतें अपने जिस्म को तुम्हें दे देंगी। खैर… तुम देर से सही, पर दुरुस्त आए।

मैं स्टोर के बाहर उसकी टांगों के बीच बैठ गई और उसके शिथिल लंड को अपनी चूचियों में बीच फसा कर उसे कड़क करने लगी, फिर उसका लंड अपनी जुबां से चाट कर खड़ा किया।

स्टीवन- मैं अब भी तुम्हारे जिस्म से पूरी तरह तृप्त नहीं हुआ हूं। जब तक तुम्हारी चूत और गांड को भोग नहीं लेता, मुझे चैन नहीं मिलेगा।

चूसकर मैं खड़ी हुई- मुझे भी अभी तक तुम्हारे जिस्म से पूरी तृप्ति नहीं हुई है।

अब स्टीवन का लंड खड़ा था.
उसने जल्दी से स्टोर का लॉक खोला, अंदर गई तो क्या देखती हूं, दुनिया का सबसे खूबसूरत बिस्तर, सफेद चादर और पास में जलती हल्की हल्की रोशनी वाली लाइट्स, फूलों पंखुड़ियां जमीन पर बिखरी हुई, एक कोने में ऑयल रूम हीटर, बिस्तर के साथ पड़ी टेबल पर दुनिया की सबसे महंगी वाइन ,चीज, चॉकलेट, फूलों का गुलदस्ता।

स्टीवन ने अंदर आकर भीतर से दरवाजा बंद कर लिया।

इतना रोमांटिक तो कभी मेरे किसी भारतीय बॉयफ्रेंड ने भी मुझे महसूस नहीं कराया।

स्टीवन- ये सब सिर्फ तुम्हारे लिए … तुम्हारी खूबसूरत जवानी के लिए ये सब कुछ भी नहीं!

मैं अपने मन में चल रहे ख्यालों को शब्दों में बताने में नाकाम हो रही थी, बस मेरे मुंह से निकला- ये सब … कब कैसे?
“जब हमारी मीटिंग चल रही थी, याद है जब मैं बीच से उठकर गया था?”
मैं- हां … पर मुझे लगा तुम रोजेट से डिस्कस करने गए थे!

स्टीवन- रोजेट मेरी बीवी है, इस कंपनी के सारे फैसले मैं ही लेता हूं।

उसने आगे बताया- रोजेट से बात केवल 5 मिनट में खत्म हो गई थी. पर तुम्हारे हिलते गुलाबी होंठों के बीच जब अपना लौड़ा सोचने लगा तो वहां बैठ पाना मुश्किल हो रहा था। तो बाहर आकर पहले लिसा को चोदा, फिर रोजेट से बात की। तभी इंतजाम करवा दिया था लिसा से कहकर! वो जानती है मुझे … जैसे शेर की गुफा में आया कोई जानवर उससे बच नहीं पाता, वैसे ही मेरे सामने आई हर खूबसूरत लड़की मुझसे चुदाकर ही जाती है।

वह अपनी वासना की धुन में बोलता रहा- और ये खूबसूरत शाम … इस शाम में तुम और तुम्हारे साथ बिताया हर पल स्पेशल बने! इसीलिए स्टोर तैयार किया है हमारी शाम के लिए! वरना तो वहां बार काउंटर पर जाने कितनी लड़कियां चोदी हैं। तुम खास हो, इसीलिए ये हमारे साथ गुज़रे वक्त को यादगार बनाने के लिए!

“क्या?? लिसा को भी …” मैंने हैरानी से पूछा।
स्टीवन- हा हा हा … क्या तुम्हें जलन हो रही है? तुम्हारी गर्मी ने बेचैन कर दिया था, क्या करता, मीटिंग के बीच तुम्हें चोदना क्या ठीक होता? हा हा हा!

मैं भी उसके सेंस ऑफ ह्यूमर पर हंस दी।

स्टीवन आगे बोलता रहा- लिसा को तो इंटरव्यू के दिन ही चोद दिया था मैंने! जब कोई नई लड़की नहीं मिलती तो बेचारी लिसा का नंबर लगता है। कहां ना, मेरे लंड से कोई चूत नहीं बचती।

यह कहते हुए स्टीवन ने मुझे पीछे के बिस्तर पर गिरा दिया, मेरी दोनों टांगें हवा में कर दी।

मैं- तुम किसी कैसानोवा से कम नहीं हो।
स्टीवन- औरतों की टांगें हवा में ज्यादा खूबसूरत लगती हैं।
यह कहते हुए उसने मेरा एक पैर अपने सीने पर रख लिया और मेरे दाहिने पैर का अंगूठा चूसने लगा।

मैंने उत्तेजना में अपने होंठों को अपने दांतों में दबाते हुए कहा- ओह स्टीवन … तुम कमाल हो।

उसके हाथ मेरी टांगों को प्यार से पकड़े थे और मेरी चमकती चमड़ी का हर हिस्सा महसूस कर रहे थे।

दाहिने के बाद बाएं पैर की बारी थी.
स्टीवन एक कुशल चोदू था, वह जानता था औरत को यौनसुख की पराकाष्ठा पर ले जाने के तरीके को!

उसने दोनों पैर चूसने के बाद मेरे दोनों पैरों को नमस्ते करने की तरह जोड़ दिया और अपना खड़ा लंड मेरे दोनों पैरों के बीच दे दिया।

मैं भी साथ देते हुए, अपने पैरों के तलवों से उसका लंड मसलने और हिलाने लगी।

वह खड़े खड़े मेरे रस भरे चूचों को ऐसे घूर रहा था, जैसे उन्हें खा जाना चाहता हो.

मैंने उससे पूछा- स्टीवन, इस वक्त तुम्हारा कामुक दिमाग क्या कहानियां बुन रहा है?

स्टीवन- मेरा मन कर रहा है, तुम्हारे चूचों को मसल मसल कर लाल कर दूं, उनको इतना दबाऊँ कि तुम चीख उठो। तुम्हारे चूचुक अपने दांतों से चबाऊँ। पर मैं अपने वहशी दिमाग को खुद पर हावी नहीं होने दूंगा। तुम एक प्यार करने की चीज़ हो।

मैं उसकी कहीं बातों से पिघल गई और उसका लंड छोड़ बिस्तर पर आगे जाकर स्टीवन को चूमने लगी।
वह भी मेरे चुम्बन पर मेरा पूरा साथ देने लगा।

चुम्बन के दौरान फिर धीरे धीरे उसने मुझे गोद में उठा लिया और प्यार से बिस्तर पर लेटते हुए मेरे ऊपर आ गया।

हम अभी भी बेतहाशा एक दूसरे की होंठ चूस रहे थे।

चूमते हुए मैंने उसका खड़ा लंड हाथ में लेकर अपनी चूत पर धीरे धीरे रगड़ना शुरू कर दिया.

स्टीवन ने मेरा हाथ अपने लंड से हटा कर मेरे सिर के ऊपर कर दिया और दोनों बाहों को कसकर पकड़ लिया।

हम अब भी एक दूसरे की लबों को पी रहे थे।
कभी वह मेरा मुंह अपनी जीभ से चोदने लगता, कभी मैं उसका मुंह अपनी जीभ से चोदती।
कभी वो मेरे होंठ चूसता और काटता तो कभी मैं उसके!

इसी दौरान उसने एक जोरदार झटका दिया और अपना लंड मेरी चूत में प्रवेश करा दिया।

क्या बताऊं दोस्तो … उसके लंड की बात ही कुछ और थी!
जैसे मेरी चूत उसके लंड के लिए ही बनी हो।

इतने लंड खाने के बाद भी ऐसा नहीं महसूस हुआ कि चूत ढीली पड़ गई है.
स्टीवन का मजबूत कड़क लंड मेरी चूत की दीवारों से चिपका था।

लंड घुसते ही हमारा लंबा चुम्बन टूट गया और हम दोनों ने ही एक लंबी सांस के साथ आअ आह्ह हाह भरी.

मेरे अंदर आकर स्टीवन ने जैसे एक मील का पत्थर पार कर लिया था।

स्टीवन- सिर्फ ऊपर से ही नहीं, नीचे से भी कड़क हो तुम! ये तराशा हुआ जिस्म ही नहीं, योनि छेद भी चुदाई के लायक है तुम्हारा!

मैं- इतना लायक है तो रुके क्यूं हो?

स्टीवन ने सुनते ही लंड पूरा बाहर निकाल एक बार फिर पूरी तरह अंदर धकेल दिया।
मैं- आअह्ह ह्ह!
स्टीवन- आअह्ह्ह … आया मजा?
मैं- अभी कहां…!?

स्टीवन ने फिर लंड पूरा बाहर निकाला, दो सेकंड रुका और फिर पूरा अंदर तक धकेल दिया।

मैं- आअह्ह ह्ह!
स्टीवन- आअह्ह्ह!

अब स्टीवन एक कुशल चोदू की भांति तेज तेज धक्के लगाने लगा।
मैं केवल आह्ह आह्ह्ह करती रह गई।

उसके गजब के स्टैमिना के आगे मैं हार गई.

फिर को कुछ देर बाद रुका और लंड बाहर निकाल लिया.
मैं समझ गई कि वह अपना स्खलन रोकना चाहता है।

फिर भी मैंने पूछा- क्या हुआ?
स्टीवन- मुझे इस खड़े लंड से चूत ही नहीं, तेरी गांड भी मारनी है।

कहते हुए वह साथ वाली टेबल पर पड़ी महंगी वाइन दो ग्लास में डालने लगा।
एक उसने मुझे दिया और एक खुद पीने लगा।

वहीं पड़ी हुई चॉकलेट अब कमरे में चलते हीटर के कारण पिघल चुकी थी।

वो चॉकलेट को अपनी उंगलियों में लेकर मसल कर और पिघलाने लगा।
फिर वो ही चॉकलेट वाली उंगलियां मेरे मुंह में डाल चुसवाने लगा।

जाने उसे क्या सूझा, उसने आधी चूसी उंगलियां मेरी चूत में डाल दी और ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा।

अपना वाइन का ग्लास तुरंत से खाली कर उसने मेरे हाथ का वाइन का ग्लास अपने हाथ में ले लिया.
क्योंकि उसकी तेज चलती उंगलियों से मैं अपनी वासना में डूबती जा रही थी।

उसने कुछ वाइन मेरी चूत पर डाली और कुछ मेरे चूचों पर!
अब वह मेरे चूचे चूसते हुए मेरी चूत का भोसड़ा अपनी उंगलियों की रफ्तार से बनाने लगा।

स्टीवन- मेरा शैतानी दिमाग कह रहा है कि ये वाइन की बॉटल तेरी गर्म चूत में डाल कर उड़ेल दूं! पर मैं हमारा ये रिश्ता आज खत्म नहीं करना चाहता. मैं चाहता हूं कि तुम आज की अपनी चुदाई को अरसे तक तक याद रखो। और जब भी फ्रांस आओ, तो हम मिलें और हमारी चुदाई के दौर सालों तक चलें।

मैं उसकी मुझे जिंदगी भर चोद पाने की कल्पना से ही अति उत्तेजित हुई, उसकी पिस्टन सी चलती दो उंगलियों में बीच झड़ गई।

स्टीवन- मैं जान गया हूं कि तुम कैसे झड़ती हो!
मैंने पूछा- कैसे?
स्टीवन- पिछली बार भी मैंने कुछ ऐसा बोला था तब तुम झड़ी थी … और इस बार भी! तुम अपनी जिंदगी में एक रूमानी मर्द चाहती हो जो तुम्हें पूरी तरह अपनी बना कर रखे, रोमांस करे, तारीफ करे, जी भर चोदे और तुम्हें स्पेशल फील कराए। है ना?

मैंने स्टीवन को जवाब नहीं दिया.
मैं उसे सही साबित नहीं करना चाहती थी।

स्टीवन- क्या हुआ, तुम ठीक हो? कहीं मैंने तुम्हारी दुखती रग पर हाथ तो नहीं रख दिया?

मैं- नहीं स्टीवन, जैसा तुम सोच रहे हो वैसा कुछ नहीं है। बस मैं सोच रही थी कि क्या रोजेट को तुम्हारे इस खुले रवैए के बारे में पता है?
स्टीवन- हां बिलकुल पता है. पता कैसे नहीं होगा, वह खुद नए मर्दों से चुदती है।

मैं- मैं समझी नहीं … यह किस तरह की शादी है?
स्टीवन- तुमने देखा ही है, सारा बिजनेस मैं चलाता हूं, आज यदि मैं अपनी बीवी को तलाक दे दूं, तो वह मेरा आधा पैसा, घर, बिजनेस सब कानून के तहत मुझसे ले जायेगी। इसीलिए वो अपनी जिंदगी में खुश है, ऐश और आराम करती है, और मैं अपनी जिंदगी में खुश हूं। हम दोनों ही एक दूसरे के संबंधों में दखल नहीं देते।

मैं- पर अगर एक दूसरे से प्यार नहीं करते तो शादी क्यों की?
स्टीवन- यह मेरी दूसरी शादी है, पहली शादी से मुझे 3 बच्चे हैं, जो तीनों अपनी मां और अपने सौतेले बाप के साथ रहते हैं, महीने में एक बार वीकेंड पर आते हैं घर! इस शादी में मेरी बीवी को 4 बच्चे हुए, किसी कारण से मुझे पता चला आखिर के दो जुड़वां बच्चे मेरे नहीं, मेरे पिता के हैं। यानि मेरी बीवी मेरे बाप के साथ सोती है। और शायद ना जाने कितने लोगो के साथ सोई होगी हमारी शादी के दौरान! पता नहीं कि पहले दो बच्चे भी मेरे हैं या नहीं, मुझमें डीएनए टेस्ट कराने की हिम्मत नहीं है।

स्टीवन कहते हुए गुस्से से भर गया.
मैंने उसे गले से लगा लिया।

मेरी बाहों में मेरे सीने से लग बच्चों की तरह रो कर कुछ हल्का होने के बाद उसने कहा- मुझे माफ करो, मैंने सारा माहौल खराब कर दिया।
मैं- नहीं स्टीवन, अपने अंदर दबी बातें वक्त के साथ नासूर बन जाती हैं, उन्हें मन से निकालना ही बेहतर है।

स्टीवन- तुमने कुछ नहीं बताया अपने बारे में?
मैं- आज के लिए तुम्हारी दास्तान काफी है, अपनी फिर कभी सुनाऊंगी।

स्टीवन- मेरी दुखभरी कहानी सुनकर यह मत सोचना कि तुम्हारी गांड मेरे से बच जायेगी।
कहते हुए स्टीवन दोबारा मेरे करीब आ गया और मुझे अपनी बाहों में भर लिया।

स्टीवन- आंखें बंद करो, मैं तुम्हें कुछ अलग महसूस कराना चाहता हूं।

मैंने आंखें बंद कर ली.
अब स्टीवन मेरे नंगे जिस्म पर कुछ हल्का हल्का फिराने लगा।

पहले मेरे चेहरे पर, फिर कानों के पीछे, फिर गर्दन से होते हुए चूचों पर!
मेरे रोंगटे खड़े होने लगे।
मुझे देसी गर्ल फोरेन सेक्स अच्छा लग रहा था।

स्टीवन धीरे धीरे नीचे की ओर बढ़ा और मेरी नाभि पर चूमने लगा।

अब वह मेरी चूत के बाहरी होंठों पर वो चीज फिरा रहा था.

जब मैंने आंखें खोली तो गुलदस्ते से निकला गुलाब उसके हाथों में था.
उसने गुलाब की पंखुड़ियां तोड़ कर मेरी चूत पर मसल दी।

अब उसने मुझे उल्टा लेटने को कहा।
मैं उल्टी लेट गई.

उसने और गुलाब गुलदस्ते से निकाल उनकी पंखुड़ियों को मेरी नंगी कमर पर फैला दिया और अपना बलिष्ठ जिस्म मेरे ऊपर ले आया.

अब उसके और मेरे शरीर के बीच गुलाब की पंखुड़ियां मसली जा रही थी, उनकी खुशबू हमारी चमड़ी में समाती जा रही थी।

उसने मेरी गांड पर भी गुलाब की पंखुड़ियां बिखेर दी और मेरे चूतड़ों को कसकर पकड़ मसलने लगा।

स्टीवन- आह, ये चूतड पकड़ कर मसलने के लिए मैं कब से तड़प रहा था! जब बागान में तुम चल रही थी तब मन में आया कि तुम्हारी स्कर्ट निकाल कर वहीं तुम्हारी गांड मार लूं!
मैं वासना में लिप्त हुई बोली- तो मार लेनी चाहिए थी स्टीवन, अगली बार जब लगे कि कुछ करना चाहिए, तो कर ही लेना।

स्टीवन- और मैंने बहुत सी लड़कियों की खुले में मारी भी है. पर फिर ये अनुभव तुम्हारे साथ कैसे हो पाता।
यह कहते हुए वो अपना लंड मेरे चूतड़ों के बीच फंसा कर रगड़ने लगा।

उसने मेरी गांड़ ऊपर उचकाकर ऊपर उठाई और मुझे अपनी कुतिया बना लिया।
स्टीवन- अअह्ह … क्या नज़ारा है यहां से तुम्हारी मोटी गांड देखने का!
कहते ही स्टीवन ने मेरे चूतड़ों पर दो तमाचे जड़ दिए.

मैं- आह्ह स्टीवन … मुझे और मारो!
स्टीवन ने देर ना करते हुए दो और चमाट जड़ दिए।

मैं- ओह स्टीवन, अब मुझसे इंतजार नहीं हो रहा!
स्टीवन- मुझसे भी नहीं हो पा रहा!

कहकर उसने मेरे चूतड़ अलग किए और मेरी गांड का छेद थोड़ा खोलकर उसमें अपना लंड पेल दिया।

मैं- अह्ह्ह स्टीवन, मेरी गांड ने तुम्हें जितना तड़पाया आज, तुम भी इसे इतना ही तड़पाओ!

स्टीवन ने अपने जिस्म को मुझ पर गिरा दिया और मेरे हवा में लटकते बड़े बड़े चूचे कसकर पकड़ लिए।

अब वह अपनी कमर को हिलाते हुए मेरी गांड मारने लगा।
मेरी चूत भी भभक कर पानी छोड़ रही थी।

स्टीवन ने वाइन की बॉटल, जो अब बिस्तर के एक तरफ रखी थी, उसे उठाकर देने को कहा।

मैं अपनी गांड मराई में खोई हुई थी, मैंने स्टीवन की वाइन पीने की इच्छा को दरकिनार कर दिया।

स्टीवन ने मेरे लंबे बालों को अपनी दाहिनी बाजू में लपेटा और मुझे पीछे से अपनी और खींचते हुए मेरी गांड चोदने लगा।

पूरे स्टोर में मेरी ओर स्टीवन की आहें गूंज रही थी और गांड पर जाँघों के पटकने की की थप थप थप थप की आवाज़ें आ रही थी।

फिर स्टीवन हटा और उसने खुद वाइन की बॉटल ले ली.
वह मुंह लगाकर पीने लगा और पूरी बॉटल खाली कर दी.

अब वो बॉटल हाथ में लिए फिर पीछे आया, मुझे उल्टा ही बिस्तर पर गिरा कर मेरे ऊपर आ गया.
और फिर मेरी गांड मारने लगा।

मैं- स्टीवन, मुझे तुम्हारे लंड का पानी पीना है!
स्टीवन- नहीं, आज तो मैं तुम्हारी गांड अपने वीर्य से भरूंगा और तेरी गीली गर्म चूत में वाइन भरूंगा!

स्टीवन खड़ा हुआ और वाइन की बॉटल को गर्दन से मेरे चूत में फंसा दिया और पुनः मेरी गांड मारने लगा।

चूत में बॉटल और गांड में लंड के बाद मैं सातवें असमान पर थी.

उधर स्टीवन भी लगातार मेरी गांड चोद रहा था।
उसने मेरी बाहें पीछे की ओर कर मरोड़ दी और अपनी रफ्तार तेज कर दी.

इससे मैं समझ गई कि वह अब स्खलन की ओर है.

मैं भी अब फिर से झड़ने वाली थी- स्टीवन आह्ह … तुम कमाल के चोदू हो, फाड़ डालो मेरी गांड! स्टीवन, अगले 15 साल तक मैं तुम्हारी रंडी बनकर तुमसे चुदने आऊंगी.

स्टीवन ये सब सुन उत्तेजना से भर गया और झड़ने लगा।

मैं भी बस अब झड़ने वाली थी, मैंने स्टीवन को चूत में घुसी बॉटल को अंदर बाहर करने को कहा.
उसने वैसा ही किया.

स्टीवन ने मेरी गर्मी चखी थी, वह जानता था कि मैं यूं ही नहीं झड़ पाऊंगी।

स्टीवन- तेरी ये चूत और गांड कमाल के हैं, जितना चोदो उतना कम है। काश तू मेरी सेक्सी सेक्रेटरी होती, रोज तुझे चोदता! तेरी गांड मारता, वाइन में डूबो के चूसता। अब जब तक ये डील है, तब तक तू मुझसे चुदेगी।

स्टीवन की गर्म बातें सुन मैं भी झड़ने लगी।

झड़ कर हम दोनों बिस्तर पर गिर कर लेट गए।

स्टीवन फूलती सांसों से- सच बताओ, क्या कभी तुम्हारे बॉस ने तुम्हें नहीं चोदा? तुम ऐसी चीज तो नहीं जिसे देख के कोई मर्द खुद पर नियंत्रण रख पाए!
मैं- मैंने कब कहा कि नहीं, जब मेरे टारगेट पूरे नहीं होते तो बोनस के लिए बॉस के साथ बिस्तरबाजी करनी ही पड़ती है।

“अगले 15 साल तक तुम्हें टारगेट और बोनस की फिक्र करने की जरूरत नहीं पड़ेगी … और चुदाई मैं तुम्हें दे दूंगा।”

हम दोनों ही ठहाका मार के हंस दिए।

देर रात स्टीवन ने मेरे लिए चार्टेड प्लेन का इंतजाम कर दिया और वह मुझे पेरिस तक छोड़ने आया, या यूं कहो कि चोदने आया।
प्लेन में भी हमने नंगे होकर खूब मजे किए.

अगले दिन अपना काम पूरा कर मैं नई दिल्ली के लिए निकल गई।

देसी गर्ल फोरेन सेक्स कहानी कैसी लगी?
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