हॉट भाभी पंजाबी सेक्स का मजा मैंने लिया अपने घर के सामने रहने आई 21 साल की एक शादीशुदा लड़की से. मैंने कैसे अपने से बड़ी भाभी को पटाया और उसी के घर में चोदा?
मित्रो, मेरा नाम तरुण है. मैं लुधियाना, पंजाब का रहने वाला हूँ.
आज मैं आपको अपनी साथ बीती कहानी बताने जा रहा हूँ.
इस हॉट भाभी पंजाबी सेक्स कहानी की शुरूआत 2018 में हुई थी, जब मैं बारहवीं क्लास में पढ़ता था.
उस समय मेरे सामने वाले घर में एक भाभी आई हुई थीं, जिनका नाम जाह्नवी था.
भाभी दिखने में बहुत खूबसूरत थीं.
उनकी एक बेटी भी थी, जिसका नाम परी था.
मैं भाभी को रोज़ देखता था, भाभी मुझे बहुत मस्त लगती थीं.
एक दिन मैंने सोचा कि क्यों ना भाभी पर लाइन मारी जाए.
मैंने एक दिन भाभी को छत पर देखा तो पूछा- आप कहां से हो?
पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
फिर कुछ दिनों के बाद मैंने उनको फिर से छत पर देखा तो दोबारा से वही सवाल पूछा.
इस बार उनका जवाब आया.
उन्होंने अपने बारे में बताया और मैंने अपने बारे में!
फिर रोज़ ही हमारी ऐसे ही बातें होने लगीं.
मैं आपको यह भी बता दूं कि भाभी के पति का नाम विकास था और उनकी उम्र 28 साल रही होगी. जबकि भाभी की उम्र 21 होगी.
उन दोनों के बीच उम्र का अंतर ही शायद भाभी के दुखी होने का कारण था.
उनके पति के काम पर जाने के बाद मेरी रोज़ भाभी से बात होने लगी थी.
भाभी रोज़ मुझे अपने खुले बालों से उकसाया करती थीं और मैं क्या ही कहूँ कि मुझे कैसा लगता था.
मेरा दिल तो करता था कि भाभी को पकड़ कर रगड़ दूं, पर मैं बहुत मज़बूर था.
अब मैं उन्हें रोज़ देखता और मुस्कुरा देता.
एक दिन भाभी अपने बेडरूम में सोती हुई अंगड़ाई ले रही थीं और उस दिन मुझे जाकर मुठ मारनी पड़ी.
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.
अब मैंने भी ठान ली थी कि कैसे भी करके मैं भाभी को चोद कर ही रहूँगा.
एक दिन भाभी गली में सब्जी वाले से सब्जी खरीद रही थीं और मैं अपने घर की छत पर से उनसे बात कर रहा था.
मैंने पूछा- आज आपकी मकान मालकिन सब्जी नहीं लेंगी क्या?
उन्होंने कहा- नहीं, वह आज हैं नहीं … शायद कहीं गई हुई हैं.
मैं समझ गया कि भाभी अपने घर पर अकेली हैं.
तो मैं जल्दी से नीचे गया और भाभी के पीछे पीछे उनके मकान में आ गया.
मेरे अन्दर आ जाने का भाभी को पता नहीं चला.
मैं भी इस बात का फायदा उठाते हुए उनके घर में छुप गया.
जैसे ही भाभी सब्जी लेकर सीढ़ियों पर चढ़ रही थीं, मैंने उनके पीछे से जाकर उन्हें पकड़ लिया और उनकी कमर में हाथ डाल कर उनके गाल पर किस कर दिया.
भाभी ने मुझे देखा और धक्का देकर पता दिया और बोलीं- यह क्या कर रहे हो? चलो अपने घर जाओ. अब यह हरकत दोबारा नहीं करना.
मैं अपना पिटा सा मुँह लेकर नीचे आ गया.
अब मैं सोचने लगा कि भाभी आज किसी को कुछ बता ना दें.
यह सोच कर मैं बहुत डर गया.
मैं कुछ दिन तक अपने घर की छत पर ही नहीं गया.
कुछ दिन बाद मैंने भाभी से बात की सोची पर मेरी हिम्मत ही न हुई.
काफी दिनों से मेरी भाभी से बात नहीं हुई थी तो भाभी भी सोच रही थीं कि अब यह तरुण बात क्यों नहीं करता.
एक दिन मैं अपनी छत पर धूप ले रहा था.
भाभी ने एक कागज़ में पत्थर लपेट कर मेरी तरफ फेंका.
उसमें लिखा था- क्या हुआ?
मैंने भी जवाब दिया- आप मुझसे नाराज़ हो!
वे बोलीं- ऐसा क्यों कह रहे हो?
मैंने पूछा- उस दिन आपने मुझे डांटा नहीं था क्या?
वे बोलीं- तुमने ऐसे अचानक से आकर मुझे पीछे से पकड़ लिया था, तो मैं डर गई थी, बस इसी लिए … और कोई बात नहीं थी.
मैंने भाभी को सॉरी बोला और कहा- मुझे माफ़ कर दीजिए.
भाभी बोलीं- ठीक है, मैं तुझे माफ़ कर देती हूँ.
फिर हमारी बातें होने लगीं और अब मैं भाभी से किस के लिए कहता तो वह फ्लाइंग किस दे देती थीं.
पर मुझे फ्लाइंग किस में मजा ही नहीं आता था.
मैंने एक दिन भाभी से कहा- क्या भाभी आप फ्लाइंग किस देती रहती हो. आप कभी रियल में भी दे दिया करो न!
इस पर भाभी हंसने लगीं.
मैंने अपने मन में कहा कि हंसी तो फंसी.
तभी मैंने उनसे चुम्मी देने की ज़िद की, कह दिया- कल मुझे आप की किस लेनी है और मैं आपकी लेकर रहूँगा.
वे कहने लगीं- नहीं … मैं नहीं दूँगी.
मैंने बहुत ज़िद की पर भाभी नहीं मानी.
पर मेरे काफ़ी कहने पर उन्होंने हामी भर ही दी.
मैंने कहा- मैं कल आपके घर आ जाऊंगा.
भाभी कुछ नहीं बोलीं, बस धीरे से मुस्कुरा दीं.
मैं अगली सुबह स्कूल के लिए तैयार होकर जा रहा था.
तभी मुझे एक आइडिया आया कि मैं स्कूल बंक करके भाभी के घर में छुप जाऊंगा और बाद में उनके सामने आ जाऊंगा.
मुझे यही प्लान सही लगा.
मैं मौका देख कर भाभी के मकान में दाखिल हो गया.
तब तक उनके पति अपनी जॉब पर जा चुके थे.
मैं जब ऊपर जा रहा था तब भाभी ने मुझे देख लिया था.
मैंने उनके कमरे में गया तो भाभी ने दरवाजा बंद करके मुझे अपने रूम में बंद कर दिया.
फिर मैंने कुछ देर इंतजार किया और भाभी से कहा- दरवाजा खोल दो.
तब भाभी बोलीं- अभी रुक जाओ, मैं नहा कर आती हूँ, तब खोल दूँगी.
मैंने कहा- ठीक है!
मैं तब तक वहीं बैठा रहा और भाभी के आने का इंतजार करता रहा.
कुछ देर बाद भाभी आ गईं.
जब उन्होंने दरवाजा खोला तब मैंने देखा कि भाभी क्या झकास माल लग रही थीं.
उनको देख कर मेरा तो मन उन्हें चोदने का ही बन गया था.
मैंने कहा- भाभी, आज आपको अपना वादा निभाना है.
तब उन्होंने हंस कर कहा- हां तुझे पहले किस दे देती हूँ.
यह कह कर उन्होंने मुझे अपने होंठों से किस करना शुरू कर दिया.
मैं अब जन्नत में पहुंच गया था.
भाभी दो मिनट बाद मुझसे बोलीं- मैंने अपना वादा निभा दिया, अब तुम अपने घर जाओ.
मैंने कहा- भाभी मैं 2 बजे तक घर नहीं जा सकता!
वे बोलीं- क्यों?
मैंने उनको बताया कि मैंने स्कूल बंक किया है और आज आपके साथ ही समय बिताने की सोच कर आया हूँ.
वे बोलीं- ओके … लेकिन हम लोग दो बजे तक क्या करेंगे?
मैंने उनके चेहरे की तरफ़ देखा और नॉटी सी मुस्कान बिखेर दी.
वे मेरी इस शरारत भरी मुस्कान से समझ तो गई थीं कि मैं उनको पेलने की सोच कर आया हूँ.
पर तब भी भाभी ने कहा- बताओ न क्या करने का सोच रहे हो?
उनकी इस बात से भी साफ जाहिर हो रहा था कि आज तरुण उनकी चुदाई करके ही जाएगा.
मैंने उनकी बात का जवाब न देते हुए अपनी हॉट भाभी पंजाबी सेक्स की योजना को आगे बढ़ाया.
मैंने भाभी से कहा- भाभी आज बहुत गर्मी हो रही है न!
तो उन्होंने कहा- गर्मी लग रही है तो अपनी शर्ट निकाल दो, ठंडी हवा लगेगी.
उनकी बात सुनकर मुझे समझ आ गया कि भाभी की भी इच्छा जागृत होने लगी है.
मैंने उनकी तरफ देखते हुए बड़ी अदा से कहा- हां यह आपने सही कहा है भाभी … मैं अपने कपड़े निकाल देता हूँ. जब घर जाऊंगा, तब पहन लूँगा.
यह कहते कहते मैंने अपनी शर्ट को खोल दिया.
फिर मैंने जब कपड़े उतार दिए तो भाभी मेरे पीने के लिए पानी लाईं और झुक कर देने लगीं.
मैं उनकी चूचियों को देखने लगा. शायद उनका ध्यान भी मेरे चौड़े सीने पर था, तो वह पानी का गिलास ग़लती से मेरे ऊपर गिर गया.
पानी से मेरा अंडरवियर गीला हो गया.
फिर भाभी ने मुझसे माफी मांगते हुए कहा- ओह सॉरी सॉरी … गलती से गिर गया.
यह कहते हुए भाभी ने झट से पास रखा हुआ अपना टॉवल मुझे लपेटने के लिए दे दिया.
वे मुझसे अंडरवियर उतारने के लिए कह कर बाहर चली गईं.
मेरी अंडरवियर पूरी भीग गई थी तो मैंने तौलिया लपेटा और अंडरवियर उतार कर अलग कर दी.
अब मैं सिर्फ़ एक तौलिया में था.
इसके बाद भाभी भी वापस अन्दर आकर बेड पर बैठ गईं और टीवी पर गाने सुनने लगीं.
उसी समय टीवी पर एक मस्त गाना आ गया.
आशिक़ बनाया आपने …
वह गाने के बोल सुनते ही भाभी मेरी तरफ देखने लगीं.
मैंने भाभी को अपनी तरफ देखते हुए पाया तो कह दिया- भाभी, एक और चुम्मी दो ना!
भाभी मस्त निगाहों से देखती हुई मेरी नकल करती हुई बोलीं- खुद आकर ले लो न!
मैंने भी इठला कर कहा- पक्का है न?
वे बोलीं- हां, एकदम पक्का है.
मैंने कहा- दे देना … मना न कर देना!
भाभी- हां ले ले ना, मैं कुछ नहीं बोलूँगी.
अब मैं खड़ा होकर भाभी के पास गया और उनके गालों पर किस करने लगा.
इसी दरमियान मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और तौलिया में होने के कारण मेरा लंड साफ उभरा हुआ दिख रहा था.
अभी मैं भाभी को किस कर ही रहा था कि भाभी ने मुझे बेड पर धक्का दे दिया और मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगीं.
कुछ देर बाद भाभी बोलीं- बस किस ही करते रहोगे या कुछ और भी करोगे?
मैंने इतना सुनते ही भाभी को उल्टा कर दिया और उनकी चूचियों को दबाने लगा, उनकी गर्दन को चूमने चाटने लगा.
उसी वक्त भाभी ने भी हाथ बढ़ाया और मेरा तौलिया खींच दिया.
अब मैं पूरा नंगा हो गया था.
मैं भी भाभी के कपड़े उतारने लगा.
भाभी बोलीं- पहले जाओ और गेट बंद करके आओ.
मैं जैसे ही दरवाजा बंद करके आया, मैंने देखा कि भाभी खुद ही पूरी नंगी हो गयी थीं और शर्म से अपना मुँह छुपा रही थीं.
मैंने उनका हाथ हटाया और उनके होंठों को किस करने लगा.
भाभी ने कहा- तरुण, अब बस भी करो यार मुझे अब और नहीं रहा जाता. जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दे.
मैंने कहा- अभी नहीं भाभी, पहले इसको अच्छे से चूस तो दो!
वे बोलीं- नहीं, मैं चूसूंगी नहीं.
मैंने उनको 69 वाली पोजीशन में कर दिया और उनकी टांगों के बीच में अपना मुँह लगा कर उनकी चूत चाटने लगा.
कुछ पल बाद वे खुद ही मेरे लंड को चाटने और चूसने लगीं.
जल्दी ही भाभी बहुत ज़्यादा गर्म हो गई थीं और चुदने की कहने लगी थीं.
मैंने चुदाई की पोजीशन सैट की और अपना 6 इंच लंबा व मोटा लंड भाभी की चूत में पेल दिया.
लंड एकदम से अन्दर घुस गया था, इससे वह चीखने लगीं- आह तरुण मर गई … आह फाड़ दी मेरी आह.
मैंने उनकी चीख पुकार को नजरअंदाज किया और ज़ोरदार झटकों से भाभी की चुदाई आरंभ कर दी.
कुछ ही देर बाद भाभी को चुदने में मजा आने लगा और वे अपनी दोनों टांगें हवा में उठा कर मेरे लंड को अपनी चूत की जड़ तक लेने लगी थीं.
भाभी कुछ ही समय बाद अकड़ उठीं और उनका स्खलन हो गया.
उनकी चूत से निकले गर्म लावा से मैं भी रुक नहीं पाया और मैं भी कुछ मिनट बाद भाभी की चूत में ही झड़ने को हो गया.
पर तभी मैंने लंड को झड़ने से रोक लिया और लंबी लंबी सांसें लेने लगा.
कुछ देर बाद वापस चुदाई शुरू हो गई.
अब भाभी दुबारा से झड़ने वाली थीं, तभी मैं भी ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.
भाभी झड़ गईं तो मैं भी उनकी चूत में झड़ गया.
कुछ देर बाद हम दोनों उठे और एक साथ नहाने चले गए.
बाथरूम के अन्दर दुबारा से मौसम बन गया और हम दोनों ने फव्वारे के नीचे चुदाई की.
भाभी ने हंसते हुए मुझसे कहा- अब तो तुम्हारा टाइम हो गया होगा … अब तो अपने घर चले जाओ नहीं तो फिर से कसरत शुरू हो जाएगी!
मैं हंस दिया और घड़ी की तरफ देखा तो दो बज गए थे.
तब मैं कपड़े पहन कर अपने घर चला गया.
ऐसे ही हम दोनों ने कई बार चुदाई की और मज़े लिए.
फिर एक दिन अचानक से भाभी को अपने गांव जाना पड़ा. उनके पति की नौकरी में कोई लोचा हो गया था.
मैंने भाभी से पूछा कि अब हम कब मिलेंगे?
भाभी बोलीं- पता नहीं, कब मुलाकात होगी?
फिर वे गांव चली गईं और आज तक वापस नहीं आईं.
तो दोस्तो, यह थी हॉट भाभी पंजाबी सेक्स कहानी. आपको कैसी लगी, प्लीज कमेंट्स में बताएं.