ऐस गांड ऐनल कहानी में मेरी मुलाक़ात एक लड़के से हुई. मैं उससे अपनी गांड मरवाना चाहता था पर समझ नहीं आ रहा था कि अपने मन की बात उससे कैसे कहूँ.
नमस्कार दोस्तो, मेरी पिछली सेक्स कहानी
ट्रिप में गांड में लंड घुसवाकर हनीमून बनाया
आपको पसंद आई, उसके लिए धन्यवाद. मुझे आप सभी के मेल मिले जिसके लिए आप सभी का शुक्रिया.
आज मैं पुन: एक नई सेक्स कहानी के साथ हाज़िर हूँ. ये ऐस गांड ऐनल कहानी अभी कुछ समय पहले की है.
मैं काफी समय से व्यस्त था, तो मेरे मन में चुदाई के ख्याल नहीं आते थे.
कुछ समय से मैं परीक्षा की तैयारी में लगा था.
जून में परीक्षा थी.
मैंने रिजर्वेशन करवा लिया था और पूरी तैयारी कर ली.
मुझे ट्रेन में वेटिंग टिकट मिला था जो RAC में कन्फर्म हो गया था.
उस दिन ट्रेन में काफी भीड़ थी.
मैं ट्रेन में अपनी सीट पर बैठ गया.
तीन स्टेशन बाद एक युवक चढ़ा.
उसकी उम्र कुछ 30 साल थी और उसकी सीट मेरे साथ RAC में थी.
उसका नाम विमल था.
रात भर का सफर था तो मैंने उससे बातें की और पता चला कि वह भी परीक्षा देने जा रहा है.
उसका और मेरा सेंटर एक ही है.
थोड़ी देर बातों के बाद हम दोनों सो गए.
सुबह उतरे और वहां पे एंड यूज वाले बाथरूम से नहाकर एग्जाम सेंटर चले गए.
उधर एग्जाम दिया और खाना आदि खाकर मैं वापस स्टेशन आ गया.
रात में वापसी की ट्रेन थी तो मैं स्टेशन पहुंच गया. बारिश शुरू हो गई थी और ट्रेन लेट हो गई थी.
काफी देर इंतजार करने के बाद पता चला कि ट्रेन कैंसल हो गई है.
मैंने पूछताछ की, तो पता चला कि अगली ट्रेन सुबह है. काफी रात हो गई थी और स्टेशन पर काफी भीड़ थी.
तब मैंने रात में होटल में कमरा लेने का सोचा और बाहर आ गया.
बाहर देखा तो विमल बाहर उदास खड़ा था.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
उसने बताया कि ट्रेन कैंसल हो गई है और रात निकालने के लिए उसके पास व्यवस्था नहीं है.
मैंने उससे कहा- तुम मेरे साथ होटल चले चलो.
उसने बताया कि उसके पास उतने पैसे नहीं हैं और नेट भी काम नहीं कर रहा है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, तुम मेरे साथ रूम साझा कर लेना, पैसे भी नहीं लगेंगे.
उसने थोड़ा सोचा और वह मान गया.
मैंने आसपास सस्ते होटल का पता किया और हम दोनों उसी में चले गए.
उसने मुझे थैंक्स बोला.
हम दोनों ने एक रूम ले लिया.
रूम में पहुंच कर मैं बिस्तर पर गिर गया.
उसने कहा कि क्या इतना थक गए?
मैंने कहा- हां यार बहुत थक गया हूँ.
वह नहाने चला गया और मैं बैठा रहा.
नहा कर वह बाहर आया तो मैंने देखा कि उसकी बॉडी बहुत सही थी.
टॉवल के बाहर से ही उसका लंड दिख रहा था.
उसने मुझसे पूछा- क्या तुम्हारे पास एक और लोवर है?
मैंने कहा- नहीं.
उसने थोड़ा सोचा.
उसके कपड़े भीग गए थे तो उसने अंडरवियर में ही सोने की सोची और मेरे पास आ गया.
उसके ऐसे पास आने से मेरे अन्दर की औरत जाग गई.
मैंने तेज सांस ली और होंठों को दबा लिया, मैंने बेडशीट को भींच कर अपनी उत्तेजना को दबा लिया.
उसने कहा- अच्छा हुआ कि तुम मिल गए यार, नहीं तो आज रात मेरी हालत खराब हो जाती.
मैंने खुद पर काबू किया और बोला- अरे कोई बात नहीं.
तभी उसके फोन पर उसके घर से फोन आया तो वह बाहर जाकर बात करने लगा.
कुछ पल बाद वह अन्दर आ गया.
मैंने उससे थोड़ी बात की.
तो उसने बताया कि साल भर पहले ही उसकी शादी हुई है और छह महीने से वह परीक्षा की तैयारी के लिए घर से दूर रहता है.
मैंने उससे हंस कर पूछा- बीवी की याद नहीं आती?
वह बोला- वीडियो कॉल करके ही काम चला लेता हूँ.
मुझे मौका मिल गया था.
तो मैंने उसे बातों में उलझा कर गर्म करने की कोशिश की.
मैंने ध्यान दिया कि मेरी मेहनत काम कर गयी है.
उसकी अंडरवियर थोड़ी गीली हो गई थी.
मैंने उमस का बहाना करके अपनी टी-शर्ट को निकाल दिया और उसकी बातें सुनने लगा.
मैं अब धीरे धीरे आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा था पर उसे समझ ही नहीं आ रहा था.
मैं थोड़ा उसके पास आ गया.
उसने मुझे थोड़ा दूर किया और बोला कि अब सो जाते हैं.
मेरे सारे अरमान धरे रह गए.
मैं भी मन मार कर सोने लगा.
रात में काफी देर तक मैं उसे देखता रहा.
अंधेरे में उसका शरीर मुझे बहुत गर्म कर रहा था.
मेरी गांड में बहुत तेज खुजली चल रही थी पर मैं कुछ नहीं कर सकता था.
फिर मैं सो गया.
आधी रात के बाद मेरी आंख खुली.
मैंने उसे थोड़ा हिला कर देखा तो वह गहरी नींद में था. मैंने धीरे से उसके चड्डी के ऊपर से उसके लंड को छुआ.
उसका लंड सोते हुए भी काफी बड़ा था.
मैंने हल्के से हाथ लगाया.
थोड़ी देर में उसने करवट बदल ली.
मैं डर गया और नींद में होने का नाटक करने लगा.
फिर मुझे भी नींद आ गई.
सुबह उठा तो देखा वह मुझसे चिपका हुआ था.
मैं भी मौके का फायदा उठा कर उल्टा हो गया.
उसके लंड को मैंने अपनी गांड के पास सैट कर दिया.
उसी समय उसका एक हाथ मेरे ऊपर आ गया था.
उसका लंड सुबह तन गया था और मेरी गांड की दरार पर रगड़ खाने लगा था.
मैं एकाएक मधहोश हो गई और हल्के से अपनी गांड को रगड़ने लगी.
मुझे बहुत मजे आ रहे थे.
पर मैं शांत हो गया कि कहीं उसे पता न चल जाए.
थोड़ी देर मैं वह जाग गया.
हम दोनों फटाफट नहाये और ट्रेन पकड़ ली.
रास्ते में उसने बताया कि अगली शिफ्ट का एग्जाम भी यहीं होगा.
मेरा एक ही एग्जाम था, पर मैंने बोला कि मेरा भी है.
उसने कहा- तो फिर चार दिन बाद मिलते हैं.
मैं अब घर जाकर कैसे भी चार दिन निकलने का इंतज़ार करने लगा.
जैसे तैसे चार दिन निकले और मैं उसी जगह वापस पहुंच गया.
मैं सारा दिन घूमा और शाम में उससे मिला.
उसने बताया- आज कोई ट्रेन है ही नहीं तो अगले दिन सुबह ही चलेंगे.
मैंने कहा- तो फिर?
उसने बोला- फिर, वापस वही बुक कर लेते हैं.
मैंने हामी भर ली और सामान उठा लिया.
हम दोनों उसी होटल में फिर से पहुंच गए.
मैंने उसे रूम में जाने को बोला और मैं बाद में आऊंगा, बोल कर वहां से चला गया.
मैं फटाफट से गया और मेडिकल से कंडोम और काम शक्ति बढ़ाने वाली दवा खरीद लाया.
मुझे आज तो कैसे भी उससे चुदना था.
मैंने जूस लिया और उसमें दवा डाल कर कमरे में ले गया.
उसे मैंने जूस दे दिया.
उसने जूस पिया और हम दोनों बातें करने लगे.
थोड़ी देर बाद उसकी वाइफ का कॉल आ गया तो उसने बाहर जाकर अपनी बीवी से बातें की और वापस आ गया.
मैंने देखा कि उसका लंड पूरा तना हुआ था और लोवर से साफ दिख रहा था.
वह अपना लौड़ा छिपाने की कोशिश कर रहा था.
मैंने भी उसे चिड़ाते हुए कहा- क्या बात है दोस्त … लगता है आज कुछ ज्यादा ही प्यार दिखा दिया भाभी ने!
उसने मेरी बात को काटते हुए कहा- अरे यार, ऐसा कुछ नहीं है. पर पता नहीं क्यों ये साला बैठ ही नहीं रहा है.
मैं भी एकटक उसके लंड को देखने लगा.
मेरी दवा उस पर असर कर गयी थी.
मैं भी हंसने लगा.
वह मेरे पास आकर बैठ गया.
हम दोनों ने थोड़ी बातें की.
उसने कहा- यार आज सेक्स का बहुत मूड हो रहा है, पता नहीं ऐसा क्यों हो रहा है.
मैंने भी उसके थोड़े मजे लिए और हम दोनों सोने लगे.
थोड़ी देर बीती और रात गहरा गई.
तब मैंने देखा कि वह बेचैनी से करवटें बदल रहा है.
चार दिन पहले जो मेरी हालत थी, वह आज उसकी हालत हो रही थी.
मैं उसकी स्थिति को देख कर मजे लेने लगा.
थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मसलने लगा.
अब उसका खड़ा लंड देख कर मेरी हालत भी खराब होने लगी.
मस्त लंड था, उसे देख कर ही मेरे मुँह से पानी आने लगा.
मेरे हाथ उतावले होने लगे, मन चंचल होने लगा.
मैं किसी तरह से खुद को रोक रहा था पर मेरी सारी कोशिशें बेकार थीं.
कुछ ही देर में मेरी गांड में ज़ोर की खुजली होने लगी.
मेरे मुँह से लार टपक रही थी.
मैं खुद का काबू खो चुका था.
मैंने अपना हाथ आगे बढ़ाया और उसका लौड़ा पकड़ लिया.
उसकी आंखें मेरी तरफ घूम गईं.
मैंने भी उसे बहुत ही प्यासी नज़रों से देखा.
उसने बिना कुछ बोले मेरे दूसरे हाथ को भी अपने लौड़े से चिपका लिया और मैं भी उसके लौड़े को तन्मयता से मसलने लगा.
थोड़ी ही देर बाद मैं पोजीशन में हुआ और उसके लौड़े को अपने पास लेकर लपक लिया.
उसने मेरे सर पर हाथ रखा और मेरे मुँह में धक्के देने लगा.
मैं उसका लंड लपक लपक कर मुँह में अन्दर तक लेने लगा.
उसका लंड मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. काफी दिन बाद मेरे मुँह में किसी का लंड जा रहा था.
उसने पूछा- क्या तू ये सब मेरे साथ पहले से ही चाहता था?
मैंने कुछ न बोलते हुए उसका लंड चूसना जारी रखा.
उसने ज़ोर से मेरे मुँह में लौड़े को दबाया तो उसका लंड मेरे गले में अन्दर तक घुस गया.
मैंने छटपटा कर उसके पेट पर हाथ मारा तो उसने खुद का हाथ ढीला कर दिया.
लंड की जकड़न मेरे अन्दर से कम हो गई.
मैं खांस कर सांस लेने लगा और उसकी तरफ देखने लगा.
फिर बोतल से पानी पिया और वापस उसका लंड पकड़ कर मुँह में ले लिया.
उसने भी ज्यादा कुछ नहीं कहा और धक्के देने लगा.
थोड़ी ही देर बाद मैं थक गया और उसका लंड मसलने लगा.
थोड़ी देर में उसके लंड ने पानी छोड़ दिया.
मैंने वहीं पड़े होटल के नैपकिन से उसके लौड़े को साफ किया और उससे चिपक गया.
उसने मुझसे पूछा- तू ये सब पहले से करता रहा है क्या?
मैंने कहा- हां मगर जो पसन्द हो, सिर्फ उसके साथ ही करता हूँ.
वह इस बात से खुश था कि मैंने उसको पसंद किया था.
अब मैंने उससे कहा- मुझे चोदेगा?
उसने मना कर दिया- मेरी शादी हो चुकी है और ऊपर से मैं एक लड़का हूँ.
मैंने आशा भरी निगाहों से उसे देखते हुए कहा- एक बार मेरी गांड मार कर देख ,लड़की से कम मज़ा आये तो बताना.
मैं उसे मनाने लगा पर वह मान ही नहीं रहा था.
मैंने उसका लंड पकड़ लिया और हल्के से मालिश करने लगा.
थोड़ी ही देर में उसका लंड तन कर खड़ा हो गया और फुंफकार मारने लगा.
मैंने उससे एक बार डालने को बोला.
इस बार वह मान गया.
मैंने कंडोम निकाला और उसे पहना दिया.
मैं खुद उल्टा लेट गया.
उसने मेरी गांड पकड़ी और मैंने आंखें बंद कर लीं.
साथ ही मैंने कस कर बिस्तर के कोने पकड़ लिए.
मुझे पता था कि उसका लंड मेरी इतने दिनों से बंद पड़ी गुफा को फाड़ते हुए जाएगा.
पर उसकी तीन बार की कोशिशें बेकार गईं.
मैंने उसे गुस्सा दिलाया- क्या हुआ … मर्द नहीं हो क्या तुम? तुम्हारा लंड तो फुस्स निकला. सेक्स करना आता भी है तुम्हें?
मेरी यह तरक़ीब काम कर गयी.
उसने कस कर मेरी कमर पकड़ी और पूरी ताकत लगाते हुए मेरी गांड फाड़ दी.
उसका लंड एक तेज झटके से अन्दर तक घुसता चला गया.
मैं ज़ोर से चिल्ला दिया.
उसने मेरी एक न सुनी और 2-3 धक्कों में मेरी गांड को पंचर कर दिया.
मैं दर्द से ‘उहह हह … आहह हह’ करने लगा.
वह थोड़ा ऊपर हुआ और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा.
मैंने कराहते हुए कहा- आहह हह धीरे करो यार … सहन नहीं हो रहा है आह अहहह.
उसने गुस्से से मेरी गांड पर ज़ोर का झापड़ लगाया और वापस से एक खतरनाक धक्का लगा दिया.
इस बार मुझे लगा कि उसका लंड मेरे पेट में घुस चुका है.
मेरी सारी अंतड़ियां हिल रही थीं, आंखों में आंसू थे और मेरी गांड फटने से आवाज़ न निकले, इस वजह से मैंने अपने मुँह में बेडशीट का कोना दबा रखा था.
मेरी गांड का दरवाजा फट चुका था.
मैंने एक हाथ से उसे रोकना चाहा, पर वह अब कहां रुकने वाला था.
थोड़ी देर बाद मुझे शांति लगने लगी और मैंने आंखें बंद कर लीं.
शायद मैं बेहोश हो चुका था.
जब आंखें खुलीं, तो आंखों में बहुत पानी था और उसकी ठुकाई अब तक चालू थी.
अब वह मेरे बाजू में लेटा था.
मेरी एक टांग ऊपर थी और हाथ से उसने मुझे दबा रखा था.
मैंने उससे कहा- अब छोड़ दो, मुझसे और सहन नहीं हो रहा है.
उसने कहा- मैं छह महीने से प्यासा हूँ. तूने सामने से अपनी गांड मुझे चोदने दी है … तो इतना तो करना ही था.
मैं बोला- मुझे पता नहीं था कि तू जानवर की तरह मेरी लेगा.
उसने कहा- तो फिर अब भुगत साले. मुझे मर्द साबित कर रहा था न … अब मर्दानगी झेल भोसड़ी के.
उसके तेवर देख कर मैं चुप हो गया.
थोड़ी देर में उसने एक तेज गर्म पिचकारी मेरी गांड में खाली कर दी.
मैं अब तक काँप रहा था, पता नहीं था कि पहली बार के बाद भी दर्द होता है.
थोड़ी देर बाद उसने मुझे कस कर खुद से चिपका लिया और बोला- अगली बार आराम से करूँगा, ये तो तूने गुस्सा दिला दिया था.
मैं कुछ नहीं बोला और हम दोनों सो गए.
सुबह होने से पहले उसने मुझे उठाया और मेरा हाथ अपने लौड़े पर रख दिया.
मैंने थोड़ा सोचा कि इस बार शायद मुझे भी मज़ा आए.
मैंने खड़े होकर लपक कर उसका मुँह में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
उसने कहा- गजब रंडी है तू तो!
मैंने लोवर निकाला और उसका लंड सीधा करके उस पर बैठ गया.
फच से उसका लंड मेरी गांड में घुस गया और उसने मेरी कमर पकड़ ली.
ऐस गांड ऐनल चुदाई का आगाज हो गया. हल्के धक्कों के साथ हमारा दूसरा राउंड शुरू हुआ.
अब मुझे मज़ा आ रहा था.
उसका लंड मेरी गांड को दर्द के साथ मजे भी दे रहा था.
मैं अब ज़ोर ज़ोर से उस पर कूदने लगा था.
उसने मेरी कमर पकड़ कर कहा- आराम से.
मुझे उसने फिर से उल्टा किया और मेरे ऊपर चढ़ कर धक्के लगाने लगा.
इस बार के धक्के आराम से लग रहे थे.
मैं उसके लौड़े के पूरे मजे लेने लगा.
थोड़ी देर बाद वह मेरी गांड में ही पिचकारी मार कर फ्री हो गया और मैं भी फ्री हो गया.
इस तरह मेरी गांड को एक नया यार मिल गया.
अब उससे फोन पर कई बार बात होती है और कई बार मैं उसके शहर में भी चला जाता हूँ, तो मेरी गांड उसके लंड का सुख ले लेती है.
आपको मेरी ऐस गांड ऐनल कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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