रिच गर्ल सेक्स कहानी में एक जवान लड़की लन्दन में मेरे घर में किराये पर रहती थी. वह रात को अक्सर देर से आती थी. एक रात वह नशे में धुत्त होकर आई.
नमस्कार दोस्तो, मैं आपका दोस्त मानस पाटिल!
जैसा कि पुराने पाठकों को पता ही है कि मैं एक भारतीय हूँ, पर पिछले 15 सालों से लंदन का निवासी हूँ.
लंदन में सेंट्रल एरिया में मेरा ख़ुद का एक मकान है और चूँकि मैं एक तलाक़शुदा हूँ तो अकेलेपन को दूर करने के लिए मैंने अपने घर के कुछ कमरे किराये पर दे रखे हैं.
मेरी पिछली कहानी थी: बाईसेक्सुअल पति ने अपनी बीवी की चूत पेश की
मैं फिर से एक नई सेक्स कहानी के साथ हाज़िर हूँ.
भारत से कई सारे लड़के और लड़कियां पढ़ाई के लिए यहां आते हैं और यह कहानी उन्हीं लड़कियों में से एक की है.
जिसकी हवस ने मेरे अन्दर के मर्द को और ख़ूँख़ार बना दिया था.
सोहा नाम था उसका, 24 साल की जवान लड़की अपनी आगे की पढ़ाई के लिए लंदन के एक मशहूर विश्वविद्यालय में दाख़िला ले चुकी थी.
सोहा अभी अभी लंदन आयी थी और किसी जान पहचान से उसने मेरे घर में ही अपना डेरा जमा लिया था.
सोहा वैसे तो अमीर परदे वाले परिवार से थी, पर वह अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती थी और उसकी यही बात मुझे सबसे ज़्यादा पसंद आयी.
शुरू शुरू के कुछ दिन हमारी ज़्यादा बातचीत नहीं होती थी पर धीरे धीरे हम एक दूसरे के बारे में जानने लगे.
सोहा की पढ़ाई तो जोरों शोरों से चल रही थी.
पर हर रात वह अपने दोस्तों के साथ आधी रात तक पब में मौज मस्ती करने चली जाती.
मैं भी यह सोचकर नज़र अन्दाज़ कर देता था कि उसके पैसे और उसकी ज़िंदगी है … मुझे कौन सा फर्क पड़ने वाला है.
वैसे भी यहां आने के बाद इस माहौल का मज़ा लेने का मन हर किसी का करता है.
एक रात जब मैं अकेला ही घर में दारू पीते हुए टीवी देख रहा था कि तभी घर का मुख्य दरवाज़ा खुला.
नशे में झूलती सोहा जैसे तैसे घर में दाखिल हुई.
मैं अपना कर्तव्य समझते हुए झट से उसके पास गया और उसे सहारा देकर सोफ़े तक ले आया.
बिखरे बाल और मुँह से शराब की महक ने सारा किस्सा खुद ही बयान कर दिया था.
सोहा ने अपना सर सोफ़े पर टिकाते हुए आंखें बंद कर लीं और वह अपने आपको संभालने की कोशिश कर रही थी.
उसका ऐसा हाल मैंने आज से पहले कभी नहीं देखा था.
वह रात को जब भी आती, तब वह पूरे होश में ही रहती थी.
जहां तक मुझे पता था कि कि सोहा को शराब से ज़्यादा लगाव नहीं था.
उसको शांत होते देख कर मैंने पूछा- ठीक हो न तुम?
उसने बिना कुछ बोले बस इशारे से हामी भर दी और फिर से आंखें बंद करके लेटी रही.
सोहा को देख कर मुझे लगा कि शायद उसको पानी पिलाना चाहिए ताकि वह थोड़ा अच्छा महसूस कर सके.
पानी लाने के लिए जैसे ही मैं सोफ़े से खड़ा होने लगा, वैसे झट से सोहा ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे उसके पास बैठे रहने का इशारा किया.
मैं भी उसकी विनती स्वीकार करते हुए सोफ़े पर बैठ गया और उसका हाथ जो मेरे हाथों में था, उसे सहलाने लगा.
अब तक मेरे मन में उसके लिए कोई भी ग़लत भाव नहीं थे.
मैं 39 का और वह सिर्फ़ 24 की … यही सोचकर मैंने कभी भी उसके बारे में ग़लत नहीं सोचा था.
कुछ देर वैसे ही उसके बाजू में बैठने के बाद मैंने उसको पानी के लिए पूछा, तो उसने अपनी आंखें ख़ोल दीं और मेरी तरफ देख़ कर मुस्कुराई.
मेरा हाथ खींच कर उसने अचानक मुझे अपनी ओर किया और बोली- हां प्यासी हूँ मैं … तुम कुछ करते क्यूँ नहीं?
मुझे लगा कि वह पानी पिलाने की बात कर रही है.
तो मैं फ़िर से सोफ़े से उठ कर खड़ा होने लगा … तो उसने मुझे खींच कर अपने ऊपर गिरा लिया और बेतहाशा मुझे चूमने लगी.
उसकी इस हरकत से मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ और मैं अपने आपको उसके शरीर से दूर करने लगा.
पर उसका जोश इतना ज्यादा था कि उसने मुझे उठने का मौक़ा ही नहीं दिया.
पहले मुझे लगा कि शायद नशे में होने के कारण उसे अपने आप पर क़ाबू नहीं रहा.
कुछ ग़लत होने से पहले ही मैंने पूरे जोर से उसको मेरे तन से जुदा कर दिया.
सोहा अब गुस्से से मुझे देखने लगी.
तो मैंने भी उसे डाँटते हुए कहा- कुछ तो शर्म करो … मेरे से लगभग आधे उम्र की हो तुम! यहां पढ़ाई करने आयी हो या ये सब बकवास?
मुझे लगा मेरे डाँटने से शायद उसको उसकी गलती का अहसास होगा.
पर यहां तो बाज़ी ही पलट गयी.
सोफ़े से उठकर वह गुस्से में आकर मेरे पास खड़ी हुई और मेरे पायज़ामे के ऊपर से ही मेरा लौड़ा पकड़ती हुई मुझ पर टूट पड़ी.
उसकी मुट्ठी में आने के कारण मेरा लंड दर्द करने लगा और उसने फिर से मुझे क़ाबू करते हुए मुझे सोफ़े पर धकेल दिया.
मेरी गोदी में आकर मेरा गला दबाते हुए बोली- तो क्या हुआ भोसड़ी के, तू क्या मेरा बाप है क्या बहनचोद? साले हर दूसरी रात रंडी चोदता है … तो मेरी चूत में क्या कांटे लगे हैं कुत्ते? या लंड खड़ा नहीं होता तेरा चूतिए?
सोहा का ये रूप देख कर मेरे अन्दर के मर्द को एक गहरा धक्का लगा.
एक कमसिन उम्र की लड़की आज मेरे पुरुषत्व को ललकार रही थी और ये मेरे स्वभाव के बिल्कुल विपरीत था.
असल में मैं एक ऐसा मर्द हूँ, जिसे औरत को अपनी गुलाम बनाकर उसे दो कौड़ी की रंडी कुतिया की तरह रौंदने की कला बख़ूबी आती है.
फिर तो बस मेरे अन्दर का वह शैतान कुछ ऐसे जागा कि मैंने झट से सोहा का गला कसके पकड़ लिया और उसे चूमने लगा.
उसके गुलाबी और नाजुक होंठों को मैंने अपने मुँह में पूरा भर लिया और चूमते हुए उसके होंठ जोर जोर से काटने लगा.
मेरे काटने की वजह से सोहा दर्द से उछल पड़ी और मेरे लौड़े के ऊपर की उसकी पकड़ अब पूरी तरह से ढीली हो चुकी थी.
उसकी आंखों से पानी निकल रहा था और वह मुझसे जुदा होने के लिए जोर लगा रही थी.
मैंने उसके होंठों को छोड़ते हुए उसका गला वैसे ही पकड़ कर कहा- साली दो कौड़ी की रंडी, अब देख मादरचोद … मैं क्या हाल करता हूँ तेरा … आज की रात तुझे पता चलेगा कि कितना बड़ा मर्द हूँ मैं … साली रंडी की औलाद!
सोहा को सोफे पर धकेलते हुए मैंने अपना दारू का गिलास उठाया और एक ही सांस में पूरा गिलास खाली कर दिया.
मेरे अन्दर के इस बदलाव से सोहा भी उत्तेजित हो गयी.
जैसे ही मैंने अपना गिलास खाली किया तो सोहा ने सामने रखी दारू की बोतल उठाई और झट से अपने मुँह को लगा ली.
खालिस दारू अब सीधे उसके गले से होते हुए पेट में समाने लगी.
दो-चार घूँट पीने के बाद सोहा लड़खड़ाती हुई खड़ी होने लगी.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसे थोड़ा सहारा दिया.
नशे की हालत में उसकी लाल आंखें देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने बिना कुछ समझे उसको अपनी बांहों में भर लिया.
एक हाथ से उसकी गर्दन पकड़ते हुए मैंने फिर से उसको चूमना चालू कर दिया.
हवस की आग से जलती सोहा ने भी फिर से अपने हाथ मेरे लौड़े पर जमा लिए, पर अब वह नर्मी से उसे सहलाने लगी.
धीरे धीरे उसको चूमते हुए मैंने सोहा की टी-शर्ट का गला पकड़ा और जोर से खींचते हए फाड़ने लगा.
टर्रर की आवाज़ के साथ टी-शर्ट फटकर लटकने लगी.
इससे सोहा का सीना आधा नंगा हो चुका था.
मुझे आज़ पता चला कि सोहा का सीना बिल्कुल किसी पोर्नस्टार की तरह फूला हुआ था.
उसके 36 इंच के दो ग़ुब्बारे चुस्त कसी हुई ब्रा से बाहर आने के लिए फड़फड़ा रहे थे.
मैं अब बिना समय लगाते हुए अपना हाथ उसके कंधे पर ले गया और उसके ब्रा की पट्टियां पकड़ कर उनको जोर से खींच दिया.
सोहा की ब्रा भी अब फट चुकी थी.
उस फटी ब्रा को उसके बदन से अलग करते हुए उसे मैंने उसे वहीं ज़मीन पर फेंक दिया.
सोहा का भरा हुआ सीना, उसके मांसल उरोज मेरे सामने नंगे हो चुके थे.
पर सोहा तो बिना शर्म किए आंखें बंद करके मेरे लौड़े को सहलाने में लगी हुई थी.
सोहा के नंगे चूचे सहलाते हुए मैंने उसकी जींस का बेल्ट खोला और उसे निकाल कर सोहा के गले में डाल दिया.
मेरे ऐसे बर्ताव से सोहा ने आंखें खोलीं और वह मुस्कुराती हुए अपनी जींस ख़ुद उतारने लगी.
अपने आपको मेरे सामने नंगी करने में शायद उसको बड़ी जल्दी थी.
झट से उसने अपनी जींस और चड्डी निकाल दी और अगले ही पल मेरे सामने घुटनों पर बैठ कर उसने मेरी शॉर्ट्स नीचे खींच दी.
अकेला रहने के कारण मैं ज्यादातर घर में सिर्फ शॉर्ट्स या ट्रैक पैंट ही पहनता हूँ ताकि मेरे लौड़े को खुली हवा में सांस लेने का आनन्द मिल सके.
जैसे ही सोहा ने मेरी शॉर्ट्स निकाली, उसके सामने मेरा लंड लहराने लगा.
मेरे लौड़े को अपने दोनों हाथों ने लेकर उसने चूमा और किसी बाजारू रंडी की तरह मेरे आंखों में देख कर मुस्कुराने लगी.
मैंने भी सोहा के गले का लटक रहा बेल्ट पकड़ा और उसे खींचते हुए सोहा को मुँह मेरे लौड़े पर पटक दिया.
मस्त 24 साल की एक कमसिन लड़की आज मेरे सामने पूरी नंगी होकर मेरे लौड़े को चूसने में लगी थी.
सोहा के गर्म गर्म मुँह में जाते ही मेरा लौड़ा भी अपनी औकात में आने लगा.
ना चाहते हुए भी मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.
एक हाथ से बेल्ट और दूसरे हाथ से मैंने सोहा के बाल पकड़ते हुए उसका मुँह पूरा अपने लौड़े पर दबा दिया.
सोहा के मुँह में अब धीरे धीरे मेरा लौड़ा पूरी तरह से खड़ा होने लगा था.
उसके चूसने की कला से खुश होकर मैं आराम से सोफ़े पर अपनी नंगी गांड रख कर बैठ गया.
सोहा अब मेरे सामने जमीन पर बैठी कुतिया की तरह मेरे लौड़े को चूस रही थी.
रिच गर्ल सेक्स का पूरा मजा ले रही थी.
उसके दोनों हाथ मेरे लौड़े को सहलाते हुए मुठ मार रहे थे और उसके मुँह से निकलता थूक मेरे लौड़े को और चिकना बना रहा था.
मैं भी नीचे से अपनी गांड उठाते हुए उसके गले तक मेरा लंड ठूंसने लगा.
उसके गले से आ रही आवाजों से साफ़ पता चल रहा था कि मेरे लंड के दबाव से उसे परेशानी हो रही है.
पर आज उसने जो बर्ताव मेरे साथ किया था, उसका जवाब देने का वक़्त आ चुका था.
उसकी तड़प की परवाह किए बिना मैं और जोर जोर से उसका मुँह चोदने लगा.
कभी लौड़ा उसके मुँह में देकर मैं उसका मुँह चोदने लगता था, तो कभी लौड़े को मुँह से बाहर निकाल कर उसके चेहरे पर मारने लगता था.
सोहा भी इस सबसे ख़ुश हो रही थी.
उसके बाल बिख़र चुके थे, होंठों की लाली मेरे लंड को लाल कर रही थी और बीच बीच में उसके मुँह पर थूकने से उसका चेहरा थूक से गीला हो चुका था.
कुछ देर के बाद उसने अपना मुँह मेरे टट्टों की तरफ किया और दोनों ग़ोटे एक साथ मुँह में लेकर चूसने लगी.
गोटे चूसते हुए उसके दोनों हाथ अब भी मेरा लौड़ा पकड़ कर उसको सहला रहे थे.
जवान लड़की से लौड़ा और टट्टे चुसवाने का मज़ा लेते हुए अब मैंने उसका सर और नीचे की ओर दबाया … तो मेरी गांड का छेद उसके मुँह पर आ गया.
सोहा ने क़ातिल मुस्कान भरी और बिना किसी घिन या शिकवे से वह अपनी जीभ मेरी गांड के छेद पर घुमाने लगी.
उसकी जीभ मुझे मेरे गांड के छेद पर ऐसे चाटने लगी कि मेरे होश बेक़ाबू हो गए और मैंने उसके मुँह पर जोर जोर से अपनी गांड रगड़ना चालू कर दिया.
उसके बाल मुट्ठी में भर कर मैंने उसका मुँह मेरे गांड में दबाते हुए कहा- आह्ह्ह साली रंडी की पैदाइश … सूँघ अच्छे से मेरी गांड मादरचोद … घुसा दे अपनी जीभ मेरी गांड में छिनाल!
मेरे आदेश का पालन करते हुए सोहा ने अपने हाथ मेरी गांड की तरफ बढ़ाए और मेरे चूतड़ फैला दिए.
इस कारण मेरी गांड का छेद अब खुलकर उसके मुँह के सामने आ गया और फिर से उसने अपना मुँह मेरी गांड की दरार में छुपा लिया.
सोहा के चाटने से मेरे शरीर में ख़ून तेज़ी से दौड़ने लगा.
लौड़े की नसों में बहते ख़ून ने मेरा लंड और भी ज़्यादा अकड़ चुका था.
सुपारे से निकलती बूंदें ये साबित कर रही थीं कि अब लंड अपनी असली रूप में आ चुका है … और किसी भी वक़्त टट्टों में उबलता हुआ लावा फट सकता है.
पर मुझे अपने आप पर क़ाबू करना अच्छे से आता था.
इसलिए मैंने सोहा का मुँह, जो मेरी गांड में घुसा हुआ था … उसे बाहर निकाला.
गांड चाटने की प्रक्रिया में उसके मुँह से निकलता थूक उसी के चेहरे को गीला कर चुका था और अब वह सच में किसी धंधे वाली सड़क छाप रंडी जैसी लग रही थी.
उसके मुँह पर मैंने थूककर एक जोरदार तमाचा उसके गालों पर खींच दिया. उसके बाल खींच कर मैंने उसे खड़ा किया और वहीं सोफ़े पर पटक दिया.
सोहा को अच्छा ख़ासा नशा था और उसी के चलते उसको अपने शरीर पर कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था.
दोस्तो, रिच गर्ल सेक्स कहानी आपको कैसी लग रही है, प्लीज मुझे मेल से बताएं.
अभी उसकी चुदाई का मजा बाकी है, उसे मैं अगले भाग में लिखूँगा.
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