हॉट लड़की फ्री सेक्स स्टोरी में मैं पढ़ाई के कारण अपने मौसेरे भाई के पास रहने लगी. मेरे छोटे कपड़ों में भाई को मेरा नंगा बदन दिखता तो उसका लंड चूत मांगने लगता था.
मेरी पिछली कहानी
ठरकी डॉक्टर के अस्पताल में चुद गयी
का लिंक मैं यहाँ दे रही हूँ, ताकि आप पाठकगण को मेरे बारे में और जानने में असुविधा ना हो.
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Hot Ladki Free Sex Story
अपनी चुदाई की कहानी शुरू करने से पहले मैं अपने बारे में भी फिर से बता देती हूँ.
मैं एक दुबली पतली सी लड़की हूँ, मेरी उम्र अब 21 वर्ष की है.
मेरा फिगर अभी भी 28-28-32 का है और मैं दिखने में सुन्दर और गोरी हूँ.
इस हॉट लड़की फ्री सेक्स स्टोरी में मेरे साथ कुछ अलग ही बात हुई जो मैं आप सब को बताना चाहती हूँ.
हुआ यूँ कि मेरी मम्मी को अचानक से मुझे आगे पढ़ाई करने के लिए बाहर भेजने का मन किया, जिसके लिए पापा भी मान गए,
उनके पास मुज़फ्फरपुर का ही एक मात्र विकल्प था क्यूंकि मुज़फ्फरपुर में मेरे मौसेरे भैया जिनका नाम रोहित है, भी पढ़ाई के सिलसिले में रह रहे थे.
वे वहाँ कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहे थे.
तो पापा ने उनसे बात करके मेरे लिए भी एक हॉस्टल में रूम उपलब्ध करवा दिया और रोहित भैया ने मेरे लिए कोचिंग में बात भी करके सब कुछ फाइनल करवा दिया।
मम्मी ने रोहित भैया को कह दिया अगर मुझे किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो वे मेरी मदद कर दें।
जिस पर भैया ने कहा- ठीक है!
इसके बाद मैं कुछ ही दिन में मुज़फ्फरपुर में आ गयी और अपने हॉस्टल के कमरे में शिफ्ट हो गई.
लेकिन कुछ दिन बाद मेरी तबीयत अचानक से खराब हो गई।
तब मैंने भैया को फ़ोन करके सारी बात बताई.
तो भैया आकर मुझे डॉक्टर को दिखाने के लिए ले गए.
डॉक्टर ने कुछ टेस्ट करवाया, जिसमें मुझे फ़ूड पाइजनिंग इन्फेक्शन निकला.
और डॉक्टर ने बताया- इनको आराम की ज़रूरत है.
तब भैया ने मुझे बोला- तुम हॉस्टल में मत रहो, मैं मौसी से बात करता हूँ और उनको सारी बात बताता हूँ.
उसके बाद भैया ने मेरी मम्मी और उनकी मौसी से बात करके मेरे बारे में सारी बात बताई और कहा- मौसी, सौम्या को मेरे साथ रहने दीजिये. मैंने भी तो यहाँ एक कमरे का घर लिया ही हुआ है. तो दोनों भाई बहन उसी में आराम से रह लेंगे.
जिस पर मम्मी मान गई.
और तब मैं भैया के साथ उनके रूम में शिफ्ट हो गई।
भैया के रूम में शिफ्ट होने के बाद उन्होंने मेरे लिए भी एक अलग गद्दे की व्यवस्था कर दी.
एक गद्दे पर वे सोते थे और दूसरे पर मैं!
इसी प्रकार से समय बीतता गया.
जून का महीना था, तपती गर्मी!
भैया तो आराम से बनियान और शॉर्ट्स में रहते थे.
पर मुझे सलवार कुर्ती पहनना पड़ता था.
इस वजह से एक दिन मैंने भैया को बोला- भैया, मुझे कुछ शॉर्ट्स नाईट ड्रेस खरीदवा दो, बहुत गर्मी है, इन कपड़ों में बहुत परेशानी होती है.
तब वे बोले- पहले क्यूँ नहीं बताया? चलो आज ही ले लेते हैं.
तो उस दिन शाम में हम दोनों ने मोतीझील स्थित बाज़ार में जाकर एक शॉर्ट्स, एक टॉप और एक नाईटी ले ली जो घुटनों तक ही आती थी.
भैया ने कहा टॉप फिटिंग में लेने के लिए!
पर मैंने बोला- गर्मी में फिटिंग की लूंगी तो पसीने से भीग जायेगा.
इसलिए मैंने कुछ ढीला टॉप ही लिया!
उसके बाद हम दोनों घर आ गए।
घर आकर मैंने अपने कपड़े बदलकर शॉर्ट्स और वो टॉप को पहन लिया.
तब तक भैया भी शॉर्ट्स और बनियान में आ चुके थे.
उसके बाद मैं कमरे में आई.
भैया मुझे देखते हुए बोले- बहुत सुन्दर लग रही हो इस ड्रेस में! पर टॉप कुछ ज्यादा ही ढीला ले ली है तुमने!
तब मैंने बताया- नहीं भैया, यही ठीक है गर्मी के लिए!
उन्होंने कहा- जो तुमको सही लगे … पर ड्रेस खूब कमाल लग रहा है तुम पर!
इस पर मैंने उनको धन्यवाद कहा.
और फिर हम दोनों पढ़ने बैठ गए.
फिर रात में खाना खाकर दोनों सोने चले आये.
अपने अपने बेड पर लेटे हुए हम दोनों बातें करने लग गए.
बात करते करते काफी समय हो चुका था.
और मेरा टॉप ढीला होने की वजह से कुछ ऊपर तक आ गया था जिससे मेरा पेट बिल्कुल साफ़ दिख रहा था.
ये देखकर भैया ने कहा- देखो सौम्या, तुम्हारे टॉप से तुम्हारा पेट नंगा दिख रहा है, इसलिए मैंने बोला था फिटिंग टॉप लेने को!
पर मैंने बोला- इसमें कौन सी बड़ी बात है भैया!
तब उन्होंने कहा- बड़ी बात नहीं है कुछ, बस तुम्हारा नंगा पेट दिखा तो मैंने बोल दिया।
उसके बाद हम दोनों सो गए.
सुबह सबसे पहले भैया उठे, उसके बाद उन्होंने मेरे पेट पर हाथ रखकर मुझे उठाया.
जिससे मैं उठ गई.
तब उन्होंने बोला- बहुत गोरा बदन है तुम्हारा! पेट एकदम मक्खन जैसा मुलायम है.
जिस पर मैं थोड़ी शरमा गई.
उसके बाद मैं फ्रेश होकर नहाकर उस दिन जो नाईटी खरीदी थी, वो पहनकर बाहर आई.
ये भी भैया को बहुत ज्यादा पसंद आयी और उन्होंने मेरी खूब तारीफ़ भी की.
उसके बाद हम दोनों नाश्ता करके बात करने लगे.
बातों बातों में ही भैया ने मुझे बोला- सौम्या, तुम जब शॉर्ट्स, नाईटी और ये बिना बाजू वाला टॉप पहनती हो तो बहुत अच्छी लगती हो. पर तुम अपने हाथों और पैरों के बालों को क्यूँ नहीं हटवाती हो, हटवा लोगी तो और अच्छी लगोगी.
इस पर मैंने बोला- भैया, समस्तीपुर में जब थी, तब पार्लर में जाकर हटवा लेती थी. पर यहाँ का मुझे उतना कुछ पता नहीं है तो नहीं जा पाती हूँ. इसलिए बाल कुछ बड़े हो गए हैं.
तो इस पर भैया ने बोला- पार्लर तो गली के पास में भी है, उसमें भी जा सकती हो.
तब मैंने कहा- ठीक है भैया … तो आज ही चली जाऊँगी और अपने हाथों और पैरों के बालों को साफ़ करवा लूंगी।
उसके बाद दोपहर के खाने के बाद मैं भैया को बोलकर पार्लर जाने लगी.
तब भैया ने बोला- ठीक है चली जाओ. अच्छे से वैक्सिंग करवाना, बाहों टांगों के बाल हटवा कर आना!
उसके बाद मैं पार्लर में आ गई, वहाँ ज्यादा भीड़ नहीं होने की वजह से मेरा काम ज़ल्दी ही हो गया और मैं वापस रूम पर आ गई.
आते ही भैया ने मुझे ऊपर से नीचे तक अच्छे से देखा और बोले- तुम तो कमाल की माल जैसी लग रही हो अब!
तो मैंने बोला- सच में भैया?
तब भैया ने कहा- हां, एकदम सच!
उसके बाद भैया ने बोला- क्या मैं छू कर देख सकता हूँ?
तब मैंने बोला- हाँ, क्यूँ नहीं!
तब भैया ने मेरी नंगी बांहों और टांगों को छुआ.
जिससे मुझे गुदगुदी सी होने लगी और काफी दिनों बाद मर्द की छुअन का अलग सा अहसास सा हुआ।
जिस हॉट लड़की को फ्री सेक्स का मजा मिल चुका हो, उसे जवान लड़के के छूने से मजा तो आयेगा ही ना!
फिर भैया ने बोला- यार, एकदम मखमल जैसा है तुम्हारा बदन!
जिस पर मैं बस हंस दी।
उस दिन रात को सोने समय आदत के अनुसार मैंने अन्दर ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी.
बस वही वाली नाईटी पहन कर लेट गई.
उसके बाद भैया और मैं दोनों रोजाना की तरह बातें करने लगे.
बात करते-करते मैंने करवट बदली तो मेरी नाईटी कुछ ऊपर हो गई.
फिर वैसे ही मैंने जब अपने पैरों को उठाकर बेड पर रखा तो मेरी नाईटी एकदम से मेरे पैरों से नीचे मेरी चूत तक आ गई.
जिस पर मैंने उतना गौर नहीं किया और उसी तरह से अपने पैरों को नीचे करके सीधा होकर लेटकर बात करने में लग गई.
बात करते करते कुछ देर ही हुई थी कि अचानक से भैया की नज़र मेरी चूत पर चली गई जो साफ़ नज़र आ रही थी.
इस पर उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने मुझे टोकते हुए कहा- सौम्या, तुम्हारी चूत दिख रही है.
तो उस पर मैंने जवाब दिया- चूत … मतलब क्या भैया? मैं कुछ समझी नहीं?
तब उन्होंने मुझे अपने बदन के नीचे की तरफ देखने का इशारा किया.
मैंने देखा की मेरी नाईटी सरक गई है और मेरी बुर एकदम साफ दिख रही है.
मैंने झट से अपनी नाईटी को जाँघों के ऊपर की ओर सरकाया और कुछ शर्माती हुई भैया को बोली- ये चूत क्या होता है भैया?
तब उन्होंने बोला- वही जो दिख रहा था!
तो मैंने कहा- उसको तो बुर कहते हैं ना?
तब भैया ने बोला- हाँ, बुर भी कहते हैं और चूत भी कहते हैं.
मैंने कहा- मुझे तो बस बुर ही पता था …. कि बुर बोलते हैं इसको!
उसके बाद भैया ने बोला- एक बार फिर से दिखाओ न अपनी चूत, जिसको तुम बुर बोलती हो!
तब मैं थोड़ी शरमा गई और बोली- भैया, मुझे कुछ अजीब लग रहा है.
तो भैया ने बोला- क्या हुआ, घबराओ नहीं, कुछ नहीं होगा.
वैसे ही भैया ने मुझे बहुत समझाया, तब जाकर मैंने फिर से अपनी नाईटी को ऊपर उठा दिया जिससे भैया को मेरी चूत अच्छे से दिख सकें.
भैया मेरी चूत को देखकर मेरे पास आ गए और मुझसे बोले- थोड़ा सा अपने पैरों को फैलाओ ना!
तब मैंने अपने पैरों को फैला दिया.
उसके बाद भैया मेरी चूत को अपने हाथों से छूने लगे.
फिर उन्होंने मेरी चूत पर किस किया.
उसके बाद भैया अपनी एक उंगली मेरी चूत पर फेरने लगे और मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगे.
जिससे मैं आह आह करने लगी और गर्म होने लगी.
इसके बाद भैया ने मेरी नाईटी को और ऊपर उठाकर उसे मेरे बदन से पूरी तरह से आज़ाद कर दिया.
अब मैं अपने भैया के सामने पूरी तरह से नंगी थी.
भैया ने मेरे दोनों मम्मों को दबाना शुरू कर दिया.
तो भैया के ऐसा करते करते मैं पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी.
उसके बाद भैया ने भी अपने कपड़े उतार दिए और मुझे अपने लंड को मुझे चूसने को कहा.
जिस पर मुझे थोड़ी सी शरम सी आई.
पर फिर मैं उनका लंड चूसने लगी और 69 पोजीशन में आकर भैया मेरी चूत को चाटने लगे।
फिर कुछ देर वैसा करने के बाद भैया ने अपने लंड को मेरे चूत के छेद में लगाकर एक धक्का लगाया तो उनका लंड मेरी चूत में घुस गया।
तब भैया जोर जोर से धक्का देकर मुझे चोदने लगे.
मैं भी सिसकारियां भरती हुई मज़े लेने लग गई.
कुछ देर तक चुदने के बाद मेरी चूत गीली हो गई और अब मुझे और भी ज्यादा मज़ा आने लगा.
करीब दस मिनट बाद हम दोनों झड़ गए.
फिर भैया ने अपने लंड का सारा माल मेरी चूत में ही डाल दिया।
भैया मेरे बदन के ऊपर ही लेट गये और मुझे किस करने लगे, मैं भी उनको किस करने लगी।
कुछ देर आराम करने के बाद हम दोनों उठे.
तब भैया ने मुझे नाईटी पहनाई और खुद भी अपने कपड़े पहन लिए.
इसके बाद मैंने रात का खाना तैयार किया.
खाना खाने के बाद हम दोनों बेड पर लेट गए।
फिर मैंने देखा कि भैया मेरे पास आ रहे हैं.
इस बार मुझे पता चल गया कि भैया को मुझे फिर से चोदने का मन है.
मैं कुछ नहीं बोली, चुपचाप लेटी रही.
इसके बाद भैया मेरे बेड पर आकर लेट गए और मुझे होंठों पर किस करने लगे.
उसके बाद कुछ ही देर में फिर से मेरी नाईटी को उतारकर मेरे मम्मों को भी दबाने लगे.
मुझे भी मज़ा आ रहा था.
कुछ देर में भैया ने भी अपने कपड़े उतार दिए और अपने लंड को मेरे चूत पर रगड़ने लगे.
उसके बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया जिससे मुझे फिर से मज़ा आने लगा.
भैया अपने लंड को मेरी चूत में आगे पीछे करने लगे.
थोड़ी देर चोदने के बाद उन्होंने मुझे पीठ के बल लेटने को कहा तो मैं वैसे ही लेट गई और भैया मुझे फिर से चोदने लगे.
कुछ देर बाद फिर से हम दोनों झड़ गए।
इस प्रकार से हॉट लड़की फ्री सेक्स स्टोरी पूरी हुई।
अब मैं भैया प्रायः चुदने लगी और मेरी चूत चुदाई का नया दौर फिर से चालू हो गया।
अब आगे की कहानी अगली बार।
यह कहानी मेरी अपनी सच्ची कहानी है, इसमें कुछ भी झूठ बात नहीं लिखी है.
इस हॉट लड़की फ्री सेक्स स्टोरी पर आपको कुछ कहना हो तो कमेंट्स में ज़रूर बताएं।
लेखिका के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.