हैलो फ्रेंड्स, मैं शिबू यानि शिवम गर्ग बिहार से हूँ और दिल्ली में जॉब करता हूँ. यह मेरी पहली रियल सेक्स स्टोरी है, मुझ से कोई गलती हुई हो तो मुझे माफ़ कर देना.
यह हॉट स्टोरी मेरी गर्लफ्रेंड की माँ की चुदाई की है, जो मेरी गर्लफ्रेंड ने अपनी खुली आँखों से देखी और उसने मुझे खुद बताया था और कहानी लिखने को बोला. तो लीजिये पेश है मेरी गर्लफ्रेंड की मॉम की सेक्स कहानी उसी की जुबानी.
हैलो दोस्तो, मैं सुकृति 18 वर्ष की हूँ, मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी की बी कॉम पहले साल की स्टूडेंट हूँ. यह सेक्सी कहानी मेरी मौसी की शादी में मेरी मॉम की किसी अनजान लड़के से चुदाई की है. जी हां… मैंने अपनी मॉम की चुदाई देखी
कुछ दिनों पूर्व, गर्मियों में हम लोग मेरी एक दूर के रिश्ते में मौसी की शादी में जयपुर, राजस्थान गए थे. पापा को ऑफिस से छुट्टी न मिलने की वजह से वो हमारे साथ नहीं जा पाये थे. तो सिर्फ मैं, मॉम और मेरा छोटा भाई ही शादी में जा पाए थे. शादी एक बड़े होटल में थी तो हम तीनों सीधे होटल में ही पहुँचे, जहाँ पहले से लगभग सभी लोग आ चुके थे. हम अपने सब रिश्तेदारों से मिले, फिर सबने डिनर किया और चूँकि शादी अगले दिन थी और उस दिन कुछ भी कार्यक्रम नहीं था इसलिए डिनर के बाद सब अपने अपने रूम में जाकर सो गए. सब परिवारों को एक एक रूम मिला हुआ था होटल में!
अब मैं आपको अपनी मॉम के बारे में बता दूँ. मेरी मॉम की उम्र 38 साल है लेकिन देखने से वो 30 की ही लगती हैं. मेरी माँ का फिगर 36-30-36 का है. रंग साफ़ है, चेहरा गोल थोड़ा अंडाकार है. मेरी मॉम का बदन थोड़ा गदराया हुआ है तो आज भी कोई कमसिन जवान लौंडा या कोई अधेड़ावस्था का पुरुष यानि किसी भी उम्र का मर्द मेरी मॉम को देखता है तो देखता ही रह जाता है और उसका हाथ उसके लंड पर पहुँच ही जाता है. मेरी मॉम है ही इतनी सेक्सी और चोदने लायक माल! मेरी मॉम के चूतड़ पीछे थोड़े बाहर को उभरे हुए हैं, जब वो चलती है तो उसके ऊपर नीचे होते कूल्हे सड़क पर कोहराम मचा देते हैं.
मेरे पापा भी मेरी मॉम की जवानी और खूबसूरती के दीवाने हैं. मैंने उन्हें अक्सर दिन में मॉम के साथ छेड़छाड़ करते हुए देखा है. कई बार उनके कमरे से चुदाई की आवाजें, सीत्कारें, बेड की चरमराहट भी सुनी है. मुझे महसूस होता है कि मेरी मॉम भी चुदाई की दीवानी हैं.
अब मैं रियल सेक्स स्टोरी पर आती हूँ. शादी के दिन जब बारात आ गई और जय माला का कार्यक्रम हो गया तो सब लोग डी जे स्टेज पर डांस कर रहे थे. मेरी मॉम भी वहीं पर डांस कर रही थीं जो कि लहँगा चोली में थीं और वो बहुत हॉट लग रही थीं. मॉम की चूचियां और कूल्हे उछल उछल कर सबके दिलों पर, क्या बूढ़े क्या जवान, कहर ढा रहे थे.
अचानक मैंने देखा कि कुछ 2-3 लड़के जो शायद दूल्हे के फ्रेंड थे, मेरी मॉम के पास आ कर उन से चिपक कर डांस करने लगे. मुझे बहुत गुस्सा आया लेकिन मैंने देखा कि मेरी मॉम भी उनके साथ बहुत इंट्रेस्ट ले कर डांस कर रही हैं.
एक लड़के ने तो हद ही कर दी, डांस करते करते वो मेरी मॉम की पूरी बॉडी पर हाथ फेर रहा था और साथ में मॉम की गांड भी दबा रहा था लेकिन मेरी मॉम ने कोई ऐतराज नहीं किया, वो उन लफंगे लड़कों को कुछ नहीं बोल रही थीं.
थोड़ी देर बाद उस लड़के ने जो मेरी मॉम के बदन पर अश्लील तरीके से हाथ फेर रहा था, मेरी मॉम के कान में कुछ कहा और वो दोनों स्टेज से नीचे उतर आए और खाने के स्टाल की तरफ कोने में चले गए. जहाँ शायद दोनों ने मोबाइल नंबर एक्सचेंज किया और फिर वो लड़का चला गया. लेकिन मुझे शक हो गया था कि कहीं आज रात दोनों के बीच कुछ तो होगा. अब मैं उन दोनों पर नजर रखने लगी. वो लड़का 20-21 साल से ज्यादा का नहीं लग रहा था. मतलब वो मेरी मॉम के बेटे जैसा था, मेरा कोई बड़ा भाई होता तो इतनी ही उम्र का होता.
खाने के बाद फेरे के समय मैं मॉम के साथ ही बैठी थीं मगर वो लड़का कहीं नजर नहीं आ रहा था. थोड़ी देर बाद मॉम के नंबर पर एक नए नंबर से कॉल आया. मोबाइल मेरे पास था और मॉम भी बगल में ही बैठी थीं.. तो मॉम ने मेरे हाथ से मोबाइल ले लिया और कोने में जा कर बात करने लगीं.
थोड़ी देर बाद मॉम ने मुझ से आ कर बोला कि उनके सर में दर्द हो रहा है और वो अपने रूम में सोने जा रही हैं.
वो उठ कर जाने लगीं.. और जाते समय उन्होंने किसी को कॉल किया. अब तो मुझे पक्का यकीन हो गया था कि आज मेरी मॉम उस हरामी लड़के से चुदेंगी.
मॉम के जाने के बाद मैं भी उनके पीछे चल दी उनकी जासूसी करने के लिए. फिर मैंने देखा कि वही लड़का जो मेरी मॉम से स्टेज पर चिपक कर डांस कर रहा था, मॉम को मिला और दोनों ने एक दूसरे को किस किया. फिर दोनों बगीचे की तरफ जिधर सुनसान था, चल दिए. मैं भी उनके पीछे पीछे कुछ दूरी बना कर दबे पाँव चलने लगी.
बगीचे में एक कोने में जाकर वे दोनों रुक गए और उस लड़के ने मेरी मॉम को बाँहों में भर कर उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. वहां कोई लाईट तो नहीं थी मगर इधर उधर सजावट की लाइटें लगी थी तो देख सकने लायक पर्याप्त रोशनी बगीचे में थी.
अब वो लड़का मेरी मॉम के कामुक जिस्म के फुल मजे ले रहा था, वो कभी मेरी मॉम के बोबे दबाता, तो कभी गांड. दोनों काफी मस्ती कर रहे थे. मॉम भी अब पूरी तरह गर्म हो गईं, मेरी मॉम के दोनों हाथ उस लड़के की पीठ पर थे, कुछ ही देर में वे दोनों आउट ऑफ़ कंट्रोल हो चुके थे. अब दोनों एक दूसरे के होंठों को बड़े जोश से चूस रहे थे और वो लड़का मेरी मॉम की गांड दबा रहा था.
थोड़ी देर बाद उसने मेरी मॉम का लहँगा आगे से उठा कर मेरी मॉम की पेंटी में हाथ घुसा दिया. मेरी मॉम ने भी उस लड़के की पैन्ट की जिप खोल कर उस का लंड बाहर निकाल लिया और उससे खेलने लगीं, उसे आगे पीछे सहला कर जैसे मुठ सी मारने लगी.
दोनों एक दूसरे को करीब 5 मिनट तक चूमते सहलाते रहे. फिर उस लड़के ने मॉम के ब्लाउज को खोल कर मॉम के बोबे बाहर निकाल लिये और एक निप्पल को चूसने लगा, वो बदल बदल कर मेरी मॉम की चूचियां चूस रहा था.
फिर कुछ देर बाद उस लड़के ने मेरी मॉम को इशारे से अपना लंड चूसने को बोला.
पहले तो मॉम ने मना कर दिया लेकिन ज्यादा जोर देने पर लंड चूसने को राजी हो गईं, मेरी मॉम वहीं नीचे अपने पंजों पर बैठ गई और उस लड़के के लंड को अपने मुंह में ले लिया. लड़के का लंड करीब छः इंच का लग रहा था. तीन चार मिनट तक लौड़ा चूसने के बाद उसने मॉम को खड़ा किया और मॉम का लहँगा आगे से उठा कर मॉम की पैंटी पूरी निकाल दी और अपनी पैन्ट की जेब में रख ली. और फिर लहंगे के अंदर घुस गया. शायद वो मेरी माँ की चुत चाटने लगा था क्योंकि मुझे अंदर का तो कुछ दिखाई नहीं ड़े रहा था.
लगभग 5 मिनट की चुत चुसाई के बाद मॉम मचलने लगी, उनका बदन काम्पने लगा, उनके मुंह से आनन्द भारी सिस्कारियां निकलने लगी जो मैं रात की नीरवता में साफ साफ़ सुन पा रही थी. मेरी मॉम अपनी चूत चटवा चुसवा कर झड़ गई थी.
मैं यह सारा तमाशा अपनी खुली आँखों से देख रही थी छिप कर और हैरान परेशान हो रही थी कि मेरी मॉम ऎसी चुदक्कड़ हैं.
अब वे दोनों दूसरे कोने की तरफ गए, जहाँ एक लकड़ी का लम्बा कुर्सी नुमा बेंच पड़ा था जैसा रेलवे स्टेशनों पर होता है. दोनों ने पोजीशन को चेंज कर लिया. अब वो लड़का मेरी मॉम के पीछे आ गया और पीछे से मेरी माँ का लहँगा उठा दिया और मेरी माँ को आगे की तरफ झुका दिया. मेरी मॉम उस बेंच के सहारे आगे को झुक गईं. वो लड़का अपना लगभग 6 इंच का लंड पीछे से मॉम की गांड और चूत की दरार के बीच में रगड़ने लगा. और एक मिनट बाद ही उसने पूरा लंड एक शॉट में ही मेरी माँ की गीली चूत में पेल दिया.
मॉम चिल्ला पड़ीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… ‘
फिर वो अपने हाथ आगे लाकर मेरी मॉम के बोबे दबाने लगा. दोनों ने करीब दस से बारह मिनट तक चुदाई की होगी. फिर जब लड़का झड़ने की कगार पर पहुँचा तो मेरी मॉम और वो दोनों काफी जोर जोर से धक्के लगाने लगे, मेरी मॉम अपने कूल्हे पीछे धकेल धकेल कर अपनी चूत चुदवा रही थी, उनकी आवाजों से लग रहा था कि उन दोनों को खूब मजा आ रहा था.
और वो लडका तभी मेरी मॉम के चूत के अंदर ही झड़ गया. फिर दोनों ने लगभग 5 मिनट तक एक दूसरे को किस किया और कपड़े सही करने लगे.
जब मॉम ने उस लड़के से अपनी पैंटी मांगी तो वो देने से मना करने लगा, वो बोला कि वो निशानी के तौर पर उसे ले जाना चाहता है.
अब वो दोनों नीचे आने को तैयार थे, तो मैं फटाफट भाग कर मंडप में चली गई और जाकर शान्ति से वहीं बैठ गई जहां पहले बैठी थी. इस सारे खेल में आधा घंटा लगा होगा.
लेकिन मेरी मॉम 15 मिनट तक नहीं आई तो मैं सोचने लगी कि अब मेरी चालू चुदक्कड़ मॉम किसी और से तो चुदवाने नहीं चली गई. लेकिन थोड़ी देर बाद मेरी मॉम अपने कपड़े और बाल सही कर वापस मंडप में आ गईं. शायद वो अपन कपड़े, बाल, मेकअप ठीक करने रूम में चली गई होंगी.
मैंने मॉम से पूछा- मॉम आप क्यों आ गई, आप सो जाती, आपके सर में दर्द था.
तो उन्होंने बोला- बेटा, अब मेरा सर दर्द ठीक है.
मेरी मॉम बहुत खुश लग रही थीं.
अब सुबह के 4 बजने वाले थे, मुझे नींद आ रही थी तो मैं दूसरे कमरे में जा कर सो गई. सुबह जब जागी तो बारात विदाई का समय हो गया था. मैं मॉम को ढूंढने लगी, मुझे वो कहीं नजर नहीं आईं.
मैंने उस लड़के को खोजा लेकिन वो भी नहीं मिला. मैं मॉम के रूम की तरफ बढ़ी, तो वो दोनों रूम से बाहर आते दिखे और दोनों काफी खुश नजर आ रहे थे. मैं उन दोनों को आते देख के एक डीएम से पिलर के पीछे छिप गई ताकि मॉम मुझे ना देख सकें! दोनों को खुश देख कर मुझे समझ आ गया था कि दोनों ने रात वाला चुदाई का खेल फिर से खेला है.
मैं अपनी मॉम की कामुकता और चुदक्कड़पन देख कर हैरान थी कि कितनी चुदास भरी पड़ी है मेरी माँ की चूत में कि मेरी मां ने अपने बेटे की उम्र के लड़के से अपनी चुत चुदाई करवा ली.
तो दोस्तो, कैसे लगी मेरी मॉम की चुदाई की आँखों देखी कहानी, अपने रिप्लाई मुझे मेल जरूर करें.
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