मौसी की चुदासी बेटी की चुदाई की कहानी-2

मौसी की चुदासी बेटी की चुदाई की कहानी-2

मेरी इस सेक्स स्टोरी के पहले भाग
मौसी की चुदासी लड़की संग चुदाई की कहानी-1
में मैंने बताया कि कैसे मेरी मौसी की बेटी हमारे घर रह रही थी और मैं उसे चोदना चाह रहा था. किस तरह से ये सब सम्भव हो सका. इसके लिए कैसे मौका मिला और मैंने शुरुआत कैसे की.

मैंने उसके दूध को धीरे से सहला दिया. वो अब भी कुछ नहीं बोल रही थी, ना ही कोई हरकत कर रही थी. मैं डर भी रहा था और मजा भी आ रहा था. मैंने अपना काम जारी रखा.
मैंने उसको धीरे से हिम्मत करके बोला- तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
उसने कोई जवाब नहीं दिया.
मैंने उसे दूध से अपना हाथ नहीं हटाया. मैं धीरे धीरे उसके मम्मे को सहला रहा था. मैं यूं ही लगा रहा, वो कुछ नहीं बोली.

अब मैं थोड़ा उससे पास होकर चिपक गया और उसकी आँखों में देखने लगा. वो भी मुझे देख रही थी. मैंने फिर से उससे कहा- तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
उसने मुझे धीरे से सीने से लगा लिया और बोला कि विराट तुम भी बहुत अच्छे हो.

मैंने उसको गले से लगा लिया हमने एक दूसरे को जफ्फी डाली.

अब आगे…

मैं अब भी उसके दूध पर लगातार हाथ फेर रहा था. मैंने उससे कहा- तुम्हारे ये बहुत अच्छे हैं.
उसने कहा कि तुम्हारी जीएफ से भी अच्छे?
मैंने कहा- उसके तो छोटे से हैं लेकिन तेरे बहुत बड़े हैं.
तो वो हंसने लगी.
मैंने उससे कहा- तुम सच में बहुत सुन्दर और सेक्सी हो.

वो फिर से हंसने लगी, बोली- अच्छा… पहले तो कभी नहीं बोला.
मैंने कहा- मैं डरता था कि कहीं तुम गुस्सा ना हो जाओ.
उसने कहा- और बताओ.. तुम्हें और क्या अच्छा लगता है?
मैंने कहा- तुम सारी की सारी मुझे अच्छी लगती हो.. मैंने बहुत लड़कियां देखी हैं.. लेकिन तुम बहुत सेक्सी हो. तुम्हारे दूध मुझे बहुत पसन्द हैं.
इतना कह कर मैं टीशर्ट के ऊपर से ही उसके मम्मों के ऊपर बेहिचक हाथ फेरने लगा.
वो भी अपने मम्मों को सहलवाने का मजा लेने लगी.

मैंने कहा- क्या मैं तुम्हें प्यार कर सकता हूँ.. तुम्हारे दूध को पकड़ सकता हूँ?
उसने कहा कि तुम पकड़े हुए ही हो और कैसे पकड़ना है?
मैंने कहा- मतलब मैं इनको देख सकता हूँ.. प्यार कर सकता हूँ?

वो कुछ नहीं बोली. मैंने उसको चूमा और उसके एक दूध को जोर से पकड़ लिया.

मैंने कहा कि टीशर्ट उतार दो.
उसने कहा कि कोई जाग जाएगा.
मैंने थोड़ा ज़ोर डाला तो मान गई.
मैंने कहा- बस थोड़ा सा करूँगा.

वो मान गई, उसने अपनी टीशर्ट ऊपर उठा दी. अन्दर उसने ब्रा नहीं पहनी थी. जैसे ही टीशर्ट उठी, सामने उसके मम्मे थे.. आह.. क्या दूध थे.. एकदम गोल.

मैंने एक को अपने हाथ में लिया और धीरे धीरे मसलने लगा. एक एक करके दोनों मम्मों को मुँह में लेने लगा. मैंने उसको नीचे लिटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ कर उसका दूध पीने लगा.

वो सिसकारियां ले रही थी. उसके दूध बड़े बड़े थे.. मेरे मुँह में नहीं आ रहे थे. मैं दूध पीने के मजे ले रहा था. वो भी चुदास से गर्म हो रही थी. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.. वो भी कामुक सिसकारियां भर रही थी. ‘ओह्ह.. हम्म अहम्म श श..’ सोनिया के मुँह से धीरे धीरे आवाजें निकल रही थीं.

मैं धीरे धीरे थोड़ा आगे बढ़ा. मैंने बहुत सारी लड़कियों के मम्मों को पिया है.. मज़े किए हैं.. मसले हैं.. लेकिन इसकी बात ही कुछ और थी. मस्त दूध आ रहा था.

मैं सोनिया को किस करने लगा. वो भी मेरा सर अपने मम्मे पर दबा रही थी और दूध पिला रही थी.

अब मैं धीरे धीरे उसके दोनों मम्मों के दूध को पीने लगा और मजा लेने लगा. उसको भी अब मज़ा आ रहा था. मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैं उसके साथ चिपक रहा था, वो भी मेरे साथ चिपकी जा रही थी. वो गरम हो गई थी.
अब शायद उससे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था. वो कामुक सिसकारियां ले रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… श श..

धीरे धीरे मैं अपना एक हाथ उसकी सलवार के ऊपर ले गया और उसके ऊपर से ही उसकी चुत को सहलाने लगा. वासना के कारण उसकी चूत से रस निकलने लगा था, उसकी सलवार गीली सी हो चली थी. अब उसने मुझे ऊपर चुदाई की पोजीशन में ले लिया और अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख कर किस करना शुरू कर दिया.

मैं एक हाथ से दूध दबा रहा था. वो भी मेरा साथ दे रही और किस कर रही थी. हम दोनों बहुत गरम हो चुके.. और एक दूसरे से चिपकते हुए मानो घुसे जा रहे थे.

इतनी ठंड में भी गरमी लग रही थी. सच में बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसके कान में कहा कि मुझे अन्दर डालना है.
उसने बोला कि कोई जाग जाएगा.
मैंने कहा- कोई नहीं जागेगा.

उसका भी चुदाई का बहुत मन कर रहा था लेकिन हम दोनों डर भी रहे थे. उसने मुझसे कहा कि डर लग रहा है.
मैंने कहा- मुझे भी लेकिन मुझे तेरे साथ करना है.

मैं उसके मम्मों और चुत पर हाथ फेरे जा रहा था. वो भी मज़े ले रही थी. मैंने उसकी सलवार में हाथ डाल दिया, तो उसने कहा- यार कोई जाग जाएगा.. रहने दो.

उसकी इस आवाज में मना करने जैसी बात नहीं थी. आग दोनों तरफ़ लगी हुई थी. मैंने उसकी पैंटी पर से उसकी चुत पर हाथ रखा, उसकी पैंटी गीली हो गई थी. मैंने धीरे से उसकी पैंटी के अन्दर हाथ डाल दिया. तभी उसने मुझे खींच कर अपने सीने से लगा लिया और मुझे होंठों पर किस करने लगी.

मैंने चूमते हुए उसकी चुत पर हाथ लगाया.. आह क्या मक्खन चुत थी यार मजा आ गया. उसकी चुत पर थोड़े थोड़े मुलायम से बाल थे. एकदम गर्म और फूली हुई चूत थी. उसको भी लंड की ज़रूरत थी, वो काफ़ी समय से चुदी भी नहीं थी.

मैंने चुत के ऊपर हाथ फेरना शुरू कर दिया. अब मैं उसकी चुत में अपनी छोटी उंगली डालने लगा.

वो चुदास से भरी हुई सिसकारियां ले रही थी- ओह्ह… इश इष्ह इश उम्म्ह… अहह… हय… याह… विराट अयेए मजा आ रहा है.. सोनिया मेरी उंगली से अपनी चुत में मजा लेते हुए धीरे धीरे बोल रही थी.

मैंने उसके एक दूध को मुँह में लिया और चूसने लगा.. साथ ही नीचे उसकी चुत में उंगली करता जा रहा था. बहुत मज़ा आ रहा था, वो भी मेरे साथ चिपक का मजा ले रही थी.

हम दोनों इस चुदाई के खेल में मस्त हो गए थे. उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया. उसका हाथ लगते ही मेरा लंड और टाइट हो गया. मुझे मज़ा आने लगा. उसने मेरे पजामे में हाथ डाल दिया और लंड को सहलाने लगी. मैं उसकी चुत में उंगली किए जा रहा था और दूध दबा दबा कर बदल बदल कर दूध को पीता जा रहा था. सच में बहुत मज़ा आ रहा था.

कुछ ऐसे करने के बाद वो झड़ गई. उसकी चूत का पानी मेरे हाथ पर लग गया था. हम दोनों बहुत गरम हो गए थे.

अभी रात के 2:30 बज चुके थे. मैंने उसको गले से लगाया और चूमने लगा. वो भी मुझे चूमने लगी. हम दोनों एक दूसरे में खो गए थे. अब उससे कंट्रोल नहीं हो रहा था, वो अपनी चुत को सलवार के ऊपर से ही मेरे लंड के ऊपर मसल रही थी. आग दोनों तरफ़ थी लेकिन हम दोनों इससे आगे कुछ करने से डर भी रहे थे. क्योंकि मम्मी अक्सर रात को उठ कर छोटी बच्ची को देखने आती थीं. रात को जब कभी मेरी आँख खुल जाती तो मैंने कई बार देखा था कि मम्मी बच्ची को देखने आ जाती हैं. ये सब ध्यान में रख कर हम दोनों ने ऐसे ही थोड़ा मज़ा किया और किस करते रहे. मैं भी उसके दूध पीता रहा.

मैंने कहा कि मुझे तुम्हारी चुत मारनी है.
उसका भी बहुत मन था लेकिन हम डर भी रहे थे कि कहीं मम्मी ना जाग जाएं.
उसने मुझसे कहा कि मन तो मेरा भी बहुत है कि अभी सब कर लूँ.. लेकिन डर रही हूँ.

मैं कुछ नहीं बोला बस उसकी चूची चूसता रहा.

उसने कहा कि एक काम करते हैं, जब घर पर कोई नहीं होगा, तब हम आराम से मज़े से करेंगे.

मैंने पहले तो गुस्सा किया लेकिन मैं बाद में मैं मान गया. हम ऐसे ही किस करते रहे चिपके रहे, कुछ देर बाद मैं अपनी रज़ाई में आ कर सो गया.

ये तो आपने पढ़ ही लिया था कि मेरी बहन सोनिया मौसी की लड़की बहुत सेक्सी है और उसके बड़े बड़े मम्मे हैं. उसके मम्मों को देख कर कोई भी इंसान पागल हो सकता है. उसकी फिगर बहुत कमाल की है. मुझे उसके दूध बहुत अच्छे लगते हैं.. बहुत ही कयामत ढहाने वाले चूचे हैं.

जैसा कि आप जानते हैं कि उस रात जो भी हुआ, उसके बाद हम एक दूसरे के और करीब आ गए थे. अब हम हमेशा मौके की तलाश में ही रहते थे. सर्दियों की छुट्टियां चालू हो गई थीं. दिन में हम बस किस करते रहते, कभी कभार मैं उसके दूध पर अपना हाथ फेर कर मम्मे सहलाने का मजा ले लेता. रात को भी इसी तरह ही कुछ कुछ मजा ले लेता था.. इससे ज्यादा कुछ नहीं हो पा रहा था. हम दोनों के अन्दर चुदास की आग जल रही थी.

हमें मौका भी कम ही मिलता था, रात को भी हम दोनों छोटी बच्ची के कारण ज्यादा कुछ नहीं कर पाते थे. इसके साथ ही मेरी बुआ का लड़का भी इन दिनों सर्दियों की छुट्टियों के लिए इधर ही आया हुआ था. वो भी हमारे पास ही सोने लगा था.

दिन निकलते गए, हम ऐसे ही मज़े लेते रहे. अंततः कुछ दिन बाद हमको मौका मिल ही गया.

मैं उस दिन कॉलेज गया हुआ था. मेरी बुआ का लड़का भी आज अपने घर जा चुका था. मेरा भाई भी उसी के साथ बुआ के घर चला गया था. वो लोग आज सुबह ही निकल गए थे. मैं खुश था कि आज रात को कुछ खेल हो सकता है. लंड सहलाते हुए मैंने सोचा कि आज तो मैं उसको चोद कर ही रहूँगा. कमरे में सिर्फ हम दोनों ही होंगे. मैं ये सब सोचते हुए लंड की मुठ मारने लगा. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था.

दिन में अचानक मेरे फोन पर फोन आया. ये पापा का फोन था. मैंने उठाया तो पापा ने कहा कि हमें गांव जाना होगा, उधर किसी की डेथ हो गई है. तुम जल्दी घर आ जाओ.

मैं भी कॉलेज से सीधा घर आ गया. घर आया तो पता चला कि गांव में पापा के किसी ख़ास रिलेटिव की डेथ हो गई है. पापा ने कहा कि हमें अभी ही जाना है.

एक घंटे पहले तक मैं सोच और कुछ रहा था लेकिन अब कुछ और ही हो रहा था. क्या करता.. तैयार होने लगा.. जाना जो था. मैं तैयार हुआ, मम्मी भी तैयार हो गईं. पापा बाइक में पेट्रोल भराने चले गए. हम बाइक से गांव जाने का सोच रहे थे. गांव हमारे शहर से 80 किलोमीटर दूर था.. बाइक से जाने पर यही कोई तकरीबन 3 घंटे का रास्ता था.

तभी मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया, मैंने कुछ सोचा कि क्यों ना मैं घर पर ही रुक जाऊं. लेकिन मैं सोच रहा था कि कैसे रुकूं.. और बहाना क्या बनाऊं.

मैं कुछ सोचने लगा, तभी पापा भी आ गए. तभी माँ ने सोनिया से कहा कि घर का ध्यान रखना, दूध पी लेना.
वो उसको ये सब समझाने लगीं, तभी मैं बोला- पापा हम 3 लोग बाइक पर चले जाएंगे?
तो पापा बोले- कोई बात नहीं दिक्कत तो होगी, एड्जस्ट कर लेंगे.
तभी मम्मी बोलीं कि ऐसा करते हैं कि हम दोनों चले जाते हैं.. या आप दोनों बाप बेटा चले जाओ. मैं कल सुबह बस से आ जाऊंगी.
लेकिन पापा ने कहा कि नहीं तुरंत जाना ज़रूरी है.
तो मैं बोल पड़ा कि तो मैं सुबह आ जाऊंगा.. मेरा जाना तो इतना ज़रूरी नहीं है.. और घर पर भी तो कोई चाहिए. सोनिया के पास भाई भी नहीं है, वो अकेली कैसे रहेगी.
तभी माँ बोलीं कि ठीक है.. तुम्हारा जाना इतना ज़रूरी भी नहीं है, तुम सुबह आ जाना.
पापा ने भी कहा- ठीक है.. कोई बात नहीं है, हम दोनों चले जाते हैं, तुम घर पर रुक जाओ.

ये सुनकर मेरे मन में लड्डू फूट गए. मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ. उधर सोनिया भी खड़ी सब देख सुन रही थी. वो भी मेरी तरफ़ देख कर थोड़ा मुस्कुराई.

मैंने कहा- मैं सुबह आ जाऊंगा.
तभी पापा ने कहा- रहने देना.. कोई बात नहीं हम दोनों ही हो आते हैं. तुम घर का ध्यान रखना. तुम बाद में हो आना.
मैंने कहा- ठीक है.

पापा मम्मी चले गए. मैं बहुत खुश हुआ. मैं जल्दी से अन्दर गया. मैंने बाहर का दरवाजा बंद कर दिया. छोटी बच्ची सो रही थी. मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था. क्या बताऊं आज बहुत मजा आने वाला था.

तभी मैं मौसी की लड़की के पास गया और उसको हग करके किस करने लगा.

मैंने उसको चूमते हुए कहा- आई लव यू.. जान..
उसने भी मुझे आई लव यू टू.. कहा और वो भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने कहा- बहुत दिनों बाद मौका मिला है.. तुम्हारे बड़े बड़े दूध को अच्छे से पियूँगा.. तेरी चुत को चोदूंगा.

मैं उसको ये सब धीरे धीरे बोल रहा था. उसने भी मुझे गले से लगाया और कहा कि बहुत दिन कहां, तुम्हें तो अभी कुछ दिन ही हुए हैं. मुझसे तो पूछो.. पूरा डेढ़ साल हो गया.. उसका स्वाद ही नहीं चखा.

मैंने कहा- आज तुम्हें खुश कर दूँगा मेरी जान.
वो भी बहुत खुश थी. मैंने उससे कहा कि शरमाना मत.. खुल कर मजे लेना.
अभी सिर्फ 5 ही बजे थे. उसने कहा कि ठीक है.. खुल कर मजे करूँगी, लेकिन ये सब बाद में करेंगे.. पहले मुझे खाना बनाने दो. आज सारी रात हमारी ही है.. जो मन हो, कर लेना.
मैंने कहा- मुझसे रहा नहीं जा रहा.
उसने कहा कि सबर का फल मीठा होता है.
मैंने कहा- ठीक है.

तभी मुझे याद आया कि उसकी चुत पर थोड़े थोड़े बाल थे. मुझे चुत पर ज्यादा बाल अच्छे नहीं लगते, इसी लिए मैंने सोनिया से कहा कि मुझे कुछ कहना है.
उसने कहा- बोलो.
मैं थोड़ा हिचकिचा रहा था.
वो बोली- अब मुझसे क्या शर्म कर रहे हो.. बोलो.
मैंने कहा- मुझे वहां बाल अच्छे नहीं लगते.
वो हंस पड़ी और बोली- बस इतनी सी बात.. कोई बात नहीं रात को वो साफ मिलेगी.

मैं बहुत खुश हुआ और बाहर घूमने चला गया.

कहानी जारी रहेगी.
[email protected] पर मुझे आप के मेल का इन्तजार रहेगा.

कहानी का अगला भाग: मौसी की चुदासी बेटी की चुदाई की कहानी-3

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