मैट्रो में मिली लड़की ने घर बुला कर चूत चुदाई करवाई

मैट्रो में मिली लड़की ने घर बुला कर चूत चुदाई करवाई

नमस्कार दोस्तो, मैं राहुल आपके सामने एक रियल स्टोरी लेकर आया हूँ, मेरी उम्र 27 साल है, दिल्ली में रहता हूँ और मेरी लम्बाई 6’3″ है।

अभी कुछ दिनों पहले की ही बात है कि मैं अपने ऑफिस के लिए निकल रहा था कि अचानक से एक लड़की ने मेट्रो में मुझे लाइन दी। उसके साथ दोस्ती हुई और बस दो मुलाकात में ही उसने मुझे अपना नंबर भी दे दिया।

उस लड़की का मस्त फिगर 36-34-36 का रहा होगा। मैंने उसको एक दिन उसे मैसेज किया, तो उसने फ़ौरन रिप्लाई किया। फिर मैंने उससे काफी सारी बातें की, लेकिन वो अभी हाल ही में मेरी फ्रेंड बनी थी, इसलिए मैंने उससे शराफत से बात की।
मैंने तो शराफत दिखाई पर उसने अचानक शरारत शुरू कर दी, जैसे वो खुद ही मुझे अपने आपको चोदने का न्योता देना चाहती हो।

अब जब लौंडिया खुद मचल रही हो, तो मैं कौन सा इतना इंतजार करने वाला था। मैं चुदाई का कारीगर और प्यासा लड़का हूँ। मेरा लंड भी इतना कमीना है कि साला चूत की जुगाड़ देखते ही जब देखो तब खड़ा हो जाता है।

हमने लगभग 3 दिन मैसेज में बात की।
फिर चौथे दिन उसने ये कहते हुए मुझे शाम के 7 बजे अपने रूम पर बुला लिया कि एक छोटी सी पार्टी है, मैं तुमको बुला रही हूँ, टाइम पर आ जाना।

लौंडिया बुलाए और मैं न जाऊँ.. ऐसा हो नहीं सकता था। मैं भी ऑफिस से आया और नहा-धो कर तैयार हो कर चल पड़ा।

मैं ठीक 7 बजे उसके घर पर आ गया था। उसने दरवाजा खोला.. हय क्या लग रही थी साली.. डीप नेक वाली टी-शर्ट और चुस्त केप्री देखकर कसम से लंड खड़ा हो गया। बस यूं समझिए कि उसी वक़्त मेरे अन्दर का कामदेव जाग गया। लेकिन मैं शरीफ बनता हुआ उसके कमरे में दाखिल हुआ।

मैंने देखा कि कमरे में सन्नाटा था। फिर मैं समझ गया कि आज तो इसको गेम बजवाना ही है, बेटा तू लंड सम्भाल कर तैयार हो जा।
मैंने उससे पूछा- तुमने तो बोला था पार्टी है.. यहाँ तो सन्नाटा है?
उसने मेरी आँखों में देखा और बोली- पार्टी है.. तुम हो न पार्टी के लिए..!
मैं हंस पड़ा।

फिर उसने म्यूजिक चलाया और डांस करने लगी। मुझे डांस का डी भी नहीं आता, मेरी उसी वक्त फट गई।

मैंने उसको बोल दिया कि देखो मुझे नाचना नहीं आता, फिर भी उसने बोला- कोई बात नहीं.. मैं सिखा दूँगी।

उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रखवा लिया और डांस सिखाने लगी। अचानक उसने अपना हाथ को ऊपर किया और उसकी टी-शर्ट उसके पेट से ऊपर तक उठ गई। मेरा हाथ अभी उसकी कमर पर ही था। नंगी कमर पर हाथ पड़ते ही मैं गनगना गया और मैंने आव देखा न ताव, उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया।

उसने मुझे पीछे करते हुए कहा- बड़े बेताब हो।
मैंने कहा- हाँ बहुत ज्यादा.. क्यों तुम भी तो हो न!

फिर तो वो मेरे ऊपर जंगली बिल्ली सी कूदी और मैंने उसको बहुत तेज हग करके उसके सोफे पर पटक दिया। पता नहीं हम दोनों ने एक-दूसरे के होंठों को कितनी देर तक किस किया होगा, लेकिन ये तय था कि और कुछ मिनट करते तो शायद होंठों में सूजन आ जाती.. लेकिन हम दोनों को उससे क्या था।

मैंने फिर उसकी टी-शर्ट में अपना हाथ डाल दिया और वो मेरे नीचे अपनी पूरे बदन को जैसे अकड़ा कर मुझसे चिपट गई। मैंने दम से उसके चूचे दबा कर उसकी गर्दन और कान के पीछे किस और लिक करने लगा।

फिर वो मेरे ऊपर आई और मेरे कपड़े एक-एक कर पागलों की तरह उतारने लगी। मैंने भी उसकी टी-शर्ट खींच कर उतार कर उसको दीवार से लगा कर खड़ा कर दिया। साथ ही अपनी कमर को उसकी कमर से सटा कर उसके मम्मों को अपने हाथों में पकड़ कर उसके होंठों और जीभ को चूसने लगा।
वो भी पूरा साथ देने लगी।
हम दोनों के बदन से सेक्स की मानो आग निकल रही थी।

ऊपर से उसके वो बड़े-बड़े और टाइट से चूचे मुझे पागल किए जा रहे थे, मुझसे रहा नहीं गया, मैंने उसकी ब्रा फाड़ दी और किस करता हुआ जैसे ही मेरा होंठ उसके निप्पल तक पहुँचा उसने मेरे गालों को कस के पकड़ कर अपनी छाती को मेरी तरफ उछाल कर कहा- पी लो जी भर के इनको.. और मेरे बदन की आग को ठंडा कर दो।

मैंने उसके एक निप्पल को पीना शुरू कर दिया और दूसरे चूचे को हाथ में पकड़ कर मसलता रहा।

फिर मैंने किस करते हुए उसके चिकने पेट से लेकर जांघ तक खूब किस किया। वो पूरी पगला चुकी थी और उसने भी मुझे पागलों की तरह चूमना शुरू कर दिया। वो मेरे लंड को खुद ही पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने भी उसके मुँह को अपने लंड की तरफ धकेल दिया।
वो मेरे लंड को बुरी तरह चूसने लगी। पहली बार तो उसने ऐसा चूसा कि मैं कुछ ही मिनट के बाद उसके मुँह में ही झड़ गया।

फिर धीरे-धीरे मैं फिर से तैयार हुआ। अब मैं उसकी चूत में अपनी उंगली कर रहा था और वो सिसकियाँ भर रही थी।

उसकी कामुक आवाजों से मुझे ऐसा लग रहा था कि कमरे में चोदने की आवाज और सिसकारियाँ किसी को भी सेक्स के लिए मजबूर कर देंगी।

बस फिर क्या था.. मैंने भी अपने तैयार लंड को उसके चूत के छेद पर रखा और पहले ही झटके में आधा लंड अन्दर पेल दिया। वो तेजी से चीखी, उम्म्ह… अहह… हय… याह… लेकिन मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से कवर कर लिया।

फिर दूसरे और तीसरे झटके में मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में जड़ तक दे मारा। फिर कुछ मिनट तक एक ही पोजीशन में उसे ताबड़तोड़ चोदता रहा। वो भी फ़ैल गई और चुदाई का मजा लेने लगी। उसके बाद मैंने उस पर कामसूत्र के लगभग सारे आसन अपनाए।

उस दिन उसके साथ दो बार चुदाई का मजा उठाया।

आज भी जब मौका और समय मिलता है तो मैं उसके पास आ जाता हूँ या वो मूड में होती है, तो बुला लेती है।

उसके साथ और मजे को अगली चुदाई की कहानी में मैं आपको विस्तार से बताऊंगा। मेरी ये सेक्स स्टोरी कैसी लगी, जरूर लिखिएगा।

आपका अपना राहुल।
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