फॅमिली फक चुदाई कहानी में एक सेक्सी लड़की को चुदाई की लत लग गयी, उसने अपने रिश्तेदारों का लंड खा लिया. फिर उसने अपने भाई और उसके बाद अपने पापा का लंड लिया.
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मित्रो, मेरी नाम गुड्डी है. मैं 27 साल की हूँ और मेरी पढ़ाई पूरी हो गई है.
मेरे मम्मी और पापा दोनों सरकारी जॉब में हैं. मेरा एक भाई भी है, जो मेरे से छोटा है.
मेरे दूध और चूतड़ बहुत ही बड़े हैं, जिसके कारण मुझे सब अपने बिस्तर पर ले जाने के लिए सपने देखते हैं. मेरे रिश्तेदार भी मुझे लाइन मारते हैं.
मैं भी उन सबका मन रखने के लिए उन सबको मुस्कुरा कर लाइन दे देती हूँ.
मेरी चूत सबके सामने खुलने को रेडी रहती है.
मैं सिगरेट का नशा भी करती हूँ, जिसके बारे में मेरे घर वालों को पता नहीं है.
मेरी फॅमिली फक चुदाई कहानी का मजा लें.
एक दिन जब मैं बाथरूम में सिगरेट पी रही थी, तभी मेरा भाई बाथरूम के पास आ गया और उसने सिगरेट की गंध को सूंघ लिया.
वो आवाज देने लगा- कौन है अन्दर … कौन सिगरेट पी रहा हैं?
तभी मैंने झट से सिगरेट को बुझाया और दरवाजा खोल कर कहा- प्लीज़ भाई, मम्मी पापा को मत बताना.
लेकिन भाई नहीं मान रहा था.
वो बोलता जा रहा था- तू सिगरेट पीती है, मैं पापा को बताता हूँ, तेरी सारी होशियारी निकल जाएगी.
इतना सुनते ही मैंने भाई का हाथ पकड़ लिया और बोली- प्लीज़ भाई गलती हो गई, अब नहीं पियूंगी. किसी को मत बताना प्लीज़, तू जो बोलेगा मैं करने को तैयार हूं. पर प्लीज़ किसी को मत बताना.
उस समय मैं नाईट ड्रेस में थी, जिसमें से मेरे बड़े बड़े बूब्स और ज्यादा सेक्सी दिख रहे थे और मेरा भाई मेरे दूध देख रहा था.
मैं बोली- क्या देख रहे हो भाई … तुम मेरे बूब्स को देख रहे हो क्या … तुमको पसंद हैं? बोलो ना … तुमको मेरे बूब्स दबाना है, दबा लो लेकिन किसी को मत बताना.
इतने बोलते ही मैंने अपने भाई के हाथ को अपने मम्मों पर रख दिया औऱ उसके हाथ से दबा दिया.
भाई बोला- ये क्या कर रही हो कुत्ती, ये सब करते हुए तुझे शर्म नहीं आती?
मैं बोली- मुझे सब पता है कि तुम मुझे छुप छुप कर देखते हो, समझ गए ना … अब मेरे सामने नाटक मत कर, चल दबा ले और किसी को मत बताना प्लीज़ भाई.
मेरा इतने बोलते ही भाई बोला- अच्छा साली कुत्ती, तुझे सब पता है तो मुझे भी तेरे बारे में सब पता है. तू कितनी बड़ी रंडी है और कहां कहां मुँह मारती है. समझी ना!
मैं बोली- अच्छा ठीक है तो तू भी मार ले मेरी.
ये कह कर मैंने अपने नाइट ड्रेस को मम्मों से थोड़ा नीचे खिसका दिया और उसके मुँह को अपने बूब्स पर दबाकर बोली- सब रिश्तेदार मेरी ले चुके हैं, तू ही बचा था बस … आज तू भी ले ले भाई.
मेरे इतना बोलते ही भाई मेरे बूब्स को दबाने लगा और चूसने लगा.
वो मेरा दूध चूसते हुए बोला- तू एक नंबर की मस्त माल है. तुमको मैं रोज याद करके अपना पानी निकालता था.
मैं हंस कर बोली- अच्छा अब मेरी चूत पर अपना पानी निकाल ले.
मैं आप लोगों को बताना भूल गई कि हमारा घर डबल स्टोरी बना है.
ऊपर मैं और मेरा भाई रहता है और नीचे मम्मी पापा रहते हैं. खाना हम सब साथ में नीचे की मंजिल में ही खाते हैं.
मेरा भाई मेरी चूची चूस रहा था.
कुछ देर बाद उसने मेरे कपड़े उतार दिए औऱ मुझे पूरी नंगी कर दिया.
वो मुझे देखने लगा और बोला- तुम तो बहुत ही बड़ी रंडी लगती हो, कितने लंड डलवा चुकी हो इस चूत में?
मैं बोली- पता नहीं भाई कितने लोगों से चुदवा चुकी हूँ.
इतने सुनते ही भाई बोला- अरे बाप रे … साली तू कितनी बड़ी चुदक्कड़ है.
मैं बोली- हां हूँ ना!
भाई बोला- अच्छा रिश्तेदारों में किन किन से चुदवाई हो?
मैं बोली- फॅमिली फक में मैं सभी से, चाचा, मामा, फूफा, जीजा … और पता नहीं कितने गैर मर्दों से चुदवा चुकी हूं. बस तू ही बचा था, आज वो भी हो जाएगा. चल अब चोद ले और मुझे अपना लंड दिखा.
ये कह कर मैंने उसके लंड को उसके लोवर के अन्दर हाथ डाल कर पकड़ लिया और उसके लोवर को नीचे खिसका कर उसके लंड को सहलाने लगी.
कुछ ही देर सहलाने के बाद मैं भाई के लंड को चूसने लगी.
वो भी मजे ले लेकर लंड चुसवा रहा था, मेरे सिर को पकड़ कर मेरे मुँह को चोद रहा था.
फिर मैं खड़ी हो गई और अपनी एक टांग को उठा कर बोली- अब चोदो मेरी चूत को!
भाई अपना लंड सहलाते हुए बोला- हां मेरी जान.
फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत में रगड़ा और झटके से लंड अन्दर पेल दिया.
मैं चिल्ला पड़ी- आह मार गई साले बहनचोद … कभी और किसी को नहीं चोदा क्या … कैसे डालते हैं साले तुझे पता नहीं है क्या?
भाई ने बोला- नहीं चोदा है, तू मेरी पहली माल है.
मैंने कराहते हुए कहा- अच्छा ठीक है कोई बात नहीं, मैं तुझे सब सिखा दूंगी कैसे चुदाई करते हैं. मैं तेरी बड़ी बहन जो हूँ. अब तो तू मुझे रोज चोदेगा ना!
भाई ने कहा- हां दीदी रोज तेरी चुदाई करूंगा.
भाई मेरी चूत चोदता गया.
कुछ देर ऐसे ही चुदाई के बाद मैं बोली- अब मेरी गांड भी मार दो भाई. बहुत दिन हो गई, नहीं मरवाई हूँ.
मैं झुक गई और बोली- गांड में शैम्पू लगा लो. तभी तेरा लंड अन्दर घुसेगा.
मेरे भाई ने मेरी गांड में शैम्पू लगाया और अपने लंड को मेरी गांड में पेल दिया.
आह अपनी गांड चुदाई भाई से करवा कर बहुत अच्छा लग रहा था मुझे.
कुछ देर मेरी गांड मारने के बाद उसने अपना पानी मेरी गांड में ही छोड़ दिया और लंड बाहर निकाल लिया.
मैंने कहा- क्या हुआ और चोदो ना!
उसने बोला- मेरा हो गया दीदी.
मैंने कहा- क्या … इतनी जल्दी झड़ गया मादरचोद … साले अभी मेरी चूत गांड की प्यास ही नहीं बुझी है और तेरा हो गया साले … इतनी मस्त माल चोदने मिली थी तुझे … और तू है कि मुझे ठीक से चोद ही नहीं सका. भैन के लंड इसी दम पर मुझे चोदने का सपना देखता था भोसड़ी के … चल अब मेरी चूत चाट कर मेरी पानी निकाल मादरचोद.
फिर मैंने उसके मुँह पर अपनी चूत रख दी और चटवाने लगी.
मैं नंगी थी और अपने भैया से अपनी चूत चटवा रही थी. उसकी जीभ मेरी चूत में लपलप करके चल रही थी.
मैंने सिगरेट जला ली.
मुझे सिगरेट पीते हुए चुदाई करवाना बहुत पसंद है.
मैंने सिगरेट पीते पीते अपनी कमर चलाते हुए चूत चटवाई.
फिर कुछ देर के बाद मेरी चूत से पानी निकला तो मैं भाई से बोली- साले हरामी पी मेरी चूत का पानी. उसे अच्छे से चाट कर साफ कर.
वो मेरी चूत से निकला सारा पानी पी गया और चूत को चाट कर साफ कर दिया.
फिर हम दोनों नहाने लगे.
मैं भाई से बोली- चल अब मेरे शरीर को साबुन से अच्छे से धो और शैम्पू लगा मेरे बालों को साफ़ कर.
उसने कहा- हां दीदी करता हूँ.
वो मेरे सभी आदेश मानता गया.
फिर नहा कर मैं नंगी ही बाहर निकल कर अपने रूम में चली गई और टॉवेल से अपनी बॉडी को पौंछ कर साफ किया.
मैंने भाई को आवाज दी- इधर आ!
वो बोला- जी दीदी, आता हूँ.
भाई मेरे रूम में आ गया.
मैं बोली- मेरे पूरे शरीर पर बॉडी लोशन लगा दे.
मैं नंगी लेट गई और मेरे प्यारे छोटे भाई मेरे शरीर पर बॉडी लोशन लगाया.
लोशन लगाते हुए उसने मुझसे कहा- दीदी आपका कोई बॉयफ्रेंड है या नहीं?
मैंने हंस कर कहा- क्यों, मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है मैं क्या करूंगी बॉयफ्रेंड रख कर. मैं किसी की गुलामी नहीं करना चाहती. बॉयफ्रेंड क्यों रखते हैं, चुदाई करवाने के लिए ना. वो तो मैं जब चाहूँ, जिससे चाहूँ चुदाई करा सकती हूँ.
मेरे भाई ने मेरे पूरे शरीर में बॉडी लोशन लगा दिया.
मैं अपने कपड़े पहनने लगी. मैं ब्रा और पैंटी नहीं पहनती और घर पर मैं ज्यादातर स्कर्ट ही पहनती हूँ.
मैंने स्कर्ट और टी-शर्ट पहनी और नाश्ता करने के लिए नीचे चली गई.
जाते हुए मैंने भाई से भी कहा- चलो नाश्ता करने के लिए.
नीचे जाकर मैं सीधे किचन में गई जहां मम्मी नाश्ता बना रही थी.
मैंने मम्मी से पूछा- मम्मी, आज नाश्ता में क्या बना रही हो?
मम्मी बोली- इडली बना रही हूँ, तू क्या खाएगी बता, बना दूंगी.
मैं बोली- नहीं मम्मी रहने दो, मैं भी इडली ही खा लूँगी.
इतने में मेरा भाई भी पास में आ गया.
उसे देख कर मैंने आंख मारी और अपनी चूत की ओर इशारा कर दिया.
भाई मुस्कुरा दिया और धीरे से मेरे कान में बोला- चुप रह कुत्ती, मम्मी है सामने. कहीं भी कुछ भी इशारे करती हो.
मैं बोली- तो क्या हुआ, मम्मी तो नाश्ता बनाने में बिजी हैं भाई, चलो डाइनिंग टेबल पर बैठते हैं.
ये बोल कर मैं किचन से बाहर आ गई और एक कुर्सी पर बैठ गई.
मैंने भाई को इशारा किया- आ जा.
भाई मेरे पास आ गया.
मैंने कहा- मेरी चूत चाट.
भाई मना करने लगा.
तो मैं बोली- चाट न साले.
फिर वो मेज के नीचे चला गया और मेरी स्कर्ट को ऊपर करके चूत चाटने लगा.
मुझे चूत चटवाते हुए पेशाब आने लगी.
मैंने भाई से कहा- बस तू उधर ही बैठा रह, मुझे पेशाब आ रही है. मैं मम्मी पापा के बाथरूम से अभी आती हूँ.
फिर मैं मम्मी पापा के रूम में चली गई और बाथरूम के पास गई, तो अन्दर पापा नहा रहे थे.
मैंने आवाज दी- पापा जल्दी निकलो, मुझे बाथरूम यूज करनी है.
लेकिन पापा को मेरी आवाज सुनाई नहीं दी.
अन्दर शॉवर चल रहा था इसलिए उन्हें कुछ सुनाई नहीं दिया.
मैंने दरवाजा खोला और अन्दर देखा तो पापा नंगे होकर नहा रहे थे.
मैं बेख़ौफ़ अन्दर चली गई.
पापा मुझे देख कर हैरान रह गए और उन्होंने झट से टॉवल पहन ली.
वो बोले- गुड्डी, तुम यहां क्या करने आई हो?
मैं बोली- पेशाब करने. मैं आपको आवाज दी पर आपने सुना ही नहीं. मुझे बहुत जोर से पेशाब आई थी.
पापा बोले- ठीक है कर लो. मैं बाहर जा रहा हूँ.
ये बोल कर पापा टॉवल पहन कर बाहर चले गए.
फिर मैं पेशाब करने बैठ गई.
फिर जैसे ही मैं पेशाब करके उठी और बाहर निकल कर आ ही रही थी कि मेरा पैर फिसल गया और मैं जोर से चिल्ला पड़ी.
पापा अन्दर आ गए और मुझे उठाते हुए बोले- कैसे गिर गई, कहां लग गई, दिखाओ.
मैं कराहती हुई बोली- पापा मेरे कूल्हे पर. बहुत जोर से लगी है, दर्द दे रहा है.
पापा- अच्छा चलो, मैं बाम लगा देता हूँ.
मैं पापा को पकड़ कर बाथरूम से बाहर आ रही थी कि पापा की टॉवल निकल गई और पापा मेरे सामने नंगे हो गए.
मैं बोली- सॉरी पापा.
पापा बोले- कोई बात नहीं.
फिर हम दोनों बाहर आ गए और पापा ने बेड पर बैठाया.
पापा टॉवेल लाने के लिए बाहर गए और टॉवल पहन कर आए.
वो मेरे पास बैठ कर बोले- दिखाओ कहां लगी है?
मैं पीछे होकर झुक गई और अपने कूल्हे दिखाने लगी ‘यहां लगी है देखो ना पापा.’
मैं पैंटी नहीं पहनी थी, जिससे मेरी गांड का छेद भी पापा को दिख रहा था.
पापा ने छेद देखा और बोले- हां लाल हो गया है. रुको मैं बाम लगा देता हूँ.
ये बोल कर पापा ने बाम लगाई लेकिन मेरी गांड देख कर पापा का लंड खड़ा हो गया था.
जिसे देख कर मैं बोली- पापा, आपका तो खड़ा हो गया है?
पापा बोले- हां बेटी, तेरी गांड बहुत मस्त है न, इसलिए.
मैं बोली- अच्छा आपको मेरी गांड पसंद आई?
पापा बोले- हां, तभी तो मेरा हथियार खड़ा हो गया है.
मैं बोली- अब क्या करोगे, क्या आप मेरी गांड मारोगे? … मन हो तो पापा आप मेरी गांड मार लो और इसको शांत कर दो. मुझे भी आपका खड़ा लौड़ा देख कर अच्छा नहीं लग रहा है.
पापा बोले- लेकिन तू तो मेरी बेटी है, तुझे कैसे चोद सकता हूँ?
मैं बोली- रिश्ता आपका और मेरा है पापा. लंड चूत में सिर्फ एक ही रिश्ता होता है. कुछ नहीं होता पापा हम सब इंसान हैं. ये रिश्ते नाते तो बस समाज की एक नौटंकी है, सब बेकार की बातें हैं. आप चोद लो. मैं अपने पापा की परी हूँ तो क्या मैं आपके लिए इतना नहीं कर सकती. मैं किसी से कुछ नहीं बोलूंगी, आप जल्दी से मार लो मेरी गांड, नहीं तो मम्मी आ जाएगी.
फिर पापा तैयार हो गए.
उन्होंने टॉवेल खोल दिया और अपने लंड को मेरे मुँह में डाल दिया.
मैं पापा का लंड चूसने लगी.
मस्त लंड था.
मैं लंड चूसती ही रही.
कुछ देर बाद फिर से पीछे मुड़ कर मैंने अपनी गांड पापा की तरफ कर दी- लो मेरी गांड को मारो पापा!
फिर पापा तेल लेकर आए और मेरी गांड पर लगाने लगे.
उन्होंने अपने लंड पर तेल लगाया और उसे मेरी गांड में पेल दिया.
मैंने आह भरी और अपने पापा से अपनी गांड मराने लगी.
पापा धक्के मारने लगे, जिससे मेरी गांड में हल्का दर्द हो रहा था क्योंकि मैं गिर गई थी तो लगी हुई थी.
मैंने पापा से कहा- दर्द हो रहा है पापा … मुझे धीरे चोदो ना.
फिर पापा बोले- सॉरी मेरी परी, तू ठीक है न … अब सीधी हो जाओ, मैं तेरी चूत चोद लेता हूँ.
मैं सीधी हो गई और दोनों टांगों को फैला कर पापा के सामने चूत खोल दी.
फिर पापा मेरी चूत को चाटने लगे.
चूत को चाटते पापा ने कहा- बहुत दिनों के बाद चूत चाटने को मिली.
मैं बोली- क्यों पापा आपको मम्मी नहीं चाटने देती क्या?
तो पापा बोले- नहीं मेरी परी, तेरी मम्मी को तो तेरे मामा से चुदवाने की ही फुरसत नहीं मिलती. साली रंडी रात रात भर उससे बातें करती रहती है. वो दोनों वीडियो कॉल पर सेक्स करते हैं और मैं सो जाता हूँ.
मैं बोली- अच्छा कोई बात नहीं पापा … अब आपकी परी है ना, अबसे आप जब भी बोलोगे, मैं आपके साथ सो जाऊंगी, ठीक है?
पापा बोले- ठीक है मेरी परी बेटी, तू सच में पापा की परी है.
वो मेरी चूत चुदाई करने लगे.
पापा मेरी चुदाई कर ही रहे थे कि मुझे मम्मी के आने की आवाज सुनाई दी.
तो मैं पापा से बोली- शायद मम्मी आ रही हैं.
ये सुनकर पापा ने झट से अपना लंड बाहर निकाला और टॉवल पहन कर बाथरूम में चले गए.
फिर मम्मी कमरे में अन्दर आ गईं और मुझसे बोलीं- क्या हो गया तुझे, तू यहां क्यों लेटी है?
मैंने मम्मी को बताया कि मैं बाथरूम में गिर गई थी तो मेरे कूल्हे में दर्द हो रहा है. मैं बाम लगा कर आराम कर रही हूं. मुझे चलने में दिक्कत हो रही है.
मम्मी बोलीं- ठीक है तू आराम कर. और तेरे पापा भी न जाने कितनी देर तक नहाएंगे, अभी तक नहीं आए बाहर. पता नहीं क्या कर रहे हैं?
मैं बोली- नहीं मम्मी, पापा नहाने के लिए अभी गए हैं. वो मेरे पास बैठे थे.
मम्मी बोलीं- ठीक है, मैं तेरे लिए नाश्ता यहीं ला देती हूँ.
ये बोल कर मम्मी चली गईं और कुछ देर बाद पापा नहा कर बाहर आ गए.
उन्होंने मेरे पास आकर मुझे किस किया और बोले- क्या बोल रही थी तेरी मम्मी?
मैं बोली- कुछ नहीं पापा, वो मेरे लिए नाश्ता यहीं ला रही हैं. आप कपड़े पहन लो.
फिर पापा ने कपड़े पहने और कुछ देर बाद मम्मी और मेरा भाई भी रूम में आ गए.
वो मेरे पास बैठ गए और मम्मी मुझे नाश्ता खिलाने लगीं.
फिर मम्मी और पापा अपने अपने ऑफिस चले गए.
पापा ने जाते जाते मेरे कान में कहा- आज यहीं सोना रात को.
ये बोल कर पापा चले गए.
अब मुझे किसी बात की चिंता नहीं थी.
मुझे मम्मी का छिनालपना भी मालूम चल चुका था.
मैंने भाई से कहा- मेरी सिगरेट की डिब्बी ले आ. आज अपन यहीं सम्भोग का मजा लेंगे.
मेरा भाई सिगरेट लेकर आ गया और हम दोनों सेक्स का मजा लेने लगे.
आज रात को मैं पापा के साथ चुदवा कर मम्मी को भी अपने खेल में शामिल करवाना चाह रही थी.
फिर क्या होता है, वो अगली बार की सेक्स कहानी में लिखूंगी.
आपको फॅमिली फक चुदाई कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें.
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लेखक की पिछली कहानी: भैया और पापा ने मुझे चोदकर प्रेग्नेंट किया